डबवाली (लहू की लौ) ग्रामीणों की नाक में दम करने वाले अन्तर्राज्यीय पशु चोर गिरोह के तीन सदस्यों को चौटाला पुलिस ने नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया। जबकि गिरोह का सरगना अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
18-19 नवंबर 2010 की रात को कुछ लोगों ने गांव सकताखेड़ा की मिट्ठू सिंह की ढाणी में प्रवेश करके उसके घर में बंधी भैंस को चुरा लिया था। आरोपी भैंस को सड़क पर खड़े टाटा-207 में लादकर फरार होने वाले थे। लेकिन इस दौरान ढाणी मालिक मिट्ठू सिंह की आंख खुल गई। मिट्ठू सिंह के शोर मचाने पर आरोपी भैंस लदी गाड़ी वहीं छोड़कर फरार हो गए थे।
ढाणी मालिक मिट्ठू सिंह ने इसकी सूचना चौटाला पुलिस चौकी को दी और मौका पर पहुंची पुलिस ने टाटा-207 को अपने कब्जे में ले लिया। जिस पर पीबी 30एफ/9137 नम्बर अंकित था। पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी। तफ्तीश चल रही थी और चौटाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह को रविवार को सूचना मिली कि आरोपी गांव जोतांवाली के बस अड्डा पर खड़े हुए हैं। वे मुद्दई को साथ लेकर मौका पर पहुंचे और मुद्दई की पहचान पर भैंस चोर गिरोह के तीन सदस्यों को काबू कर लिया।
चौटाला चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह ने उपरोक्त पुष्टि करते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने अपनी पहचान बलजीत उर्फ बब्बू (24) पुत्र प्रेम सिंह निवासी अलियाना थाना अरनिवाला जिला फिरोजपुर, राजू (20) पुत्र दौलत राम निवासी हाकूवाला थाना लम्बी जिला मुक्तसर, भीम (27) पुत्र देसराज निवासी लोहगढ़ जिला सिरसा के रूप में करवाई। इन लोगों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उनका सरगना सुक्खा (35) पुत्र रूलदू उर्फ रेशम सिंह निवासी गांव साहबचन्द थाना गिदड़बाहा जिला मुक्तसर है।
आरोपियों को सोमवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश करके पुलिस ने पूछताछ के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड ले लिया।
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