सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने 31 जनवरी 2010 को शहर के पालिका बाजार में हुई लूट की घटना के चौथे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान तरसेम पुत्र सतीश कुमार निवासी गली नंबर 7 पटेल नगर मलोट पंजाब के रूप में हुई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सीआईए सिरसा के प्रभारी निरीक्षक किशोरी लाल ने बताया कि शहर के पालिका बाजार में स्थित बूट हाऊस के संचालक सुरेन्द्र पुत्र जगदीश के साथ बीती 31 जनवरी को लूट की वारदात हुई, जिसमें आरोपियों ने सुरेन्द्र से 40 हजार रुपये की नकदी व मोबाईल लूट लिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शहर थाना सिरसा में अभियोग दर्ज कर जांच का जिम्मा सीआईए स्टाफ सिरसा को सौंपा गया। प्रभारी ने बताया कि गुत्थी को सुलझाने के लिए स्टाफ की कई टीमों का गठन किया गया। सहायक उपनिरीक्षक रणसिंह पर आधारित पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए 31 मई व 1 जून को घटना के तीन आरोपियों बलविन्द्र निवासी शमशाबाद पट्टी, हरजिन्द्र निवासी भंभूर, नानक सिंह निवासी झोरडऩाली को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पूछताछ कर उनकी निशानदेही पर लूटी गई 12 हजार रुपये की राशि व एक मोबाईल फोन बरामद किया था।
उन्होंने बताया कि कल सीआईए के सहायक उपनिरीक्षक रणसिंह ने घटना के चौथे आरोपी तरसेम को शहर सिरसा क्षेत्र से काबू कर लिया तथा पूछताछ कर उसकी निशानदेही पर लूटी गई 6 हजार रुपये की राशि बरामद कर ली है। प्रभारी ने बताया कि इस घटना के पांचवें आरोपी की भी पहचान कर ली गई है।
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Lahoo Ki Lau
23 जुलाई 2010
फरार हुआ कैदी गिरफ्तार
डबवाली। जिला की बडागुढ़ पुलिस ने पैरोल छुट्टी बीत जाने के बाद फरार हुए कैदी को पुन: गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये कैदी जग्गी उर्फ करतार सिंह पुत्र गुरदीप सिंह गांव रघुआना का निवासी है। आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बडागुढ़ा के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक रामकिशन ने बताया कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह निवासी रघुआना के विरुद्ध 20 मई 1996 को सदर डबवाली थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी को सन 2005 में 15 साल की कैद की सजा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अवतार सिंह 18 मई 2010 को सिरसा जेल से 6 सप्ताह की पैरोल छुट्टी पर गांव रघुआना में आया तथा उसको 30 जून 2010 को सिरसा जेल वापिस जाना था। परंतु वह जेल न जाकर फरार हो गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि जेल अधीक्षक सिरसा ने इस संबंध में अवतार सिंह के खिलाफ जेल न पहुंचने के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर अवतार सिंह के विरुद्ध थाना बडागुढ़ा में अभियोग दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। बडागुढ़ा थाना प्रभारी ने बताया कि अभियोग दर्ज करने के बाद अवतार सिंह की लगातार तलाश की जा रही थी तथा उसके छुपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी।
उन्होंने बताया कि कल उन्हें सूचना मिली कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह गांव झोरडऱोही में विवाहित अपनी बेटी सुरजीत कौर के घर आया हुआ है। सूचना को पाकर उन्होंने पुलिस पार्टी के साथ गांव झोरडऱोही में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश कर पुन: जेल भेजा जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बडागुढ़ा के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक रामकिशन ने बताया कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह निवासी रघुआना के विरुद्ध 20 मई 1996 को सदर डबवाली थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी को सन 2005 में 15 साल की कैद की सजा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अवतार सिंह 18 मई 2010 को सिरसा जेल से 6 सप्ताह की पैरोल छुट्टी पर गांव रघुआना में आया तथा उसको 30 जून 2010 को सिरसा जेल वापिस जाना था। परंतु वह जेल न जाकर फरार हो गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि जेल अधीक्षक सिरसा ने इस संबंध में अवतार सिंह के खिलाफ जेल न पहुंचने के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर अवतार सिंह के विरुद्ध थाना बडागुढ़ा में अभियोग दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। बडागुढ़ा थाना प्रभारी ने बताया कि अभियोग दर्ज करने के बाद अवतार सिंह की लगातार तलाश की जा रही थी तथा उसके छुपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी।
उन्होंने बताया कि कल उन्हें सूचना मिली कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह गांव झोरडऱोही में विवाहित अपनी बेटी सुरजीत कौर के घर आया हुआ है। सूचना को पाकर उन्होंने पुलिस पार्टी के साथ गांव झोरडऱोही में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश कर पुन: जेल भेजा जाएगा।
आज से शुरू होगा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे
सिरसा। जिला प्रशासन द्वारा कल से जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नुकसान का सर्वे करवाया जाएगा। सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों से संबंधित नुकसान व कृषि क्षेत्र व मकानों में हुए नुकसान की रिपोर्ट आगामी 31 जुलाई तक उपायुक्त कार्यालय में सौंप देंगे। इस संबंध में अधिकारियों की बैठक आयोजित कर जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने निर्देश दिए कि वे ईमानदारी व निष्पक्षता से बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करे और प्रतिदिन सर्वे की रिपोर्ट संबंधित उपमंडल अधिकारी नागरिक और उनके कार्यालय में भिजवाएं ताकि सर्वे किए गए क्षेत्रों में अगले दिन वरिष्ठ अधिकारी सर्वे कर निरीक्षण कर सके। उन्होंने बताया कि जिला में हजारों की संख्या में मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए है। प्रत्येक गांव में मकानों का सर्वे करने के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई गई है। इस टीम में एक जूनियर इंजीनियर, ग्राम सचिव, सरपंच, सामान्य जाति का नंबरदार, पिछड़ा वर्ग का नंबरदार और अनुसूचित जाति का नंबरदार शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सर्वे करने के भी निर्देश दिए गए है। सभी गांवों में किए गए सर्वे का प्रतिदिन संबंधित बीडीपीओ, उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्पैशल गिरदावरी करने का कार्य भी कल से शुरु कर दिया जाएगा। कृषि, खेती में हुए नुकसान के सर्वे के लिए पटवारी अपने साथ सरपंच, नंबरदार व जमीन के मालिकों को साथ रखेंगे ताकि सर्वे का काम पूरी तरह पारदर्शिता से किया जा सके। उन्होंने बताया कि सभी खंडों में सर्वे का निरीक्षण करने के लिए नायब तहसीलदारों को इंचार्ज बनाया गया है।
गृह मंत्री ने जाना बाढ़ पीडि़तों का दर्द
सिरसा। गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने आज जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और बाढ़ पीडि़तों का दर्द सुना। स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह से अधिकारियों के दल के साथ गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा सबसे पहले डिंग मंडी के लिए रवाना हुए। डिंग मंडी में पिछले दो दिनों में हुई बरसात से सबसे अधिक नुकसान हुआ। इस क्षेत्र में अनेक मकान क्षतिग्रस्त हो गए और पूरा कसबा पानी से लबालब भर गया। श्री कांडा ने यहां पहुंचते ही बाढ़ पीडि़त लोगों को एक-एक करके सुना और उनकी हर संभव मदद के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर गृह राज्यमंत्री श्री कांडा ने स्वयं निजी कोष से 10 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह धन उन लोगों पर खर्च किया जाए जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। श्री कांडा ने अधिकारियों से कहा कि पूरे क्षेत्र का सर्वे करवाया जाए और जिन लोगों के मकान गिरे हैं उन्हें मरम्मत के लिए इस राशि में से धन उपलब्ध करवाया जाए। लोगों ने श्री कांडा को अपनी शिकायतें बताते हुए कहा कि बरसात से आई बाढ़ के कारण लोगों के घर डूब गए। कारोबार ठप हो गए और खेती-बाड़ी नष्ट हो गई। लोगों ने जिला प्रशासन की भी शिकायत की और कहा कि उन्हें मदद देने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया। इस पर श्री कांडा ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। डिंग के अलावा गृह राज्यमंत्री ने जोधकां, कुक्कड़थाना, बाजेकां, नेजाडेलां और झोंपड़ा में भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया। कुक्कड़ थाना में श्री कांडा ने बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए 2.5 लाख व जोधकां में 5 लाख की राशि दी। इससे पहले गृह राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ भी यहां के हालात का जायजा लिया था और मुख्यमंत्री को यहां के लोगों को मदद देने की अपील की थी। श्री कांडा ने बताया कि राज्य सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश दे रखें है जिस पर कार्रवाई की जा रही है और केंद्र सरकार की ओर से गठित कमेटी भी अपना सर्वे पूरा कर चुकी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही केंद्र की ओर से भी बाढ़ पीडि़तों को पूरी मदद दी जाएगी। उनके साथ इस दौरे में अतिरिक्त उपायुक्त पंकज चौधरी, उपमंडल अधिकारी नागरिक एस.के जैन, कांग्रेस नेता गोबिंद कांडा, कांग्रेस नेत्री श्रीमती कृष्णा पूनियां, सूरत सैनी, हेतराम, राजेंद्र मकानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उनके साथ थे।
सर्वे पूरी पारदर्शिता से करें अधिकारी-तंवर
सिरसा। सिरसा के सांसद श्री अशोक तंवर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाढ़ से प्रभावित मकानों और फसलों का सर्वे पूरी पारदर्शिता से करे ताकि कोई भी व्यक्ति बाढ़ के नुकसान के मुआवजे से वंचित न रहे। श्री तंवर आज वार्ड नंबर-19 में खालसा स्कूल के निकट ट्यूबवैल का उद्घाटन करने के पश्चात लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में कल बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे शुरु किया जा रहा है। इसलिए जिस भी व्यक्ति की फसल, मकान, ट्यूबवैल व अन्य संपत्ति बाढ़ से नष्ट हुई है वे सर्वे टीम के अधिकारियों से मिलकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कहा है कि वे इस सर्वे के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करे। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का भी आह़वान किया कि वे स्वयं सर्वे टीम के साथ जाकर सर्वे करवाए ताकि प्रत्येक जरुरतमंद व्यक्ति को बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा मिल सके और प्रशासन द्वारा राहत भी जुटाई जा सके।
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि जो गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है उनमें गलियां, सड़कों व अन्य रास्तों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर करवाए ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो में और ज्यादा तीव्रता लाई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में 110 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति शुद्व पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है और ग्रामीणों व शहरी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की पेयजल संबंधी कठिनाई नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोतों में क्लोरीनेशन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करे कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की महामारी न फैले। उन्होंने इस अवसर पर शहरवासियोंकी विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें सुनी और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, ब्लॉक प्रधान भूपेश मेहता, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव नवीन केडिय़ा, कांग्रेस नेता आनंद बियानी, राजकुमार शर्मा, तिलक राज चंदेल व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि जो गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है उनमें गलियां, सड़कों व अन्य रास्तों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर करवाए ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो में और ज्यादा तीव्रता लाई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में 110 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति शुद्व पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है और ग्रामीणों व शहरी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की पेयजल संबंधी कठिनाई नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोतों में क्लोरीनेशन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करे कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की महामारी न फैले। उन्होंने इस अवसर पर शहरवासियोंकी विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें सुनी और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, ब्लॉक प्रधान भूपेश मेहता, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव नवीन केडिय़ा, कांग्रेस नेता आनंद बियानी, राजकुमार शर्मा, तिलक राज चंदेल व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
गन्दे पेयजल की आपूर्ति से उल्टी-दस्त रोग फैला
डबवाली (लहू की लौ) वार्ड नं. 13 की गली विक्रमादित्य अस्पताल वाली के लोग पिछले छह माह से सीवरेजयुक्त पानी की आपूर्ति को लेकर उल्टी दस्त रोग का शिकार हो रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए गली निवासी राजेश जिन्दल ने बताया कि उनकी गली में पिछले छह माह से गन्दे पेयजल की आपूर्ति को लेकर वह लोग जनस्वास्थ्य विभाग के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाते आ रहे हैं लेकिन कोई ध्यान न दिये जाने से अब हालत यह हो गई है कि उनके गली के लोग उल्टी दस्त रोग के शिकार हो गये हैं। उनके अनुसार गन्दे पेयजल के कारण उनकी गली के निवासी आशू धींगड़ा, बन्नू बतरा के साथ-साथ उसका पिता हरबिलास निरंकारी, भाई दीपक जिन्दल पिछले एक सप्ताह से उल्टी-दस्त का शिकार हैं। प्राईवेट अस्पतालों से उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में जनस्वास्थ्य विभाग डबवाली के जेई सतपाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में अक्सर ऐसी समस्याएं आ जाती हैं। इस समस्या को हल करवा दिया जायेगा।
इधर दर्पण सिनेमा के पीछे भी पिछले तीन दिनों से गन्दे पेयजल की आपूर्ति हो रही है। यह जानकारी एडवोकेट जगदीप सिंह ने दी।
यह जानकारी देते हुए गली निवासी राजेश जिन्दल ने बताया कि उनकी गली में पिछले छह माह से गन्दे पेयजल की आपूर्ति को लेकर वह लोग जनस्वास्थ्य विभाग के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाते आ रहे हैं लेकिन कोई ध्यान न दिये जाने से अब हालत यह हो गई है कि उनके गली के लोग उल्टी दस्त रोग के शिकार हो गये हैं। उनके अनुसार गन्दे पेयजल के कारण उनकी गली के निवासी आशू धींगड़ा, बन्नू बतरा के साथ-साथ उसका पिता हरबिलास निरंकारी, भाई दीपक जिन्दल पिछले एक सप्ताह से उल्टी-दस्त का शिकार हैं। प्राईवेट अस्पतालों से उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में जनस्वास्थ्य विभाग डबवाली के जेई सतपाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में अक्सर ऐसी समस्याएं आ जाती हैं। इस समस्या को हल करवा दिया जायेगा।
इधर दर्पण सिनेमा के पीछे भी पिछले तीन दिनों से गन्दे पेयजल की आपूर्ति हो रही है। यह जानकारी एडवोकेट जगदीप सिंह ने दी।
विक्रम नेहरा डबवाली के थाना प्रभारी नियुक्त
डबवाली (लहू की लौ) पुलिस प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक सतिन्द्र गुप्ता द्वारा आज अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है। अधिकारियों के किए गए तबादले की पुष्टि पुलिस प्रवक्ता ने की।
मिली जानकारी के अनुसार नाथूसरी चौपटा थाना प्रभारी विक्रम नेहरा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें शहर थाना डबवाली का कार्यभारी सौंपा गया है। वहां तैनात इंस्पेक्टर विरेंद्र सिंह को डिटैक्टिव ब्रांच का कार्यभार दिया गया। इस ब्रांच में कार्यरत धर्मवीर को नाथूसरी चौपटा थाना में भेजा गया है। वे यहां थाना प्रभारी की कमान संभालेेंगे।
इसी प्रकार कुछ और अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक सतींद्र गुप्ता द्वारा किए गए इन तबादलों की पुष्टि करते हुए पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण ने बताया कि गौरीवाला चौकी प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार को डबवाली मंडी स्थित गोल बाजार चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। यहां तैनात रमेश चंद्र को कृष्ण कुमार के स्थान पर गौरीवाला चौकी प्रभारी बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त मुख्य सिपाही व सिपाही पदों पर तैनात कर्मचारियों को भी जिला में इधर-उधर किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए फेरबदल किया जाना अति आवश्यक है। इसी के तहत उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार नाथूसरी चौपटा थाना प्रभारी विक्रम नेहरा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें शहर थाना डबवाली का कार्यभारी सौंपा गया है। वहां तैनात इंस्पेक्टर विरेंद्र सिंह को डिटैक्टिव ब्रांच का कार्यभार दिया गया। इस ब्रांच में कार्यरत धर्मवीर को नाथूसरी चौपटा थाना में भेजा गया है। वे यहां थाना प्रभारी की कमान संभालेेंगे।
इसी प्रकार कुछ और अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक सतींद्र गुप्ता द्वारा किए गए इन तबादलों की पुष्टि करते हुए पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण ने बताया कि गौरीवाला चौकी प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार को डबवाली मंडी स्थित गोल बाजार चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। यहां तैनात रमेश चंद्र को कृष्ण कुमार के स्थान पर गौरीवाला चौकी प्रभारी बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त मुख्य सिपाही व सिपाही पदों पर तैनात कर्मचारियों को भी जिला में इधर-उधर किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए फेरबदल किया जाना अति आवश्यक है। इसी के तहत उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
करंट से चार झुलसे
डबवाली (लहू की लौ) यहां की कबीर बस्ती में करंट लगने से एक मासूम बच्ची सहित चार जनें झुलस गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में लाया गया। गुरूवार सुबह कबीर बस्ती निवासी दीवान चन्द की पत्नी कस्तूरी देवी (62) घर में झाडू लगा रही थी। इसी दौरान अचानक टेबल फैन उसके ऊपर आ गिरा और उसे करंट लग गया। शोर सुनकर कस्तूरी देवी की बेटियां रेखा (32) तथा सोनू (27) दौड़ीं। अपनी माता को करंट से बचाने की कोशिश की। इसी बीच उन्हें भी करंट ने अपने आगोश में ले लिया। वहीं खेल रही मानसी (5) को भी करंट लग गया। मां-बेटियों का शोर सुनकर आस-पड़ौस के लोग इक्ट्ठे हो गए। पड़ौसी ओमबती, कृष्णा रानी, ओमप्रकाश, महेशी आदि ने बस्ती को जाती लाईट कट करके करंट से झुलस रही मां-बेटियों को निकाला। घायलों को तत्काल उपचार के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में पहुंचाया।
बैंक और पाठशाला में चोरों की दस्तक
डबवाली (लहू की लौ) बुधवार रात को अज्ञात चोरों ने भारतीय स्टेट बैंक में लगी एटीएम मशीन में तोडफ़ोड़ की। वहीं एक राजकीय प्राथमिक पाठशाला से बैंक की कापियों सहित हजारों रूपए कीमत का सामान चुरा ले गए। गुरूवार सुबह पुलिस ने दोनों जगहों का निरीक्षण करके अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
चौटाला रोड़ पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में लगी एटीएम मशीन में बुधवार रात को अज्ञात व्यक्तियों ने तोडफ़ोड़ की। मशीन में लगे कैश काऊंटर का कवरिंग गेट तोडऩे का प्रयास किया। लेकिन चोरों के हाथ कैश काऊंटर तक नहीं पहुंच सके। शाखा के मुख्य प्रबंधक बीएस सरपाल ने बताया कि गुरूवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि एटीएम मशीन के कैश काऊंटर का कवरिंग गेट टूटा हुआ है। वे तुरन्त मौका पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सरपाल के अनुसार लगता है कि अज्ञात चोरों ने कैश काऊंटर तक पहुंचने के प्रयास में कवरिंग गेट को तोड़ा। सूचना पाकर थाना शहर पुलिस भी मौका पर पहुंची और एटीएम रूम का निरीक्षण किया। जांच अधिकारी थाना शहर पुलिस के एसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि मौका का निरीक्षण करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इधर राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 2 में भी चोरों ने जमकर उत्पात मचाया। चोर पाठशाला से हजारों रूपए कीमत का सामान चुरा ले गए। पाठशाला की मुख्याध्यापिका सुखदेव कौर ने बताया कि गुरूवार सुबह वह चोरी की सूचना पाकर मौका पर पहुंची। चोरों ने पाठशाला के ऑफिस में प्रवेश कर कमरें में पड़ी तीन गोदरेज की अलमारी के ताले तोड़ दिए और पाठशाला का रिकॉर्ड बिखेर दिया। चोर अलमारी में पड़ी स्टील की सौ प्लेट, दो जग, दो दरी तथा एक भारत्तोलक मशीन चुरा ले गए। जिसकी कुल कीमत करीब दस हजार रूपए है। चोर स्कूल के नाम बनी दो ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा एक एसबीआई की पास बुक भी चुरा ले गए।
पाठशाला में चोरी की सूचना पाकर गोल बाजार पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने घटना का निरीक्षण किया।
चौटाला रोड़ पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में लगी एटीएम मशीन में बुधवार रात को अज्ञात व्यक्तियों ने तोडफ़ोड़ की। मशीन में लगे कैश काऊंटर का कवरिंग गेट तोडऩे का प्रयास किया। लेकिन चोरों के हाथ कैश काऊंटर तक नहीं पहुंच सके। शाखा के मुख्य प्रबंधक बीएस सरपाल ने बताया कि गुरूवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि एटीएम मशीन के कैश काऊंटर का कवरिंग गेट टूटा हुआ है। वे तुरन्त मौका पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सरपाल के अनुसार लगता है कि अज्ञात चोरों ने कैश काऊंटर तक पहुंचने के प्रयास में कवरिंग गेट को तोड़ा। सूचना पाकर थाना शहर पुलिस भी मौका पर पहुंची और एटीएम रूम का निरीक्षण किया। जांच अधिकारी थाना शहर पुलिस के एसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि मौका का निरीक्षण करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इधर राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 2 में भी चोरों ने जमकर उत्पात मचाया। चोर पाठशाला से हजारों रूपए कीमत का सामान चुरा ले गए। पाठशाला की मुख्याध्यापिका सुखदेव कौर ने बताया कि गुरूवार सुबह वह चोरी की सूचना पाकर मौका पर पहुंची। चोरों ने पाठशाला के ऑफिस में प्रवेश कर कमरें में पड़ी तीन गोदरेज की अलमारी के ताले तोड़ दिए और पाठशाला का रिकॉर्ड बिखेर दिया। चोर अलमारी में पड़ी स्टील की सौ प्लेट, दो जग, दो दरी तथा एक भारत्तोलक मशीन चुरा ले गए। जिसकी कुल कीमत करीब दस हजार रूपए है। चोर स्कूल के नाम बनी दो ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा एक एसबीआई की पास बुक भी चुरा ले गए।
पाठशाला में चोरी की सूचना पाकर गोल बाजार पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने घटना का निरीक्षण किया।
22 जुलाई 2010
दूसरी में पढऩे वाले ने सहपाठी का गला दबाया
डबवाली | टेलीविजन के नाटकों और फिल्मों में हिंसा के दृश्यों का प्रभाव बच्चों की मानसिकता पर भी पड़ रहा है। बच्चों का छोटी छोटी बातों में गुस्सा हो जाना आज आम बात हो गई है, लेकिन बच्चे किसी की जान लेने की कोशिश करें, ऐसा कम ही होता है। बुधवार को राजकीय प्राथमिक स्कूल नंबर 3 में पढऩे वाले कक्षा दो के एक छात्र ने ज्योमेट्री बॉक्स को लेकर झगड़े में अपनी सहपाठी छात्रा का गला दबा दिया जिससे वह बेसुध हो गई। छात्रा का डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।
आधी छुट्टी में की लड़ाई
दो में पढऩे वाली ममता (8) पुत्री काला राम निवासी चौटाला रोड डबवाली ने बताया कि स्कूल में आधी छुट्टी हो गई थी। इस दौरान उसके सहपाठी मनप्रीत उर्फ भालू (9) ने उसका ज्योमेट्री बॉक्स चुरा लिया। इस पर उसने एतराज किया और मनप्रीत से ज्योमेट्री बॉक्स छीन लिया। इस बात पर गुस्साए मनप्रीत ने उसका गला दबा दिया। ममता का गला दबाए जाने की सूचना पाकर स्टाफ रूम में बैठे स्कूल के मुख्याध्यापक राजेंद्र सिंह के अलावा अध्यापक संजीव भारद्वाज, शेषपाल, वीरपाल कौर तथा सीमा रानी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बेसुध अवस्था में पड़ी ममता को एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। यहां से डॉक्टर ने उसे राजकीय अस्पताल में भेज दिया। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ममता की हालत खतरे से बाहर घोषित कर दी।
अभिभावकों को तलब किया
स्कूल के मुख्यध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में छात्र मनप्रीत को घर भेजकर उसके अभिभावकों को स्कूल में तलब किया गया है।
उधर इस बारे में थाना शहर पुलिस के कार्यकारी प्रभारी एसआई मंदरूप सिंह ने बताया कि पुलिस के पास इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने के बाद ही कार्यवाई की जाएगी।
आधी छुट्टी में की लड़ाई
दो में पढऩे वाली ममता (8) पुत्री काला राम निवासी चौटाला रोड डबवाली ने बताया कि स्कूल में आधी छुट्टी हो गई थी। इस दौरान उसके सहपाठी मनप्रीत उर्फ भालू (9) ने उसका ज्योमेट्री बॉक्स चुरा लिया। इस पर उसने एतराज किया और मनप्रीत से ज्योमेट्री बॉक्स छीन लिया। इस बात पर गुस्साए मनप्रीत ने उसका गला दबा दिया। ममता का गला दबाए जाने की सूचना पाकर स्टाफ रूम में बैठे स्कूल के मुख्याध्यापक राजेंद्र सिंह के अलावा अध्यापक संजीव भारद्वाज, शेषपाल, वीरपाल कौर तथा सीमा रानी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बेसुध अवस्था में पड़ी ममता को एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। यहां से डॉक्टर ने उसे राजकीय अस्पताल में भेज दिया। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ममता की हालत खतरे से बाहर घोषित कर दी।
अभिभावकों को तलब किया
स्कूल के मुख्यध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में छात्र मनप्रीत को घर भेजकर उसके अभिभावकों को स्कूल में तलब किया गया है।
उधर इस बारे में थाना शहर पुलिस के कार्यकारी प्रभारी एसआई मंदरूप सिंह ने बताया कि पुलिस के पास इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने के बाद ही कार्यवाई की जाएगी।
19 जुलाई 2010
प्रेमी जोड़े ने जहर निगला
डबवाली (लहू की लौ) गांव बांडी में एक विवाहित प्रेमी जोड़े ने जहरीला पदार्थ निगल कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली।
थाना संगत के एएसआई तथा जांच अधिकारी सुबेग सिंह ने बताया कि गांव बांडी का मुकेश कुमार (30) पुत्र हीरा लाल धोबियाना मुहल्ला बठिंडा में पूजा रानी पुत्री वजेन्द्र कुमार से विवाहित था और इधर गांव भागीबंदर की पूजा रानी (30) इसी मुहल्ले के राजेन्द्र कुमार पुत्र हरी राम के साथ विवाहिता थी।
उनके अनुसार दो वर्ष पूर्व मुकेश बांडी तथा पूजा भागीबंदर के बीच प्रेम संबंध पैदा हो गये और दोनों एक साथ रहने लगे। जिस पर दोनों के ही अभिभावकों ने ऐतराज जताया और इस संबंध में एक बार तलबंडी साबो थाना में पंचायत भी हुई और उस पंचायत में यह तय हुआ कि यह दोनों एक-दूसरे से नहीं मिलेंगे।
लेकिन पिछले 10 दिनों से मुकेश और पूजा फिर एक-दूसरे से मिलने लगे और शुक्रवार शाम को गांव बांडी के खेतों में जाकर दोनों ने जहर निगल लिया। मुकेश के पिता हीरा लाल पुत्र मंगत राम बांडी ने पुलिस को दिये ब्यान में बताया कि जहरीला पदार्थ निगलने के बाद यह दोनों घर आ गये और कहने लगे कि उन्होंने तो जहरीला पदार्थ निगल कर जीवन लीला समाप्त कर ली है। दोनों को गंभीर हालत में जब अस्पताल ले जाया जा रहा था तो मार्ग में ही दोनों ने दम तोड़ दिया।
दम्पत्ति झुलसा, महिला की मौत
डबवाली (लहू की लौ) थाना संगत के अन्तर्गत आने वाले गांव मशाना में शुक्रवार की रात को अपने घर पर स्टोव पर खाना बनाते समय आग लग जाने से दम्पत्ति झुलस गया। जबकि महिला की मौत हो गई।
थाना संगत प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप सिंह भाटी ने बताया कि गांव मशाना में जोगिन्द्र कौर उर्फ कुलदीप कौर (40) पत्नी दर्शन सिंह शुक्रवार की रात को करीब 8 बजे अपने घर में स्टोव पर खाना बना रही थी कि अचानक उसके कपड़ों को आग लग गई। उसके शोर करने पर उसके बचाव के लिए जैसे ही दर्शन सिंह आग बुझाने का प्रयास करने लगा तो आग ने उसे भी दबोच लिया।
जोगिन्द्र कौर की मौका पर ही मौत हो गई। जबकि उसका पति दर्शन सिंह अभी भी सिविल अस्पताल बठिंडा में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
18 जुलाई 2010
सरकार की नजर में इंसाफ मांगने वाला नक्सली-हिमांशु
डबवाली (लहू की लौ) गांधी आश्रम दांतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) के संचालक हिमांशु कुमार ने कहा कि सरकार विदेशी कम्पनियों से सौदेबाजी करके देश के धन को लूटा रही है। माईनिंग के लिए सेना और पुलिस के बल पर गरीब लोगों की जमीन हथियाई जा रही है। इंसाफ मांगने वाले को नक्सली करार देकर उसकी हत्या कर दी जाती है।
वे शनिवार को ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में अपने भारत भ्रमण के दौरान डबवाली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र 5वें अनुसूचित जाति एरिया में आते हैं। क्षेत्र में कानून पेसा लागू होता है। बिना ग्राम सभा की मंजूरी के लिए इस क्षेत्र में पुलिस भी प्रवेश नहीं कर सकती। विदेशी कम्पनियां रूठ न जाएं इसके लिए सरकार कानून को धत्ता बताते हुए जबरन इन क्षेत्रों में प्रवेश करती है। माईनिंग के उद्देश्य से लोगों की जमीनों पर कब्जे करती है। विरोध करने वालों को नक्सली कहकर गोली मरवा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि 1 अक्तूबर 2009 को दांतेवाड़ा के गांव गोमपाक में एक दो साल के बच्चे मुकेश की सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने बाएं हाथ की तीन अंगुलियां काट दी। इतना ही नहीं बल्कि मुकेश की मां, नाना-नानी को भी मौत के घाट उतार दिया। गांव के अन्य 9 लोगों को मारा गया। साथ लगते गांव के भी 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
महात्मा गांधी और बिनोवा भावे के साथी प्रकाश भाई के बेटे हिमांशु ने कहा कि 18 वर्षों से वह अपने एक हजार साथियों के साथ दांतेवाड़ा के कंवल नार गांव में बनवासी चेतना आश्रम चला रहा था। जिसमें बच्चों को फ्री शिक्षा और ग्रामीणों उपचार किया जाता था। लेकिन सरकार ने उसे नक्सलियों के साथ जोड़कर आश्रम पर बुल्डोजर चलवा दिया। सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम में अब तक एक भी नक्सली नहीं मारा गया। मारे तो केवल आम लोग गए हैं। उनके अनुसार यह मार-धाड़ बिना जांच किए ही चल रही है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे नक्सली नहीं है और न ही नक्सलियों की किसी संस्था से सम्बन्ध रखते हैं। अपने मतलब के लिए हिंसा फैलाकर देश में अशांति स्थापित करने वाले कांग्रेसियों और भाजपाईयों को नक्सली नहीं कहा जाता। जबकि अपना हक मांगने वाले गरीब लोगों को नक्सली कहा जा रहा है। हिमांशु कुमार ने कहा कि ऑप्रेशन ग्रीन हंट से पहले सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ सलवायुडू नामक एक ऑप्रेशन चलाया था। ऑप्रेशन के दौरान नागा बटालियन ने दांतेवाड़ा के 644 गांवों को खाली करवाकर आग लगा दी। जिससे 4 लाख लोग विस्थापित हो गए। कुछ लोगों ने आंध्र प्रदेश में शरण ली और कुछ ने दूर-दराज के गांवों में। जबकि कुछ लोग जंगलों में भाग लिए। जंगलों में छुपे हुए लोगों को नक्सली कहकर सरकार ऑप्रेशन ग्रीन हंट चला रही है।
उन्होंने कहा कि ये सरकारें न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना करती हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उजाड़े गए आदिवासियों को सरकारों ने नहीं बसाया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि जुल्म से हिंसा फैलती है और अशांति भी। इसलिए सरकार संयम से काम ले और जो लोग अधिकार मांग रहे हैं, उन्हें उनके जायज अधिकार दे।
हिमांशु के अनुसार वे अपने साथी अभय के साथ 27 जून को दिल्ली से ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में देश की साईकिल यात्रा पर निकले हैं। इस अवसर पर उनके साथ शहीद भगत सिंह विचार मंच डबवाली के बलजीत सिंह, अश्विनी शर्मा उपस्थित थे।
वे शनिवार को ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में अपने भारत भ्रमण के दौरान डबवाली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र 5वें अनुसूचित जाति एरिया में आते हैं। क्षेत्र में कानून पेसा लागू होता है। बिना ग्राम सभा की मंजूरी के लिए इस क्षेत्र में पुलिस भी प्रवेश नहीं कर सकती। विदेशी कम्पनियां रूठ न जाएं इसके लिए सरकार कानून को धत्ता बताते हुए जबरन इन क्षेत्रों में प्रवेश करती है। माईनिंग के उद्देश्य से लोगों की जमीनों पर कब्जे करती है। विरोध करने वालों को नक्सली कहकर गोली मरवा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि 1 अक्तूबर 2009 को दांतेवाड़ा के गांव गोमपाक में एक दो साल के बच्चे मुकेश की सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने बाएं हाथ की तीन अंगुलियां काट दी। इतना ही नहीं बल्कि मुकेश की मां, नाना-नानी को भी मौत के घाट उतार दिया। गांव के अन्य 9 लोगों को मारा गया। साथ लगते गांव के भी 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
महात्मा गांधी और बिनोवा भावे के साथी प्रकाश भाई के बेटे हिमांशु ने कहा कि 18 वर्षों से वह अपने एक हजार साथियों के साथ दांतेवाड़ा के कंवल नार गांव में बनवासी चेतना आश्रम चला रहा था। जिसमें बच्चों को फ्री शिक्षा और ग्रामीणों उपचार किया जाता था। लेकिन सरकार ने उसे नक्सलियों के साथ जोड़कर आश्रम पर बुल्डोजर चलवा दिया। सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम में अब तक एक भी नक्सली नहीं मारा गया। मारे तो केवल आम लोग गए हैं। उनके अनुसार यह मार-धाड़ बिना जांच किए ही चल रही है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे नक्सली नहीं है और न ही नक्सलियों की किसी संस्था से सम्बन्ध रखते हैं। अपने मतलब के लिए हिंसा फैलाकर देश में अशांति स्थापित करने वाले कांग्रेसियों और भाजपाईयों को नक्सली नहीं कहा जाता। जबकि अपना हक मांगने वाले गरीब लोगों को नक्सली कहा जा रहा है। हिमांशु कुमार ने कहा कि ऑप्रेशन ग्रीन हंट से पहले सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ सलवायुडू नामक एक ऑप्रेशन चलाया था। ऑप्रेशन के दौरान नागा बटालियन ने दांतेवाड़ा के 644 गांवों को खाली करवाकर आग लगा दी। जिससे 4 लाख लोग विस्थापित हो गए। कुछ लोगों ने आंध्र प्रदेश में शरण ली और कुछ ने दूर-दराज के गांवों में। जबकि कुछ लोग जंगलों में भाग लिए। जंगलों में छुपे हुए लोगों को नक्सली कहकर सरकार ऑप्रेशन ग्रीन हंट चला रही है।
उन्होंने कहा कि ये सरकारें न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना करती हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उजाड़े गए आदिवासियों को सरकारों ने नहीं बसाया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि जुल्म से हिंसा फैलती है और अशांति भी। इसलिए सरकार संयम से काम ले और जो लोग अधिकार मांग रहे हैं, उन्हें उनके जायज अधिकार दे।
हिमांशु के अनुसार वे अपने साथी अभय के साथ 27 जून को दिल्ली से ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में देश की साईकिल यात्रा पर निकले हैं। इस अवसर पर उनके साथ शहीद भगत सिंह विचार मंच डबवाली के बलजीत सिंह, अश्विनी शर्मा उपस्थित थे।
08 जुलाई 2010
दलित परिवार ने निगला जहर, पांच की मौत
डबवाली (लहू की लौ) चाय में जहरीला पदार्थ निगल कर गांव चौटाला में एक दलित परिवार के 5 लोगों ने जान दे दी जबकि एक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है।
गांव चौटाला के वार्ड नं. 8 की निवासी तथा आंगनवाड़ी वर्कर बिमला (50) पत्नी भजन लाल मेघवाल ने बताया कि उसकेबेटे कालू राम ने गांव के ही जमींदार ओमप्रकाश की चौथ पर ली हुई है। बुधवार को वह जमीन पर काम करके जल्दी ही घर लौट आया। जबकि वह दोपहर 12 बजे आंगनवाड़ी में खाना बनाने के लिए चली गई। लेकिन शाम को जब घर वापिस लौटी तो परिवार के सभी सदस्य इधर-उधर गिर रहे थे। इसका कारण पूछने पर कालू राम ने उसे बताया कि उन लोगों ने चाय में डाल कर गेहूं में डालने वाली गोली निगल ली है।
वह तत्काल लोगों के सहयोग से उसके बेटे कालू राम (35), पुत्रवधू राममूर्ति (30), पौत्रे गोबिन्द (5) सोमा (9), पौत्रियां सलीन रानी (10), कविता रानी (8) को चौटाला के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें डबवाली रैफर कर दिया।
डबवाली सिविल अस्पताल में आने के कुछ समय बाद चिकित्सक ने राममूर्ति, गोबिन्द, सलीन रानी, कविता रानी को मृत घोषित कर दिया। जबकि कालू राम तथा सोमा को प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन गांव पन्नीवाला मोटा के पास सोमा ने भी दम तोड़ दिया।
बिमला से जब जहर निगलने का कारण पूछा गया तो उसने कहा कि वह भी नहीं जानती कि आखिर कालू राम व उसके परिवार ने जहर क्यों निगला। जबकि उन सब में आपस में लड़ाई-झगड़ा भी नहीं हुआ।
इधर इस मामले की जांच कर रहे चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि वह स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करके इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि जहर किस चीज में मिला हुआ था और कालू राम परिवार ने जहर क्यों निगला।
गांव चौटाला के वार्ड नं. 8 की निवासी तथा आंगनवाड़ी वर्कर बिमला (50) पत्नी भजन लाल मेघवाल ने बताया कि उसकेबेटे कालू राम ने गांव के ही जमींदार ओमप्रकाश की चौथ पर ली हुई है। बुधवार को वह जमीन पर काम करके जल्दी ही घर लौट आया। जबकि वह दोपहर 12 बजे आंगनवाड़ी में खाना बनाने के लिए चली गई। लेकिन शाम को जब घर वापिस लौटी तो परिवार के सभी सदस्य इधर-उधर गिर रहे थे। इसका कारण पूछने पर कालू राम ने उसे बताया कि उन लोगों ने चाय में डाल कर गेहूं में डालने वाली गोली निगल ली है।
वह तत्काल लोगों के सहयोग से उसके बेटे कालू राम (35), पुत्रवधू राममूर्ति (30), पौत्रे गोबिन्द (5) सोमा (9), पौत्रियां सलीन रानी (10), कविता रानी (8) को चौटाला के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें डबवाली रैफर कर दिया।
डबवाली सिविल अस्पताल में आने के कुछ समय बाद चिकित्सक ने राममूर्ति, गोबिन्द, सलीन रानी, कविता रानी को मृत घोषित कर दिया। जबकि कालू राम तथा सोमा को प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन गांव पन्नीवाला मोटा के पास सोमा ने भी दम तोड़ दिया।
बिमला से जब जहर निगलने का कारण पूछा गया तो उसने कहा कि वह भी नहीं जानती कि आखिर कालू राम व उसके परिवार ने जहर क्यों निगला। जबकि उन सब में आपस में लड़ाई-झगड़ा भी नहीं हुआ।
इधर इस मामले की जांच कर रहे चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि वह स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करके इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि जहर किस चीज में मिला हुआ था और कालू राम परिवार ने जहर क्यों निगला।
07 जुलाई 2010
चलती बस से युवक को फेंका, मौत
डबवाली (लहू की लौ) पुरानी रंजिश को लेकर गांव जण्डवाला के दो युवकों में बस में हुए झगड़े में एक युवक ने दूसरे युवक को चलती बस से धक्का देकर उसकी हत्या कर दी।
थाना सदर डबवाली के कार्यकारी प्रभारी रतन सिंह ने बताया कि गांव जण्डवाला बिश्नोइयां के सोनू (15) पुत्र सत्यनारायण ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भाई प्रहलाद (18) उसे उसके ननिहाल सूरतगढ़ छोडऩे के लिए हरियाणा रोड़वेज की बस से गांव जण्डवाला बिश्नोइयां से संगरिया के लिए जा रहा था। गांव से ही इस बस में उनके गांव का विष्णु पुत्र रामसरूप सवार हुआ।
शिकायतकर्ता के अनुसार जैसे ही बस गांव आसाखेड़ा के पास पहुंची तो विष्णु पुरानी रंजिश को लेकर उसके भाई प्रहलाद से झगडऩे लगा। इसी दौरान विष्णु ने बस का दरवाजा खोल कर चलती बस से प्रहलाद को धक्का दे दिया। प्रहलाद की मौका पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार सोनू ने बताया कि 31 मार्च को प्रहलाद व विष्णु में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और इस संबंध में प्रहलाद बगैरा के खिलाफ 325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ था। तभी से विष्णु उसके भाई से रंजिश रखता आ रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि सोनू की शिकायत पर विष्णु के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके लाश को कब्जे में लेकर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
थाना सदर डबवाली के कार्यकारी प्रभारी रतन सिंह ने बताया कि गांव जण्डवाला बिश्नोइयां के सोनू (15) पुत्र सत्यनारायण ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भाई प्रहलाद (18) उसे उसके ननिहाल सूरतगढ़ छोडऩे के लिए हरियाणा रोड़वेज की बस से गांव जण्डवाला बिश्नोइयां से संगरिया के लिए जा रहा था। गांव से ही इस बस में उनके गांव का विष्णु पुत्र रामसरूप सवार हुआ।
शिकायतकर्ता के अनुसार जैसे ही बस गांव आसाखेड़ा के पास पहुंची तो विष्णु पुरानी रंजिश को लेकर उसके भाई प्रहलाद से झगडऩे लगा। इसी दौरान विष्णु ने बस का दरवाजा खोल कर चलती बस से प्रहलाद को धक्का दे दिया। प्रहलाद की मौका पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार सोनू ने बताया कि 31 मार्च को प्रहलाद व विष्णु में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और इस संबंध में प्रहलाद बगैरा के खिलाफ 325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ था। तभी से विष्णु उसके भाई से रंजिश रखता आ रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि सोनू की शिकायत पर विष्णु के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके लाश को कब्जे में लेकर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
पुत्र मोह में रचाई दूसरी शादी, पहली पत्नी को घर से निकाला
डबवाली (लहू की लौ) भले ही इंसान चन्द्र और मंगल लोक पर पहुंच गया है और महिलाओं को पुरूषों के बराबर संवैधानिक अधिकार मिल गए हैं। लेकिन फिर भी पुरूष प्रधान समाज की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया। जिसके चलते आज भी अपना वंश चलाए रखने के लिए बेटा न होने पर पत्नी को घर से निकालने से भी पुरूष नहीं चूकता। उपमण्डल डबवाली के गांव सकताखेड़ा की एक महिला ने इसी प्रसंग को लेकर अदालत की शरण ली है।
महिला ने लड़का पैदा न होने के चलते मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने और पहली के जीवित रहते नई शादी रचाने के आरोप में अपने पति सहित 9 जनों पर एक इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई है। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत डबवाली पुलिस को पति सहित 9 जनों के खिलाफ धारा 406/498ए/494/504/506, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दायर इस्तगासा में जसवीर कौर (38) पत्नी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह निवासी गांव ढाबां तहसील संगरिया हाल पुत्री मुख्तियार सिंह पुत्र दलीप सिंह गांव सकताखेड़ा ने आरोप लगाया है कि मार्च 1992 में हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार उसकी शादी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह के साथ सम्पन्न हुई थी। जिसमें उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया। उसके 4-2-1993 को दर्शन सिंह के सहयोग से एक लड़की शरणदीप कौर का जन्म हुआ। वह अभी तक भी दर्शन सिंह की विवाहिता पत्नी है और उसके मध्य में आज तक कानूनी तौर पर कोई तलाक नहीं हुआ है। लेकिन उसके कोई लड़का पैदा न होने से दर्शन सिंह और उसका ससुर बलकौर सिंह निवासी ढाबां, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासी सिरियांवाली जिला बठिण्डा उसे मानसिक रूप से व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने लगे और आरोपियों ने मारपीट करके तलाक हेतू कागजों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की। लेकिन उसने ऐसा नहीं होने दिया और धमकी देने लगे कि वे उसे घर पर नहीं बसाएंगे तथा दर्शन सिंह की दूसरी शादी बिना तलाक लिए ही करवा लेंगे।
इस पर वह रोती हुई अपने मायके आई। सारी बात मायके वालों को बताने पर उसकी माता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी मौत हो गई। इसके बाद कई बार पंचायतें हुई। लेकिन आरोपी आश्वासन ही देते रहे। जून 2009 में उसे बताया गया कि उसके पति दर्शन सिंह की दूसरी शादी सुखपाल कौर के साथ बजरिया आनन्द कारज गांव जलाल जिला बठिण्डा में हो गई है। जिसमें बिचौले के रूप में रानी व उसके पति बलदेव सिंह ने भूमिका अदा की है।
इस पूरे मामले में शिकायतकात्री ने दर्शन सिंह की माता जसमेल कौर, दर्शन सिंह की दूसरी पत्नी सुखपाल कौर पुत्री मलकीत सिंह निवासी जलाल, मलकीत सिंह, अक्को पत्नी मलकीत सिंह निवासीगण जलाल, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासीगण सिरियांवाली जिला बठिण्डा, हरदीप सिंह पुत्र नन्द सिंह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी निवासी ढाबां को आरोपी बनाते हुए अदालत से न्याय की गुहार लगाई है। शनिवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए थाना सदर पुलिस डबवाली को उपरोक्त धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
महिला ने लड़का पैदा न होने के चलते मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने और पहली के जीवित रहते नई शादी रचाने के आरोप में अपने पति सहित 9 जनों पर एक इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई है। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत डबवाली पुलिस को पति सहित 9 जनों के खिलाफ धारा 406/498ए/494/504/506, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दायर इस्तगासा में जसवीर कौर (38) पत्नी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह निवासी गांव ढाबां तहसील संगरिया हाल पुत्री मुख्तियार सिंह पुत्र दलीप सिंह गांव सकताखेड़ा ने आरोप लगाया है कि मार्च 1992 में हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार उसकी शादी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह के साथ सम्पन्न हुई थी। जिसमें उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया। उसके 4-2-1993 को दर्शन सिंह के सहयोग से एक लड़की शरणदीप कौर का जन्म हुआ। वह अभी तक भी दर्शन सिंह की विवाहिता पत्नी है और उसके मध्य में आज तक कानूनी तौर पर कोई तलाक नहीं हुआ है। लेकिन उसके कोई लड़का पैदा न होने से दर्शन सिंह और उसका ससुर बलकौर सिंह निवासी ढाबां, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासी सिरियांवाली जिला बठिण्डा उसे मानसिक रूप से व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने लगे और आरोपियों ने मारपीट करके तलाक हेतू कागजों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की। लेकिन उसने ऐसा नहीं होने दिया और धमकी देने लगे कि वे उसे घर पर नहीं बसाएंगे तथा दर्शन सिंह की दूसरी शादी बिना तलाक लिए ही करवा लेंगे।
इस पर वह रोती हुई अपने मायके आई। सारी बात मायके वालों को बताने पर उसकी माता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी मौत हो गई। इसके बाद कई बार पंचायतें हुई। लेकिन आरोपी आश्वासन ही देते रहे। जून 2009 में उसे बताया गया कि उसके पति दर्शन सिंह की दूसरी शादी सुखपाल कौर के साथ बजरिया आनन्द कारज गांव जलाल जिला बठिण्डा में हो गई है। जिसमें बिचौले के रूप में रानी व उसके पति बलदेव सिंह ने भूमिका अदा की है।
इस पूरे मामले में शिकायतकात्री ने दर्शन सिंह की माता जसमेल कौर, दर्शन सिंह की दूसरी पत्नी सुखपाल कौर पुत्री मलकीत सिंह निवासी जलाल, मलकीत सिंह, अक्को पत्नी मलकीत सिंह निवासीगण जलाल, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासीगण सिरियांवाली जिला बठिण्डा, हरदीप सिंह पुत्र नन्द सिंह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी निवासी ढाबां को आरोपी बनाते हुए अदालत से न्याय की गुहार लगाई है। शनिवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए थाना सदर पुलिस डबवाली को उपरोक्त धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
......अब पछतावा
डबवाली (लहू की लौ) पिस्तौल की नोक पर लाखों रूपये का सोना लूटने वाले गिरोह के डबवाली पुलिस द्वारा पकड़े गये लुटेरे अब अपनी करनी पर पछतावा कर रहे हैं।
लूट के मामले में गिरफ्तार हवलदार तथा डीसी फरीदकोट के गनमैन गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह निवासी सुन्दर नगर, फरीदकोट ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए पुलिस कस्टडी में स्वीकार किया है कि उसने लूट की वारदात में शामिल होकर गलती की है। वह पंजाब पुलिस के डीजीपी कार्यालय चण्डीगढ़ में बतौर ड्राईवर भी तैनात रहा है। 23 जुलाई 1985 में वह पुलिस में भर्ती हुआ था, उसका बैल्ट नं. 754 है।
उसने बताया कि वह किस प्रकार से इस सरगना के मुखिया सुरजीत सिंह निवासी बरनाला के चंगुल में फंसा। उसके अनुसार सुरजीत सिंह पंजाब पुलिस से निलम्बित कर्मचारी है। उसकी मुलाकात फरीदकोट में अक्सर सुरजीत सिंह उस समय होती रहती थी जब वह पेशी भुगतने के लिए अदालत में आता था। उसे यह मालूम था कि वह इतना बड़ा शातिर है। अगर गुरजीत सिंह की मानें तो उसके अनुसार इस लूट की वारदात में अभी तक उसे हिस्सा नहीं मिला है। लेकिन हिस्सा बंटने से पूर्व ही हरियाणा पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उसने यह भी बताया कि 26 जून को उसे सुरजीत सिंह ने फोन करके डबवाली पहुंचने के लिए कहा और वह तुरन्त जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को साथ लेकर डबवाली के बठिंडा चौक में पहुंच गया और 26 जून की वारदात को अंजाम दिया। उसने यह भी बताया कि उनका एक साथी राम भी उनके साथ था। उनके अनुसार लूटपाट के बाद वह लोग तो फरीदकोट चले गये जबकि उनके दो अन्य साथी बठिंडा की ओर।
इधर पता चला है कि अन्य अभियुक्तों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कई संदिग्ध स्थानों पर पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर छापामारी भी की। लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली। इस संबंध थाना शहर डबवाली प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य आरोपी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे।
लूट के मामले में गिरफ्तार हवलदार तथा डीसी फरीदकोट के गनमैन गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह निवासी सुन्दर नगर, फरीदकोट ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए पुलिस कस्टडी में स्वीकार किया है कि उसने लूट की वारदात में शामिल होकर गलती की है। वह पंजाब पुलिस के डीजीपी कार्यालय चण्डीगढ़ में बतौर ड्राईवर भी तैनात रहा है। 23 जुलाई 1985 में वह पुलिस में भर्ती हुआ था, उसका बैल्ट नं. 754 है।
उसने बताया कि वह किस प्रकार से इस सरगना के मुखिया सुरजीत सिंह निवासी बरनाला के चंगुल में फंसा। उसके अनुसार सुरजीत सिंह पंजाब पुलिस से निलम्बित कर्मचारी है। उसकी मुलाकात फरीदकोट में अक्सर सुरजीत सिंह उस समय होती रहती थी जब वह पेशी भुगतने के लिए अदालत में आता था। उसे यह मालूम था कि वह इतना बड़ा शातिर है। अगर गुरजीत सिंह की मानें तो उसके अनुसार इस लूट की वारदात में अभी तक उसे हिस्सा नहीं मिला है। लेकिन हिस्सा बंटने से पूर्व ही हरियाणा पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उसने यह भी बताया कि 26 जून को उसे सुरजीत सिंह ने फोन करके डबवाली पहुंचने के लिए कहा और वह तुरन्त जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को साथ लेकर डबवाली के बठिंडा चौक में पहुंच गया और 26 जून की वारदात को अंजाम दिया। उसने यह भी बताया कि उनका एक साथी राम भी उनके साथ था। उनके अनुसार लूटपाट के बाद वह लोग तो फरीदकोट चले गये जबकि उनके दो अन्य साथी बठिंडा की ओर।
इधर पता चला है कि अन्य अभियुक्तों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कई संदिग्ध स्थानों पर पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर छापामारी भी की। लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली। इस संबंध थाना शहर डबवाली प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य आरोपी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे।
डबवाली में पिटा काऊंटर इंटेलिजंस अधिकारी
डबवाली (लहू की लौ) यहां के बठिंडा चौक से एक कार चालक की कनपटी पर पिस्तौल लगा कर अपहरण करने का प्रयास कर रहे तीन जनों में से एक को लोगों ने दबोच लिया और उसकी अच्छी खातिरदारी की। लोगों का शिकार बने व्यक्ति ने पुलिस के समक्ष अपनी पहचान काऊंटर इंटेलिजंस पटियाला जोन पंजाब के एसआई के रूप में करवाई।
गुरतेज सिंह (40) पुत्र सुखमन्दर सिंह निवासी मुक्तसर ने बताया कि वह मुक्तसर में बाबा सन्त सिंह रोड़ पर हरमन ज्वैलर्स के नाम पर ज्वैलरी का काम करता है। रविवार को उसने कालांवाली अपनी बुआ को मिलने के लिए जाना था। उसने डबवाली में अपने बुआ के बेटे कुलदीप सिंह तथा सांडू कौर सिंह को इसकी सूचना फोन पहले देकर गोल चौक पर आने के लिए कह दिया था।
वह रविवार को सुबह लगभग 7.30 बजे बठिंडा चौक डबवाली में पहुुंच गया। कुलदीप सिंह पहले ही वहां मौजूद था। जबकि वह दोनों कौर सिंह के आने का इंतजार करने लगे। इसी दौरान वहां पर तीन व्यक्ति आये और उनमें से एक कार की पिछली सीट पर सवार हो गया और दूसरे ने उसकी कार की चाबी निकाल कर मोबाइल छीन लिया। तीसरा कार के दूसरी साईड पर खड़ा हो गया। पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति ने उनकी कनपटी पर पिस्तौल लगा लिया और बाहर खड़े व्यक्ति को आदेश दिया कि वह उसे बाहर निकाल कर स्वयं कार का स्टेयरिंग संभाल ले।
शिकायतकर्ता के अनुसार वह उन व्यक्तियों से अपना कसूर पूछ रहा है और वह कौन व्यक्ति हैं जानने का प्रयास कर रहा था। तभी वहां पर कौर सिंह भी अपने बेटे वीरेन्द्र सिंह के साथ आ गया। उन्होंने संबंधित व्यक्तियों द्वारा कोई जवाब न देेने पर शोर मचा दिया। शोर सुन कर आसपास के लोगों ने उन तीन अज्ञात व्यक्तियों को घेर लिया और कनपटी पर पिस्तौल लगाने वाले को दबोच लिया। जबकि दो अन्य लोगों को चकमा देकर फरार हो गये।
लोगों ने पहले तो दबोचे गये व्यक्ति की अच्छी खातिरदारी की और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया। लूटपाट की घटना इसी चौक में 26 जून को पहले ही घटित हुई थी और लोग चौकन्ने थे। इस घटना की सूचना पाकर नगर के काफी लोग मौका पर पहुंच गये। जिसमें एडवोकेट रणजीत सिंह, एडवोकेट सुखबीर सिंह बराड़, एडवोकेट जितेन्द्र खैरा, वाईन ठेकेदार बिल्ला आदि शाामिल हैं। मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को लोगों द्वारा दबोचे गये व्यक्ति ने अपना नाम पंकज कुमार निवासी रामपुरा बताया और कहा कि वह बरनाला के एक प्राईवेट कॉलेज में प्रोफेसर लगा हुआ है। थाना शहर डबवाली के प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से जब इस सन्दर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पकड़े गये व्यक्ति ने पुलिस को अपनी पहचान स्वर्ण गांधी एसआई काउंटर इंटेलीजेेंस पटियाला जोन पंजाब बताया। उसने यह भी बताया कि वह अपने स्टाफ सदस्यों के साथ मलोट से किसी कार का पीछा कर रहा था। लेकिन गलती से बठिंडा चौक डबवाली में यह लोग उनके हत्थे चढ़ गये। उसने इस प्रकरण के लिए कार सवारों से लिखित में खेद भी प्रकट किया है।
ज्ञातव्य रहे डबवाली पुलिस को गहरी छानबीन के दौरान लोगों द्वारा पुलिस के सुपुर्द किये गये पंजाब पुलिस के इस अधिकारी ने अपने मिशन के बारे में कुछ भी नहीं बताया। सिर्फ इतना ही कहा कि मामला पूरी तरह सिक्रेट है और वह इसे बताने के लिए बाध्य नहीं हैं।
गुरतेज सिंह (40) पुत्र सुखमन्दर सिंह निवासी मुक्तसर ने बताया कि वह मुक्तसर में बाबा सन्त सिंह रोड़ पर हरमन ज्वैलर्स के नाम पर ज्वैलरी का काम करता है। रविवार को उसने कालांवाली अपनी बुआ को मिलने के लिए जाना था। उसने डबवाली में अपने बुआ के बेटे कुलदीप सिंह तथा सांडू कौर सिंह को इसकी सूचना फोन पहले देकर गोल चौक पर आने के लिए कह दिया था।
वह रविवार को सुबह लगभग 7.30 बजे बठिंडा चौक डबवाली में पहुुंच गया। कुलदीप सिंह पहले ही वहां मौजूद था। जबकि वह दोनों कौर सिंह के आने का इंतजार करने लगे। इसी दौरान वहां पर तीन व्यक्ति आये और उनमें से एक कार की पिछली सीट पर सवार हो गया और दूसरे ने उसकी कार की चाबी निकाल कर मोबाइल छीन लिया। तीसरा कार के दूसरी साईड पर खड़ा हो गया। पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति ने उनकी कनपटी पर पिस्तौल लगा लिया और बाहर खड़े व्यक्ति को आदेश दिया कि वह उसे बाहर निकाल कर स्वयं कार का स्टेयरिंग संभाल ले।
शिकायतकर्ता के अनुसार वह उन व्यक्तियों से अपना कसूर पूछ रहा है और वह कौन व्यक्ति हैं जानने का प्रयास कर रहा था। तभी वहां पर कौर सिंह भी अपने बेटे वीरेन्द्र सिंह के साथ आ गया। उन्होंने संबंधित व्यक्तियों द्वारा कोई जवाब न देेने पर शोर मचा दिया। शोर सुन कर आसपास के लोगों ने उन तीन अज्ञात व्यक्तियों को घेर लिया और कनपटी पर पिस्तौल लगाने वाले को दबोच लिया। जबकि दो अन्य लोगों को चकमा देकर फरार हो गये।
लोगों ने पहले तो दबोचे गये व्यक्ति की अच्छी खातिरदारी की और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया। लूटपाट की घटना इसी चौक में 26 जून को पहले ही घटित हुई थी और लोग चौकन्ने थे। इस घटना की सूचना पाकर नगर के काफी लोग मौका पर पहुंच गये। जिसमें एडवोकेट रणजीत सिंह, एडवोकेट सुखबीर सिंह बराड़, एडवोकेट जितेन्द्र खैरा, वाईन ठेकेदार बिल्ला आदि शाामिल हैं। मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को लोगों द्वारा दबोचे गये व्यक्ति ने अपना नाम पंकज कुमार निवासी रामपुरा बताया और कहा कि वह बरनाला के एक प्राईवेट कॉलेज में प्रोफेसर लगा हुआ है। थाना शहर डबवाली के प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से जब इस सन्दर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पकड़े गये व्यक्ति ने पुलिस को अपनी पहचान स्वर्ण गांधी एसआई काउंटर इंटेलीजेेंस पटियाला जोन पंजाब बताया। उसने यह भी बताया कि वह अपने स्टाफ सदस्यों के साथ मलोट से किसी कार का पीछा कर रहा था। लेकिन गलती से बठिंडा चौक डबवाली में यह लोग उनके हत्थे चढ़ गये। उसने इस प्रकरण के लिए कार सवारों से लिखित में खेद भी प्रकट किया है।
ज्ञातव्य रहे डबवाली पुलिस को गहरी छानबीन के दौरान लोगों द्वारा पुलिस के सुपुर्द किये गये पंजाब पुलिस के इस अधिकारी ने अपने मिशन के बारे में कुछ भी नहीं बताया। सिर्फ इतना ही कहा कि मामला पूरी तरह सिक्रेट है और वह इसे बताने के लिए बाध्य नहीं हैं।
04 जुलाई 2010
उपायुक्त की सिक्योरिटी में तैनात गार्ड निकला लुटेरा
डबवाली (लहू की लौ) पिस्तौल की नोक पर लाखों रूपये का सोना लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो सदस्यों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार करके बड़ी सफलता अर्जित की है। लुटेरों में पंजाब के एक डीसी का सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल है।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह के अनुसार दिल्ली से गंगानगर जा रही जमींदारा ट्रांस्पोर्ट की एक बस जब 26 जून को सुबह डबवाली पहुंची तो उसमें सवार अबोहर निवासी सौरभ शर्मा (23) पुत्र नरेन्द्र शर्मा को चार अज्ञात कार सवारों ने बस से अपहरण करके एक इंडिको कार में मंडी किलियांवाली के डीकासर गुरूद्वारा के पास ले जाकर पिस्तौल की नोक पर उसके अंडरवीयर में छुपाये 950 ग्राम सोना बिस्कुट और जेवरात लूट लिये थे। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया था कि लुटेरों में से एक पंजाब पुलिस की वर्दी में भी था।
सौरभ शर्मा ने उस समय पुलिस को दिये ब्यान में बताया था कि वह गंगानगर की जवाहर मार्किट में स्थित कन्हैया लाल की दुकान पर सोने-चांदी का काम करता है और गंगानगर के कन्हैया लाल का 250 ग्राम, अशोक कुमार का 550 ग्राम और दौलत राम का 150 ग्राम सोना दिल्ली से 15 लाख रूपये में खरीद कर गंगानगर जमींदारा ट्रांस्पोर्ट से ले जा रहा था।
जिला सिरसा पुलिस ने एसपी सतिन्द्र गुप्ता के दिशा निर्देश पर आरोपियों की तालाश शुरू करते हुए सौरभ शर्मा द्वारा बताई गई पहचान के आधार पर तीन स्कैच तैयार किये थे। इन स्कैच को एसआई कैलाश चन्द्र ने स्वयं सीआईए बठिंडा के साथ-साथ मलोट, गिदड़बाहा, संगत, बरनाला, फरीदकोट, मुक्तसर के थानों में जाकर पुलिस को दिये और सहयोग मांगा। पुलिस को इस अभियान में शुक्रवार शाम को उस समय भारी सफलता मिली जब मुखबरी के आधार पर बठिंडा के बस स्टैंड के सामने सौरभ शर्मा की शिनाख्त पर लूटेरा गिरोह के दो लोगों को दबोच लिया। दबोचे गये लोगों ने पुलिस को अपनी पहचान गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह तथा जगजीत सिंह उर्फ जग्गा (43) पुत्र मुख्तियार सिंह निवासीगण फरीदकोट (पंजाब) के रूप में करवाई।
थाना प्रभारी के अनुसार पकड़े गये गुरजीत सिंह ने अपनी पहचान को विस्तार से बताते हुए बताया कि वह पंजाब पुलिस में हवलदार के पद पर है और इन दिनों फरीदकोट के उपायुक्त की गार्द में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात है।
पुलिस ने उपरोक्त दोनों आरोपियों को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में पेश करके अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने, लूट में प्रयुक्त की गई कार, लूटा गया सोना बरामद करने के लिए 5 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। लेकिन अदालत ने पुलिस की याचिका को स्वीकार करते हुए आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दे दिया।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह के अनुसार दिल्ली से गंगानगर जा रही जमींदारा ट्रांस्पोर्ट की एक बस जब 26 जून को सुबह डबवाली पहुंची तो उसमें सवार अबोहर निवासी सौरभ शर्मा (23) पुत्र नरेन्द्र शर्मा को चार अज्ञात कार सवारों ने बस से अपहरण करके एक इंडिको कार में मंडी किलियांवाली के डीकासर गुरूद्वारा के पास ले जाकर पिस्तौल की नोक पर उसके अंडरवीयर में छुपाये 950 ग्राम सोना बिस्कुट और जेवरात लूट लिये थे। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया था कि लुटेरों में से एक पंजाब पुलिस की वर्दी में भी था।
सौरभ शर्मा ने उस समय पुलिस को दिये ब्यान में बताया था कि वह गंगानगर की जवाहर मार्किट में स्थित कन्हैया लाल की दुकान पर सोने-चांदी का काम करता है और गंगानगर के कन्हैया लाल का 250 ग्राम, अशोक कुमार का 550 ग्राम और दौलत राम का 150 ग्राम सोना दिल्ली से 15 लाख रूपये में खरीद कर गंगानगर जमींदारा ट्रांस्पोर्ट से ले जा रहा था।
जिला सिरसा पुलिस ने एसपी सतिन्द्र गुप्ता के दिशा निर्देश पर आरोपियों की तालाश शुरू करते हुए सौरभ शर्मा द्वारा बताई गई पहचान के आधार पर तीन स्कैच तैयार किये थे। इन स्कैच को एसआई कैलाश चन्द्र ने स्वयं सीआईए बठिंडा के साथ-साथ मलोट, गिदड़बाहा, संगत, बरनाला, फरीदकोट, मुक्तसर के थानों में जाकर पुलिस को दिये और सहयोग मांगा। पुलिस को इस अभियान में शुक्रवार शाम को उस समय भारी सफलता मिली जब मुखबरी के आधार पर बठिंडा के बस स्टैंड के सामने सौरभ शर्मा की शिनाख्त पर लूटेरा गिरोह के दो लोगों को दबोच लिया। दबोचे गये लोगों ने पुलिस को अपनी पहचान गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह तथा जगजीत सिंह उर्फ जग्गा (43) पुत्र मुख्तियार सिंह निवासीगण फरीदकोट (पंजाब) के रूप में करवाई।
थाना प्रभारी के अनुसार पकड़े गये गुरजीत सिंह ने अपनी पहचान को विस्तार से बताते हुए बताया कि वह पंजाब पुलिस में हवलदार के पद पर है और इन दिनों फरीदकोट के उपायुक्त की गार्द में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात है।
पुलिस ने उपरोक्त दोनों आरोपियों को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में पेश करके अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने, लूट में प्रयुक्त की गई कार, लूटा गया सोना बरामद करने के लिए 5 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। लेकिन अदालत ने पुलिस की याचिका को स्वीकार करते हुए आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दे दिया।
02 जुलाई 2010
पालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन अविश्वास मत हारी
डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन और उपाध्यक्ष हरनेक सिंह के खिलाफ उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल की अध्यक्षता में गुरूवार को आयोजित पार्षदों की बैठक में दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 14 और विरोध में दो मत पड़े। जबकि सिम्पा जैन के साथ चट्टान की तरह खड़े चार अन्य पार्षद बैठक में उपस्थित ही नहीं हुए।
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्धारित समय सुबह 11.00 बजे नगरपालिका में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल पहुंच गए और उपस्थित पार्षदों की बैठक शुरू हो गई। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आए सभी 13 पार्षद सहित हल्का डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला उपस्थित थे। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने हाथ खड़े करके अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में या विरोध में मतदान करने का पार्षदों से अनुरोध किया। जिस पर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 13 पार्षदों सहित विधायक का हाथ भी उठा। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में कांग्रेस के चार विद्रोही पार्षद वार्ड नं. 1 से जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 12 से रमेश बागड़ी, वार्ड नं. 14 से विनोद बांसल, वार्ड नं. 17 से गीता चौहान और इनेलो तथा भाजपा के वार्ड नं. 2 से सरला गुप्ता, वार्ड नं. 3 से सुभाष मित्तल, वार्ड नं. 8 से कृष्णा छाबड़ा, वार्ड नं. 9 से सरोज सेठी, वार्ड नं. 10 से टेकचन्द छाबड़ा, वार्ड नं. 11 से नीलकान्त मैहता, वार्ड नं. 16 से गुरजीत सिंह, वार्ड नं. 18 सुखविन्द्र सरां, वार्ड नं. 19 सुरेन्द्र छिन्दा शामिल थे। जबकि प्रस्ताव के विरोध में केवल नगरपालिका अध्यक्षा एवं वार्ड नं. 4 से पार्षद सिम्पा जैन और उपाध्यक्ष एवं वार्ड नं. 7 से पार्षद हरनेक सिंह वहां अलग-थलग पड़े रहे। पालिका अध्यक्षा ने कांग्रेस समर्थित वार्ड नं. 5 से पार्षद बिन्दिया महन्त, वार्ड नं. 6 से ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 13 से मधु बागड़ी, वार्ड नं. 15 से सुरजीत चावला को अपने साथ चट्टान की तरह खड़े होने का दावा किया था, लेकिन इनमें से एक भी पार्षद प्रस्ताव के विरोध में बैठक में उपस्थित नहीं हुआ।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि आज 1 जुलाई 2010 को डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला की उपस्थिति में नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन तथा उपाध्यक्ष हरनेक सिंह के खिलाफ 13 पार्षदों द्वारा दिए गए शपथ-पत्रों पर अविश्वास प्रस्ताव बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विधायक सहित सभी 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया और इस अविश्वास प्रस्ताव को पारित घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि अब इस प्रस्ताव को आगामी कार्रवाई के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा जा रहा है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक के द्वारा प्रजातंत्र की निष्पक्षता को कायम रखा गया है। प्रशासन ने निष्पक्षता के मामले में पूरी पारदर्शिता बरती है।
इधर अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद सिम्पा जैन ने पहले तो इस सम्बन्ध में कोई भी प्रतिक्रिया करने से इंकार कर दिया। लेकिन बाद में कहा कि जो हुआ अच्छा ही हुआ। लेकिन पार्षदों ने अच्छा नहीं किया। कांग्रेस से सम्बन्धित पार्षदों ने अविश्वास का समर्थन करके केवल कांग्रेस पार्टी को ही बदनाम नहीं किया। बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. केवी सिंह को भी बदनाम किया। जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव न आए, इसके लिए काफी प्रयास किया था।
हल्का डबवाली से विधायक तथा इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पार्षदों ने प्रजातांत्रिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करके काफी समय से पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष को हटाने के सम्बन्ध में चलाए गए अभियान को सफल बना दिया। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष दोनों ही पार्षदों का विश्वास खो चुके थे और प्रशासन के साथ मिलकर मनमानी कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से मिलकर पिछली बैठक स्थगित करवा दी गई थी। यहां तक की पार्षदों की खरीद-फरोख्त का भी प्रयास किया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इनेलो के पार्षद किसी भी कीमत पर खरीदे नहीं जा सकते, यह उन्होंने आज की बैठक में भी सिद्ध कर दिया। उन्होनें यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्दी ही चुनाव की तिथि घोषित करके प्रधान और उपप्रधान पद के लिए पार्षदों की बैठक आमंत्रित करेगा, ताकि डबवाली के रूके हुए विकास कार्य गति पा सकें। उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि आगामी चुनाव प्रजातंत्र तरीके से मिल-बैठकर ही होंगे। 5 जुलाई के भारत बन्द के सम्बन्ध में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भी हरियाणा में पूर्ण बन्द होगा और इनेलो इस बन्द में जोर-शोर से भाग ले रही है। इधर नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक के समय पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था थी और डीएसपी बाबू लाल स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। प्रशासन द्वारा बैठक की कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्धारित समय सुबह 11.00 बजे नगरपालिका में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल पहुंच गए और उपस्थित पार्षदों की बैठक शुरू हो गई। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आए सभी 13 पार्षद सहित हल्का डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला उपस्थित थे। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने हाथ खड़े करके अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में या विरोध में मतदान करने का पार्षदों से अनुरोध किया। जिस पर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 13 पार्षदों सहित विधायक का हाथ भी उठा। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में कांग्रेस के चार विद्रोही पार्षद वार्ड नं. 1 से जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 12 से रमेश बागड़ी, वार्ड नं. 14 से विनोद बांसल, वार्ड नं. 17 से गीता चौहान और इनेलो तथा भाजपा के वार्ड नं. 2 से सरला गुप्ता, वार्ड नं. 3 से सुभाष मित्तल, वार्ड नं. 8 से कृष्णा छाबड़ा, वार्ड नं. 9 से सरोज सेठी, वार्ड नं. 10 से टेकचन्द छाबड़ा, वार्ड नं. 11 से नीलकान्त मैहता, वार्ड नं. 16 से गुरजीत सिंह, वार्ड नं. 18 सुखविन्द्र सरां, वार्ड नं. 19 सुरेन्द्र छिन्दा शामिल थे। जबकि प्रस्ताव के विरोध में केवल नगरपालिका अध्यक्षा एवं वार्ड नं. 4 से पार्षद सिम्पा जैन और उपाध्यक्ष एवं वार्ड नं. 7 से पार्षद हरनेक सिंह वहां अलग-थलग पड़े रहे। पालिका अध्यक्षा ने कांग्रेस समर्थित वार्ड नं. 5 से पार्षद बिन्दिया महन्त, वार्ड नं. 6 से ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 13 से मधु बागड़ी, वार्ड नं. 15 से सुरजीत चावला को अपने साथ चट्टान की तरह खड़े होने का दावा किया था, लेकिन इनमें से एक भी पार्षद प्रस्ताव के विरोध में बैठक में उपस्थित नहीं हुआ।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि आज 1 जुलाई 2010 को डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला की उपस्थिति में नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन तथा उपाध्यक्ष हरनेक सिंह के खिलाफ 13 पार्षदों द्वारा दिए गए शपथ-पत्रों पर अविश्वास प्रस्ताव बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विधायक सहित सभी 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया और इस अविश्वास प्रस्ताव को पारित घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि अब इस प्रस्ताव को आगामी कार्रवाई के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा जा रहा है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक के द्वारा प्रजातंत्र की निष्पक्षता को कायम रखा गया है। प्रशासन ने निष्पक्षता के मामले में पूरी पारदर्शिता बरती है।
इधर अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद सिम्पा जैन ने पहले तो इस सम्बन्ध में कोई भी प्रतिक्रिया करने से इंकार कर दिया। लेकिन बाद में कहा कि जो हुआ अच्छा ही हुआ। लेकिन पार्षदों ने अच्छा नहीं किया। कांग्रेस से सम्बन्धित पार्षदों ने अविश्वास का समर्थन करके केवल कांग्रेस पार्टी को ही बदनाम नहीं किया। बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. केवी सिंह को भी बदनाम किया। जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव न आए, इसके लिए काफी प्रयास किया था।
हल्का डबवाली से विधायक तथा इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पार्षदों ने प्रजातांत्रिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करके काफी समय से पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष को हटाने के सम्बन्ध में चलाए गए अभियान को सफल बना दिया। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष दोनों ही पार्षदों का विश्वास खो चुके थे और प्रशासन के साथ मिलकर मनमानी कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से मिलकर पिछली बैठक स्थगित करवा दी गई थी। यहां तक की पार्षदों की खरीद-फरोख्त का भी प्रयास किया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इनेलो के पार्षद किसी भी कीमत पर खरीदे नहीं जा सकते, यह उन्होंने आज की बैठक में भी सिद्ध कर दिया। उन्होनें यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्दी ही चुनाव की तिथि घोषित करके प्रधान और उपप्रधान पद के लिए पार्षदों की बैठक आमंत्रित करेगा, ताकि डबवाली के रूके हुए विकास कार्य गति पा सकें। उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि आगामी चुनाव प्रजातंत्र तरीके से मिल-बैठकर ही होंगे। 5 जुलाई के भारत बन्द के सम्बन्ध में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भी हरियाणा में पूर्ण बन्द होगा और इनेलो इस बन्द में जोर-शोर से भाग ले रही है। इधर नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक के समय पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था थी और डीएसपी बाबू लाल स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। प्रशासन द्वारा बैठक की कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।
ऐलनाबाद में इनेलो ने कांग्रेस को दिखाया ठेंगा
ऐलनाबाद। यहां नगर पालिका पर इनेलो ने अप्रत्याशित बहुमत हासिल किया। दो आजाद उम्मीदवारों तथा एक कांग्रेस के विद्रोही का साथ पाकर इनेलो ने पालिका फतह की। इनेलो ने साथ ही साथ ही अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष पदों पर भी नियुक्ति कर दी।
उल्लेखनीय है कि विगत मई माह में नगर निकाय के चुनाव हुए थे। सिरसा तथा रानियां में इनेलो को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था जबकि कालांवाली तथा एलनाबाद में स्थिति उहापोह की थी। कालांवाली में स्थिति पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी। यहां कुल 13 सीटों में से इनेलो तथा कांग्रेस 6-6 पर काबिज हुए थे। एक आजाद उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। कुछ दिन पूर्व आजाद उम्मीदवार के इनेलो को समर्थन देने के फैसले के साथ ही यहां की पालिका पर संशय समाप्त हो गया था।
ऐलनाबाद में नगरपालिका की कुल 17 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें से 9 पर कांग्रेस तथा 6 पर इनेलो समर्थित उम्मीदवारों ने विजय पताका लहराई थी। वहीं दो आजाद उम्मीदवार जीते थे। आजाद उम्मीदवारों के समर्थन के बावजूद भी इनेलो की स्थिति डांवांडोल दिखाई दे रही थी। इस प्रकार कांग्रेस को ही पालिका पर काबिज माना जा रहा था।
आज दोनों पार्टियों को बहुमत साबित करना था। इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला मौके पर पहुंचे। बहुमत साबित करने की प्रक्रिया शुरू की गई तो सब भौचक्के रह गए। आजाद उम्मीदवारों ने तो इनेलो को समर्थन दिया ही, इसके अलावा कांग्रेस के एक पार्षद ने भी विद्रोह भावना दिखाते हुए इनेलो के पक्ष में मतदान कर दिया। एक मत विधायक अभय सिंह चौटाला का था। इस प्रकार इनेलो ने बहुमत हासिल कर पालिका पर अपना कब्जा जमाया। चट मंगनी पट ब्याह की कहावत सिद्ध करते हुए तुरंत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी मनोनीत कर दिए गए। खास बात यह है कि दोनों ही पद आजाद उम्मीदवारों को सौंपे गए हैं। रघुबीर जांगड़ा को प्रधान तथा धर्मपाल गुंबर को उपप्रधान बनाया गया है। जिक्रयोग है कि गुंबर इससे पूर्व इसी पद पर कांग्रेस की ओर से भी कमान संभाल चुके हैं। तत्पश्चात विधायक चौटाला ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनेलो द्वारा नगरपालिका पर कब्जा जमाने के बाद शहर में इनेलो समर्थकों ने विजय जुलूस निकाला।
उल्लेखनीय है कि विगत मई माह में नगर निकाय के चुनाव हुए थे। सिरसा तथा रानियां में इनेलो को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था जबकि कालांवाली तथा एलनाबाद में स्थिति उहापोह की थी। कालांवाली में स्थिति पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी। यहां कुल 13 सीटों में से इनेलो तथा कांग्रेस 6-6 पर काबिज हुए थे। एक आजाद उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। कुछ दिन पूर्व आजाद उम्मीदवार के इनेलो को समर्थन देने के फैसले के साथ ही यहां की पालिका पर संशय समाप्त हो गया था।
ऐलनाबाद में नगरपालिका की कुल 17 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें से 9 पर कांग्रेस तथा 6 पर इनेलो समर्थित उम्मीदवारों ने विजय पताका लहराई थी। वहीं दो आजाद उम्मीदवार जीते थे। आजाद उम्मीदवारों के समर्थन के बावजूद भी इनेलो की स्थिति डांवांडोल दिखाई दे रही थी। इस प्रकार कांग्रेस को ही पालिका पर काबिज माना जा रहा था।
आज दोनों पार्टियों को बहुमत साबित करना था। इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला मौके पर पहुंचे। बहुमत साबित करने की प्रक्रिया शुरू की गई तो सब भौचक्के रह गए। आजाद उम्मीदवारों ने तो इनेलो को समर्थन दिया ही, इसके अलावा कांग्रेस के एक पार्षद ने भी विद्रोह भावना दिखाते हुए इनेलो के पक्ष में मतदान कर दिया। एक मत विधायक अभय सिंह चौटाला का था। इस प्रकार इनेलो ने बहुमत हासिल कर पालिका पर अपना कब्जा जमाया। चट मंगनी पट ब्याह की कहावत सिद्ध करते हुए तुरंत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी मनोनीत कर दिए गए। खास बात यह है कि दोनों ही पद आजाद उम्मीदवारों को सौंपे गए हैं। रघुबीर जांगड़ा को प्रधान तथा धर्मपाल गुंबर को उपप्रधान बनाया गया है। जिक्रयोग है कि गुंबर इससे पूर्व इसी पद पर कांग्रेस की ओर से भी कमान संभाल चुके हैं। तत्पश्चात विधायक चौटाला ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनेलो द्वारा नगरपालिका पर कब्जा जमाने के बाद शहर में इनेलो समर्थकों ने विजय जुलूस निकाला।
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