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Lahoo Ki Lau

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19 दिसंबर 2009

कांग्रेस लोगों को दालें छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह देने लगी-बादल

कालांवाली (लहू की लौ) शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने जरूरी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों पर नकेल डालने में बुरी तरह से असफल और अयोग्य साबित हुई कांग्रेस के नेतृत्व से केन्द्र सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है।
वे शुक्रवार को हरियाणा के डबवाली और कालांवाली कस्बों में शिरोमणि अकाली दल और इण्डियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह रोड़ी की बेमिसाल विजय पर धन्यवादी रैलियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ौतरी के कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार गैर संवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर के आंकड़े पिछले 12 वर्षो के दौरान सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाना वर्तमान केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां का दिवालियापन प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि, वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में कोई तालमेल न होने के कारण कीमतों में बढ़ौतरी की समस्या का समाधान करने में केन्द्र सरकार असफल रही। जिसके चलते देश को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
सुखबीर सिंह बादल ने लोगों को कांग्रेस की भ्रष्ट नीति का पर्दाफाश करने का आह्वान करते हुए कहा कि दालों की कीमतें 90 रूपये प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं और केन्द्र सरकार कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की अपेक्षा देश के 70 प्रतिशत लोगों के लिए प्रोटीन का इकलौता स्त्रोत दालों को छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति इतनी शर्मनाक बन चुकी है कि बड़े स्टोरों द्वारा राशन की कीमत सूची जारी करते समय दालों का भाव प्रति आधा किलो ही बताया जा रहा है। जबकि दालों का भाव पिछले चार महीनों के भीतर दुगुने रेट पर जा पहुंचा है।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जल्दी ही एनडीए का एक प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति को मिलकर केन्द्र सरकार को कुंभकर्णी नींद से उठाने या फिर बर्खास्त करने की मांग करेगा। यह सरकार खाने-पीने वाली वस्तुओं में हुई वृद्धि के कारण भूख से मरने वाले मजबूर लोगों की जान की रक्षा करने और अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को निभाने में बुरी तरह असफल साबित हुई है।

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