-दो माह तक तीन प्रदेशों की पुलिस को छकाते रहे, दो अभी भी बाहर
-हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं हत्या, लूट तथा लड़ाई-झगड़े के मामले
-फिरौती लेकर नहीं, दोस्ती निभाने के लिये किये कतल

डबवाली (लहू की लौ) महज सत्रह दिनों में तीन प्रदेशों में तीन मर्डर, एक लूट। क्राईम के इस शानदार रिकॉर्ड के साथ फिर लूट की योजना। गिरोह का एक सदस्य पंजाब पुलिस की पकड़ में आया। जिसके बाद तीनों प्रदेशों की कई वारदातों से पर्दे हटते चले गये। तीन दिन की रिमांड अवधि के दौरान इस आरोपी ने सीआईए डबवाली के समक्ष अपने गुनाहों का काला चिट्ठा ब्यां किया, जिसे सुनकर पुलिस के होश भी फख्ता हो गये।
आरोपी ने यह कबूला
5 अगस्त 2014 की रात को डबवाली में सिरसा रोड़ पर खड़ी एक स्विफ्ट डिजायर कार को चार लोगों ने गन प्वाईंट पर छीन लिया था। मामले में संलिप्त आरोपी गोबिंद निवासी संगत कलां (बठिंडा) को सीआईए डबवाली ने राजस्थान जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर हासिल करके तीन दिन का रिमांड हासिल किया था। रिमांड अवधि के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि 2 अगस्त 2014 को संगत में उसने अपने मित्र अमृतपाल उर्फ बब्बू निवासी हुसनर (थाना दियालपुरा), रमनदीप उर्फ रम्मी निवासी मशाना तथा मनोज उर्फ मौजी निवासी दियालपुर मिर्जा के साथ होटल संचालक की हत्या करनी थी, लेकिन उसके बदले किसी ओर की हत्या कर दी। इस मामले में पंजाब पुलिस उनका पीछा कर रही थी। इस दौरान वे चारों अमृतपाल की वरना गाड़ी से डबवाली पहुंचे। 5 अगस्त 2014 को सिरसा रोड़ पर गन प्वाईंट पर स्विफ्ट डिजायर लूट ली। महज तीन दिन में एक हत्या तथा लूट करने के बाद आरोपी गांव चौटाला में छिप गये। 14 दिनों तक अपने मित्रों के पास पनाह लेने के बाद 19 अगस्त 2014 को अपने मित्रों के साथ मिलकर संगरिया में टिब्बी अड्डा पर फायरिंग करके सोनू निवासी सकताखेड़ा तथा पेट्रोल निवासी जंडवाला बिश्नोईयां की हत्या कर दी। उस समय आरोपियों ने लूटी गई स्विफ्ट डिजायर का प्रयोग किया।
डिंग मंडी से बरामद हुई थी स्विफ्ट डिजायर
हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में दहशत फैलाने के बाद तीन राज्यों की पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। जिसके बाद आरोपी डिंग मंडी के पास लूटी गई स्विफ्ट डिजायर छोड़कर भाग गये। 19 दिनों तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर रखने के बाद आखिरकार सीआईए बठिंडा को सफलता मिली। सीआईए ने 7 अक्तूबर को रामपुराफूल में लूट की योजना बनाते हुये गोबिंद को दर दबोचा। उसके शेष साथी फरार हो गये। सीआईए ने उसके कब्जे से 315 बोर पिस्टल बरामद की। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने दो युवकों की हत्या के मामले में उसका प्रॉडक्शन वारंट प्राप्त कर लिया। राजस्थान जेल में बंद होने के बाद सीआईए डबवाली ने उसे प्रॉडक्शन वारंट पर प्राप्त करके लूट मामले में शामिल तफ्तीश किया।
दोस्ती के लिये अपराध
सीआईए डबवाली प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान गोबिंद ने अमृतपाल, रमनदीप, तथा मनोज की पहचान करवाई है। चारों मित्र हैं। रमनदीप तथा मनोज शातिर अपराधी हैं। दोस्ती के लिये चारों अपराध करने से नहीं चूकते थे। उपरोक्त चारों पर हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के विभिन्न थानों में लूट, हत्या तथा लड़ाई-झगड़े के मामले चल रहे हैं। अमृतपाल पंजाब की जेल में बंद है। पुलिस उसका प्रॉडक्शन वारंट हासिल करने का प्रयास करेगी।
जेल गया गोबिंद
सीआईए प्रभारी ने बताया कि रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद गोबिंद को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये।