14 नवंबर 2010

सुबह का मजाक शाम को सच हुआ

डबवाली (लहू की लौ) गांव चौटाला के एमएलए मोहल्ले में रहने वाली मजदूर दम्पति की हादसे में मौत के बाद शनिवार को माहौल गमगीन रहा। शोक स्वरूप किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। दु:ख की इस घड़ी में मजदूर साथी दम्पति के पारिवारिक सदस्यों को ढांढस बंधाते दिखे।
गांव चौटाला के मनरेगा मजदूर मंगतू राम (50) तथा उसकी पत्नी सुक्खी देवी (48) की शुक्रवार शाम को मृत्यु हो गई थी। दोनों काम करने के बाद घर लौट रहे थे। संगरिया की ओर जा रही एक पिकअप गाड़ी ने उनमें टक्कर मार दी। दम्पति ने मौका पर ही दम तोड़ दिया था। शनिवार को पुलिस ने शवों का डबवाली के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के बाद उन्हें उसके वारिसों को सौंप दिया। गांव चौटाला के रामबाग में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर गांव के प्रत्येक व्यक्ति की आंख नम थी।
मंगतू राम (50), सुक्खी देवी (48) अन्य 123 मनरेगा मजदूरों के साथ पिछले तीन दिनों से चौटाला माईनर टेल की सफाई में लगे हुए थे। शुक्रवार दोपहर को चाय के समय अपने साथी मजदूरों के साथ हंसी-मजाक कर रहे थे। मनरेगा मजदूर पाना देवी (55), मंजू (35), सुमन (27) ने आंसू बहाते हुए बताया कि चाय के समय उनमें खूब मजाक चल रहा था। बातों ही बातों में सुक्खी उनसे कह रही थी कि वह अपने पति मंगतू राम के साथ आती-जाती है। घर में कोई चीज की कमी है या फिर मजदूरी करने जाना है, तो वे साथ-साथ जाते हैं। दोनों एक साथ जीएं हैं और एक साथ मरेंगे। इन लफ्जों को सुक्खी ने कई दफा दोहराया। लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि जो वह सुबह कह रही है, सूरज ढलते-ढलते वह सत्य हो जाएगा।
मनरेगा के सहायक रामप्रताप ने बताया कि उसकी देखरेख में चौटाला माईनर की टेल पर माईनर की सफाई का कार्य चल रहा है। पिछले तीन दिनों से 125 मनरेगा मजदूर इस कार्य में लगे हुए थे। यह कार्य दस दिन तक चलना है। लेकिन इस हृदयविदारक घटना ने मजदूरों के हौंसले पस्त कर दिए। मनरेगा मजदूर शोक स्वरूप दो दिन तक कार्य नहीं करेंगे।
गांव के सरपंच आत्मा राम ने बताया कि मनरेगा मजदूर मंगतू राम-सुक्खी देवी का व्यवहार बड़ा शालीन था। व्यवहार की वजह से वे लोग दूसरे का दिल जीत लेते थे। मंगतू के तीन बेटे इन्द्राज उर्फ राजू (32), भजन लाल (30), लक्ष्मण (28) हैं। वे तीनों विवाहित हैं। जोकि मजदूरी करके अपना तथा अपने परिवार का पेट पालते हैं।

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