उपमण्डलीय विधिक सेवा समिति के चेयरमैन डॉ. अतुल मडिया का बालंटियरों को आह्वान
डबवाली (लहू की लौ) आपके पास कोर्ट की स्पैशल पॉवर हैं, इसलिए आप घर में दुबक कर बैठे ना रहो। एक्टिव हो और अपने क्रियाकलापों को रजिस्टर में दर्ज करो। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ पंचायत से प्रस्ताव पारित करवाओ। जिससे ऐसा घिनौना कार्य करने वाले परिवार का हुक्का-पानी बंद हो जाए।
गांवों में महिलाएं आज भी घरों में बंद हैं या फिर पर्दा प्रथा प्रचलित है। जिससे उन्हें अपने अधिकारों के बारे में मालूम नहीं। आप चौपाल पर बैठक करें। साथ में महिला पंच को लें। ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इक्ट्ठी हों और उन्हें कानून की जानकारी मिले। अपने डेली वर्क का रजिस्टर तैयार करें। रोजाना गांव के चार-पांच व्यक्तियों से मिलें। उनसे हुई बातचीत के अंश रजिस्टर में दर्ज करें। यहां कमी रह गई है, उसके बारे में लीगल सैल के वकील से बातचीत करें। गांव में किसी का राशन कार्ड नहीं बन रहा, विधवा पेंशन मिलने में दिक्कत आ रही है। इसकी जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारी से संपर्क करें। अगर आपकी सुनी नहीं जाती तो वकील या फिर मेरे से संपर्क करें। बस, आप घर पर खाली बैठकर टाईम पास न कीजिएगा। हफ्ते में केवल तीन दिन आपने काम कर लिया तो कुछ महीनों में आपको अपना गांव चेंज मिलेगा।
कृपा आप गांव या फिर आस-पास आने वाली समस्या को जानते हुए चुप न बैठें। उसका मुकाबला करें। गांव में बने विद्यालयों की छात्राओं तथा महिला अध्यापकों से छेड़छाड़ की घटनाओं में अनावश्यक वृद्धि हुई है, ग्रामीणों को साथ लेकर इन्हें रोंके। सुबह के समय स्कूल में जाएं तीन-चार साल के बच्चों को दहेज न लेंगे, दहेज न देंगे के नारे लगवाएं। शादी की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते यह नारा उसके मस्तिष्क में घर कर लेगा। जिससे दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई खत्म हो सकती है। प्रदेश में महिला-पुरूष अनुपात कम हो रहा है। आप लोग अपने गांव में पता लगाएं कि कितनी महिलाएं गर्भवती हैं। एएनएम, महिला पंच की सहायता से उनकी सूची तैयार करें। डिलीवरी तकउन पर कड़ी नजर रखें। आपका अपना गांव हिंसा से मुक्त हो सकता है, खासकर घरेलू हिंसा से उपजने वाले बड़े झगड़ों से। आपका काम मात्र इतना है कि जिस घर में आपकों पति-पत्नी या पारिवारिक सदस्यों में झगड़ा सुनाई दे, उस घर का कुंडा खटखटा दें।
उपरोक्त शब्द उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी तथा उपमण्डलीय विधिक सेवा समिति डबवाली के चेयरमैन डॉ. अतुल मडिया के हैं। वे शनिवार को बार रूम में पेरालीगल वालंटियर को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वालंटियर से सुझाव भी मांगे। गांव मौजगढ़ से आए युवक हरपाल ने गांव में सरेआम शराब की बिक्री पर कटाक्ष किया। वहीं अन्य वालंटियर ने गांवों में सफाई का हाल बेहाल होने की बात रखी। जिस पर तुंरत संज्ञान लेते हुए उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी ने एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से ग्रामीण आंचल में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए मुलाजिम लगाए हुए हैं। लेकिन सरपंच इन मुलाजिमों से अपने घर पर कार्य लेते हैं। ऐसे में गांव की सफाई नहीं हो पाती। जोकि जरूरी है। मुलाजिम सरकार से मिलने वाली तनख्वाह बैठे-बैठाए खा रहे हैं। आप संबंधित बीडीपीओ को निर्देश देकर सफाई कर्मियों से गांव में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं।
डॉ. अतुल मडिया ने वालंटियर से कहा कि आपकी एक बैठक आगामी 20 तारीख को दोबारा होगी। जिसमें आपकी गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। साथ में उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहे वालंटियर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आस-पास होने वाली घरेलू हिंसा या फिर अन्य समाज विरोधी गतिविधि की सूचना लोग उपमण्डल विधिक सेवा समिति के कोर्ट कम्पलैक्स में खोले गए कार्यालय के फोन नं. 231222 पर भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक दे सकते हैं।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र दंदीवाल, बलजीत सिंह, कुलदीप सिंह सिधू, युधीष्ठिर शर्मा, कुलवंत सिंह, इन्द्रजीत सिंह, कंवलजीत सिंह कंबोज, राजेश यादव, धर्मवीर कुलडिया आदि उपस्थित थे।
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