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मां की फांसी की तस्वीर पति को भेजी, फिर गर्भवती बेटी ने लगाई फांसी, गर्भस्थ शिशु समेत तीन जनें खत्म!
डबवाली(लहू की लौ) डबवाली के सुंदर नगर में बुधवार को एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक तीन महीने की गर्भवती युवती ने अपनी मां के फांसी लगे शव की तस्वीर अपने पति को भेजी और फिर खुद भी पंखे से लटक कर जान दे दी। इस वीभत्स घटना में मां-बेटी के साथ-साथ गर्भ में पल रही तीसरी जिंदगी भी दुनिया देखने से पहले ही खत्म हो गई। मृतकों की पहचान राजविंदर कौर और उनकी बेटी अमृतपाल कौर के रूप में हुई है। परिजनों ने दामाद यादविंदर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके अवैध संबंधों और तलाक के दबाव को ही इस दोहरे हत्याकांड का कारण बताया जा रहा है।
पति को मां की तस्वीर भेजकर दी मौत की सूचना!
घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब मृतका अमृतपाल के पिता और दर्जी रणजीत सिंह को सुबह करीब 10:30 बजे दामाद यादविंदर का फोन आया। यादविंदर ने बताया कि अमृतपाल और राजविंदर ने आत्महत्या कर ली है। सुनकर रणजीत सिंह तुरंत घर पहुंचे, लेकिन अंदर से बंद दरवाजा देखकर हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने खिडक़ी तोडक़र किसी तरह अंदर प्रवेश किया।
घर के अंदर का भयावह दृश्य रणजीत सिंह के होश उड़ा गया। उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी राजविंदर कौर जमीन पर मृत पड़ी थीं, जबकि बेटी अमृतपाल कौर पंखे से लटकी हुई थी। परिजनों के मुताबिक, 21 वर्षीय अमृतपाल ने पहले अपनी मां को फांसी पर लटकते देखा और संभवत: उनकी मौत के बाद उनकी तस्वीर अपने पति को भेजी। इसके बाद, उसी फंदे पर लटककर उसने अपनी और अपने अजन्मे बच्चे की जीवन लीला भी समाप्त कर ली।
दामाद पर संगीन आरोप : तलाक का दबाव और अवैध संबंध
मृतका अमृतपाल के पिता रणजीत सिंह ने पुलिस को दिए बयान में दामाद जादविंदर सिंह पर सीधा आरोप लगाया है। रणजीत सिंह के मुताबिक, जादविंदर के किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध थे और वह अपनी तीन माह की गर्भवती पत्नी अमृतपाल को लगातार तलाक देने के लिए मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा था। और उसकी बेटी पर ही गंभीर आरोप लगाता था। रणजीत सिंह का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, उन्होंने कहा, मेरी बेटी की मौत का जिम्मेदार वही है। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया। मैं अकेला रह गया हूं।
अमृतपाल के चाचा गुरदीप सिंह ने बताया कि अमृतपाल ने बीए तक पढ़ाई की थी और 8 महीने पहले ही उसकी शादी बठिंडा निवासी यादविंदर सिंह से हुई थी। शादी में उन्होंने 25 लाख रुपये खर्च किए थे, ताकि कोई कमी न रहे। बावजूद इसके, शादी के कुछ समय बाद ही पता चला कि जादविंदर के अवैध संबंध हैं। गुरदीप सिंह के अनुसार,रविवार शाम को जादविंदर अमृतपाल को मायके छोड़ गया था। घर जाने के बाद उसने अमृतपाल को फोन कर तलाक लेने की बात कही और बताया कि उसकी कॉलेज की एक गर्लफ्रेंड है, जिसे वह घर लाएगा। वह अमृतपाल को तलाक के कागजात तैयार करने का दबाव डाल रहा था, जबकि अमृतपाल ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी।
पुलिस जांच जारी: न्याय की मांग
पुलिस के अनुसार, उन्हें सुबह करीब 11 बजे दो महिलाओं के फांसी लगाने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर उन्होंने शवों को नीचे उतारा और जांच शुरू की। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राजविंदर कौर ने पहले फांसी लगाई और उसके बाद उनकी बेटी अमृतपाल कौर ने। पुलिस ने बताया कि परिजनों के बयान दर्ज करने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अमृतपाल अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। इस हृदयविदारक घटना से रणजीत सिंह का पूरा परिवार तबाह हो गया है। डबवाली में यह घटना चर्चा का केंद्र बनी हुई है और हर कोई इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई और पीडि़त परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहा है।
मां-बेटी के अंतिम संस्कार से रोका, परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल
पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजनों ने राजविंदर कौर और अमृतपाल कौर के अंतिम संस्कार को रोक दिया है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बयान तक दर्ज नहीं किए हैं, जबकि वे मृतका राजविंदर कौर के भाई और अमृतपाल कौर के मामा हैं। राजविंदर कौर के भाई बलविंद्र सिंह निवासी गांव चन्नू ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी बहन और भांजी की मौत के मामले में उनके बयान दर्ज नहीं किए गए हैं, जो कि अनिवार्य थे। बलविंद्र सिंह ने बताया कि इस मुद्दे पर वीरवार सुबह पंचायत, एसपी डबवाली निकित्ता खट्टर से मुलाकात करेगी। परिजनों की नाराजगी से यह मामला और भी गहराता दिख रहा है।
क्राइम सीन टीम ने जुटाए सबूत
मां-बेटी के फांसी मामले की गहनता से जांच के लिए सीन ऑफ क्राइम टीम ने घटना स्थल का दौरा किया। टीम ने घटनास्थल पर मौजूद सभी साक्ष्यों को बारीकी से परखा और फांसी से संबंधित महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। यह जांच रिपोर्ट पुलिस कार्रवाई में अहम भूमिका निभाएगी।
दो सदस्यीय टीम ने किया पोस्टमॉर्टम
मृतका मां-बेटी के शवों का पोस्टमॉर्टम दो सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने किया। इस टीम में डॉ. शैली सिंह और डॉ. गगनदीप सरां शामिल थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों और समय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे पुलिस जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।



















































