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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

17 जून 2011

एसएस मास्टर की संदिग्ध मौत

डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल के समाज शास्त्र अध्यापक गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में मिला। वे पिछले आठ सालों से शहर के वार्ड नं. 7 के प्रेमनगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
गुरमीत सिंह की शादी दस साल पूर्व अबूबशहर हाल डबवाली निवासी बलवीर सिंह की पुत्री राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। जोकि गांव अबूबशहर के सरकारी स्कूल में बतौर हिन्दी अध्यापिका कार्यरत है। शादी के कुछ समय बाद ही गुरमीत डबवाली अपने ससुराल में आकर रहने लग गया था। मृतक गुरमीत सिंह के भाई हरदीप सिंह निवासी गांव कालझराणी ने बताया कि बुधवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसके पास राजेंद्र कौर का फोन आया कि उसका भाई गुरमीत सिंह घर से कहीं चला गया है। सूचना पाकर वह तुरन्त डबवाली पहुंचा। उन्होंने उसकी खोज शुरू की। लेकिन उसका भाई कहीं नहीं मिला। देर शाम को गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए वे थाने में गए। वहां पुलिस ने उन्हें बताया कि अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में एक शव पड़ा है। वह पुलिस के साथ मौका पर पहुंचे। शव उसके भाई गुरमीत सिंह का था। हरदीप ने आरोप लगाया कि उसके भाई की हत्या की गई है। राजेंद्र कौर उसके भाई गुरमीत सिंह को माता-पिता तथा अन्य लोगों से भी नहीं मिलने देती थी। यहां तक उसके भाई की तनख्वाह भी खुद हजम करना चाहती थी। इसी विवाद के कारण उसका भाई काफी परेशानी में रहता था। उसे शक है कि उसके भाई की हत्या राजेंद्र कौर ने अपनी माता जसपाल कौर, पिता बलवीर सिंह तथा भाई बेअंत सिंह के साथ मिलकर की है।
इधर बलवीर सिंह ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। गुरमीत सिंह अपनी तनख्वाह अपने माता-पिता को दे देता था। इस पर भी उन्हें कोई एतराज नहीं था। साल 2003 में डबवाली में उन्होंने उसे घर बनाकर दिया था। उनके साथ गुरमीत सिंह को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी।
गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर ने बताया वह गांव अबूबशहर में हिन्दी अध्यापक के पद पर नियुक्त है। बुधवार दोपहर को वे दोनों घर के आंगन में सोए हुए थे। करीब 12.40 पर गुरमीत सिंह के पास गांव कालझराणी से किसी का फोन आया। फोन सुनने के बाद उन्होंने पीने के लिए उससे एक गिलास पानी मांगा। उसने पानी दे दिया और वापिस बैड पर लेट गई। कुछ देर बाद उठी तो गुरमीत सिंह को गायब पाया। जबकि उसका मोबाइल और बाईक घर पर ही था। उसने तत्काल इसकी जानकारी अपने पिता बलवीर सिंह, भाई बेअंत सिंह तथा गुरमीत सिंह के रिश्तेदारों को दी। उसने यह भी कहा कि उसका अपने पति गुरमीत सिंह के साथ कोई मनमुटाव नहीं था। आज तक उसने अपनी तनख्वाह में से एक पैसा भी उसे नहीं दिया। घर का गुजारा उसकी तनख्वाह से चलता। उस पर तथा उसके माता-पिता पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई हरदीप सिंह के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए गुरूवार को शव का पोस्टमार्टम डबवाली के सरकारी अस्पताल से करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
शव का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम ने किया। जिसमें डॉ. बलेश बांसल तथा डॉ. सुखवंत सिंह शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद टीम ने बताया कि विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। विसरे की जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
मृतक गुरमीत सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी जसप्रीत (10) 5वीं में पढ़ती है। जबकि बेटा नवरोज (5) पहली कक्षा का में पढ़ता है।

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