16 दिसंबर 2010

बेटे के गम में नहर में कूदा

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में एक युवक ने बुधवार को नहर में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवक मजदूरी करता था। पिछले तीन सालों से मानसिक रूप से परेशान चला आ रहा था। करीब छह घंटे बाद युवक के शव को नहर से बाहर निकाला गया।
खेत का कह कर गया था
गांव मौजगढ़ निवासी सुरेन्द्र कुमार (28) बुधवार सुबह करीब 9 बजे घर से खेत में काम करने के लिए गया था। कुछ समय बाद उसका पिता नानक चन्द (55) तथा भाई संदीप (23) खेत के लिए रवाना हुए। वहां जाकर उन्हें मालूम हुआ कि सुरेन्द्र खेत में पहुंचा ही नहीं। काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं चला। बाप-बेटा सुरेन्द्र को ढूंढते हुए गांव से गुजरने वाली भाखड़ा नहर की पटरी पर पहुंचे, वहां उन्हें सुरेन्द्र की चप्पल दिखाई दी। सूचना पाकर गांव के सरपंच ओमप्रकाश के नेतृत्व में काफी ग्रामीण मौका पर जमा हो गए। ग्रामीणों के सहयोग से सुरेन्द्र को नहर में तलाशा गया। करीब छह घंटे बाद उसका शव नहर से बरामद हो गया।
मृतक सुरेन्द्र के पिता नानक चन्द ने बताया कि उन्होंने गांव के किसान हरविंद्र सिंह की जमीन फसल के एक चौथाई भाग पर ठेके पर ली हुई है। उसके साथ सुरेन्द्र भी खेत में कार्य करता था।
बेटे की मौत का था गम
दर्शना देवी (52) पत्नी नानक चन्द निवासी मौजगढ़ ने बताया कि उसके बेटे सुरेन्द्र की शादी करीब चार साल पूर्व मिठड़ी बुधगिर (जिला मुक्तसर) की जसविन्द्र पाल कौर से हुई थी। जसविंद्र ने एक चांद से बेटे को जन्म दिया। लेकिन तीन-चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत ने सुरेन्द्र को झकझोर कर रख दिया। वह अपना दिमागी संतुलन खो बैठा। पिछले तीन साल से उसका इलाज राजस्थान के श्रीगंगानगर में चल रहा था।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर पुलिस के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस ने मृतक सुरेन्द्र के पिता नानक चन्द के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव उसके वारिसों को सौंप दिया।

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