प्रति बैग 75 पैसे वसूल किया गया था चंदा, मुझे बताया जाए कि किस सरकारी अधिकारी के पास पहुंचा था पैसा और क्यों?
एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग हो रहा, इसलिए प्रधान गुरदीप कामरा से मांगा हिसाब

पूर्व प्रधान ने एसोसिएशन की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वर्ष 2018-19 में सरकारी एजेंसियों के नाम पर गेहूं खरीदते समय कच्चे आढ़तियों से 75 पैसे प्रति कट्टा वसूल किया गया था। करीब 20 लाख गेहूं के कट्टों के बदले 16 लाख रुपये वसूल किए गए थे। बांसल ने कहा है कि उसे हिसाब दिया जाए कि किस फर्म से पैसे लिए गए तथा किस सरकारी अधिकारी को कितने-कितने पैसे कब-कब दिए गए? पूर्व प्रधान ने बताया कि सरकारी एजेंसियों के नाम पर हुई वसूली के तथ्य मेरे पास मौजूद हैं। उस दौरान मंडी के सभी आढ़तियों ने पैसे नहीं दिए थे। वे करीब एक माह से हिसाब मांग रहे हैं। पंचायती तौर पर मौखिक कहा गया कि हिसाब मिल जाएगा। अगर उन्हें समय पर एसोसिएशन का हिसाब नहीं मिला तो वे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे।
एसोसिएशन के करीब सवा सौ सदस्य ऐसे हैं, जो प्रति वर्ष 1500-1500 रुपये देते हैं। दो साल में करीब पौने चार लाख रुपये एसोसिएशन को मिलते हैं। जबकि खर्च बहुत अधिक है। अनाज मंडी में चार चौकीदार तथा एक मुनीम है। प्रति वर्ष खर्च करीब तीन लाख रुपये है। मैं अपनी जेब से खर्च कर रहा हूं। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। इसलिए राजनीतिक कारणों के कारण ऐसे आरोप लगा रहे हैं। जल्द एसोसिएशन की बैठक बुलाकर पूरा हिसाब सबके सामने रख दिया जाएगा।
-गुरदीप कामरा, प्रधान कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली
मैंने अपने कार्यकाल के दौरान किसी आढ़ती से सरकारी खरीद एजेंसी के नाम पर चंदा उगाही नहीं की। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। विपक्ष का कार्य आरोप लगाना होता है, जो वे कर रहे हैं।
-टेकचंद छाबड़ा, पूर्व प्रधान
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली
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