सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण, मॉडर्न रेलवे स्टेशन, मुख्य मार्ग पर स्थित
डबवाली (लहू की लौ) जम्मू से अहमदाबाद तक जाने वाले रेलमार्ग के बीच पडऩे वाला डबवाली रेलवे स्टेशन वर्षों से कई समस्याओं से जूझ रहा है। हालांकि इसे दो साल पूर्व मॉडर्न रेलवे स्टेशन का दर्जा भी मिला। फिर भी सुविधाओं से वंचित है। हालांकि सैन्य दृष्टि से भी इस रेलवे स्टेशन का महत्व बड़ा है। इसके नजदीक ही फाजिल्का (पंजाब), श्री रायसिंह नगर (राजस्थान) आदि का पाक बॉडर भी पड़ता है। एशिया की सबसे बड़ी मिल्ट्री की बठिंडा छावनी इसके नजदीक है। सिरसा का एयर फोर्स स्टेशन भी मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है।
डबवाली का मॉडर्न रेलवे स्टेशन अच्छे पेयजल और सफाई जैसी प्राथमिक सुविधाओं से भी वंचित है। रेलवे स्टेशन, रेलवे कलोनी में सफाई नाम की कोई चीज नहीं है। कारण स्पष्ट है कि सफाई कर्मचारी ही नहीं है। दो सफाई कर्मचारी थे जिन्हें सरप्लस कह कर यहां से स्थानांतरित कर दिया गया। अब रेलवे लाईन तो गंदी रहती ही है और साथ में शौचालय भी नहीं खुलते। सफाई के आभाव में गंदगी के अम्बार लगे हैं।
पेयजल जमीन से आता है जिसमें शोरा की मात्रा ज्यादा है और स्वास्थ्य की दृष्टि से यह पानी पीने के योग्य नहीं है फिर भी रेलवे स्टेशन पर यात्री और क्वाटरों में रेलवे कर्मचारी इस पानी को पीने का मजबूर हैं। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बने शैड बरसात में टपकते हैं। यात्री बरसात में शरण लें तो कहा? रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म से नीचा है और बरसात का पानी सीधे ही रेलवे स्टेशन पर बने कमरों में घुस जाता है।
हालांकि रेलवे स्टेशन पर तीने लाईनें हैं लेकिन प्लेटफार्म एक ही पर बना है। दूसरी लाईनों के बीच प्लेटफार्म न होने से गाडिय़ों के क्रॉस के समय यात्रियों का जीवन भी सुरिक्षत नहीं है। दूसरे रेलवे प्लेटफार्म बनाने के लिए कई बार रेलवे अधिकारी कह चुके हैं। लेकिन माप के बाद यह फिर अधर में लटक जाता है। हाल ही में जनवरी 2011 में भी दो लाईनो के बीच प्लेट फार्म बनाने के लिए माप लिया गया। अब यह किस स्तर पर है इस संबंध में रेलवे अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। रेलवे स्टेशन के दोनो ओर बनी हुई रोड़ इन दिनों खस्ताहाल में है और जगह-जगह से खड्डों में तबदील हो चुकी है लेकिन इस ओर रेलवे कोई ध्यान नहीं दे रही। जब स्पैशल मालगाड़ी की भराई होती है तो मजदूरों का भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसका कारण माल भराई के लिए उचित माल प्लेटफार्म का न होना है।
इस संदर्भ में रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश कुमार सरीन से पूछा गया तो उन्होंने उपरोक्त बाते सही बताई और साथ में कहा कि इस संबंध में कई बार रेल अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करवाया जा चुका है। इस संबंध में पग तो अधिकारियों ने ही उठाने हैं।
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