11 जून 2011

दिहाड़ीदार मजदूर से तीन लाख की अफीम बरामद

डबवाली (लहू की लौ) थाना सदर पुलिस ने एक दिहाड़ीदार मजदूर को एक किलो 520 ग्राम अफीम दूध समेत काबू किया है। आरोपी का शुक्रवार सुबह उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।
गुरूवार रात को थाना सदर के एसआई सीता राम, एएसआई महेंद्र सिंह, ईएएसआई महेंद्र सिंह, ईएएसआई बलवंत सिंह गांव सकताखेड़ा-लोहगढ़ मार्ग पर गश्त पर थे। पुलिस पार्टी को लोहगढ़ साईड से एक व्यक्ति आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस पार्टी ने उसे रूकने के लिए कहा। लेकिन वह वापिस लोहगढ़ की ओर तेज गति से चलने लगा। पुलिस ने उसे काबू कर लिया। कंधे पर रखे काले रंग के बैग के बारे में पूछने पर वह कोई जवाब नहीं दे पाया। सूचना पाकर मौका पर डीएसपी बाबू लाल भी पहुंचे। डीएसपी की उपस्थिति में बैग को चैक किया गया। बैग में रखे पोलिथीन में से पुलिस को अफीम दूध बरामद हुआ।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर के एसआई सीता राम ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने अपनी पहचान जय नारायण (45) पुत्र ठाकर राम निवासी गांव लटियालपुरा हाणियां थाना ओशिया जिला जोधपुर के रूप में करवाई है। प्राथमिक पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि यह अफीम दूध वह 20 हजार रूपए कीमत में भीलवाड़ा (राजस्थान) निवासी भंवर लाल से लेकर आया था और इसे उसने गांव लोहगढ़ के पास एक कंबाईन मालिक को देना था। लेकिन कंबाईन मालिक नहीं आया, वह अफीम दूध को वापिस ले जा रहा था। थाना प्रभारी के अनुसार आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। शुक्रवार को अदालत में पेश करके उसका पांच दिन का पुलिस रिमांड ले लिया गया।
 बाजार में अफीम का भाव 40,000 रूपए प्रति किलोग्राम के आस-पास है। एक किलोग्राम अफीम दूध से पांच किलोग्राम अफीम बनती है। इस प्रकार थाना सदर पुलिस द्वारा पकड़े गए एक किलो 520 ग्राम अफीम दूध से करीब तीन लाख रूपए कीमत की अफीम तैयार की जा सकती है।
कैसे पहुंचा गांव लोहगढ़
पुलिस का कहना है कि मादक पदार्थ तस्करी करता पकड़ा गया व्यक्ति दिहाड़ी करके पेट पालने वाला मजदूर है। करीब एक माह पूर्व वह इस क्षेत्र में मजदूरी करने के लिए आया था। इस दौरान उसकी भेंट एक कम्बाईन मालिक से हुई। उसने कम्बाईन मालिक को 100 ग्राम अफीम दी। इस दौरान दोनों में डील हुई। डील के मुताबिक ही कम्बाईन मालिक को अफीम दूध देने के लिए जय नारायण ट्रेन के जरिए हनुमानगढ़ पहुंचा। हनुमानगढ़ से उसने यहां के लिए बस में सफर किया।

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