Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

22 नवंबर 2024

सिल्वर जुबली चौक का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू, नगर परिषद खर्च करेगी 31 लाख रुपये


डबवाली(लहू की लौ)डबवाली का प्रसिद्ध सिल्वर जुबली चौक, जो पिछले लंबे समय से जर्जर हालत में था, अब नए रूप में नजर आएगा। नगर परिषद ने चौक के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें लगभग 31 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना का शुभारंभ नगर परिषद के चेयरमैन टेकचंद छाबड़ा ने नारियल फोडक़र किया।

सौंदर्यीकरण की योजना

नगर परिषद के वाइस चेयरमैन अमनदीप बांसल ने जानकारी देते हुए बताया कि सिल्वर जुबली चौक के सौंदर्यीकरण के तहत चौक के चारों ओर ग्रेनाइट पत्थर और स्टील की ग्रिल लगाई जाएगी। इसके अलावा, चौक के मध्य में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे और घास लगाए जाएंगे।

बांसल ने बताया कि यह परियोजना शहर के सौंदर्य और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। चौक को जर्जर हालत से बाहर निकाल कर इसे शहर का आकर्षण केंद्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर पूर्व पार्षद पवन बांसल और ठेकेदार के मुलाजिम भी उपस्थित थे।

डिवाइडर का भी होगा सौंदर्यीकरण

इसके साथ ही नगर परिषद ने एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर स्थित डिवाइडरों को भी सुंदर बनाने की योजना बनाई है। डिवाइडरों के बीच में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे लगाए जाएंगे और उन्हें आकर्षक बनाया जाएगा। यह योजना शहर को पर्यावरण के अनुकूल और अधिक खूबसूरत बनाने की दिशा में एक और कदम है।

पहले भी खर्च हुए लाखों, लेकिन गुणवत्ता पर सवाल

गौरतलब है कि इससे पहले भी सिल्वर जुबली चौक पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। चौक को छोटा करने के नाम पर भारी बजट लगाया गया था, लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उस समय के  विधायक अमित सिहाग ने चौक का दौरा किया था, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप, चौक की स्थिति और खराब हो गई। अब इस नए सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत चौक को पूरी तरह से नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है।

शहर के लिए नई उम्मीद

इस बार की योजना और कार्यों की गुणवत्ता पर सभी की निगाहें टिकी हैं। चौक के सौंदर्यीकरण का यह प्रयास डबवाली को न केवल बेहतर बुनियादी ढांचा देने का काम करेगा बल्कि शहरवासियों के लिए गर्व का विषय भी बनेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 31 लाख रुपये से हो रहा यह सुधार कब तक टिकाऊ साबित होता है।

कोई टिप्पणी नहीं: