25 अगस्त 2010

राजस्व कोर्ट केस के निपटान की समीक्षा का निर्णय

चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने ऑनलाइन वैब आधारित राजस्व कोर्ट केस परिवीक्षण प्रणाली के माध्यम से सभी जिलों में राजस्व कोर्ट केस के निपटान की प्रगति की समीक्षा करने का निर्णय है।
इस संबंध में आज यहां राजस्व विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव श्री नरेश गुलाटी ने सभी मंडलायुक्तों एवं उपायुक्तों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मामलों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। कान्फ्रेंस के दौरान यह निर्णय लिया गया कि पुराने मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। यदि किसी एक अधिकारी के अधीन अधिक मामले हैं, तो जिला उपायुक्तों को उपलब्ध अधिकारियों में मामलों को बांट कर कार्यभार को कम करना चाहिए। सभी उपायुक्तों को न्यायालय मामलों की जानकारी आगामी एक माह के अन्दर-अन्दर सॉफवेयर पर डालने के निर्देश दिये गये। सभी मंडलायुक्तों को नियमित आधार पर मामलों की स्थिति की समीक्षा करने तथा जहां आवश्यक हो उपचारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
कान्फ्रेंस के दौरान इस बात की जानकारी दी गई कि हाल ही में बाढ़ के कारण खराब हुई खरीफ-2010 की फसलों के लिए सरकार द्वारा अतिशीघ्र राहत राशि जारी की जाएगी। प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित करने के लिए उपायुक्तों को तहसील अनुसार वितरण कार्यक्रम बनाने के लिए कहा गया है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये गये हंै।
प्रदेश में सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक संस्थाओं द्वारा किये गये अनाधिकृत निर्माण को हटाने, अन्य स्थान स्थापित करने और नियमित करने की नीति के क्रियान्वयन की स्थिति पर विचार विमर्श करते हुए कुछ उपायुक्तों ने बताया कि उन्होंने ढांचे हटाने के लिए जैसा सम्भव हुआ है। कार्यवाही की है और वे नीति के अनुसार इन्हें अन्य स्थानों पर स्थापित करने और नियमित करने के लिए कार्यवाही कर रहे हैं। वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव, राजस्व उपायुक्तों द्वारा नीति मार्गदर्शन का अनुसरण करके कानून के अनुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने से प्रभावित हुए।
    कान्फं्रेस के दौरान हरियाणा भूमि सुधार सूचना प्रणाली (हैलरिस), हरियाणा पंजीकरण सूचना प्रणाली (हैरिस), रैवन्यू मामलों की स्थिति तथा कोर्ट केस मोनिटरिंग सिस्टम के क्रियान्वयन तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिए राहत वितरण की समीक्षा पर भी चर्चा की गई।
    हरियाणा सरकार द्वारा तहसीलों में भूमि रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण के लिए विजुअल बैसिक  सर्वर बेसड सॉफ्टवेयर सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर एनआईसी हरियाणा राज्य इकाई द्वारा विकसित किया गया है और सभी उपायुक्तों दिसम्बर, 2010 तक सभी जमाबंदी ऑनलाइन करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त, वर्तमान ऑनलाइन जमाबंदियों का नियमित रूप से अद्यतन करने पर भी बल दिया गया। इसके अतिरिक्त हरियाणा पंजीकरण सूचना प्रणाली भी एनआईसी हरियाणा द्वारा विकसित की गई है। इस प्रणाली का उद्देश्य एकल खिड़की सेवा प्रदान करना, समयबद्घ पंजीकरण, पारदर्शी और विश्वसनीय कार्य प्रणाली सुनिश्चित करना है। यह पंजीकरण से सृजित राजस्व के परिवीक्षण का एक औजार है।

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