12 मार्च 2010

अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश

श्रीगंगानगर। राजस्थान और पंजाब के विभिन्न शहरों में वाहन चोरी करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह के लिए चोरी के वाहन फर्जी नंबरों से आगे बेचने वाले एक शख्स की पुलिस को तलाश है, जो छापे की कार्यवाही के कुछ देर पहले निकल गया था। पकड़े गए वाहन चोरों का अदालत ने पूछताछ के लिए 15 मार्च तक का पुलिस रिमांड मंजूर किया है।
सादुलशहर पुलिस के मुताबिक बुधवार देर रात को मुखबिर से सूचना मिली कि कस्बे में एक चोरी का टाटा फोर व्हीलर टैम्पू को दो जने बेचने के प्रयास में घूम रहे हैं। इन व्यक्तियों ने एक जने की 80 हजार रूपये में टैम्पू बेचने का सौदा लगभग कर लिया है। सूचना मिलने पर थानाप्रभारी राजेंद्र बेनीवाल ने दल-बल सहित इन व्यक्तियों की तलाश की तो कस्बे में गैस एजेंसी के पास टैम्पू सहित यह व्यक्ति पकड़े गए। पूछताछ में पता चला कि हरजिंद्रसिंह नामक जिस व्यक्ति को टैम्पू बेचा जा रहा था, वह रूपयों को इंतजाम करने का कहकर कुछ देर पहले ही वहां से निकला था। यह हरजिंद्रसिंह सादुलशहर के समीप पतली गांव का निवासी है।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए व्यक्तियों में पंजाब के बठिंडा जिले के तलवंडी थानांतर्गत कुब्बे गांव का निवासी सरजीतसिंह पुत्र जंगसिंह मजबी तथा राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ थानांतर्गत बीजवां गांव निवासी दर्शन पुत्र आशुसिंह रायसिख हैं। प्रारंभिक पूछताछ में इन दोनों ने फोर व्हीलर टैम्पू तीन-चार दिन पहले जयपुर से ट्रांसपोर्टनगर थाना क्षेत्र से चोरी करना बताया। इस टैम्पू पर आरजे 11 जीसी 4761 की नंबर प्लेट लगी थी। टैम्पू के कैबिन में से एक आरसी बरामद हुई, जिसके अनुसार इस टैम्पू के वास्तविक नंबर आरजे 14 जीसी 4864 हैं।
पुलिस ने बताया कि सरजीतसिंह और दर्शनसिंह ने लगभग दो महीने पहले अमृतसर में स्वर्ण मंदिर गुरूद्वारा के पास से एक मारूति वैगनार कार और जयपुर के समीप बगरू से विगत 20 फरवरी को एक इंडिका कार चोरी करना कबूल किया है। चुराये हुए वाहन यह दोनों सादुलशहर लेकर आते थे और हरजिंद्रसिंह को आगे बेच देने के लिए सौंप देते थे। वैगनार तथा इंडिका भी इन्होंने हरजिंद्रसिंह को देना बताया है। हरजिंद्रसिंह के घर पर छापा मारा गया, लेकिन वह नहीं मिला। वैगनार तथा इंडिका को पुलिस ने शीघ्र ही बरामद कर लेने के संकेत दिये हैं।
पुलिस के अनुसार सरजीतसिंह पंजाब से इस क्षेत्र में खेतों में दिहाड़ी-मजदूरी करने के लिए आया करता था, जबकि दर्शनसिंह पहले ट्रक चलाता था। ट्रक का एक्सीडेंट हो जाने के बाद उसके पास कोई काम नहीं रहा तो वह वाहन चोरी करने लग गया। सादुलशहर में उसकी मुलाकात सरजीतसिंह से हुई तो बाद में सरजीतसिंह भी उसके साथ मिलकर वाहनों की चोरियां करने लगा। हरजिंद्रसिंह को पकडऩे के लिए छापे मारे जा रहे हैं। सरजीतसिंह व दर्शनसिंह को आज अपराह्न मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर पुलिस को इन दोनों का 15 मार्च तक पूछताछ एवं बरामदगियां करने के लिए रिमांड मिला है।

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