20 फ़रवरी 2010

पंजाब ने देश को दिखाई ऊर्जा उत्पादन की नई राह

डबवाली (लहू की लौ) गांव चन्नू में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कृषि कचरे से बिजली पैदा करने वाले14.5 मेगावाट बिजलीघर को देश को समर्पित किया। जिस पर 80 करोड़ रूपये की लागत आई है। यह प्लांट 400 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले 29 बायोमास प्लांटों में तीसरा प्लांट है।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पंजाब ने नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में प्राप्त की जा रही उपलब्धियों से उत्साहित होकर उनके मंत्रालय ने पंजाब के लिए 21 और ऐसे बिजलीघरों की स्वीकृति देने के साथ-साथ सौर ऊर्जा और छोटी पन तथा हवाई ऊर्जा प्रोजैक्टों को भी स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एक योजना के तहत पंजाब के किसानों को सौर और हवा ऊर्जा वाले टयूब्बैल मुहैया करवाने जा रहा है। जिसके लिए किसानों को मामूली लागत देनी होगी। उनके अनुसार यदि यह योजना सफल रही तो इससे सरकार द्वारा राज्य के किसानों को दी जा रही 3500 करोड़ रूपये की सबसिडी बचाई जा सकेगी।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आगामी 18 महीनों में पंजाब भर में 29 ऐसे बिजलीघर ऊर्जा उत्पादन करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्लांट अपने 30 किलोमीटर के घेरे में आने वाले किसानों से प्रतिवर्ष 30-40 करोड़ रूपये कीमत की कृषि कचरा खरीदेगा। उन्होंने कहा कि इन ऊर्जा घरों से चलने वाले कृषि उद्योग को 900 करोड़ रूपये का लाभ होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: