डबवाली (लहू की लौ) कला कुदरत की तरह स्वतन्त्र है। वह न किसी देश, न किसी सीमा, न किसी धर्म, न किसी भाषा और न ही किसी जाति विशेष से बंधी होती है। बल्कि कला तो सबके लिए और सबको अच्छा संदेश देने के लिए होती है।
यह शब्द एक कलाकार के हैं जिसका नाम है केवल धालीवाल और जिसने कथा कश्मीर नाटक के माध्यम से कला के स्वरूप को संसार के सामने रखा है। कथा कश्मीर के माध्यम से कलाकार ने यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही कश्मीर में जेहादी मौत का साया बनकर धर्म के नाम पर मासूमों का खून बहा रहे हैं और पुरातन कला को मिटाने के लिए बंदूक की गोलियों से कला को कत्ल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कला को वे किसी प्रकार से नहीं दबा सकेंगे। क्योंकि कला भी एक जुनून है। जो कलाकार के माध्यम से संसार को शांति, भाईचारे और अपने अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए अन्त में आतंक पर विजय प्राप्त करेगी।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए केवल धालीवाल ने बताया कि उसने अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देने के लिए मंच-रंगमंच के नाम से अमृतसर में एक पहल की है। कथा कश्मीर का डबवाली में उसकी 10वीं प्रस्तुति है। वह अब तक सात वर्षों में अनेक देशों में घूम चुका है और वह इस मुकाम पर पहुंचा है कि रंगमंच एक ऐसा अभिव्यक्ति का साधन है, जो समाज को मार्गदर्शन दे सकता है। विशेषकर देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज को बुलन्द करके उसको समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, लेकिन कलाकार की मजबूरियों के चलते कई बार सरकारें उसके मार्ग में बाधा बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रंगमंच के कलाकारों को एकजुट होकर सरकारों की बैसाखियों को छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी कला के लिए कुछ करना होगा। उनका मानना है कि सरकारें तो सहयोग के नाम पर केवल कलाकारों के जख्म ही कुरेद सकती हैं और उसे आगे बढऩे का मौका नहीं दे सकती, इसके लिए तो कलाकार को अपने में ही आगे बढऩे, देश और समाज की सेवा का जुनून भरना होगा।
धालीवाल ने पंजाब सरकार को कोसते हुए कहा कि अब तक पंजाब में जितनी भी सरकारें आई हैं, इन सरकारों ने राज्य में कला को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंचों का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। जबकि कला को प्रोत्साहित करने के नाम पर नेता लोग जमकर ढि़ंढोरा पीटते हैं।
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Lahoo Ki Lau
06 जनवरी 2010
25 दिसंबर 2009
गुरूद्वारा में अबोध बालक से कुकर्म
डबवाली (लहू की लौ) गांव हाकूवाला में स्थित एक धार्मिक स्थल में स्थल के तथाकथित सेवादार ने एक अबोध बालक के साथ दुष्कर्म करके धार्मिक स्थल की मर्यादा को ही नहीं तोड़ा बल्कि उलाहना देने गये बच्चे के अभिभावकों को भी धक्के मार कर निकाल दिया।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
24 दिसंबर 2009
चुनाव का बिगुल बजा, अखाड़े में पहलवानों की घोषणा बाकी
डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए नए नुमाइंदे की तलाश शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने दो दिन बाद 26 दिसम्बर से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू कर देनी है। 2 जनवरी तक यह काम चलेगा और 6 जनवरी तक नाम वापिस लेने की प्रक्रिया खत्म होते ही मुकाबला शुरू हो जाएगा। मुकाबला अभी से शुरू है, लेकिन अभी खिलाडिय़ों के नाम घोषित नहीं हो पा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
कल थे जो अपने, आज वो बेगाने हो गये
डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा चुनाव के दौरान वोट बटोरने के लालच में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा युवा कांग्रेस के समानांतर गठित किये गये यूथ क्लब के सदस्यों ने बुधवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक बैठक करके डबवाली में युवा कांग्रेस में बोगस भर्ती होने का आरोप लगाकर कांग्रेस में भूचाल खड़ा कर दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
हजारों लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
5 अग्निकांड पीडि़तों को विद्यापीठ में मिलेगी नौकरी, बोले अजय चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
अभी भी नहीं लिया किसी ने सबक
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड को हुए करीब 14 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक इस कांड के प्रभावित लोगों के जख्मों पर किसी ने भी मरहम लगाने का प्रयास नहीं किया है। हालांकि कहा तो यह भी जाता है कि 12 वर्ष के बाद रूढी की भी सुनी जाती है और 14 वर्ष का वनवास काटकर प्रभु श्री राम भी अयोध्या लौट आये थे। लेकिन अग्निकांड को हुए 14 वर्ष होने के बावजूद भी आज तक न तो किसी राजनीतिक ने सुध ली है और न ही लोगों या प्रशासन ने कोई सबक सीखा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
20 दिसंबर 2009
खेलों पर खर्च होंगे 56 करोड़ 48 लाख रूपये
सिरसा (लहू की लौ) हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 56 करोड़ 48 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी, जोकि विगत विपक्षी सरकार के एक वर्षीय खेल बजट से दस गुणा अधिक है।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
प्रदेश में खुलेंगे 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैन्टर
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश भर में युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैंटर खोले जाएंगे। वे आज सिरसा जिले के झीड़ी गांव में 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले पार्क का शिलान्यास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
सरकारी विद्यालय के बच्चों की होगी स्वास्थ्य जांच
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाएगी इसके लिए सरकार ने इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत स्कूली बच्चों का नियमित रूप से हैल्थ चैकअप किया जाएगा। हर बच्चे का हैल्थ कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज किया जाएगा। जिन बच्चों के स्वास्थ्य में किसी तरह की चूक हुई उनके उचित इलाज की व्यवस्था भी योजना के अंतर्गत की जाएगी।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
19 दिसंबर 2009
सुखबीर बोले, कौन कैप्टन अमरिन्द्र सिंह..
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह किसी कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। वे कौन हैं?
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
सुखबीर बादल ने बार एसोसिएशन को दी 11 लाख की अनुदान राशि
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को अचानक इनेलो नेता तथा खेल रत्न अभय सिंह चौटाला के साथ डबवाली बार रूम में पहुंचे। इस मौके पर बार एसोसिएशन को कम्प्यूटर आदि के लिए छोटे बादल ने 11 लाख रूपये की राशि अपनी जेब से देने की घोषणा की।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
कांग्रेस लोगों को दालें छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह देने लगी-बादल
कालांवाली (लहू की लौ) शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने जरूरी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों पर नकेल डालने में बुरी तरह से असफल और अयोग्य साबित हुई कांग्रेस के नेतृत्व से केन्द्र सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है।
वे शुक्रवार को हरियाणा के डबवाली और कालांवाली कस्बों में शिरोमणि अकाली दल और इण्डियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह रोड़ी की बेमिसाल विजय पर धन्यवादी रैलियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ौतरी के कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार गैर संवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर के आंकड़े पिछले 12 वर्षो के दौरान सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाना वर्तमान केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां का दिवालियापन प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि, वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में कोई तालमेल न होने के कारण कीमतों में बढ़ौतरी की समस्या का समाधान करने में केन्द्र सरकार असफल रही। जिसके चलते देश को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
सुखबीर सिंह बादल ने लोगों को कांग्रेस की भ्रष्ट नीति का पर्दाफाश करने का आह्वान करते हुए कहा कि दालों की कीमतें 90 रूपये प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं और केन्द्र सरकार कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की अपेक्षा देश के 70 प्रतिशत लोगों के लिए प्रोटीन का इकलौता स्त्रोत दालों को छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति इतनी शर्मनाक बन चुकी है कि बड़े स्टोरों द्वारा राशन की कीमत सूची जारी करते समय दालों का भाव प्रति आधा किलो ही बताया जा रहा है। जबकि दालों का भाव पिछले चार महीनों के भीतर दुगुने रेट पर जा पहुंचा है।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जल्दी ही एनडीए का एक प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति को मिलकर केन्द्र सरकार को कुंभकर्णी नींद से उठाने या फिर बर्खास्त करने की मांग करेगा। यह सरकार खाने-पीने वाली वस्तुओं में हुई वृद्धि के कारण भूख से मरने वाले मजबूर लोगों की जान की रक्षा करने और अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को निभाने में बुरी तरह असफल साबित हुई है।
वे शुक्रवार को हरियाणा के डबवाली और कालांवाली कस्बों में शिरोमणि अकाली दल और इण्डियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह रोड़ी की बेमिसाल विजय पर धन्यवादी रैलियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ौतरी के कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार गैर संवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर के आंकड़े पिछले 12 वर्षो के दौरान सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाना वर्तमान केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां का दिवालियापन प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि, वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में कोई तालमेल न होने के कारण कीमतों में बढ़ौतरी की समस्या का समाधान करने में केन्द्र सरकार असफल रही। जिसके चलते देश को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
सुखबीर सिंह बादल ने लोगों को कांग्रेस की भ्रष्ट नीति का पर्दाफाश करने का आह्वान करते हुए कहा कि दालों की कीमतें 90 रूपये प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं और केन्द्र सरकार कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की अपेक्षा देश के 70 प्रतिशत लोगों के लिए प्रोटीन का इकलौता स्त्रोत दालों को छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति इतनी शर्मनाक बन चुकी है कि बड़े स्टोरों द्वारा राशन की कीमत सूची जारी करते समय दालों का भाव प्रति आधा किलो ही बताया जा रहा है। जबकि दालों का भाव पिछले चार महीनों के भीतर दुगुने रेट पर जा पहुंचा है।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जल्दी ही एनडीए का एक प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति को मिलकर केन्द्र सरकार को कुंभकर्णी नींद से उठाने या फिर बर्खास्त करने की मांग करेगा। यह सरकार खाने-पीने वाली वस्तुओं में हुई वृद्धि के कारण भूख से मरने वाले मजबूर लोगों की जान की रक्षा करने और अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को निभाने में बुरी तरह असफल साबित हुई है।
20 लाख की शराब सहित तीन धरे
डबवाली (लहू की लौ) जिला चूरू के भलेठी थाना में पंजाब से समगलिंग करके लाई जा रही करीब 20 लाख रूपये कीमत की शराब पकड़ी गई है। शराब लेजाने के आरोपी हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार भलेठी थाना के अन्तर्गत आने वाले तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर मुखबरी के आधार पर खड़े ट्रक की तालाशी लेने पर उसमें से 785 कार्टून अंग्रेजी शराब बरामद हुई। जिसकी कीमत 20 लाख रूपये आंकी जा रही है। यह शराब कैटल फीड के नाम पर गुजरात के भाव नगर की बिल्टी बनवाकर लेजाई जा रही थी।
भलेठी थाना प्रभारी महेन्द्र कुमार ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि भारी मात्रा में एक ट्रक में भरकर खन्ना से भावनगर के लिए शराब लेजाई जा रही है। ट्रक हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित है। इसी मुखबरी के आधार पर तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर रूके ट्रक की तालाशी ली गई और उसमें रखी भारी मात्रा में उपरोक्त शराब बरामद हुई। ट्रक के साथ पकड़े गये तीन लोगों ने अपनी पहचान बलदेव सिंह तथा परमजीत सिंह पुत्रान सुरेन्द्र सिंह निवासी भगत नगर, सिरसा के रूप में और तीसरे ने सुखबीर सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी जानेश्वर (जलालाबाद) पंजाब के रूप में करवाई है। बलदेव सिंह ने स्वयं को ट्रक का मालिक और चालक बताते हुए पुलिस को बताया कि उसने इस शराब को खन्ना से ट्रक में लोड किया था और इसे भाव नगर लेजाना था।
तालाशी के दौरान बरामद 785 कार्टून में डीएसपी ब्लैक 190 पेटी, ग्रीन लेवल 140 पेटी, रॉयल स्टेग 100 पेटी, ब्लेंडर स्टेड 5 पेटी, डरवी स्पैशल 90 पेटी, अरेस्टो ग्रेट गोल्डन 65 पेटी, अरेस्टो ग्रेट प्रीमियम 35 पेटी, एव्रीडे गोल्ड 95 पेटी, अरेस्टो ग्रेट शेक 65 पेटी शराब बताई जाती है। यह भी बताया जाता है कि डीएसपी ब्लैक शराब की कीमत प्रति बोतल करीब 500 रूपये है। पकड़ी गई शराब महंगी शराब बताई जाती है।
प्राप्त जानकारी अनुसार भलेठी थाना के अन्तर्गत आने वाले तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर मुखबरी के आधार पर खड़े ट्रक की तालाशी लेने पर उसमें से 785 कार्टून अंग्रेजी शराब बरामद हुई। जिसकी कीमत 20 लाख रूपये आंकी जा रही है। यह शराब कैटल फीड के नाम पर गुजरात के भाव नगर की बिल्टी बनवाकर लेजाई जा रही थी।
भलेठी थाना प्रभारी महेन्द्र कुमार ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि भारी मात्रा में एक ट्रक में भरकर खन्ना से भावनगर के लिए शराब लेजाई जा रही है। ट्रक हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित है। इसी मुखबरी के आधार पर तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर रूके ट्रक की तालाशी ली गई और उसमें रखी भारी मात्रा में उपरोक्त शराब बरामद हुई। ट्रक के साथ पकड़े गये तीन लोगों ने अपनी पहचान बलदेव सिंह तथा परमजीत सिंह पुत्रान सुरेन्द्र सिंह निवासी भगत नगर, सिरसा के रूप में और तीसरे ने सुखबीर सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी जानेश्वर (जलालाबाद) पंजाब के रूप में करवाई है। बलदेव सिंह ने स्वयं को ट्रक का मालिक और चालक बताते हुए पुलिस को बताया कि उसने इस शराब को खन्ना से ट्रक में लोड किया था और इसे भाव नगर लेजाना था।
तालाशी के दौरान बरामद 785 कार्टून में डीएसपी ब्लैक 190 पेटी, ग्रीन लेवल 140 पेटी, रॉयल स्टेग 100 पेटी, ब्लेंडर स्टेड 5 पेटी, डरवी स्पैशल 90 पेटी, अरेस्टो ग्रेट गोल्डन 65 पेटी, अरेस्टो ग्रेट प्रीमियम 35 पेटी, एव्रीडे गोल्ड 95 पेटी, अरेस्टो ग्रेट शेक 65 पेटी शराब बताई जाती है। यह भी बताया जाता है कि डीएसपी ब्लैक शराब की कीमत प्रति बोतल करीब 500 रूपये है। पकड़ी गई शराब महंगी शराब बताई जाती है।
18 दिसंबर 2009
गेहूं भिगोने के मामले में राजनीतिक और अफसरशाही की मिलीभगत-रवि चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के पौत्र एवं किसान नेता रवि सिंह चौटाला ने भिवानी और डबवाली में सरकारी गेहूं पर पानी की स्प्रे करके भिगोने के मामले में कोई कार्यवाही न होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसमें राजनीतिकों और अफसरों की मिलीभगत करार दिया है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिकों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गेहूं भिगोने का काम केवल भिवानी और डबवाली में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहा है। राजनीतिकों और अफसरशाही की मिलीभगत से होने वाली इस लूट-खसूट से जनता को बचाने की जरूरत है। उनके अनुसार इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और कानूनी दायरे में रहकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव सतनाम सिंह नामधारी ने गेहूं भिगोने के मामले पर कहा कि वामपंथी दलों ने इसे गंभीरता से लिया है। शीघ्र ही जिला सिरसा के वामपंथी दलों की इस मामले को लेकर बैठक हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 दिसम्बर तक अगर सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो वामपंथी दल एक विशेष रणनीति के तहत इस मामले को लेकर आंदोलन चलाएंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिकों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गेहूं भिगोने का काम केवल भिवानी और डबवाली में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहा है। राजनीतिकों और अफसरशाही की मिलीभगत से होने वाली इस लूट-खसूट से जनता को बचाने की जरूरत है। उनके अनुसार इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और कानूनी दायरे में रहकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव सतनाम सिंह नामधारी ने गेहूं भिगोने के मामले पर कहा कि वामपंथी दलों ने इसे गंभीरता से लिया है। शीघ्र ही जिला सिरसा के वामपंथी दलों की इस मामले को लेकर बैठक हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 दिसम्बर तक अगर सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो वामपंथी दल एक विशेष रणनीति के तहत इस मामले को लेकर आंदोलन चलाएंगे।
ब्यान से मुकरा डीएम
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली में गेहूं भिगोने के मामले पर स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा आज फिर अपने ब्यान से पलट गये और उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट उन्होंने पुलिस को नहीं बल्कि अपने मुख्यालय चण्डीगढ़ भेजी है।
पिछले करीब दो सप्ताह से डबवाली के स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने के बाद गेहूं भिगोने का मामला चल रहा है और इस सम्बन्ध में जब भी कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक से बातचीत की जाती है तो वह हर रोज अपने ब्यान से पलटते रहते हैं। पहले उन्होंने कहा था कि गेहूं के नमूने नहीं लिये और बाद में कहा कि उसने गेहूं के नमूने लिये हैं। बुधवार को मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उसने जांच रिपोर्ट तैयार करके पुलिस को प्रेषित कर दी है। लेकिन आज वीरवार को इस ब्यान से भी मुकर गये और कहा कि उसने तो अपने उच्च अधिकारियों को चण्डीगढ़ में जांच रिपोर्ट भेजी है।
उनसे यह पूछने पर कि जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तो सिर्फ जांच रिपोर्ट में यही बताया है कि डबवाली के विवादित गोदाम में पड़ी गेहूं के अलग-अलग स्टेगों से दो-दो नमूनें लिये और उनकी डबवाली तथा सिरसा में अपने स्तर पर नमी की जांच की। जो सही पाई गई है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट के सम्बन्ध में इस संवाददाता ने तीन बार जिला प्रबन्धक से मोबाइल पर सम्पर्क किया और पहली बार तो दोपहर 2.23 पर कहा कि वे काम में व्यस्त हैं, आधा घण्टा के बाद बात करना। जब 3.10 पर फिर बात की गई तो 15 मिनट के बाद बात करना। अन्तत: 4.35 मिनट पर ही वे गेहूं प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ बताने को तैयार हुए।
पिछले करीब दो सप्ताह से डबवाली के स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने के बाद गेहूं भिगोने का मामला चल रहा है और इस सम्बन्ध में जब भी कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक से बातचीत की जाती है तो वह हर रोज अपने ब्यान से पलटते रहते हैं। पहले उन्होंने कहा था कि गेहूं के नमूने नहीं लिये और बाद में कहा कि उसने गेहूं के नमूने लिये हैं। बुधवार को मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उसने जांच रिपोर्ट तैयार करके पुलिस को प्रेषित कर दी है। लेकिन आज वीरवार को इस ब्यान से भी मुकर गये और कहा कि उसने तो अपने उच्च अधिकारियों को चण्डीगढ़ में जांच रिपोर्ट भेजी है।
उनसे यह पूछने पर कि जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तो सिर्फ जांच रिपोर्ट में यही बताया है कि डबवाली के विवादित गोदाम में पड़ी गेहूं के अलग-अलग स्टेगों से दो-दो नमूनें लिये और उनकी डबवाली तथा सिरसा में अपने स्तर पर नमी की जांच की। जो सही पाई गई है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट के सम्बन्ध में इस संवाददाता ने तीन बार जिला प्रबन्धक से मोबाइल पर सम्पर्क किया और पहली बार तो दोपहर 2.23 पर कहा कि वे काम में व्यस्त हैं, आधा घण्टा के बाद बात करना। जब 3.10 पर फिर बात की गई तो 15 मिनट के बाद बात करना। अन्तत: 4.35 मिनट पर ही वे गेहूं प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ बताने को तैयार हुए।
रोजगार सहायक को हटाने के निर्णय से मजदूर हुए शांत
औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) खण्ड के गांव ख्योवाली में मनरेगा के तहत कार्य कर रहे मजदूरों की मांग व बीडीपीओ के निर्देशानुसार गुरुवार को जोहड़ पर ग्रामसभा की बैठक बुलाई गई। जिसमें एबीपीओ राजेंद्र सिंह लाठर, सरपंच सुरेंद्र सिंह श्योराण, ग्राम सचिव प्रेम कुमार व रोजगार सहायक राजाराम व अनेक मजदूर पुरुष व महिलाएं मौके पर मौजूद थे। ग्रामसभा की बैठक में सर्वसम्मति से रोजगार सहायक राजाराम की मनमानी व उसके गलत व्यवहार के कारण उसे हटाने का निर्णय लिया गया और लिखित कार्रवाई की गई। मजदूरों से जब कार्रवाई के कागजात पर हस्ताक्षर करने को कहा गया तो अभी चार पांच मजदूर ही हस्ताक्षर कर पाए थे कि अन्य लोगों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया जिस कारण कार्रवाई अधूरी रह गई। तत्पश्चात मजदूरों ने कहा कि उन्हें दिहाड़ी पर काम दिया जबकि एबीपीओ राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के आदेशानुसार वे दिहाड़ी पर नहीं रख सकते। इस पर मजदूरों ने कहा कि वे अब डीसी व एडीसी सिरसा के पास जाकर अपनी मांग रखेंगे। एबीपीओ राजेंद्र कुमार व ग्राम सचिव प्रेमकुमार ने मजदूरोंं से कहा कि वे उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचा देंगे। कुछ मजदूरों ने एक आदमी का नाम लेते हुए उसे रोजगार सहायक रखने को कहा तो एबीपीओ ने कहा कि 4 आदमियों का पैनल बनाया जाएगा और फिर उनमें से जो व्यक्ति योग्य होगा उसे रखा जाएगा। इस अवसर पर अनिल कुमार, बृजलाल, धर्मपाल, रघुबीर, प्रभुराम, हरीसिंह, रामू, राजेंद्र व कृष्ण सहित अनेक मजदूर उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि बुधवार को गांव ख्योवाली के सैकड़ों मजदूरों ने खंड कार्यालय ओढ़ां पहुंचकर अपनी मांग बीडीपीओ के समक्ष रखी थी। कल और आज दो दिन से मजदूरों की दिहाड़ी भी नहीं लगी और वे इसी कार्य में लगे रहे।
पिछले दरवाजे से खाद, बीज व कृषि यंत्र के दाम बढ़ाए जाने की योजना-अभय चौटाला
ऐलनाबाद (लहू की लौ) खेल रतन एवं जिला परिषद के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने आज अपने तीन दिवसीय दौरे के प्रथम दिन के दौरान ऐलनाबाद हलके के गांव कोटली, कुत्ताबढ़, रत्ताखेड़ा, हुमायुखेड़ा, शेखूपुरा, कृपालपट्टी, मौजूखेड़ा, बुढ़ीमेड़ी, प्रतापनगर, अमृतसरछोटा, अमृतसरबड़ा एवं मिर्जापुर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में जाकर मतदाताओं से सम्पर्क साधा और उनकी समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निपटारा किया।
इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए चौटाला ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लम्बे समय तक कांग्रेस ने देश व प्रदेश पर शासन किया है लेकिन गांवों में वह अभी तक आधारभूत सुविधाएं देने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि खेतों में सिंचाई करने के लिए नहरों में पानी नहीं है, कनक की बिजाई के लिए किसानों को बीज नहीं मिल रहा है जिससे किसानों के अंदर स्पष्ट रूप से चिंता देखी जा रही है। जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इनेलो की सरकार आने पर शहरों की तर्ज पर गांवों में सैक्टर बनाए जाएंगे और उन्हें शहरों जैसी आधारभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी। अभी तक महंगाई पर काबू न पाने के लिए कांगे्रस सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेसी नेताओं के बयानों से महंगाई तेजी से बढ़ रही है, कनक का व्यापक भंडार होते हुए भी विदेशों से गेहूं आयात करने की तैयारी की जा रही है और पिछले दरवाजे से खेतों में काम आने वाली खाद, बीज व कृषि यंत्र के दाम बढ़ाए जाने की योजना बनाई जा रही है लेकिन इनेलो इस प्रकार की जनविरोधी व किसान विरोधी योजनाओं को लागू नहीं होने देगी।
अभय सिंह चौटाला अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन 18 दिसम्बर को गांव ठोबरिया, तलवाड़ा, मौजू की ढाणी, बेहरवाला, धोलपालिया, नीमलां, काशी का वास, ढाणी शेरां, कर्मशाना, मिठनपुरा व किशनपुरा व 19 दिसम्बर को गांव उमेदपुरा, मेहनाखेड़ा, चिलकनी ढाब, भुर्टवाला, पोहड़का, कुमथला, मुसली, छोटी ममेरां, बड़ी ममेरां, मिठ्ठी सुरेरां, खारी सुरेरां व ढाणी लखजी में जाकर मतदाताओं से सम्पर्क साधेगें और उनकी समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निपटारा करेंगे।
इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए चौटाला ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लम्बे समय तक कांग्रेस ने देश व प्रदेश पर शासन किया है लेकिन गांवों में वह अभी तक आधारभूत सुविधाएं देने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि खेतों में सिंचाई करने के लिए नहरों में पानी नहीं है, कनक की बिजाई के लिए किसानों को बीज नहीं मिल रहा है जिससे किसानों के अंदर स्पष्ट रूप से चिंता देखी जा रही है। जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इनेलो की सरकार आने पर शहरों की तर्ज पर गांवों में सैक्टर बनाए जाएंगे और उन्हें शहरों जैसी आधारभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी। अभी तक महंगाई पर काबू न पाने के लिए कांगे्रस सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेसी नेताओं के बयानों से महंगाई तेजी से बढ़ रही है, कनक का व्यापक भंडार होते हुए भी विदेशों से गेहूं आयात करने की तैयारी की जा रही है और पिछले दरवाजे से खेतों में काम आने वाली खाद, बीज व कृषि यंत्र के दाम बढ़ाए जाने की योजना बनाई जा रही है लेकिन इनेलो इस प्रकार की जनविरोधी व किसान विरोधी योजनाओं को लागू नहीं होने देगी।
अभय सिंह चौटाला अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन 18 दिसम्बर को गांव ठोबरिया, तलवाड़ा, मौजू की ढाणी, बेहरवाला, धोलपालिया, नीमलां, काशी का वास, ढाणी शेरां, कर्मशाना, मिठनपुरा व किशनपुरा व 19 दिसम्बर को गांव उमेदपुरा, मेहनाखेड़ा, चिलकनी ढाब, भुर्टवाला, पोहड़का, कुमथला, मुसली, छोटी ममेरां, बड़ी ममेरां, मिठ्ठी सुरेरां, खारी सुरेरां व ढाणी लखजी में जाकर मतदाताओं से सम्पर्क साधेगें और उनकी समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निपटारा करेंगे।
अध्यापक ने मुख्याध्यापक के जड़ा तमाचा
सिरसा। गांव अरनियांवाली स्थित सरकारी स्कूल के एक अध्यापक ने मुख्याध्यापक के मुंह पर तमाचा जड़ दिया। इसको लेकर आज स्कूल में काफी बवाल मचा। ग्रामीणों ने अध्यापक की इस हरकत से क्षुब्ध होकर मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और जोरदार प्रदर्शन किया। जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी द्वारा काफी समझाने के बावजूद ग्रामीणों ने ताला नहीं खोला। वे अध्यापक को निलम्बित किए जाने अथवा तबादला किए जाने की मांग पर अड़े हुए थे। बताया गया है कि गांव अरनियांवाली के सरकारी स्कूल में कार्यरत्त अध्यापक राजेश का बीते दिवस प्रिंसीपल भीम सैन के साथ झगड़ा हो गया। इस दौरान राजेश ने मुख्याध्यापक को तमाचा जड़ दिया। ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला तो वे अध्यापक राजेश के खिलाफ लामबंद हो गए। गांव के शहीद भगत सिंह युवा क्लब के सदस्यों ने आज सैंकड़ों ग्रामीणों के नेतृत्व में स्कूल में जाकर अध्यापक राजेश के खिलाफ खूब नारेबाजी की और स्कूल के मुख्य द्वार को ताला लगा दिया। गांव वासियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापक राजेश की कार्यप्रणाली जरा भी ठीक नहीं है। वह अकसर स्कूल के अन्य अध्यापकों के साथ झगड़ा करता है।
इस बात को लेकर पहले भी उसकी डेपुटेशन करवाई, लेकिन अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उसने 24 घंटे में डेपुटेशन कैंसल करवा ली। गांव वासियों ने कहा कि बीते दिवस स्कूल के मुख्याध्यापक के साथ झगड़ा कर अध्यापक राजेश ने नैतिकता की सारी सीमाएं लांघ दी है। उसके इस रवैये के कारण स्कूल में पढऩे वाले बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है, वहीं उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
स्कूल पर ताला जड़े जाने की सूचना मिलने पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी शेर सिंह खीचड़ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे आरोपी अध्यापक राजेश को डेपुटेशन पर भेज सकते हैं, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। उन्होंने आरोपी अध्यापक का तबादला करने अथवा उसे निलम्बित किए जाने की मांग की। इस पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि तबादला अथवा निलम्बित करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यह जवाब सुनकर गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल का ताला खोलने से मना कर दिया।
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन वे अपनी मांग पूरी होने तक ताला खोलने पर राजी नहीं हुए। ग्रामीणों ने जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को बैरंग लौटने पर मजबूर कर दिया। समाचार लिखे जाने तक स्कूल पर ताला लगा हुआ था और ग्रामीण नारेबाजी कर रहे थे। उधर, स्कूल के अन्य अध्यापकों ने भी आरोपी अध्यापक राजेश का तबादला अथवा निलंबन न होने तक स्कूल में काम करने से मना कर दिया है। अध्यापकों ने कहा कि जब स्कूल का मुख्याध्यापक ही सुरक्षित नहीं तो वे कैसे सुरक्षित रह सकते है।
इस बात को लेकर पहले भी उसकी डेपुटेशन करवाई, लेकिन अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उसने 24 घंटे में डेपुटेशन कैंसल करवा ली। गांव वासियों ने कहा कि बीते दिवस स्कूल के मुख्याध्यापक के साथ झगड़ा कर अध्यापक राजेश ने नैतिकता की सारी सीमाएं लांघ दी है। उसके इस रवैये के कारण स्कूल में पढऩे वाले बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है, वहीं उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
स्कूल पर ताला जड़े जाने की सूचना मिलने पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी शेर सिंह खीचड़ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे आरोपी अध्यापक राजेश को डेपुटेशन पर भेज सकते हैं, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। उन्होंने आरोपी अध्यापक का तबादला करने अथवा उसे निलम्बित किए जाने की मांग की। इस पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि तबादला अथवा निलम्बित करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यह जवाब सुनकर गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल का ताला खोलने से मना कर दिया।
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन वे अपनी मांग पूरी होने तक ताला खोलने पर राजी नहीं हुए। ग्रामीणों ने जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को बैरंग लौटने पर मजबूर कर दिया। समाचार लिखे जाने तक स्कूल पर ताला लगा हुआ था और ग्रामीण नारेबाजी कर रहे थे। उधर, स्कूल के अन्य अध्यापकों ने भी आरोपी अध्यापक राजेश का तबादला अथवा निलंबन न होने तक स्कूल में काम करने से मना कर दिया है। अध्यापकों ने कहा कि जब स्कूल का मुख्याध्यापक ही सुरक्षित नहीं तो वे कैसे सुरक्षित रह सकते है।
16 दिसंबर 2009
प्रदेश गर्त में, हुड्डा मौनी बाबा बने : अजय चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) हल्का डबवाली से विधायक तथा इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा सरकार प्रदेश को अपनी गलत नीतियों के चलते गर्त में धकेलती जा रही है। स्थिति यह हो चुकी है कि प्रदेश को दीवालियापन की ओर बढ़ाया जा रहा है।
वे यहां के सेठ रोशन लाल चेरीटेबल ट्रस्ट आई हॉस्पीटल में आंखों के नि:शुल्क ऑप्रेशन शिविर का उद्घाटन करने के बाद प्रदेश के ताजा हालतों पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो पत्रकार सरकार की कमियों को उजागर करते हुए रिपोर्टिंग कर रहे हैं, सरकारी उन्हीं के खिलाफ झूठे केस दर्ज कर रही है। जबकि भ्रष्टाचार और अनैतिकता में डूबे अधिकारियों को बचाने में जुटी हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा खरीदी गई गेहूं पर पानी का छिड़काव करके राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री कुछ भी नहीं बोल रहा। बल्कि मौनी बाबा बनकर भ्रष्टाचार को प्रफुल्लित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं को भिगोकर उसका वजन बढ़ाने के मामले को उनकी पार्टी के विधायक आगामी विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाएंगे।
विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा की हुड्डा सरकार सरकारी खजाने में पैसे की कमी होने के बावजूद भी हर रोज नई से नई घोषणा कर रही है और इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए कर्ज पर कर्ज ले रही है। सरकार की हालत यह है कि उसे अपने कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने ऐलनाबाद उपचुनाव के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि इनेलो ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। केवल चुनाव आयोग की घोषणा का ही इंतजार किया जा रहा है।
इस अवसर पर इनेलो नेता रणवीर सिंह राणा, नरेन्द्र सिंह बराड़, टेकचन्द छाबड़ा, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिधू, एडवोकेट कुलदीप सिंह, एडवोकेट सुभाष गुप्ता, एडवोकेट राजेश यादव, गुरजीत सिंह, महेन्द्र डूडी, धुन्नी दास गर्ग, सर्वजीत सिंह मसीतां, दर्शन मोंगा, राकेश गर्ग भीटीवाला, प्रिन्स जुनेजा, तरूण बिश्नोई, काका मोंगा, संदीप बिश्नोई, अश्विनी शर्मा आदि उपस्थित थे।
वे यहां के सेठ रोशन लाल चेरीटेबल ट्रस्ट आई हॉस्पीटल में आंखों के नि:शुल्क ऑप्रेशन शिविर का उद्घाटन करने के बाद प्रदेश के ताजा हालतों पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो पत्रकार सरकार की कमियों को उजागर करते हुए रिपोर्टिंग कर रहे हैं, सरकारी उन्हीं के खिलाफ झूठे केस दर्ज कर रही है। जबकि भ्रष्टाचार और अनैतिकता में डूबे अधिकारियों को बचाने में जुटी हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा खरीदी गई गेहूं पर पानी का छिड़काव करके राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री कुछ भी नहीं बोल रहा। बल्कि मौनी बाबा बनकर भ्रष्टाचार को प्रफुल्लित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं को भिगोकर उसका वजन बढ़ाने के मामले को उनकी पार्टी के विधायक आगामी विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाएंगे।
विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा की हुड्डा सरकार सरकारी खजाने में पैसे की कमी होने के बावजूद भी हर रोज नई से नई घोषणा कर रही है और इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए कर्ज पर कर्ज ले रही है। सरकार की हालत यह है कि उसे अपने कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने ऐलनाबाद उपचुनाव के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि इनेलो ने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। केवल चुनाव आयोग की घोषणा का ही इंतजार किया जा रहा है।
इस अवसर पर इनेलो नेता रणवीर सिंह राणा, नरेन्द्र सिंह बराड़, टेकचन्द छाबड़ा, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिधू, एडवोकेट कुलदीप सिंह, एडवोकेट सुभाष गुप्ता, एडवोकेट राजेश यादव, गुरजीत सिंह, महेन्द्र डूडी, धुन्नी दास गर्ग, सर्वजीत सिंह मसीतां, दर्शन मोंगा, राकेश गर्ग भीटीवाला, प्रिन्स जुनेजा, तरूण बिश्नोई, काका मोंगा, संदीप बिश्नोई, अश्विनी शर्मा आदि उपस्थित थे।
नशीली दवाईयां पकड़ी
डबवाली (लहू की लौ) उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा के दिशा-निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने मंगलवार को यहां के बठिण्डा चौक में स्थित दो कैमिस्ट शॉप पर छापामारी करके भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां बरामद की।
प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा सरकार के ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि डबवाली के बठिण्डा चौक में स्थित दो दुकानदार भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां रखे हुए हैं और यहां से पंजाब और आस-पास के क्षेत्र से आने वाले नशेड़ी अक्सर नशे की दवाईयां खरीदते हैं। इसी शिकायत के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, डॉ. संजीव कम्बोज, एसआई भागीरथ, एएसआई सत्यनारायण के नेतृत्व में एक टीम बठिण्डा चौक में पहुंची और इस टीम ने अशोका मेडीकल स्टोर, श्री गणपति मेडीकोज में पड़ी दवाईयों की चैकिंग की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि चैकिंग के दौरान इन दोनों ही दुकानों पर अधिकांश दवाईयां नशे में प्रयोग होने वाली मिली। उनके अनुसार इन दुकानों पर बैठने वाले लोग भी फार्मासिस्ट नहीं है। उनके अनुसार दोनों के पास 12-12 प्रकार की नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां मिली हैं। जिनकी कीमत हजारों रूपये है। बरामद की गई दवाईयों में बायोरेक्स, रेकोडेक्स, मोमोलिट, समासमो प्रोक्सीवोन आदि दवाईयां हैं। जो नशे में प्रयुक्त हो सकती हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों दुकानदारों को शो काज नोटिस दिया जा रहा है। ये अपनी दुकानें नहीं खोल पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्यवाही के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को सम्बन्धित कैमिस्टों के लाईसेंस रद्द करने की अनुशंसा वे करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अशोका मेडीकल स्टोर का नाम पहले अशोका मेडीकल हाल था और इसका मालिक अशोक गोयल की मौत हो गई थी। अब यह लाईसेंस राजकुमारी के नाम पर है और अब अशोका मेडीकल स्टोर के नाम पर चलाया जा रहा है। इसमें फार्मासिस्ट हंसराज को दिखाया हुआ है। लेकिन इस पर निर्मला देवी तथा जगदीप सिंह कार्य करते हुए पाये गये हैं।
धानीवाल ने श्री गणपति मेडीकोज के बारे में बताया कि इसका मालिक लाईसेंस में अनिता रानी पत्नी नीरज मोंगा को दिखाया गया है और इस पर नीरज बैठता है। इससे पूर्व इसी मेडीकल शॉप का नाम शुभम मेडीकोज था, जोकि देसराज मोंगा के नाम पर चल रहा था। बाद में शुभम मेडीकल हाल कर दिया गया। इसके बाद अब श्री गणपति मेडीकोज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व शुभम के नाम पर चल रहे मेडीकल शॉप का लाईसेंस अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया गया था। लेकिन नीरज की पत्नी ने शपथ पत्र देकर कहा था कि अब वह स्वयं काम करेगी और दुकान पर कभी भी नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां नहीं बेची जाएंगी। लेकिन इसके बावजूद लाईसेंस का दुरूपयोग किया गया और अब भी इसको नीरज ही चला रहा था।
लेकिन यहां उल्लेखनीय है कि इन कैमिस्टों को रात को ही पता चल गया था कि उनके रेड होने वाली है। एक केमिस्ट ने तो काफी दवाईयां इसी रेड की सूचना पर आग के हवाले कर दी थी। लेकिन तथ्य तो यह है कि लाईसेंस कैंसल होने के बाद भी बार-बार ड्रग विभाग उन्हीं को लाईसेंस क्यों देता है। जबकि यह लोग कई बार अनियमितताओं में पकड़े जा चुके होते हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा सरकार के ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि डबवाली के बठिण्डा चौक में स्थित दो दुकानदार भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां रखे हुए हैं और यहां से पंजाब और आस-पास के क्षेत्र से आने वाले नशेड़ी अक्सर नशे की दवाईयां खरीदते हैं। इसी शिकायत के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, डॉ. संजीव कम्बोज, एसआई भागीरथ, एएसआई सत्यनारायण के नेतृत्व में एक टीम बठिण्डा चौक में पहुंची और इस टीम ने अशोका मेडीकल स्टोर, श्री गणपति मेडीकोज में पड़ी दवाईयों की चैकिंग की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि चैकिंग के दौरान इन दोनों ही दुकानों पर अधिकांश दवाईयां नशे में प्रयोग होने वाली मिली। उनके अनुसार इन दुकानों पर बैठने वाले लोग भी फार्मासिस्ट नहीं है। उनके अनुसार दोनों के पास 12-12 प्रकार की नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां मिली हैं। जिनकी कीमत हजारों रूपये है। बरामद की गई दवाईयों में बायोरेक्स, रेकोडेक्स, मोमोलिट, समासमो प्रोक्सीवोन आदि दवाईयां हैं। जो नशे में प्रयुक्त हो सकती हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन दोनों दुकानदारों को शो काज नोटिस दिया जा रहा है। ये अपनी दुकानें नहीं खोल पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्यवाही के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को सम्बन्धित कैमिस्टों के लाईसेंस रद्द करने की अनुशंसा वे करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अशोका मेडीकल स्टोर का नाम पहले अशोका मेडीकल हाल था और इसका मालिक अशोक गोयल की मौत हो गई थी। अब यह लाईसेंस राजकुमारी के नाम पर है और अब अशोका मेडीकल स्टोर के नाम पर चलाया जा रहा है। इसमें फार्मासिस्ट हंसराज को दिखाया हुआ है। लेकिन इस पर निर्मला देवी तथा जगदीप सिंह कार्य करते हुए पाये गये हैं।
धानीवाल ने श्री गणपति मेडीकोज के बारे में बताया कि इसका मालिक लाईसेंस में अनिता रानी पत्नी नीरज मोंगा को दिखाया गया है और इस पर नीरज बैठता है। इससे पूर्व इसी मेडीकल शॉप का नाम शुभम मेडीकोज था, जोकि देसराज मोंगा के नाम पर चल रहा था। बाद में शुभम मेडीकल हाल कर दिया गया। इसके बाद अब श्री गणपति मेडीकोज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व शुभम के नाम पर चल रहे मेडीकल शॉप का लाईसेंस अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया गया था। लेकिन नीरज की पत्नी ने शपथ पत्र देकर कहा था कि अब वह स्वयं काम करेगी और दुकान पर कभी भी नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां नहीं बेची जाएंगी। लेकिन इसके बावजूद लाईसेंस का दुरूपयोग किया गया और अब भी इसको नीरज ही चला रहा था।
लेकिन यहां उल्लेखनीय है कि इन कैमिस्टों को रात को ही पता चल गया था कि उनके रेड होने वाली है। एक केमिस्ट ने तो काफी दवाईयां इसी रेड की सूचना पर आग के हवाले कर दी थी। लेकिन तथ्य तो यह है कि लाईसेंस कैंसल होने के बाद भी बार-बार ड्रग विभाग उन्हीं को लाईसेंस क्यों देता है। जबकि यह लोग कई बार अनियमितताओं में पकड़े जा चुके होते हैं।
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