मस्ट्रोल कर्मचारियों का आमरन अनशन सोमवार को 8वें दिन में प्रवेश कर गया है। 13 दिसम्बर को यूनियन ने लम्बी में ऐतिहासिक रैली करने की घोषणा के साथ-साथ गांव बादल में पहुंच कर मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल का पुतला फूंकने का निर्णय लिया था। जिसके चलते पंजाब पुलिस ने बादल गांव को जाने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी करके इस क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया था। 13 दिसम्बर को अपनी घोषणा के अनुरूप यूनियन ने मस्ट्रोल कर्मचारियों की रैली लम्बी में की। रैली के बाद कर्मचारी बादल की ओर कूच करते हुए, पुलिस के दो नाकों को तोड़ते हुए अभी कुछ दूरी पर ही गये थे कि पंजाब पुलिस के जवानों ने उन्हें घेर लिया और आगे जाने से लम्बी में ही खेल स्टेडियम के पास रोक लिया। बादल पहुंचने में असफल रहने पर मस्ट्रोल कर्मचारियों ने प्रकाश सिंह बादल के पुतले को स्टेडियम के पास भारी पुलिस बल के सामने फूंक दिया। इस मौके पर कर्मचारियों ने बादल सरकार के खिलाफ रोष भरी नारेबाजी की। इसके बाद इन कर्मचारियों ने खेल स्टेडियम में ही अपना जमावड़ा लगा लिया।
इस मौके पर सम्बोधित करते हुए जल सप्लाई एण्ड सेनीटेशन मस्ट्रोल इम्पलाईज यूनियन पंजाब के प्रधान सुखनन्दन सिंह मैहनिया ने कहा कि उनका आज का कार्यक्रम केवल टे्रलर था। अगर 24 दिसम्बर तक भी पंजाब सरकार नहीं जागी तो इस आंदोलन को और तेज करते हुए 25 दिसम्बर को मस्ट्रोल कर्मचारियों अपने परिवारों के साथ बादल की ओर कूच करेंगे और वहां पर हर हालत में मुख्यमंत्री बादल का पूतला फूकेंगे। उन्होंने कहा कि मांग न माने जाने तक आमरन अनशन भी जारी रहेगा। इस मौके पर उन्होंने अपने साथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार उनके साथ भेदभाव बरत रही है। तीन साल पहले एडहॉक पर चल रहे 14 हजार अध्यापकोंं को पंजाब सरकार ने नियमित कर दिया। जबकि पिछले 20 वर्षों से मस्ट्रोल कर्मचारियों के रूप में संताप जेल रहे 3511 कर्मचारियों को आज तक सरकार ने नियमित नहीं किया और न ही उनकी सुध ली है।

सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौकत बनाये रखने के लिए मौका पर एसएसपी मुक्तसर इन्द्रमोहन सिंह, एसपी (एच) आशुतोष कौशल, एसडीएम मलोट प्रवीन थिंद, थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली अपने दल बल के साथ उपस्थित थे।