डबवाली (लहू की लौ) सिरसा की सेशन कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व सीआईए इंचार्ज और सब-इंस्पेक्टर अजय कुमार को रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा और 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अजय कुमार को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने 5 जुलाई 2021 को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
14 नवंबर को दोषी करार दिया गया
सेशन कोर्ट ने 14 नवंबर को अजय कुमार को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का दोषी ठहराया था। एसआई अजय कुमार 14 नवंबर 2021 तक सिरसा पुलिस के एटीवी स्टाफ का इंचार्ज था।
जमानत याचिका 5 बार खारिज
गिरफ्तारी के बाद अजय कुमार ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय में 5 बार जमानत के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
एनडीपीएस के आरोपी के परिवार से रिश्वत मांगी
मामले की शुरुआत हुड्डा सेक्टर, सिरसा के सुक्खा सिंह की शिकायत से हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके पिता बलदेव सिंह, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में बंद थे, कोरोना संक्रमण के समय पैरोल पर बाहर आए। हार्ट की बीमारी के चलते बलदेव समय पर जेल नहीं लौट सके, जिसके बाद उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ।
15 जून 2021 को डबवाली सीआईए इंचार्ज अजय कुमार ने बलदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसने पूरे परिवार को गिरफ्तार करने की धमकी दी और बचने के लिए तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी।
एसपी के नाम पर मांगे अतिरिक्त 2 लाख रुपए
सुक्खा सिंह ने अजय कुमार को एक लाख रुपए पहले ही दे दिए थे। इसके बाद अजय ने कहा कि एसपी साहब ने दो लाख रुपए और मांगे हैं।
विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा
5 जुलाई 2021 को डीएसपी कैलाश के नेतृत्व में विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करते हुए अजय कुमार को सुक्खा सिंह की दुकान पर बुलाया। जब अजय कुमार ने दो लाख रुपए लिए, तो विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
4 साल की सजा और जुर्माना
सेशन जज वाणी गोपाल शर्मा ने गुरुवार को अजय कुमार को दोषी मानते हुए 4 साल कैद और 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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