27 फ़रवरी 2010

शिरोमणि अकाली दल की मान्यता पर सवाल

नई दिल्ली। माल्टा बोर्ड ट्रैजिडी मिशन के चेयरमैन बलवंत सिंह खेड़ा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग और शिरोमणि अकाली दल [बादल] समेत सात को नोटिस जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि अकाली दल ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1989 में हुए संशोधन के तहत चुनाव आयोग में दिए हलफनामे का खुलेआम उल्लंघन किया है। उसका कहना था कि चुनाव आयोग को अकाली दल का पंजीकरण रद करके राजनीतिक पार्टी के तौर पर उसकी मान्यता खत्म करने के निर्देश दिए जाएं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की बेंच ने सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख तय की है।
होशियारपुर के बीएस खेड़ा के अधिवक्ता प्रशांत भूषण और इंदिरा उन्नीनायर ने कहा है कि शिअद [बादल] की ओर से 14 अगस्त, 1989 को चुनाव आयोग में जो हलफनामा जमा किया गया है, वह भ्रामक है। शिअद के तत्कालीन सचिव मंजीत सिंह कलकत्ता ने हलफनामे में दस्तखत के साथ खुद हाथ से लिखा है कि, 'हमारा पुराना संविधान ही लागू है। हम अपनी पार्टी के संविधान को अभी जमा नहीं कर रहे हैं।'
याचिकाकर्ता का कहना है कि शिअद ने दो संविधान बनाए हैं। एक में अपनी पार्टी को धर्म निरपेक्ष बताते हुए हलफनामा दिया है, जबकि दूसरे में पार्टी में 18 वर्ष से ऊपर के सिर्फ 'सिंह' और 'सिंहनी' को ही बतौर सदस्य शामिल करने की बात कही है। यानी पार्टी में सिर्फ सिख ही होंगे।
जनप्रतिनिधित्व कानून 1989 में हुए संशोधन के मुताबिक राजनीतिक पार्टी धर्म निरपेक्ष होनी चाहिए। संशोधन के बाद हर राजनीतिक पार्टी को एक हलफनामा देना था कि वह संविधान के सभी सिद्धांतों को मानेंगे और उसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस से जुड़े एक फैसले में कह चुका है कि अगर किसी पार्टी ने हलफनामे में जालसाजी की है तो भी उसकी मान्यता चुनाव आयोग द्वारा रद की जा सकती है।
अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट से कहा है कि 14 अगस्त 1989 को दिए हलफनामे में शिअद की ओर से कहा गया है कि उनके बहुत से सदस्य दिल्ली स्थित सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से भी हैं। बताया गया कि शिअद [बादल] और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी [एसजीपीसी] में अंतर क्या है। पार्टी मंदिर में मीटिंग करती है।
इस संबंध में तीन साल पहले भी याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग से गुहार लगाते हुए कहा था कि यह पार्टी सांप्रदायिक है, लेकिन आयोग ने ध्यान नहीं दिया। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग, शिअद, पंजाब चुनाव आयोग, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, गुरुद्वारा चुनाव आयोग चंडीगढ़, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दिल्ली स्थित गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को नोटिस भेजा है।

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