डबवाली (लहू की लौ) दैनिक लहू की लौ के सम्पादक जयमुनी गोयल तथा प्रबंधक राजीव गोयल के पिता कामरेड श्री हरिराम गोयल का मंगलवार की रात को 12 बजे हृदय गति रूकने से अचानक निधन हो गया। उन्हें उपचार के लिए मंगलवार शाम को एक निजी अस्पताल में लेजाया गया था। वे 80 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को डबवाली के रामबाग में बुधवार दोपहर को उनके बड़े पौत्र डीडी गोयल ने मुखाग्नि देकर पंच तत्वों में विलीन किया। इस मौके पर नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति, समाजसेवी संस्थाओं के प्रमुख तथा राजनीतिक पार्टियों के नेता उपस्थित थे।
कामरेड हरि राम गोयल को संघर्षमयी जीवन विरासत में मिला था। उनके पिता श्री राम लाल गोयल स्वतंत्रता संग्राम के समय प्रजा मंडल लहर के दौरान लम्बे समय तक फिरंगियों की कैद में रहे। जब हरि राम गोयल ने जवानी संभाली तो वे अपने पिता के नक्शे कदमों पर चलते हुए आजाद देश में काले अंग्रेजों के खिलाफ खुलकर मैदान में आए। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। तेजा सिंह स्वतंत्र तथा शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह के साथी टिका राम सुखन के साथ लम्बे समय तक देश की आजादी के बाद कम्युनिस्ट लहर में काम किया। वे पार्टी की कालाबाजारी के खिलाफ मुहिम के दौरान डबवाली में सक्रिय रूप से शामिल हुए। किसानों और मजदूरों के लिए उन्होंने कई जखीरेबाजों से जखीरे निकलवाकर नियंत्रित मूल्य पर बंटवाए।
उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए भी देश की आजादी के बाद जेल काटी। सरकार को उन्हें बिना शर्त रिहा करना पड़ा था।
इस मौके पर जयमुनी गोयल ने बताया कि शोक प्रकट करने आने वाले महानुभावों के लिए जीटी रोड़, नगर सुधार मण्डल पार्क के सामने स्थित निवास स्थान रखा गया है।
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