25 नवंबर 2009

कांग्रेस बैठक में उछली पगडिय़ां

सिरसा (लहू की लौ) हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान सिरसा लोकसभाई चुनाव क्षेत्र के आठ विधानसभाई चुनाव क्षेत्रों में से सात विधानसभाई चुनाव क्षेत्रों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद आज स्थानीय बेगू रोड़ पर स्थित कांग्र्रेस भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसे संबोधित करने के लिए प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष फूलचंद मुलाना मुख्य रूप से उपस्थित थे।
चुनावों में सिरसा से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते गोपाल काण्डा के गृह राज्य मंत्री बनने के बाद आज पहली बार अपने समर्थकों सहित इस बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस भवन पहुंचे। वहीं दूसरी ओर फतेहाबाद से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा भी मुख्य संसदीय सचिव बनने के बाद अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं सहित इस बैठक में कांग्रेस भवन में पहली बार शामिल हुए। रानियां विधानसभाई चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत सिंह के चुनाव हार जाने के बाद उनके समर्थक आक्रोशित तरीके से इस बैठक में अपना गुस्सा निकालने की प्रतिक्षा में ही थे कि जब एक वक्ता द्वारा यह कह दिया गया कि चौ. रणजीत सिंह तो पहले भी कई बार चुनाव हार चुके हैं तो इस पर इस मीटिंग में भारी हंगामा खड़ा हो गया व विभिन्न नेताओं के समर्थकों ने एक दूसरे के साथ हाथापाई शुरू कर दी। स्थिति को बिगड़ते देख कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना ने खुद मंच संभाला तथा आपस मेें भिड़े कार्यकर्ताओं को शांत किया।
इस बैठक में नेहरा और रणजीत समर्थक इतनी बुरी तरह से भिड़ गये कि धक्का-मुक्की के साथ-साथ माईक भी इधर-उधर गिर गया और इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं की पगडिय़ां भी उछल गई। इस बैठक में ऐलनाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मेें चुनाव हारे भरत सिंह बैनीवाल ने कहा कि भीतरघात के शिकार के कारण ही कांग्रेस को इस जिला में मार पड़ी है जबकि अन्य क्षेत्रों से भी आए स्थानीय नेताओं ने इस आरोप को जोरदार शब्दों में बयान किया। इस हंगामेदार बैठक में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की।
इस बैठक के दौरान मंच पर भी उस समय भारी हंगामा खड़ा हो गया जब स्थानीय नेता नवीन के साथ किसी अन्य स्थानीय कांगेसी नेता की कहासुनी हो गई व स्थिति को बिगड़ते देख मंचासीन नेताओं ने बीच-बचाव कर हालात पर काबू पाया। आज की इस बैठक के समय बेगू रोड पर वाहनों का इतना अधिक जमाव हो गया कि पुलिस को अवरूद्ध हुए यातायात को बहाल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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