नशे के कारण दौला निवासी युवक की सगाई टूटी, बाद में नौकरी भी गई
डीडी गोयल (093567-22045)
डबवाली। पड़ौसी सूबे पंजाब में मां के दूध पर डबवाली शहर के मेडिकल स्टोरों पर मिल रही नशे की शीशी भारी पड़ रही है। विवाह के लिए सगाई होने के बावजूद नशे की शीशी रिश्ते तुड़वा रही है। यही नहीं नशे की यह शीशी नौकरी भी छुड़वा रही है। नौकरी जाने के बाद नशे में डूबे युवा नशे की तलब मिटाने के लिए चोर बनते जा रहे हैं।
मेडिकल नशा करने के लिए दो युवाओं ने जिला श्री मुक्तसर साहिब के नगर गिदड़बाहा के एक पार्क के पास खड़ा बाईक उड़ा लिया। बाईक को बेचने की मंशा से दोनों डबवाली आ गए। यहां आते-जाते बाईक को चैक कर रही सिटी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस ने युवाओं से बाईक संबंधी कागजात की मांग की। लेकिन वे लोग कागज नहीं दिखा पाए। युवाओं ने बताया कि ये बाईक चोरी का है। इसे बेचकर मिलने वाले पैसे से उन्होंने नशा खरीदना था। पुलिस ने दोनों को काबू कर लिया। दोनों ने अपनी पहचान अमरीक सिंह निवासी दौला (थाना गिदड़बाहा), गुरप्रीत सिंह निवासी कोटभाई (थाना कोटभाई) के रूप में करवाई। दोनों ही युवक ट्रक चालक हैं।
बाईक चोरी में पकड़ा गया 30 वर्षीय अमरीक सिंह चार बहनों का इकलौता भाई है। उसके पिता गुरचरण का निधन करीब पंद्रह साल पूर्व हो चुका है। 65 साल की विधवा माता सुरजीत कौर ने बड़े लाड़ प्यार से उसे पाला। लेकिन उसने अपनी मां के दूध का कर्ज नशे की शीशी में उतार दिया। सुरजीत कौर ने लोगों के घरों में काम करके अपनी चार बेटियों पाल कौर, कुलविंद्र कौर, कालों तथा जसविंद्र का विवाह किया।
चार बहनों का मंझला भाई अमरीक ट्रक चालक है। वह पिछले चार सालों से मेडिकल नशा कर रहा है। डेढ़ साल पूर्व उसकी सगाई पंजाब के फरीदकोट के एक गांव की युवती से हुई थी। विवाह की तारीख नजदीक थी। लेकिन नशे की वजह से लड़की वालों ने विवाह के ऐन मौके पर जवाब दे दिया। यहीं नहीं अन्य चार बहनों के विवाह में भी अमरीक के नशे ने रूकावट डाली।
अमरीक ने बताया कि चार साल पूर्व एक मित्र ने उसे नशे की शीशी पिला दी। उसके बाद वह मेडिकल नशे का आदि हो गया। नशा मुक्ति केंद्रों में भी वह गया। लेकिन नशा छूटने का नाम नहीं लेता। चार दिन शीशी न पीने से उसे दस्त लग जाते हैं। उनके क्षेत्र के करीब 300 युवा हर रोज नशा लेने के लिए डबवाली आ रहे हैं। वह ट्रक ड्राईवर है। नशे की वजह से ट्रक मालिक ने उसे नौकरी से निकाल दिया। उसके साथी गुरप्रीत सिंह को भी इसी वजह से नौकरी से निकाल दिया गया। सोमवार को उनके पास मात्र 110 रूपए थे। नशे की तलब पूरी करने के लिए उन्होंने गिदड़बाहा शहर में पार्क के बाहर खड़ा एक बाईक चोरी कर लिया।
गुरप्रीत भी अपने दोस्त अमरीक सिंह की राह पर चलते हुए मेडिकल नशे करने का आदि है। वह विवाहित है और उसके एक बेटी है। दोनों बताते हैं कि यूं तो उन्हें बीडी का भी वैल नहीं, लेकिन शीशी के बगैर वे नहीं रह सकते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें