डबवाली (लहू की लौ) गांव खुईयांमलकाना में सबसे खतरनाक मलेरिया मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ ने गांव में सर्वे के साथ-साथ फोगिंग करवाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं शहर डबवाली के पब्लिक क्लब क्षेत्र में डेंगू का संभावित मरीज मिलने से लोगों में दहशत व्याप्त है।
गांव खुईयांमलकाना के 55 वर्षीय हरनेक पुत्र बीरबल सिंह को कुछ दिनों से बुखार चढ़ रहा था। सोमवार को उसे डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। लेकिन उसकी हालत को गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने उसे सरकारी अस्पताल में रैफर कर दिया। सरकारी अस्पताल में डॉ. भारत भूषण ने मरीज की रिपोर्ट देखी। जिसमें मलेरिया के साथ-साथ प्लेटलेटस की संख्या मात्र 27 हजार पाई गई। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उन्होंने उसे तुरंत सिरसा रैफर कर दिया।
इधर वार्ड नं. 4 के पब्लिक क्लब क्षेत्र में मास्टर नत्थू राम अग्रवाल वाली गली में 25 वर्षीय युवक हरमन में डेंगू रोग के लक्षण पाए जाने के कारण उसे उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया। हरमन को दो दिन पूर्व बुखार हुआ था। उपचार के बाद भी उस पर कोई असर नहीं हुआ। रविवार को उसके परिजन उसे एक निजी अस्पताल में ले आए। यहां उसके ब्लड का टैस्ट किया गया। जांच में प्लेटलेटस कम पाए गए। उसकी हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि उक्त दोनों मामले स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में हैं। गांव खुईयांमलकाना के हरनेक सिंह को फाल्सीफार्म (सबसे खतरनाक मलेरिया) हुआ है। यह बुखार मच्छरों के काटने से होता है। यह बुखार ब्रेन पर प्रभाव डालता है। मंगलवार को गांव खुईयांमलकाना में सर्वे करवाया जाएगा। फाल्सीफार्म का रोगी मिलने के कारण वहां फोगिंग भी करवाई जाएगी। भादू के अनुसार शहर में मिले डेंगू के संभावित रोगी के घर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। पब्लिक क्लब क्षेत्र में भी सर्वे करवाया जाएगा।
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