19 फ़रवरी 2010

विदाई पार्टी में हंगामा

डबवाली (लहू की लौ) बाल मन्दिर सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, किलियांवाली में बुधवार को विदाई पार्टी के दौरान जमकर हंगामा हुआ। विद्यालय के प्रिंसीपल ने जब हंगामा कर रहे विद्यार्थियों को रोकने का प्रयास किया तो विद्यार्थी उनसे भी उलझ गये।
प्राप्त जानकारी अनुसार विद्यालय में आज 11वीं के विद्यार्थियों द्वारा 12वीं के विद्यार्थियों को विदाई पार्टी दी जानी थी। इसी के अन्तर्गत विद्यार्थियों ने गाने-बजाने का प्रोग्राम रखा था। इसी दौरान कुछ विद्यार्थी अतिउत्साहित हो उठे। शोर होने के कारण विद्यालय की अन्य कक्षाएं प्रभावित होने लगी। जिस पर विद्यालय के प्रिंसीपल एस.एम. देवगुण ने विदाई पार्टी में शामिल विद्यार्थियों को शोर न करने की सलाह दी। इस पर विद्यार्थी तैश में आ गये और प्रिंसीपल को नियंत्रण स्थापित करने के लिए इन विद्यार्थियों को स्कूल से बाहर जाने के लिए कहना पड़ा।
कक्षा 11वीं के छात्र रजत, गौरव, परमजीत, मनीष, कर्ण, अमित, मनप्रीत, अभिमन्यु, साहिल आदि ने बताया कि उन्होंने प्रिंसीपल की अनुमति से प्रति छात्र लगभग 300 रूपये इक्ट्ठे किये थे, ताकि 12वीं के छात्रों को वे अच्छी विदाई पार्टी और गिफ्ट दे सकें। उनके अनुसार उनके पास करीब 45 हजार रूपये एकत्रित हुआ था। उन्होंने प्रिंसीपल से गाने-बजाने की भी अनुमति ले ली थी। आज 12वीं के विद्यार्थियों को वे विदाई पार्टी दे रहे थे और डीजे पर नाच-गा रहे थे। कुछ समय बाद प्रिंसीपल उनके पास आये और उन्हें कहने लगे कि वे ये शोर शराबा बन्द कर दें और अपने घरों में चले जायें।
इधर 12वीं कक्षा के छात्र मनरीत, तरूण, कर्ण, अमित, ईशान, हिमांशु, लोकेश, निखिल, करण गोयल, अमन, अक्षय, विनय आदि ने कहा कि विदाई पार्टी के दौरान गाना-बजाना चल रहा था कि अचानक प्रिंसीपल उनके पास आये और उन्हें कहने लगे कि अन्य कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। इसलिए अब वे नाच-गाना बन्द कर दें। उन्होंने कहा कि जब भी विदाई पार्टी होती है तो हमेशा स्कूल में अन्य विद्यार्थियों को छुट्टी रहती है, इस बार अन्य विद्यार्थियों को छुट्टी न होने से उपरोक्त मामला खड़ा हुआ। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि 11वीं के विद्यार्थियों ने जो उन्हें उपहार दिये थे, उन्हें प्रिंसीपल ने छीनकर उनके मुंह पर मारे और धक्के देकर स्कूल से निकाल दिया।
इस संदर्भ में प्रिंसीपल एस.एम. देवगुण से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चों को आशीर्वाद देने के लिए सुबह हवन यज्ञ का आयोजन किया गया था और विद्यार्थियों के उत्साह को देखते हुए उन्हें दो घण्टे के लिए पार्टी करने की अनुमति भी दे दी गई थी। उनके अनुसार बच्चों ने दोपहर का प्रीति भोज कर लिया था और इसके बाद कुछ विद्यार्थी नाच रही लड़कियों में जा मिले। जिस पर उन्होंने एतराज किया। इससे छात्र उत्तेजित हो उठे। जिस पर उन्हें नियंत्रण करने के लिए निर्धारित समय से अधिक समय तक चल रही पार्टी पर रोक लगा दी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने किसी भी बच्चे के मुंह पर दिये गये गिफ्ट छीनकर नहीं मारे। बल्कि कुछ छात्र स्वयं ही आक्रोशित होकर 11वीं के विद्यार्थियों द्वारा दिये गये गिफ्ट तोडऩे लगे। विद्यालय में अनुशासन स्थापित करने के लिए उन्हें विद्यार्थियों को बाहर जाने के लिए कहना पड़ा।

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