किसान यूनियन का कहना है कि वे हमेशा शांति बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने में विश्वास रखते हैं। यूनियन के मुताबिक, 17 नवंबर को प्रशासन के समझौते के तहत खाद वितरण की प्रक्रिया तय की गई थी। किसान यूनियन के 76 सदस्यों और 100 अन्य किसानों की लिस्ट हैफड की दुकान नंबर 125 पर सौंपी गई थी। समझौते के अनुसार, किसानों को 3-3 बैग डीएपी खाद दिए गए।
यूनियन ने दावा किया कि शिकायतकर्ता अपने साथियों के साथ मौके पर आकर नारेबाजी करने लगा और यूनियन के खिलाफ अशांति फैलाने का प्रयास किया। इसके बावजूद, यूनियन के सदस्यों ने संयम बनाए रखा।
यूनियन का यह भी कहना है कि शिकायत में लगाए गए आरोप, जैसे 40 बैग बलपूर्वक उतारने और दुकानदारों को ब्लैकमेल करने के, पूरी तरह गलत हैं। यूनियन ने मांग की है कि यदि शिकायतकर्ता के पास कोई सबूत है, तो उसे प्रस्तुत किया जाए।
जसवीर सिंह भाटी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने डीएपी खाद का एक भी बैग प्राप्त नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी 30 एकड़ की गेहूं की फसल अभी तक बुआई के बिना है। भाटी ने प्रशासन से अपील की कि खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जाए और सभी विक्रेताओं का रिकॉर्ड चेक किया जाए।
किसान यूनियन ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उनके 76 सदस्यों को, जिन्हें अभी तक खाद नहीं मिला है, जल्द से जल्द खाद मुहैया कराई जाए।
इस मौके पर किसान यूनियन के संतोख सिंह, मिठू राम, जरनैल सिंह, भोला सिंह, जसबंत ङ्क्षसह, दर्शन ङ्क्षसह, सर्वजीत ङ्क्षसह, गुरलाल ङ्क्षसह, लाभ सिंह, चरणजीत सिंह, बलदेव सिंह मनदीप सिंह, सुरेश कुमार, दविंद्र सिंह, लाभ सिंह मौजूद थे।
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