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Lahoo Ki Lau

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17 सितंबर 2011

मृतक के ब्यान लेने के लिए चक्कर लगाती रही पुलिस!


डबवाली (लहू की लौ) दुर्घटना में युवक की मौत होने के बाद युवक के परिजन बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शव को गांव ले गए।  यह शव सरकारी एम्बुलैंस में डबवाली लाया जा रहा था। हालांकि दुर्घटना की एमएलआर पुलिस के पास आई थी। पुलिस अभी तक युवक का ब्यान दर्ज करने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रही है।
गांव भारूखेड़ा के पास बुधवार सुबह एक ट्रेक्टर-ट्राली पलटने के कारण गांव डबवाली का टीटू नामक 26 वर्षीय युवक घायल हो गया था। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। सरकारी अस्पताल का एम्बुलैंस चालक कृष्ण घायल के परिजनों के अनुरोध पर उसे इलाज के लिए बठिंडा ले गया। लेकिन जख्मों का ताप न सहते हुए चिकित्सक ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बठिंडा के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक ने टीटू को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के पास दुर्घटना की एमएलआर पहुंचने के कारण चौटाला पुलिस घायल के ब्यान दर्ज करने के लिए बुधवार शाम को डबवाली पहुंची। लेकिन पता चला कि घायल को यहां से सिरसा रैफर कर दिया गया है। गुरूवार को पुन: पुलिस सिरसा गई लेकिन वहां भी उन्हें कोई नहीं मिला। पुलिस पूरा दिन घायल के ब्यान दर्ज करने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाती रही।
सरकारी अस्पताल की एम्बुलैंस के चालक कृष्ण कुमार ने बताया कि वह शव को लेकर वापिस डबवाली आ रहा था। लेकिन मृतक के परिजनों ने उस पर गांव डबवाली में चलने का दबाव डाला। वह अकेला था। दूसरा परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते थे। इसी के चलते वह शव को मृतक के घर पर छोड़ आया।
मामले की जांच कर रहे चौटाला पुलिस चौकी के एएसआई रोशन लाल ने बताया कि उनके पास गांव भारूखेड़ा के पास टीटू के घायल होने की सूचना आई थी। वे ब्यान दर्ज करने के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल तथा सिरसा के सामान्य अस्पताल में गए थे। लेकिन उन्हें वहां टीटू नहीं मिला। पुलिस के पास अभी उसकी मौत की कोई जानकारी नहीं है। मृतक गांव डबवाली का बताया जाता है। इसी के चलते गांव डबवाली में उसके परिजनों से संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है।
राजकीय अस्पताल डबवाली के चिकित्सक डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि उनके पास टीटू नाम का घायल आया था। उपचार के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया था। उसकी मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवाने की बजाए अपनी मर्जी से उसे बीच रास्ते में अपने गांव ले गए।

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