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Lahoo Ki Lau
17 नवंबर 2024
धुंध के कारण बस ट्रक से टकराई, 15 यात्री घायल


यह है घटना
पीआरटीसी के बठिंडा डिपो की बस सुबह करीब 4.20 पर डबवाली से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। बस को कुलदीप सिंह पुत्र सुखदर्शन सिंह निवासी डबवाली चला रहा था। बस बठिंडा जिला के निकटवर्ती गांव रूलदूवाला से सवारी उठा कर भारत माला पर कुटी किशनपुरा ओवरब्रिज पर चढ़ी तो सडक़ पर खड़े एक ट्रक से कंडक्टर साइड से टकरा गई।
बस चालक कुलदीप सिंह ने बताया कि ट्रक पर कोई इंडीकेटर नहीं चल रहे थे और न ही कोई रेड रिफ्लेक्टर या सूचक चिन्ह लगे थे, जिससे सडक़ पर खड़े वाहन का पता चल सके। बस की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी यात्री इधर-उधर गिर गए। करीब 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से 7 घायलों को डबवाली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया।
घायलों की सूची
कुलदीप सिंह (बस चालक), कुलविंद्र सिंह परिचालक ( पुत्र बेअन्त सिंह, निवासी सेखू), जशनदीप कौर (25) पुत्री कुलविंद्र सिंह निवासी डबवाली, गुरलाल सिंह (43) पुत्र सुखदेव सिंह निवासी पक्का कलां, मनप्रीत कौर (29) पुत्री सुखविंद्र सिंह, निवासी फतूहीवाला, गुरतेज सिंह (50) पुत्र जोरा सिंह निवासी गहरी बुट्टर, गंगन (29) पुत्र सोहन राम, शान्ति देवी पत्नी सोहन राम निवासीगण वार्ड नं. 7, डबवाली, तेज सिंह (49) पुत्र गुरतेज सिंह निवासी गहरी बुट्टर व अन्य 5-6 सवारियों को मामूली चोटें आईं।
मेला से लौटे श्रद्धालुओं से भरी थी बस
बस सवारियों से भरी हुई थी।। इसका कारण काफी लोग राजस्थान के कलैत मेला में दर्शन करके वापिस गांव लौट रहे थे। दूसरा सरकारी जॉब में लगे लोग थे।
एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह बने मददगार
डबवाली और पंजाब के कुुट्टी किशनपुरा में हुए इस बस हादसे सहित अन्य घटनाओं में एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह ने फुर्ती से काम किया। उन्होंने अकेले ही करीब 12 घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया।
प्रदेश और जनता के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे, फिर से किसानों और जनता के बीच में जाएंगे: अभय सिंह चौटाला
इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी बैठक में विधानसभा चुनाव में हुई हार पर किया गया मंथन, चार प्रस्ताव किए गए पास, संगठन किया भंग
चंडीगढ़ (लहू की लौ) शनिवार को चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी की बैठक की गई जिसमें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया गया तथा बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों एवं विधानसभा का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने हार के कारणों पर खुलकर अपनी बातों को रखा। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने की। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, आरएस चौधरी, महेंद्र सिंह मलिक, प्रकाश भारती, अदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला भी मौजूद रहे। बैठक में कानून व्यवस्था, पराली जलाने, बढ़ रहे डेंगू और विधानसभा के लिए बदले में दी गई जमीन का विरोध करने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पास किए गए। पार्टी संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए संगठन को भंग किया गया।प्रेस वार्ता के दौरान इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आम चर्चा थी कि हम 15 से 20 सीटें जीतने जा रहे थे। लेकिन आखिरी के दो दिनों में अचानक बड़ा फेर बदल हुआ। हमें उम्मीद थी कि बसपा और इनेलो तीसरी ताकत उभर कर आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके क्या कारण रहे। ऐसे में चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए राय ली गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी की यह राय है कि पार्टी के संगठन में नए लोगों को अहम् भूमिका देनी चाहिए। साथ ही सभी पदों पर 4 साल के बाद उम्मीदवार का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि नए साथी पार्टी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी निर्णय लेने के लिए ओपी चौटाला को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव रखा ताकि बदलाव किया जा सके।
अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब प्रदेश की जनता पूरी तरह से यह जान चुकी है कि जो भूपेंद्र हुड्डा हमें बीजेपी की बी टीम कहते थे, वही भाजपा को सत्ता में लेके आए हैं। भूपेंद्र हुड्डा को डर था कि यदि इनेलो सत्ता में आ गई तो उसके लिए मुश्किल समय शुरू हो जाएगा। हम यह चाह रहे थे कि बीजेपी और कांग्रेस सत्ता से दूर रहे। लेकिन भूपेंद्र हुड्डा भाजपा को हराने की बजाय इनेलो को हराने में लगा रहा। बीजेपी ने पहले इनेलो के टुकड़े किए फिर जेजेपी के साथ गठबंधन किया। अब जेजेपी पार्टी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। जहां बीजेपी ने जात पात को बढ़ावा दिया भूपेंद्र हुड्डा ने भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा आज भी जाति पाति का जहर घोलकर के आगे बढऩा चाहती है। विधानसभा के अंदर बीजेपी के एक सदस्य ने जाति विशेष को लेकर कटाक्ष किया।
नई विधानसभा बनाने पर भूपेंद्र हुड्डा द्वारा 60-40 के रेशो वाले बयान पर कहा कि हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ हरियाणा का है। शाह आयोग की रिपोर्ट में साफ साफ लिखा था कि या तो चंडीगढ़ या फिर 107 हिन्दी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएं। राजीव लोंगोवाल समझौते में भी यह साफ लिखा हुआ था। हरियाणा को बचाने के लिए किसी ने सबसे बड़ा संघर्ष किया तो चौधरी देवी लाल ने किया। एसवाइएल पर भी अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो इनेलो ने लड़ी। हम किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पंजाब को नहीं जाने देंगे। यदि चंडीगढ़ चाहिए तो 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में जोड़े जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर यह कहे कि जमीन के बदले जमीन लेंगे तो इसका हम विरोध करते हैं। यह बीजेपी सरकार की कमजोरी है कि वह जमीन के एवज में जमीन दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का मामला आगे नहीं बढ़ेगा और यह सिर्फ खबरों और विवादों तक ही सीमित रहेगा। आगे विधानसभा सीट बढऩे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उसके लिए मौजूदा हरियाणा विधानसभा में ही एक्सटेंशन किया जाए।
सुखबीर बादल द्वारा अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि किसको बनाना है किसको नहीं यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
यह सरकार किसानों की सबसे बड़ी विरोधी है। पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि पराली जलाने से मात्र 3 प्रतिशत प्रदूषण होता है बाकी 97 प्रतिशत प्रदूषण कारखानों और वाहनों से होता है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार को कारखानों और वाहनों पर लगाम लगानी चाहिए।
हरियाणा में बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड : कुमारी सैलजा
चंडीगढ़ (लहू की लौ)अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आर्थिक विकास एवं संपन्नता की दृष्टि से भारत में अग्रणी माना जाने वाला हरियाणा अपने ही एक विभाग- नागरिक संसाधन सूचना डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण एक बिलो पॉवर्टी लाइन (बीपीएल) राज्य बन गया है क्योंकि इसकी कुल आबादी का 70 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई?
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि जिन निर्धन लोगों को वास्तव में बीपीएल कार्ड और उसका लाभ मिलना चाहिए था वह उनको नहीं मिला। बीते साल ही जारी प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में हरियाणा दूसरे नंबर पर है। जहां पर प्रति व्यक्ति सालाना आय 2,96,685 रुपये होने का दावा किया जा रहा है तो फिर इतने बीपीएल लोग कैसे हैं और कहां से आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। दस साल में भाजपा ने हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी को गरीब बना दिया। अब सरकार इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी कैसे गरीब हो गई?
उन्होंने कहा कि अगर डाटा में हेरफेर के कारण बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ी है तो उन सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराकर दंडित करना चाहिए। अगर परिवार पहचान पत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सरकार की बनती है पर शायद इसी जांच तक नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना पक्ष जनता के समक्ष जरूर रखना चाहिए कि क्या प्रदेश में बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ रही है, बढ़ रही है तो क्यों बढ़ रही है, एक ओर प्रति व्यक्ति आय बढऩे का दावा किया जा रहा है तो बीपीएल लोग कहां से बढ़ रहे हैं। हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ 80 लाख आंकी जा रही है, दिसंबर 2022 में 1.24 करोड़ बीपीएल लोग थे जो अब बढक़र 1.98 करोड हो गए हैं।