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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

30 मार्च 2011

तेरे मुखडे च मैनूं रब्ब दिखदा.....



डबवाली (लहू की लौ) राजकीय महाविद्यालय का चतुर्थ वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह मंगलवार को महाविद्यालय प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमें 89 मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करके श्रोताओं का मन जीत लिया।
समारोह की शुरूआत बीकॉम द्वितीय वर्ष की मीना, निशा, खुशबू, राखी, ममता, कर्मजीत, शिवाली, बीएससी प्रथम वर्ष की राबिया, नेहा ने हे शारद दे मां, अज्ञानता से हमें तार दे मां...की वंदना  तथा बड़ी मेहरबानी जो आप आए, करें स्वागतम हम दिल से तुम्हारा....स्वागत गीत गाकर की। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र गोपाल दास के पंजाबी गीत मेरी हीरीए, फकीरीए...तेरे मुखडे च मैनूं रब्ब  दिखदा.., हिन्दी गीत कोई मिल गया...मुझको ये क्या हो गया है.. ने विद्यार्थियों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मीना और राखी ने पंजाबी गीत चीरे वालेआ, यादां दा दीवां वालेआ...पर नृत्य किया। बीकॉम फाइनल ईयर के छात्र मनजीत ने कोई मिल गया...मुझको ये क्या हो गया है..पर डांस किया। बीए फाइनल ईयर के छात्र लवनिश मित्तल का मैजिक शो देखकर दर्शक दंग रह गए।
इससे पूर्व समारोह का शुभारंभ उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने दीप प्रज्जवलित करके किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पीके गर्ग ने महाविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। मंच का संचालन महाविद्यालय के प्रो. राकेश भट्टी ने
ए चांद तेरी चांदनी की कसम, हमने तो जमीं पे चांद देखा है,
ए चांद तेरी इस दूरी की कसम, हमने तो नजदीक से चांद देखा है,
फर्क सिर्फ इतना है कि तुझे बार-बार, लेकिन उसे सिर्फ एक बार देखा है...जैसी पंक्तियों से अपने शायराना अंदाज में किया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा, प्राचार्या पूनम गुप्ता, विनोद बांसल, रामलाल बागड़ी, वेदप्रकाश भारती आदि उपस्थित थे।

29 मार्च 2011

बनिया, ब्राह्मण को भी मिले आरक्षण-आईबीएसपी


डबवाली (लहू की लौ) इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां ने कहा कि प्रत्येक जाति के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए, न कि जाति विशेष के आधार पर।
वे सोमवार को डबवाली में पार्टी कार्यकर्ता सुरजीत सिंह फौजी के निवास स्थान पर पत्रकारों से आरक्षण पर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात मानती है, जो डंडा चलाते हैं और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुक्सान पहुंचाते हैं। जो ऐसा नहीं कर सकते उन्हें न्याय नहीं मिलता। उनके अनुसार सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक हरियाणा में जाटों का वर्चस्व रहा है, और है। लेकिन फिर भी जाटो ंको आरक्षण की जरूरत है। उनके अनुसार वे जाटों के आरक्षण के खिलाफ नहीं है। लेकिन यह आरक्षण व्यापारी, बनिया, ब्राह्मण, राजपूत या फिर अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के अन्य किसी भी वर्ग से छेड़छाड़ करके न किया जाए। अगर बनिया, ब्राह्मण और राजपूत आरक्षण की मांग करते हैं, तो उनकी पार्टी उनका समर्थन करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि हरियाणा में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। पूरे प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। राज्यपाल को इस ओर ध्यान देकर हुड्डा सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। इस अवसर पर इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के जिला अध्यक्ष बूटा सिंह, हल्का कालांवाली के अध्यक्ष नछत्तर सिंह, मदन लाल पन्नीवाला मोटा, हरदेव सिंह वर्मा उपस्थित थे।

पूर्व एमपी के दिल का दर्द जुबां पर आया


सबक जरूर सिखाऊंगा-गिल
डबवाली (लहू की लौ) सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद आत्मा सिंह गिल ने कहा कि वे सब्र का घूट पीकर पार्टी हित में कार्य कर रहे हैं। लेकिन समय आने पर उन लोगों को जरूरत सबक सिखाएगा जिन्होंने उसके तथा उसके बेटे के साथ अन्याय किया है।
वे सोमवार को पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उसे सिरसा संसदीय सीट से भले पार्टी ने एमपी का उम्मीदवार नहीं बनाया, लेकिन उसके बेटे की रतिया विधानसभा से टिकट काट दी गई, जबकि इस टिकट पर उसका हक था। उन्होंने भरे हृदय से कहा कि समय आने पर वह टिकट कटवाने वाले को जरूर पानी पिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी वर्करों ने उसे बताया है कि जब से अशोक तंवर सिरसा से सांसद बने हैं, तब से वह जनता में नहीं जा रहे। उनके अनुसार जो भी सांसद चुने जाने के बाद जनता में नहीं जाता, उसे खामियाजा भुगतना पड़ता है। पूर्व सांसद ने कहा कि वे हर माह डबवाली में कांग्रेस वर्करों की बैठक लेकर उन्हें पार्टी की जनहितैषी नीतियों से अवगत कराएंगे। इससे पूर्व आत्मा सिंह गिल ने पार्टी वर्करों की एक बैठक ली और उनके गिले-शिकवे सुने। इस अवसर पर आरके वर्मा, जगपाल सिंह, नन्द लाल धानक, सतपाल सत्ता, रघुवीर सिंह, बिमला महाशा, गुरबचन सिंह, नछत्तर सिंह मटदादू, लाभ सिंह, गोरा सिंह, रतन सिंह आदि उपस्थित थे।

24 मार्च 2011

डेरा अनुयायी ने न्यायिक परिसर में की खुदकुशी


सिरसा। डेरा सच्चा सौदा से जुड़े एक नवयुवक ने आज बाद दोपहर सिरसा न्यायिक परिसर में कनपटी पर पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान सिरसा निवासी विनोद (24)पुत्र बालमुकंद के तौर पर हुई है। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इस सुसाइड नोट में उसने अपनी आत्महत्या करने की वजह डेरा प्रमुख की हर रोज न्यायालय में विभिन्न मामलों में पड़ रही पेशी से आहत होना बताया हैै।
   डेरा अनुयायी युवक विनोद ने करीब सवा चार बजे न्यायालय में जजों की पार्किंग के पास मारूती कार संख्या डी एल 4सी एल 2458 में बैठकर अपनी कनपटी पर पिस्टल से गोली चलाकर खुदकुशी कर ली एकाएक फायर निकलने की आवाज सुनकर न्यायालय परिसर में सनसनी फैल गई जजों के गार्ड आवाज सुनकर कार के पास पहुंचे तो पाया कि मारूति कार में एक युवक खून से लथपथ मृत अवस्था में पड़ा हैै। सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में आज भी डेरा प्रमुूख की पेशी थी। युवक ने यह कृत्य बाबा की पेशी के बाद किया।
  घटना की सूचना पाकर हुड्डा चौकी प्रभारी राजकुमार मौके पर पहुंचे उन्होंने इसकी इतिलाह उच्च पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को दी जिस पर जिला मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक पूर्ण चंद पंवार व शहर थाना प्रभारी कृष्णा यादव भी घटनास्थल पर पहुंचे। युवक के गले में डाले लॉकेट से आभास हुआ कि युवक डेरा से सम्बधित है जिस पर डेरा प्रबंधक मंडल को सूचित किया गया। डेरा से जुड़े पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मृत युवक की शिनाख्त विनोद पुत्र बालमुंकद निवासी सिरसा के तौर पर की। विनोद काफी समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा था। पुलिस ने मृतक की जेब से एक सुसाईड नोट बरामद किया जिसमें युवक ने आत्म हत्या की वजह डेरा प्रमुख की अदालत में नित्य की पेशी से आहत होना बताया। मौके पर मौजूद पुलिस उपाधीक्षक पूर्ण चंद पंवार ने बताया कि युवक जिस कार से न्यायालय परिसर आया तथा जिस पिस्टल से खुदकुशी की किसका है पुलिस जांच कर रही हैै? मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला के सामान्य अस्पताल ले जाया गया हैै।
    काबिलेजिक्र है कि इस समय सी.बी.आई. की विशेष अदालत में रणजीत हत्याकांड, छत्रपति हत्याकांड एवं साध्वी यौन शोषण प्रकरण के मामले चल रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. की विशेष अदालत में डेरा प्रमुख से संबंधित मामलों की सुनवाई हर रोज किए जाने के आदेश 15 दिसम्बर 2010 को दिए थे। डेरा प्रमुख की हर रोज पेशी सुनिश्चित किए जाने से डेरा अनुयायी खफा हैं। इसी बात से बिफरे डेरा अनुयायियों ने इसी बरस छह जनवरी को बाबा की पेशी के दौरान बरनाला रोड पर नारेबाजी की। शुरूआती दौर में तो भड़के डेरा प्रेमियों ने तो बरनाला रोड मार्ग को अवरुद्ध कर जाम भी लगा दिया था इसके बाद हर रोज हजारों की तादाद में डेरा अनुयायी बाबा की पेशी के दौरान न्यायालय परिसर के बाहर जुटते हैं।  वीडियो कान्फ्रैङ्क्षसग के जरिए डेरा प्रमुख अदालत में पेश हुए। अब तक वीडियो कान्फ्रैङ्क्षसग के जरिए छह दर्जन से अधिक बार वे अदालत में पेश हो चुके हैं।
  बता दें कि किे वर्ष 2007 में जसविद्र सिंह निवासी चक अतर सिंह वाला (पंजाब)नामक युवक ने न्यायालय परिसर में ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास स्वयं को आग के हवाले कर दिया था जिसकी बाद में मौत हो गई थी इसके बाद वर्ष अगस्त 2008 में पीलीबंगा(राजस्थान) के भगवान दास नामक व्यक्ति ने भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर लगे आरोपों से आहत होकर पीलीबंगा तहसील परिसर में आत्मदाह कर लिया था।

डेरा को अनुमति दी तो होगा आंदोलन-खालसा


डबवाली (लहू की लौ) डबवाली के सिक्ख बाहुल्य क्षेत्र में डेरा प्रमुख अपनी सभा करके शांत माहौल में आग लगाना चाहता है, ताकि अदालत द्वारा संगीन मामलों में उसकी हर रोज डाली जा रही पेशी में व्यवधान पड़े और कानूनी कार्रवाई में विलंब हो।
ये शब्द श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह खालसा ने बुधवार को गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मंदिर में आयोजित एक प्रैस वार्ता के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने अपने अनुयाईयों की मार्फत डबवाली में बिना तिथि बताए सभा करने की अनुमति मांगी है। जबकि साल 2008 में प्रेमियों ने सत्कार सभा के एक सक्रिय सदस्य हरमंदर सिंह की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। उसके बाद इस क्षेत्र में सांप्रदायिक आग भड़क गई थी। जोकि अब शांत है। इसी शांति में खलल डालने के लिए डेरा प्रमुख द्वारा सभा करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने डेरा प्रमुख को डबवाली क्षेत्र में सभा करने की अनुमति दी तो सिक्ख समाज चैन से नहीं बैठेगा। इसके लिए केवल डबवाली क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में आंदोलन छेड़ देगा। इस अवसर पर शिवराज सिंह, जसवीर सिंह, बिकर सिंह, संतोख सिंह, राम सिंह, थाना सिंह, जग्गा सिंह, महिन्द्र सिंह, साधु सिंह, बलवीर सिंह, हरजिन्द्र सिंह, कुलवंत सिंह, जगरूप सिंह, बलजीत सिंह सहित सभा के कई सदस्य उपस्थित थे।

आठ साल के बच्चे से दुष्कर्म


डबवाली (लहू की लौ) एक युवक ने अपनी हवस मिटाने के लिए अपने ही पड़ौसी के आठ साल के बेटे रेप कर दिया। घटना उपमण्डल डबवाली के गांव जण्डवाला बिश्नोईयां की है। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।
अशोक कुमार (35) पुत्र राजा राम निवासी जण्डवाला बिश्नोईयां ने बताया कि वह 21 मार्च को रिश्तेदारी में हिसार गया हुआ था। इस दिन उसके घर पर उसका बेटा तथा पत्नी अकेले थे। घरवाली कपड़े धो रही थी। उसका बेटा अभिषेक (8) घर पर अकेला था। इस दौरान दोपहर करीब 12 बजे उनका पड़ौसी पारस (18) पुत्र राधेराम उनके घर आया और उसने अभिषेक से कुकर्म किया। अभिषेक के चीखने-चिल्लाने पर जब उसकी घर वाली वहां पहुंची तो आरोपी मौका से फरार हो गया। बुधवार को जब वह घर वापिस लौटा तो उसकी पत्नी ने उसे इस घटना की जानकारी दी। शिकायतकर्ता के अनुसार उसका बेटा अभिषेक गांव गोरीवाला में तीसरी कक्षा का छात्र है।
थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह ने बताया कि अशोक के ब्यान पर उसके पड़ौसी पारस के खिलाफ दफा 377 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।

कॉलेज छात्राओं ने बाईक से कूदकर बचाई अपनी इज्जत


डबवाली (लहू की लौ) सोमवार रात को कॉलेज की दो छात्राओं को एक मोटरसाईकिल चालक ने एटीएम तक पहुंचाने झांसा देकर बुरी नीयत से डबवाली गांव की ओर ले जाने का प्रयास किया लेकिन मोटरसाईकिल से छात्रों के कूद जाने से युवक का प्रयास विफल हो गया।
अबोहर निवासी सीमा रानी (19) पुत्री कुन्दन ङ्क्षसह, मनजीत (21) पुत्री जीवन सिंह सोमवार सुबह दिल्ली से अबोहर के लिए रवाना हुईं। लेकिन दिल्ली से उन्हें डबवाली तक की बस मिली। जिससे वह रात को करीब 9 बजे डबवाली के बठिंडा चौक में पहुंची। उनके पास राशि कम पड़ रही थी। एटीएम पर जाने के लिए उन्होंने एक मोटरसाईकिल चालक से एटीएम का पता पूछा। जिस पर उसने दो किलोमीटर पर एटीएम होने और उन्हें वहां तक छोड़ देने की बात कही। विश्वास करते हुए वह दोनों उसके साथ मोटरसाईकिल पर बैठ गयीं।
मोटरसाईकिल चालक दोनों को डबवाली गांव की ओर जीटी रोड़ से ले चला। थोड़ी दूरी पर जाने पर उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें गलत साईड पर ले जाया जा रहा है। मनजीत और सीमा ने मोटरसाईकिल चालक को मोटरसाईकिल रोकने के लिए कहा। लेकिन उसने मोटरसाईकिल की स्पीड तेज कर ली। इस पर स्टेडियम के पास मनजीत मोटरसाईकिल से कूद गई और थोड़ी दूरी पर 132केवी सबस्टेशन के पास सीमा भी मोटरसाईकिल से कूद गईं। दोनों बुरी तरह से घायल हो गयीं और उनके शोर मचाने पर मोटरसाईकिल चालक तो फरार हो गया। वहीं से गुजर रहे कांग्रेस नेता रविन्द्र बिन्दू तथा उसके दोस्त जितेन्द्र ने घायल लड़कियों को अस्पताल पहुंचाया।
बदनामी के भय यह दोनों छात्राएं मरहम पट्टी करवाने के बाद पुलिस को सूचना दिये बिना अस्पताल से चली गईं।

स्वाइन फ्लू से महिला की मौत


डबवाली (लहू की लौ) डबवाली से करीब आठ किलोमीटर दूर गांव चकरूलदू सिंह वाला (जिला बठिंडा) में स्वाइन फ्लू के कारण एक महिला की मौत हो जाने से गांव में दहशत का माहौल है। महिला की अस्थियां चुनने पर स्वास्थ्य विभाग पंजाब द्वारा प्रतिबंध लगा देने से इस दहशतजदा माहौल को और हवा मिल गई है। जिसके चलते लोग अब इस महिला के घर में भी प्रवेश करने से डरने लगे हैं।
गांव चकरूलदू सिंह की रहने वाली उर्मिला देवी (55) को 15 मार्च को बुखार हुआ था। उसे इलाज के लिए डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। बुखार ठीक होने के बाद 16 मार्च को उसे अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उर्मिला के परिजन उसे डबवाली के ही अन्य निजी अस्पताल में ईलाज के लाए। लेकिन डॉक्टर ने उसे बठिंडा के लिए रैफर कर दिया। उर्मिला देवी का सबसे छोटा बेटा शंकर उसे उपचार के लिए बठिंडा और फिर लुधियाना ले गया। शंकर (25) निवासी चकरूलदू सिंह वाला ने बताया कि उसकी माता उर्मिला देवी में स्वाइन फ्लू के लक्षण होने के कारण डीएमसी के डॉक्टरों ने उनका सैम्पल लेकर दिल्ली भेज दिया। 17 मार्च को जो रिपोर्ट आई, उसमें स्वाइन फ्लू पॉजीटिव पाया गया। 19 मार्च को उर्मिला देवी ने दम तोड़ दिया।
उर्मिला के शव को गांव चकरूलदू सिंह वाला लाया गया और गांव की शमशान भूमि में शव को अग्नि दे दी गई। इसकी जानकारी पाकर स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने गांव में डेरा जमा लिया। शंकर के अनुसार उसकी मां की अस्थियों को चुनने पर प्रतिबंध लगा दिया।
अब स्थिति यह है कि कोई भी ग्रामीण अफसोस प्रकट करने के लिए उर्मिला के घर जाते हुए डरता है। इधर स्वास्थ्य विभाग बठिंडा ने संगत में तैनात कार्यकारी एसएमओ डॉ. सीमा गुप्ता के नेतृत्व में गांव चकरूलदू सिंह वाला में एतिहात के तौर पर टेमी फ्लू दवा वितरित करवाई है। स्वाइन फ्लू के रोगी के संपर्क में रहने वाले लोगों के ब्लड के सैम्पल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है।
गांव चकरूलदू सिंह वाला के सरपंच दीपइन्द्र सिंह ने गांव में स्वाइन फ्लू फैलने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पंजाब से मांग की कि गांव को स्वाइन फ्लू से सुरक्षित किया जाए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी आरएस रंधावा ने बताया कि मृतका उर्मिला के डीएमसी लुधियाना द्वारा जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण स्वाइन फ्लू बताया गया है। लेकिन फिलहाल डीएमसी ने इस संबंधी रिपोर्टे मुहैया नहीं करवाई हैं। उन्होंने बताया कि जांच में यह पाया गया है कि मृतका कभी घर से बाहर नहीं गई थी। लेकिन स्वाइन फ्लू के प्रभाव में कैसे आई?, यह जांच का विषय है। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्थियां चुनने पर प्रतिबंध लगाया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार ग्रामीणों को टेमी फ्लू दवाई देकर उनमें आत्मविश्वास बहाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को स्वाइन फ्लू से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। अगर उन्हें इस रोग के संबंध में कोई संदेह है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें।

सेखू में भी मिला स्वाइन फ्लू का रोगी
डबवाली (लहू की लौ) संगत ब्लाक के गांव सेखू में भी स्वाइन फ्लू का एक मरीज पाया गया है। सेखू निवासी जगजीत सिंह ने बताया कि उसके बड़े भाई मनदीप (25) को 6-7 मार्च को बुखार हुआ था। वे उसे बठिंडा ले गए। यहां से उन्हें स्वाइन फ्लू के लक्षणों के चलते डीएमसी लुधियाना के लिए रैफर कर दिया गया। जगजीत के अनुसार 17 मार्च को डीएमसी में उसके खून की रिपोर्ट की जांच के बाद उसे स्वाइन फ्लू का रोगी घोषित कर दिया गया। फिलहाल मनदीप डीएमसी में उपचाराधीन है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी आरएस रंधावा ने बताया कि सेखू में मिले स्वाइन फ्लू के रोगी की रिपोर्ट उन्हें मिली है। इस संबंध में गांव में कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।

एटीएम बदलकर पुलिस कर्मी के खाता से हजारों उड़ाए


डबवाली (लहू की लौ) थाना रोड़ी के पुलिस कर्मचारी का एक नटवर लाल ने केवल एटीएम बदल कर उसकी राशि ही नहीं उड़ाई बल्कि उसके खाते में किसी ओर की राशि डालकर उसे धोखादेही के आरोप में भी ऐसा फंसाया कि वह अब न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है।
थाना रोड़ी के ईएचसी लीलू राम ने पुलिस अधीक्षक सिरसा को भेजे पत्र में कहा है कि  उसके खाता संख्या नं. 10587031763 स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, सिरसा में है। जिसमें विभाग द्वारा उसका वेतन जमा होता है। वह अपने बच्चों सहित थाना शहर डबवाली में बने सरकारी क्वार्टर में रहता है और थाना रोड़ी में नियुक्त है। 15/11/2010 को अपने एटीएम कार्ड से अपने खाते से 2000 रूपये निकलवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में गया तो वहां का एटीएम खराब था। पैसे की जरूरत के चलते डबवाली के साथ लगते किलियांवाली के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के एटीएम में गया तो भीतर पहले से ही एक जवान लड़का उम्र 24-25 साल का खड़ा था। उसने एटीएम मशीन में राशि निकालने के लिए अपना एटीएम कार्ड नं. 622018 प्रयोग किया तो सहीं नहीं लगा। इस पर वहां खड़े युवक ने उसका एटीएम कार्ड लिया और मशीन में लगाने के बाद बटन दबाने के लिए कहने लगा। उसके कोड लगाते ही 2000 रूपये की राशि निकल गई और वह कार्ड लेकर घर आ गया। लेकिन उसने अपना खाता चैक नहीं किया।
इंसाफ मांग रहे इस पुलिस कर्मी ने बताया कि 25/11/2010 को वह थाना रोड़ी में डयूटी कर रहा था तो उसे आनन्द कुमार एएसआई थाना शहर सोनीपत का फोन आया और बताया कि उसके खाता में दो लाख रूपये उसने डाले हैं और उसने धोखाधड़ी की है। इस पर उसने अपने घर पर फोन करके पूछा तो वहां से पता चला कि उसका एटीएम कार्ड उस युवक ने बदल दिया है और जो कार्ड युवक ने उसे लौटाया है वे एटीएम कार्ड स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर का किसी बनवारी लाल नामालूम का है। उसके अनुसार वह उसी समय रोड़ी भारतीय स्टेट बैंक की रोड़ी शाखा में गया और उसी समय कॉल करके अपना एटीएम बंद करने के लिए कहा और खाता चैक करवाया तो उसमें मिला कि उसके बाकी रूपये 69,635 को उस व्यक्ति ने एटीएम तबदील करके निकलवा लिये। यहीं नहीं युवक ने धोखाधड़ी करके किसी ओर के खाता से दो लाख रूपये उसके खाते में सोनीपत से डाल दिए थे। जिससे उसने बैंक के माध्यम से संबंधित खाता धारक शमशेर सिंह फौजी को वापिस किये।
उसके अनुसार इसके बाद उसके पास इकबाल सिंह थानेदार थाना कोतवाली फरीदकोट (पंजाब) का फोन आया कि उसके खाता नं. 10587031763 के संबंध में मुकद्दमा नं. 332 दिनांक 25/11/2010 को अण्डर सैक्शन 420/379 आईपीसी तहत दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता कुलदीप सिंह ने 40,000 रूपये की राशि अपने खाते से उसके (लीलू राम) खाता में जमा होने संबध्ंाी दर्ज करवाई है। इसकी जानकारी मिलने पर वह छुट्टी लेकर वह जांच अधिकारी इकबाल सिंह को मिला और वहां उपस्थित कुलदीप सिंह मुद्दई से भी बात की और दोनों को संतुष्ट करवाया।
वह 1 दिसम्बर 2010 को अपनी शिकायत लेकर पुलिस चौकी किलियांवाली के पास गया और 2 दिसम्बर को पुलिस चौकी में रपट नं. 10 के अंतर्गत उसकी शिकायत दर्ज हुई। लेकिन इसके बावजूद उसे बार-बार थाना कोतवाली  फरीदकोट बुलाया जा रहा है।

डेरा प्रमुख की सत्संग के लिए डेरा प्रेमियों ने मांगी अनुमति


डबवाली (लहू की लौ) डेरा प्रेमियों ने डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की सत्संग डबवाली में करवाए जाने की अनुमति मांगी है। जिसको लेकर प्रशासन हरकत में आ गया है। वहीं सिक्ख संगठनों के विरोध में उतरने का निर्णय ले लिया है।
ब्लाक डबवाली के डेरा प्रेमी पिछले काफी समय से डबवाली में डेरा प्रमुख का सत्संग करवाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के मद्देनजर डेरा से संबंधित डबवाली के प्रमुख लोग डीएसपी डबवाली बाबू लाल को शुक्रवार को मिले और उनसे लिखित आवेदन करके अनुमति देने का अनुरोध किया।
इस संदर्भ में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के ब्लाक डबवाली के भंगीदास गोबिंद इन्सां ने बताया कि डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की सत्संग डबवाली के संगरिया रोड़ पर करवाने का मन बनाया है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू करते हुए प्रशासन की अनुमति के लिए वे लोग डीएसपी डबवाली बाबू लाल से शुक्रवार को मिले थे। इस मौके पर पंद्रह मैम्बरी कमेटी के सदस्य दीपू, पवन तथा सात मैम्बरी कमेटी के सदस्य गिरधर इन्सां, शिवजी इन्सां, पवन इन्सां शामिल थे। ब्लाक भंगीदास के अनुसार इस संबंध में लिखित आवेदन किया है। अभी तक तिथि तय नहीं है, जैसे ही प्रशासन उन्हें अनुमति देगा, वे तिथि पर विचार करेंगे।
इधर श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह खालसा ने कहा कि 18 जुलाई 2008 को डबवाली में डेरा प्रेमियों ने सभा के एक सक्रिय सदस्य हरमंदर सिंह की हत्या कर दी थी। जिसके जख्म अभी तक भरे नहीं है और न ही सिक्ख समुदाय इस हत्या को भूला है। अगर प्रशासन ने डेरा प्रमुख को सार्वजनिक रूप से इस प्रकार की सभा करने की अनुमति दी तो परिस्थितियां बिगड़ सकती हैं। जिसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से प्रशासन पर होगी। प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार डेरा प्रमुख को सभा करने की अनुमति न दी जाए, इसके लिए सिक्ख समुदाय पुलिस प्रशासन को मिलेगा।
इस संदर्भ में डीएसपी डबवाली बाबू लाल ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की सत्संग के लिए डेरा प्रेमियों ने अनुमति मांगी है।  लेकिन सत्संग के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। डीएसपी के मुताबिक सत्संग की अनुमति के लिए उच्च अधिकारियों से बातचीत की जाएगी। लॉ एण्ड ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।

बहुचर्चित चंद सिंह बराड़ हत्याकांड के केस की पैरवी के लिए सिरसा जा रहे कांग्रेस नेता पर फायरिंग


डबवाली (लहू की लौ) बहुचर्चित युवा कांग्रेस नेता चंद सिंह बराड़ हत्याकांड के संबंध में सिरसा की अदालत में चल रहे केस की पैरवी करने के लिए सफारी गाड़ी पर जा रहे बराड़ के भाई जग्गा सिंह बराड़ पर औढ़ां और गांव पन्नीवाला मोटा के बीच कुछ लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें बराड़ का एक साथी घायल हो गया।
29 अप्रैल 2006 को गंगा-मुन्नांवाली रोड़ पर तत्कालीन ब्लाक युवा कांग्रेस प्रधान चंद सिंह बराड़ की गोली मारकर कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। हत्यारे बराड़ को घर से जमीन दिखाने का बहाना लगाकर कार में ले गए थे। उन लोगों ने बराड़ से ताप बिजली घर लगाने के लिए जमीन खरीदने की बात की थी। उस समय चंद सिंह बराड़ के भाई जग्गा सिंह बराड़ के ब्यान पर थाना सदर पुलिस डबवाली ने विनोद अरोड़ा, प्रदीप गोदारा, राकेश कुमार, बिमल गोयल, सुशील सैनी सिरसा, शाह आलम और नेपाली बगैरा के खिलाफ चंद सिंह बराड़ की हत्या के आरोप में केस दर्ज किया था।  शाह आलम और नेपाली यूपी पुलिस से मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। यह केस अब जिला सिरसा की सैशन अदालत में चल रहा है। गुरूवार को इसी केस की पैरवी करने के लिए जग्गा सिंह बराड़ अपनी सफारी गाड़ी पर अपने साथियों के साथ सिरसा जा रहा था। जग्गा सिंह बराड़ ने औढ़ां पुलिस को दिए ब्यान में बताया कि इस दौरान उनके साथ एक अन्य जेन कार में उसके साथी सवार थे। जब वे औढ़ां-पन्नीवाला मोटा बिजलीघर के समीप पहुंचे तो पीछे से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने ओवरटेक कर उसकी गाड़ी को रूकवा लिया। बोलेरो सवार हथियारबंद लोगों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जोकि उसकी सफारी गाड़ी में लगी। साथ में उसके साथ जा रही जेन कार में लगी।
जग्गा के अनुसार इस दौरान उसके बचाव के लिए आए उसके भानजे जसवीर सिंह के दोस्त लखवीर सिंह (27) पुत्र सुखदेव सिंह के पैर में गोलियां लगी। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया।
घायल लखवीर सिंह ने बताया कि वह जग्गा सिंह बराड़ की सफारी गाड़ी के पीछे जेन कार में था। उसने देखा कि बराड़ की सफारी गाड़ी पर एक बोलेरो गाड़ी से उतरे लोग अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। वह जैसे ही बराड़ को बचाने के लिए दौड़ा तो उसके पैर की दो अंगुलियों में गोलियां लगी। जिससे उसकी दो अंगुलियां क्रेश हो गई। लखवीर सिंह ने बताया कि आरोपी करीब आधा घंटा तक गोलियां चलाते रहे।
सूचना पाकर घटना स्थल पर जिला पुलिस अधीक्षक सतिन्द्र गुप्ता, डबवाली के उपपुलिस अधीक्षक बाबू लाल भी मौका पर पहुंचे और उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
थाना औढ़ां पुलिस के प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि पुलिस ने घटना स्थल से एक बोलेरो गाड़ी व गोलियों के खाली खोल बरामद किए हैं। फायरिंग में घायल लखवीर पुत्र सुखदेव निवासी डबवाली को डबवाली अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया है। जग्गा सिंह बराड़ के ब्यान पर चौटाला निवासी छोटू राम पुत्र संत लाल, नवनीत पुत्र रामकुमार नुहियांवाली, कर्मजीत सिंह पुत्र जमीत सिंह, हरपाल पुत्र बलदेव निवासी मटदादू के खिलाफ जानलेवा हमला करने के आरोप में भादंसं की दफा 307/148/149 व आम्र्ज एक्ट की विभिन्न दफाओं के तहत मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से 315 बोर की दो राईफल व दो रिवॉल्वर भी बरामद किए गए हैं।

2190 दिनों की दुश्मनी, मित्रता में बदली


डबवाली (लहू की लौ) छह साल पुराने एक लड़ाई-झगड़े के केस में वकीलों की सूझबूझ और गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप के बाद करवाए गए राजीनामे को अदालत ने स्वीकृति प्रदान करके गांव जगमालवाली में दो गुटों के बीच चली आ रही द्वेष भावना को समाप्त करवा दिया।
गांव जगमालवाली के रणजीत सिंह पुत्र सुखदेव सिंह की शिकायत पर जुलाई 2005 को कालांवाली पुलिस ने इसी गांव के गुरमेल सिंह के खिलाफ दफा 323/324/325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह 9 जुलाई को शाम 7.30 बजे घर पर था। गुरमेल सिंह ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके उसे चोटें मारी। रंजिश की वजह यह थी कि गुरमेल सिंह ने रणजीत सिंह की साली गुरमीत कौर पत्नी अमरपाल सिंह को गलत फोन किए थे। इस संबंध में रामां में पंचायत हुई थी।
इधर गुरमेल सिंह पुत्र गंगा सिंह निवासी जगमालवाली ने रणजीत सिंह निवासी जगमालवाली और राजा सिंह पुत्र मिट्ठू सिंह निवासी रामां मण्डी तहसील तलवंडी साबो के खिलाफ डबवाली अदालत में इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई थी। जिसमें अदालत ने दफा 323 और 506 आईपीसी के तहत दोनों को तलब किया था।
मंगलवार को अदालत ने स्टेट बनाम गुरमेल सिंह केस में गुरमेल सिंह को दोषी करार दिया था। जबकि गुरमेल सिंह बनाम रणजीत सिंह बगैरा में रणजीत सिंह बगैरा को दोषी करार दिया था। बुधवार को इन्हें सजा सुनाई जानी थी। लेकिन वकील कुलदीप सिंह सिधू और वाईके शर्मा के प्रयासों और गांव जगमालवाली के गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप से दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया। दोनों पक्षों ने अपने राजीनामा में लिखा कि दोनों ही पक्ष खेत पड़ौसी व घर के पड़ौसी हैं और एक ही गांव के रहने वाले हैं। पंचायती व बिरादरी ने आपस में राजीनामा करवा दिया है। दोनों पक्षों में मनमुटाव व रंजिश दूर हो गई है। यह राजीनामा दोनों ही पक्षों के हित में है। अदालत ने दोनों पक्षों की याचिका पर विचार करने के बाद राजीनामा पर मुहर लगा दी और छह वर्षों से चले आ रही आपसी कटुता को मित्रता में बदल दिया।

गरीबी ने खेत में फेंकवा दिए थे कलेजे के टुकड़े


डबवाली (लहू की लौ) गरीबी इतनी नामुराद चीज है कि अपने जिगर के टुकड़ों को भी बाहर फेंककर मरने के लिए छोड़ सकती है। इसका रहस्योद्घटन गांव चौटाला में दो अबोध बालिकाओं को बेहोशी की हालत में खेत में फेंकने वाली दो महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ के दौरान हुआ है।
अबोध बालिकाओं को बेहोशी की हालत में खेत में फेंकने की आरोपी मां और नानी को चौटाला पुलिस ने गिरफ्तार करके मंगलवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी महिलाओं को सात दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
चौटाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह कुंडू ने बताया कि ओमप्रकाश (35) पुत्र रामकुमार निवासी चौटाला ने लीलाधर पुत्र गंगाजल बिश्नोई से 5वें हिस्से पर जमीन खेती के लिए ली हुई है। उसके तीन बेटियां ज्योति (6), गीता (4), गुनगुन (2) हैं। 23 दिसम्बर 2010 को उसकी पत्नी सुमन (32) रजामंदी से बच्चों सहित मायके हनुमानगढ़ चली गई थी। 11 मार्च को ओमप्रकाश की पत्नी सुमन तथा सास प्रेमा देवी थ्री व्हीलर में आईं और उसकी दो बेटियां को खेत में फेंक गईं। ओमप्रकाश ने अपनी पुत्रियां गीता और गुनगुन को बेहोशी की हालत में खेत में पाया और इलाज के लिए चौटाला के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। पुलिस ने ओमप्रकाश की शिकायत पर दफा 317/34 आईपीसी के तहत अपने बच्चों को त्याग देने के आरोप में शिकायतकर्ता की पत्नी सुमन और सास प्रेमा देवी पत्नी ओमप्रकाश निवासी हनुमानगढ़ के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी थी। चौकी प्रभारी के अनुसार आरोपी सुमन तथा प्रेमा देवी को हनुमानगढ़ से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के समक्ष दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 11 मार्च को चौटाला रकबा के खेत में गीता और गुनगुन को भूखी-प्यासी हालत में फेंक दिया था। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश सुमन को तंग और परेशानी करता था। गरीबी के चलते वह अपनी इन दो बेटियों को पालने में अक्षम थी। जिसके चलते उन्होंने यह अपराध किया।

मानसिक परेशानी में गाड़ी के आगे कूदा


डबवाली (लहू की लौ) कबीर बस्ती (पंजाब) के नजदीक गाड़ी के आगे कूदकर एक युवक ने जान दे दी। जिसकी पहचान गांव पन्नीवाला मोटा निवासी सतबीर उर्फ जगजीत (40) के रूप में हुई है।
मंगलवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे में की-मैन के पद पर तैनात कन्हैया लाल रोजमर्रा की तरह लाईनों की चैकिंग कर रहा था। कबीर बस्ती के निकट लाईनों में उसे एक शव पड़ा दिखाई दिया। उसने तुरंत इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर की सूचना डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। इधर इसकी सूचना पाकर जीआरपी बठिंडा को दी गई।
जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने मौका पर पहुंचकर युवक के शव को कब्जे में लिया और उसकी जेब तालाशी के दौरान पर्स से मिले मतदाता पहचान पत्र और लाईसेंस के आधार पर उसकी पहचान सतबीर उर्फ जगजीत पुत्र अमर सिंह निवासी पन्नीवाला मोटा के रूप में हुई। एएसआई की सूचना पाकर मृतक का भाई सुभाष मौका पर पहुंचा।
सुभाष (44) ने बताया कि बीती 22 तारीख को गांव के एक युवक लाधू राम की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसमें उसके भाई सतबीर का नाम घसीटा जा रहा था। पुलिस द्वारा मामले की जांच चल रही है। इसकी को लेकर उसका भाई मानसिक रूप से परेशान था। इसी परेशानी के चलते सोमवार शाम को अचानक घर से गायब हो गया और कबीर बस्ती (पंजाब) के पास गाड़ी के नीचे आकर जान दे दी।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि पुलिस को मृतक सतबीर के भाई सुभाष निवासी पन्नीवाला मोटा ने ब्यान दिया है कि मानसिक परेशानी के चलते उसके भाई ने गाड़ी के आगे आकर जान दी है। पुलिस ने इस आधार पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए शव का बठिंडा के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।

कोलकाता से किया था हैंड राईटिंग का डिप्लोमा


गाड़ी चोरी के आरोप में पकड़े गए 72 साल के वकील ने
डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी चोरी के आरोप में डबवाली से पकड़े गए 72 साल के वकील धनी राम मित्तल से दिल्ली पुलिस ने रिमांड के दौरान एक सेंट्रो कार बरामद हुई है। रिमांड के दौरान मास्टरमाईंड वकील ने दिल्ली पुलिस के समक्ष एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए उत्तर-पश्चिम जिला, दिल्ली की प्रभाीर आईपीएस मीनू चौधरी ने बताया कि दिल्ली में वाहन चोर गिरोह के काफी मामले सामने आ रहे थे। बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड की एक टीम को गठित किया गया। जिसमें एसआई वेदप्रकाश, एएसआई सुरेन्द्र कुमार, एएसआई रमेश कुमार, एचसी नरेन्द्र कुमार, एचसी शेषधर आदि को शामिल किया गया। इस टीम ने गाड़ी चोर गिरोह के दो सदस्यों संजय मित्तल तथा महिपाल को काबू करने में सफलता अर्जित की। पूछताछ के दौरान संजय मित्तल पुलिस के समक्ष परत-दर-परत राज खोलता गया। पूछताछ के दौरान संजय ने गिरोह का मुख्य सरगना धनी राम मित्तल को बताया और यह भी बताया कि वे चोरी की गई गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ में रहने वाले तेजा सिंह नामक व्यक्ति के जरिए आगे बेचते हैं।
चौधरी के अनुसार संजय से मिली जानकारी के आधार पर टीम धनी राम मित्तल की टोह में जुट गई। गत दिवस टीम को मुखबरी मिली कि धनी राम मित्तल और तेजा सिंह डबवाली में हैं। सूचना मिलते ही टीम ने डबवाली में रेड करके दोनों को काबू कर लिया। दोनों की निशानदेही पर अनूपगढ़ में तेजा सिंह ढाणी से पुलिस को चोरी की गई अस्टीम, बलेरो, टाटा सूमो, मारूति कारें बरामद हुई। पकड़े गए दोनों आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत में पेश करके दो दिन का रिमांड हासिल किया गया। रिमांड के दौरान धनी राम मित्तल ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए।
चौधरी ने आगे बताया कि चोरी की गई गाडियों के जाली कागजात तैयार करके उपरोक्त गिरोह के सदस्य इन्हें आगे बेचा करते थे। जाली कागजात को तैयार करने में बड़ी सफाई से काम किया जाता था। धनी राम मित्तल ने कोलकाता से हैंड राईटिंग का डिप्लोमा किया हुआ है। वह दूसरे की लिखावट तथा साईन करने में बड़ा माहिर है।
मीनू चौधरी ने बताया कि धनी राम मित्तल एक पेशेवर मुजरिम है। इस व्यक्ति पर रोहतक, दिल्ली, हिसार, जींद, बठिंडा, करनाल, बीकानेर, गंगानगर, भिवानी, बहादुरगढ़, सोनीपत, गोहाना, बरनाला, तपा तथा फरीदाबाद पर चोरी, धोखाधड़ी, हत्या आदि के कई संगीन मामले विचाराधीन है।

बनेगा पेट्रो केमिकल जोन


फुल्लोखारी में स्थापित रिफाईनरी के लिए
डबवाली (लहू की लौ) गांव फुल्लोखारी में स्थापित रिफाईनरी की यूनिट स्थापित करने के लिए लगभग 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पेट्रो केमिकल जोन का मास्टर प्लान तैयार हो जाने से संबंधित गांवों में हड़कंप मच गया है। जोन को पेट्रोल, केमिकल एण्ड पेट्रो केमिकल इनवेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआईआर) का नाम दिया गया है। इस जोन को लेकर किसान अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए जुटने लगे हैं। वहीं इसे जिला टाऊन प्लानिंग अधिकारी ने किसानों के लिए हितकारी करार दिया है।
रिफाईनरी की यूनिटें स्थापित करने के लिए पंजाब सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इस मास्टर प्लान में ब्लाक संगत के गांवों समेत जिला बठिंडा के कई गांव शामिल हैं। रिफाईनरी में अनयूज प्रोडक्ट को नई स्थापित होने वाली यूनिटों में लाकर तैयार किया जाएगा। मास्टर प्लान में 39 गांवों को चिह्नित किया गया है। जिसमें गांव पथराला, गांव चकरूलदू सिंह वाला, कुटी किशनपुरा, जस्सी बागवाली, गुरथड़ी, फल्लड़, तरखानवाला, चकहीरा सिंह वाला, गहरी बुट्टर, धुनेवाला, महिता, शेरगढ़, माना वाला, बाघा, बंगी रूलदू, मलवाला, बंगी रूकु, कनकवाल, फुल्लोखारी, ग्याना मुख्य तौर पर शामिल हैं। मास्टर प्लान के तहत इन गांवों के 40 प्रतिशत हिस्से में ही रिफाईनरी से संबंधित औद्योगिक ईकाईयां स्थापित की जा सकेंगी।
जिला टाऊन प्लानिंग अधिकारी गुलजार सिंह ने बताया कि पीसीपीआईआर स्थापित होने से किसानों को नुक्सान नहीं बल्कि फायदा होगा। उन्होंने बताया कि औद्योगिक ईकाईयों के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है, उसके मुताबिक उक्त क्षेत्रों को काफी लाभ होगा। मुख्य मार्ग करीब 60 मी. चौड़ा होगा। साथ में लिंक मार्ग और अन्य मार्ग भी चौड़े किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिफाईनरी की ईकाईयां के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए किसी किसान को बाध्य नहीं किया जाएगा। बल्कि किसान की मर्जी होगी कि वह जमीन देगा या नहीं। उन्होंने बताया कि जोन स्थापित होने से इस क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
इधर जोन की स्थापना को लेकर किसानों को अपनी जमीनों को जबर्दस्ती छीनने का डर सताने लगा है। क्षेत्र के किसानों के मुताबिक जोन की आड़ में उनकी जमीनें छीनी जा सकती हैं। दूसरा क्षेत्र में जोन स्थापित होने के बाद औद्योगिक ईकाईयों से निकलने वाली हानिकारक गैस और विषैले तत्व उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। किसानों ने मांग की है कि पंजाब सरकार मास्टर प्लान पर कार्य शुरू करने से पूर्व चयनित गांवों के किसानों की एक बैठक बुलाए तथा मास्टर प्लान से संबंधित जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाए। संबंधित गांवों के किसानों ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर धमकी दी है कि अगर सरकार ने उनके क्षेत्र को औद्योगिक जोन बनाकर उनकी जमीनें छीनने का प्रयास किया तो वे पंजाब सरकार के खिलाफ आंदोलन छेडऩे को बाध्य होंगे।

बन बैठा था जज


धनी राम मित्तल कागजों में जालसाजी करके
डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी चोरी के आरोप में पकड़ा गया रोहतक का 72 साल का वकील धनी राम मित्तल जालसाजी करके रोहतक में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रह चुका है। विभिन्न राज्यों में इस वकील पर करीब 250 मुकद्दमें चल रहे हैं। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान हुआ है। धनी राम मित्तल को गत दिवस कार चोरी के आरोप में दिल्ली पुलिस के एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड की टीम ने डबवाली से काबू किया था। आरोपी को दिल्ली की एक अदालत में पेश करने के बाद पुलिस ने दो दिन का रिमांड हासिल किया था।
जज को दिखाया बाहर का मार्ग
एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड के एसआई वेदप्रकाश तथा एएसआई सुरेश शर्मा ने मोबाइल पर बताया कि रिमांड के दौरान दिल्ली पुलिस को धनी राम मित्तल के बारे में कई जानकारियां मिली हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली में इस एलएलबी पास आरोपी पर जालसाजी, चोरी व अन्य वारदातों के कई मुकद्दमें चल रहे हैं। मुकद्दमों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। धनी राम मित्तल राजस्थान के गंगानगर से एलएलबी पास है। प्रेक्टिस के लिए यह व्यक्ति रोहतक अदालत में बैठा। 1987 में रोहतक अदालत में किसी बात को लेकर जज से आरोपी की बहस हुई। आरोपी ने जज को तीन दिन के भीतर सबक सिखाने की धमकी दी।
144 आरोपी कर दिए थे बरी
एसआई के अनुसार धनी राम मित्तल ने जाली कागजात तैयार करके जज को वहां से चलता किया। बाद में जाली ऑर्डर लेकर खुद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बन बैठा। करीब डेढ़ माह तक यह बेहरूपिया अपना खेल खेलता रहा और इस खेल के दौरान उसने विभिन्न मामलों में फंसे 144 आरोपियों को बरी कर दिया। आखिर बहरूपिया का मुखोटा सामने आया, तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 144 एफआईआर दर्ज कर दी।
हैंडराईटिंग की नकल उतारने में है माहिर
एसआई के अनुसार धनी राम मित्तल शातिर दिमाग का है और जाली हुबहू हस्ताक्षर करने का माहिर भी है। 1964 में पहली बार 420 के एक मुकद्दमें में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। काले कोट में छुपा यह शातिर अपने काले कोट की आड़ में अपराध करता रहा। कोर्ट के इर्द-गिर्द खड़ी होने वाली गाडिय़ों को उड़ाता रहा। वकील होने के कारण किसी को इस पर संदेह नहीं हुआ। जब राज खुला तो दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपी के पास मास्टर की थी। जिसके आधार पर वह किसी भी कार का लॉक खोल लेता। आरोपी चोरी करने के बाद अपने रहने की जगह बदल लेता था।

मोबाइल चक्की के तले आकर मरा


डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली के चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर शुक्रवार रात को एक मोबाइल चक्की (ट्रेक्टर के साथ लगी आटा चक्की) पलट गई। चक्की के नीचे आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक घायल हो गया।
गांव डबवाली निवासी सुजान सिंह (50), लाभ सिंह (35) गांव शेरगढ़ से शुक्रवार रात को अपनी मोबाइल चक्की पर गांव लौट रहे थे। ट्रेक्टर को सुजान सिंह चला रहा था। चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर अचानक मोबाइल चक्की पलट गई। गांव डबवाली में करियाणा की दुकान चलाने वाले सुजान सिंह के बेटे बलजिन्द्र ने बताया कि सूचना पाकर वह भिन्द्र सिंह निवासी गांव डबवाली को साथ लेकर मौका पर पहुंचा। मोबाइल चक्की के नीचे दबे सुजान सिंह तथा लाभ सिंह को निकाला। सूचना पाकर मौका पर पहुंची डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस से दोनों घायलों को उपचार के लिए डबवाली लाया जा रहा था, तो रास्ते में ही उसके पिता सुजान सिंह ने दम तोड़ दिया। जबकि लाभ सिंह को घायल अवस्था में डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया।
बलजिन्द्र सिंह ने बताया कि उसके पिता सुजान सिंह ने कुछ समय पूर्व ही मोबाइल चक्की का कार्य शुरू किया था। वे गांवों में जाकर चक्की की मदद से लोगों का अनाज पिसाई किया करते थे। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई रामसरूप ने बताया कि मृतक के पौत्रे भूपिन्द्र सिंह (24) पुत्र जगतार सिंह के ब्यान पर इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाते हुए शव का शनिवार को डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को वारिसों को सौंप दिया।

नकली चाबी से उड़ाई थी टीचर की जेन कार

डबवाली (लहू की लौ) 27 फरवरी की रात को डबवाली के वार्ड नं. 2 की दर्जियों वाली गली में से चुराई गई जेन कार को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
डबवाली के वार्ड नं. 2 की दर्जियों वाली गली के निवासी अध्यापक राजीव रंजन की कार बीती 27 फरवरी की रात को चोरी हो गई थी। इस संबंध में गोल बाजार पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की कर दी थी। बीते दिनों पंजाब की मलोट पुलिस ने गाड़ी चोरी के आरोप में एक युवक को काबू किया। आरोपी ने अपनी पहचान दलजीत उर्फ सोनू पुत्र महेंद्र निवासी पटेल नगर मलोट के रूप में करवाई। आरोपी ने पूछताछ के दौरान पंजाब पुलिस के समक्ष डबवाली से भी कार चोरी करने की बात स्वीकारी। सहायक उपनिरीक्षक ने बताया कि शहर डबवाली पुलिस ने कार चोरी के मामले में वांछित आरोपी को मुक्तसर जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लिया। शुक्रवार को आरोपी को उपमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश करके एक दिन का रिमांड हासिल किया। रिमांड अवधि के दौरान आरोपी ने घटना स्थल की निशानदेही करवाते हुए चोरी की गई जेन कार बरामद करवाई।
जांच अधिकारी सुभाष चन्द्र ने यह भी बताया कि आरोपी दलजीत ने नकली चाबी का प्रयोग करके कार चुराई थी। वह नशे की पूर्ति के लिए कार चोरी करता है। आरोपी को शनिवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

वकील निकला गाड़ी चोर


दिल्ली पुलिस ने डबवाली में की रेड, बाप-बेटा दोनों करते थे गाड़ी चोरी
डबवाली (लहू की लौ) दिल्ली पुलिस के एंटी थेफ्ट स्कवेड ने रोहतक के एक नामी-गिरामी वकील को कार चोर गिरोह के सरगना के रूप में डबवाली से काबू करके चोरी की गई 10 कारें बरामद की हैं।
दिल्ली से चोरी हुई कारों की गुत्थी को सुलझाते हुए दिल्ली पुलिस के एंटी थेफ्ट सैल ने रोहतक निवासी संजय मित्तल को काबू किया था। पुलिस पूछताछ में संजय ने कार चोरी मामले में अपने पिता धनी राम मित्तल का नाम पुलिस को बताया था और यह भी बताया था कि वे दोनों बाप-बेटा मिलकर गाडिय़ां चुराते हैं। चोरी की गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ के रहने वाले जमींदार तेजा सिंह की मार्फत पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बेचते हैं।
सैल के एसआई वेदप्रकाश ने बताया कि संजय से मिली जानकारी के आधार पर सैल ने अपना कार्य शुरू कर दिया। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए। इसी दौरान सैल को मुखबरी मिली कि आरोपी धनी राम मित्तल तथा तेजा सिंह को डबवाली में देखा गया है। सूचना पाकर वे अपनी टीम के साथ डबवाली पहुंचे और यहां से धनी राम मित्तल और तेजा सिंह को दबोच लिया। पुलिस को तेजा सिंह की ढाणी से दिल्ली से चोरी की गई 10 गाडिय़ां बरामद हुई हैं। जिनमें अस्टीम, बलेरो तथा मारूति शामिल हैं।
एसआई के अनुसार पकड़ा गया आरोपी धनी राम मित्तल पेशे से वकील है। जोकि रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला है। धनी राम मित्तल और उसका बेटा संजय मित्तल दोनों दिल्ली से गाडिय़ां चोरी किया करते थे। बाद में चोरी की गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ के रहने वाले तेजा सिंह के यहां ढाणी में खड़ी कर देते। तेजा सिंह दलाल के रूप में इन गाडिय़ों को साथ लगते राज्यों में बेचता था। उन्होंने यह भी बताया कि पकड़े गए आरोपी धनी राम मित्तल पर कई केस रजिस्टर्ड हैं।
यूं मिले आरोपी
एसआई वेदप्रकाश के अनुसार संजय मित्तल और तेजा सिंह पंजाब की एक जेल में बंद थे। वहीं वे एक-दूसरे के संपर्क में आए और उन लोगों ने अपना नेटवर्क तैयार किया।

12 मार्च 2011

गंडासा मारकर किसान की हत्या


महिला सहित चार पर हत्या का मामला दर्ज, आरोपियों को पकडऩे के लिए पांच टीमें गठित
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली के चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर रास्ते की मिट्टी को लेकर उपजे विवाद में शुक्रवार दोपहर को चार जनों ने एक किसान का बेरहमी से कतल कर दिया। हत्यारों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने चार जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है। आरोपियों की तालाश के लिए पुलिस ने पांच टीमें गठित की हैं।
गांव डबवाली निवासी जसकरण सिंह (35) पुत्र नाजर सिंह चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर स्थित अपने खेत में कार्य कर रहा था। खेत में खुशकरण सिंह पुत्र नाहर सिंह, हरमंदर सिंह पुत्र बलजिन्द्र सिंह निवासी गांव डबवाली भी मौजूद थे। खेत में सब्जी की बिजाई के लिए कम्प्यूराईज्ड कराहा से समतल करने का कार्य चल रहा था। मिट्टी खेत के साथ जा रहे मार्ग में डाली जा रही थी। इस दौरान खेत के पास रह रहे जगसीर सिंह नामक व्यक्ति ने इस मार्ग पर मिट्टी डालने पर एतराज किया और इसको लेकर उनमें तकरार हो गई।
जोगिन्द्र सिंह (51) निवासी गांव डबवाली ने बताया कि जगसीर सिंह, राजविंद्र सिंह, खुशविंद्र सिंह पुत्रान जगसीर सिंह, बेअंत कौर पत्नी जगसीर सिंह घर से तेजधार हथियार उठा लाए और जसकरण पर हमला कर दिया। अपनी जान बचाकर भागता हुआ जसकरण वहीं गिर गया। आरोपियों ने तेजधार हथियारों से उस पर कई वार किए। जगसीर बगैरा तब तक वार करते रहे जब तक जसकरण ने दम नहीं तोड़ दिया।
हत्या की सूचना पाकर एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता, डीएसपी डबवाली बाबू लाल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मौका पर एसपी सत्येंद्र गुप्ता ने मामला दर्ज करके आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए अपने अधिनस्थ अधिकारियों को आदेश दिए।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि पुलिस ने जोगिन्द्र सिंह (51) पुत्र नरायण सिंह निवासी गांव डबवाली के ब्यान पर उसके भतीजे जसकरण उर्फ लीला की गंडासे मारकर हत्या करने के आरोप में जगसीर सिंह उर्फ जग्गा, बेअंत कौर पत्नी जगसीर सिंह, राजविंद्र सिंह, खुशविंद्र सिंह पुत्रान जगसीर सिंह के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी गई है।
डीएसपी के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। जिनका नेतृत्व थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू, सीआईए डबवाली प्रभारी एसआई हवा सिंह, एएसआई कृष्ण कुमार, एएसआई साधु राम, एएसआई राजकुमार कर रहे हैं।

11 मार्च 2011

मैं पापी तू बख्शन हार


समारोह : वैश्य महासम्मेलन ने सांसद नवीन जिन्दल के बर्थ-डे पर सम्मानित किए नेत्रदानी परिवार    डबवाली (लहू की लौ) अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से सांसद नवीन जिन्दल के 41वें जन्मदिवस पर बुधवार शाम को हरियाणा पब्लिक स्कूल के प्रांगण में 'ओपी जिन्दल पुरस्कार वितरण एवं विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रमÓ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आगाज सिरसा से आए कलाकार गुरप्रीत सिंह घुग्घी ने 'मैं पापी तू बख्शन हारÓ से किया। बस दा पंजाब एवं 'राहे-राहे जांदेआ नूं घुट पानी दी तूं पिला दे...Ó , 'आऊंदी कुडि़ए-जांदी कुडि़ए बाजार चो जूती ले आंवी...Ó  के बोल पर सग्गी गिद्दा, पंजाबी बोलियों की प्रस्तुति देकर कलाकारों ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। महासम्मेलन की ओर से मरणोपरांत नेत्रदान कर चुके स्व. विद्या देवी मित्तल, स्व. हंसराज गर्ग, स्व. मिठू राम सोनी, स्व. कमला देवी गर्ग, स्व. केदारनाथ भाटी एडवोकेट व रामकिशन ग्रोवर के परिवारों को ओपी जिन्दल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के संरक्षक राम प्रकाश सेठी, रूप चन्द सेठी, योगेश गर्ग ने मरणोंपरांत शरीर दान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल मुख्यातिथि के रूप में शरीक हुए। जबकि अध्यक्षता ज्योतिषी पं. लाल जी शास्त्री ने की। डबवाली शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग, संदीप चौधरी, सुशील बांसल, भगवान श्री कृष्ण कॉलेज एजुकेशन की प्रधानाचार्या डॉ. पूनम गुप्ता, गुरूनानक कॉलेज किलियांवाली की प्रधानाचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा तथा दि आर्ट ऑफ लिविंग के प्रतिनिधि डॉ. प्रेम छाबड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर महासम्मेलन के राज्य उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला, शाखा अध्यक्ष प्रीतम बांसल, एडवोकेट सुरेश शर्मा, बहादर सिंह कूका, नगर पार्षद विनोद बांसल, पूर्व पार्षद पवन सेठी, सतीश जग्गा, केशव शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य आत्माराम अरोड़ा, चिमन लाल मिढ़ा, मोहन लाल कौशिक, कृष्ण सेतिया, एसके दूआ, प्रकाशचंद बांसल, रविंद्र छाबड़ा, पं. मुरारी लाल शर्मा, देवराज बांसल, रोहित बांसल व हंसराज गोयल आदि उपस्थित थे। इस मौके पर मंच का संचालन एचपीएस स्कूल के आचार्य रमेश सचदेवा ने बखूबी किया।

दो हादसों में 18 घायल


डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे 10 पर बुधवार रात को हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में 18 जनें घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली, लम्बी तथा गांव बादल स्थित सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए लेजाया गया। दोनों ही परिवार संस्कार के बाद अपने-अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे।
किलियांवाली में अबोहर रोड़ कैचियां पर प्राईवेट बस के फीटर रेहड़ा से टकरा जाने से फीटर रेहड़ा चालक सहित 13 लोग घायल हो गये। जिन्हें गम्भीर हालत में लम्बी के सरकारी अस्पताल में डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने पहुंचाया। गांव बिदोवाली से रूप सिंह का परिवार फीटर रेहड़ा पर सवार होकर गांव डबवाली में काका सिंह के साडू सतनाम सिंह के संस्कार पर आये हुए थे और शाम 3 बजे संस्कार के बाद वापिस गांव लौट रहे थे। जैसे ही उनका फीटर रेहड़ा किलियांवाली में अबोहर कैंचियों के पास पहुंचा तो अबोहर साईड से आई प्राईवेट बस फीटर रेहड़ा से टकरा गई और फीटर रेहड़ा पलट गया। जिससे फीटर रेहड़ा चालक सहित 13 लोग घायल हो गये। घायलों में फीटर रेहड़ा चालक बिल्लू सिंह, सवारियां काकू सिंह, गुरदेव सिंह, सुखजीत कौर, गुलाब कौर, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर, रानी कौर, सुरजीत कौर, श्रृंगारा सिंह, जंगीर कौर के नाम शामिल हैं। घायलों को लम्बी के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। घटना की सूचना पाकर किलियांवाली चौकी प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल मौका पर पहुंचे। चौकी प्रभारी ने बताया कि दुर्घटना करने वाली जनता बस सर्विस अबोहर की बस को काबू कर लिया गया है जबकि मौका से बस चालक फरार हो गया। घायलों के ब्यानों के बाद बस चालक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
मलोट रोड़ पर स्थित श्री हनुमान मंदिर के पास मिट्टी की भरी एक ट्राली से स्विफ्ट कार के टकरा जाने से कार में सवार 5 लोगों को चोटें आयीं। समालखां निवासी सुरेश कुमार (47) पुत्र बख्तावर मल खूंगर ने बताया कि वे बुधवार सुबह 8.30 बजे समालखां से अबोहर के लिए रवाना हुए थे। उसके साथ उसका छोटा भाई श्याम सुन्दर (45), पत्नी उषा रानी (40), बहन प्रेम लता (37) पत्नी प्रवीन कुमार, जीजा पवन कुमार पुत्र नन्द लाल था। अबोहर में बुआ की बेटी हरजीत  का संस्कार करवाने के बाद वह लोग शाम को 7.30 बजे समालखां के लिए अबोहर से रवाना हुए। लेकिन उनकी स्विफ्ट कार जैसे ही मलोट रोड़ पर किलियांवाली में स्थित हनुमान मंदिर के पास रात्रि 8.30 बजे पहुंची तो आगे जा रही मिट्टी की भरी ट्राली से जा टकराई। जिससे उस सहित कार में सवार सभी लोग घायल हो गये। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घायलों को डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के चालक कुलवन्त सिंह ने सरकारी अस्पताल डबवाली में पहुंचाया। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक रैफर कर दिया गया।
किलियांवाली चौकी के प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल ने बताया कि घायलों ने किसी पर भी कार्रवाई करवाने से इंकार कर दिया है।

09 मार्च 2011

बच्चे के पेट से निकला कीड़ों का ढ़ेर


डबवाली (लहू की लौ) चार वर्ष के बच्चे के पेट से एक-एक फुट लम्बे 50 कीड़े निकलने से बच्चे के अभिभावक हतप्रभ हैं।
किलियांवाली की भाटी कलोनी निवासी भरपूर राम ने बताया कि उसका 4 वर्षीय बेटा पवनदीप पहली कक्षा का छात्र है। पिछले तीन माह से वह मिट्टी खाने लगा था और उसके पेट में दर्द था, पेट फूल गया। उन्होंने अपने बेटे को एक प्राईवेट डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर की दवा से उसके पेट से ढेर सारे कीड़े निकले। अब पवनदीप राहत महसूस कर रहा है।
आरएमपी डॉ. नानक ने बताया कि उसके पास पवनदीप को पेट दर्द के चलते इलाज के लिए लाया गया था। उसे लगा कि जिस प्रकार से बच्चे के पेट में दर्द के लक्षण बताये गये हैं वह पेट में कीड़ों के कारण से हैं। इस पर उसने कीड़ों की दवा की दो शीशियां पीने को दीं। जिससे कीड़े पेट से बाहर निकल गये।

डीएसपी के खिलाफ नारेबाजी


डबवाली (लहू की लौ) गांव लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर की मौत के प्रकरण को लेकर थाना सदर में सोमवार को दोनों पक्षों के बीच चल रही बैठक के दौरान कहासुनी हो गई। लड़की के पक्षकारों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए थाने का घेराव कर डाला। बैठक के अध्यक्ष डीएसपी पर आरोपी परिवार का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इधर डीएसपी ने लड़की पक्ष पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
बीते गुरूवार को गांव लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। कर्मजीत के भाई जगसीर सिंह के ब्यान पर पुलिस ने कर्मजीत के पति जगपाल सिंह, सास हरबंस कौर तथा देवर बग्घा निवासीगण लोहगढ़ के खिलाफ मरने के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज करके जगपाल को गिरफ्तार कर लिया था। इधर हरबंस कौर ने पुलिस कप्तान सिरसा सतेंद्र गुप्ता को एक दरखवास्त देकर स्वयं तथा अपने बेटे बग्घा सिंह को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग की थी।
एसपी ने इस दरखवास्त के आधार पर जांच का कार्य डीएसपी डबवाली बाबू लाल को सौंप दिया। डीएसपी बाबू लाल ने जांच आरंभ करते हुए दोनों पक्षों को रविवार को थाना सदर में बुलाया। लेकिन किसी कारण पंचायत नहीं हुई। सोमवार को पुन: दोनों पक्ष थाना सदर में उपस्थित हुए। बैठक के दौरान किसी बात लेकर दोनों पक्षों में तकरार हो गई। मामला तूल पकड़ गया। लड़की पक्ष ने जांच पर संदेह करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। थाने का घेराव करके नारेबाजी शुरू कर दी।
लड़की पक्ष के मेजर सिंह, जगसीर सिंह, गुरसेवक सिंह, हरदीप सिंह, हरभजन सिंह, लखवीर सिंह, मनदीप सिंह, अमरीक सिंह, बलदेव सिंह, जितेन्द्र सिंह निवासी घुकांवाली ने आरोप लगाया कि डीएसपी बाबू लाल उन पर कर्मजीत की सास हरबंस कौर तथा देवर बग्घा सिंह को केस से निकलवाने के लिए दबाव डाल रहा है। बैठक के दौरान डीएसपी उन्हें बार-बार दबाने का प्रयास कर रहा था और साथ में दुव्र्यवहार भी कर रहा था।
लड़का पक्ष के जगदेव सिंह निवासी कर्मगढ़ छत्तरां (बठिंडा), गांव लोहगढ़ के सरपंच प्रतिनिधि नछत्तर सिंह, हरबंस सिंह नंबरदार, कुलवंत सिंह पूर्व पंच, जसविंद्र सिंह, सुखपाल सिंह, अंग्रेज सिंह, साहिब सिंह निवासीगण लोहगढ़ ने बताया कि बैठक शांति से चल रही थी। लेकिन लड़का पक्ष ने दबाव की रणनीति के तहत बवाल खड़ा कर दिया और बैठक से उठकर चले गए। इन लोगों ने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। एसपी सतेंद्र गुप्ता ने हरबंस कौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच उन्हें सौंपी थी। अभी जांच चल रही है। दोनों पक्षों को जांच के लिए थाना में बुलाया गया था। शांतिप्रिय माहौल में चल रही बैठक के दौरान लड़की पक्ष की ओर से आए एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने माहौल बिगाड़ दिया। लड़की पक्ष बैठक से उठकर चला गया। पुलिस पर दबाव बनाने तथा जांच प्रभावित करने के लिए इन लोगों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। डीएसपी के मुताबिक जांच के दौरान पूरी ईमानदारी से कार्य किया जा रहा है। किसी भी निर्दोष को बलि का बकरा नहीं बनने दिया जाएगा।

प्रेमी जोड़े ने थाना में रचाई शादी


डेढ़ साल पहले ऋषिकेश में एसटीडी पीसीओ पर मिले थे दोनों
डबवाली (लहू की लौ) करीब डेढ़ साल पहले धार्मिक नगरी ऋषिकेश के एक एसटीडी पीसीओ पर फोन करने गए एक युवक की पीसीओ ऑपरेटर एक युवती से मित्रता हो गई। बाद में यह मित्रता प्रेम में तबदील हो गई। दोनों ने विवाह रचाकर घर बसाने का मन बनाया। लेकिन दोनों के प्यार में जाति आड़े आ रही थी। अपने प्यार को परवान चढ़ाने के लिए प्रेमी जोड़ा घर से भाग गया। जाति की सीमाओं को लांघते हुए दोनों परिवारों ने युवक-युवती की शादी कर दी।
डबवाली के वार्ड नं. 10 का निवासी पवन कुमार (21) पुत्र सुरेन्द्र कुमार डेढ़ वर्ष पूर्व ऋषिकेश में अपने नौनिहाल गया हुआ था। वहां रेलवे रोड़ पर स्थित एक एसटीडी पर फोन करने के लिए गया तो वहां की ऑपरेटर आरती शर्मा से उसकी आंखे चार हो गई। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्यार में बंध गए। पवन का वहां आना-जाना शुरू हो गया। उन दोनों ने शादी करवाने का फैसला लिया। 2 मार्च को शादी करवाने के लिए दोनो ऋषिकेश से बिना कुछ बताए भाग कर डबवाली आ गए।
आरती (19) पुत्री दिनेश कुमार शर्मा निवासी कृष्ण नगर कलोनी, नजदीक आईडीपीएल ऋषिकेश ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व उसका पवन से प्यार हुआ था। वह इन्टर पास है, एसटीडी पीसीओ पर बतौर ऑपरेटर काम करती थी। एक दिन पवन एसटीडी में टेलीफोन करने के लिए आया और वह उसकी हो गई। उसने बताया कि इस प्रेम प्रसंग के संबंध में उसने अपने माता-पिता से कभी बात नहीं की। लेकिन उसकी बहनों को इसकी जानकारी थी। 2 मार्च को वह ऋषिकेश से हरिद्वार आए और हरिद्वार से बठिंडा पहुंच गए। वहां से फिर वह 5 मार्च को बठिंडा से डबवाली आ गए। लेकिन शाम को जब वापिस हरिद्वार वाली गाड़ी से ऋषिकेश लौट रहे थे, तो जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर उन्हें दबोच लिया।
पवन (21) निवासी डबवाली ने बताया कि वह डीजे में काम करता है। वह पिछले पांच सालों से ऋषिकेश में अपने नौनिहाल में आता-जाता है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ऋषिकेश में एक पीसीओ पर वह फोन कर रहा था। वहीं आरती से उसके प्रेम संबंध हो गए। उसने आरती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है और उसे पाकर वह खुश है।
जीआरपी डबवाली के एएसआई इकबाल सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर एक युवक और युवती बैठे हुए थे। उन्हें संदेह हुआ कि यह जोड़ी भागकर आई है। पूछताछ करने पर दोनों ने सही बात बता दी। युवती ने अपना नाम आरती शर्मा और युवक ने अपना नाम पवन बताया। दोनों के परिजनों को टेलीफोन से जानकारी दी। 7 मार्च को जीआरपी में आरती का पिता ऋषिकेश से दिनेश कुमार शर्मा (65) पहुंचा। उधर पवन का दादा रेशम कुमार अरोड़ा (65)   निवासी डबवाली अपने वार्ड के पार्षद टेकचंद छाबड़ा के साथ चौकी पहुंचा। अपने परिजनों के समक्ष लड़का-लड़की ने शादी की इच्छा जताई। अलग-अलग जाति से संबंधित होने के बावजूद दोनों परिवारों ने लड़का और लड़की को रंजामंदी दे दी। लड़का और लड़की ने जीआरपी चौकी में ही एक-दूसरे के गले में मालाएं डालकर शादी रचा ली। दोनों पक्षों ने पुलिस को लिखकर दे दिया है कि दोनों परिवार इस शादी से सहमत हैं और वे इस संबंध में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते।
आरती के पिता ऋषिकेश निवासी दिनेश कुमार शर्मा सेवानिवृत हवलदार आर्मी ने बताया कि उसे आरती और पवन के बीच प्रेम संबंधों के बारे में 2 मार्च से पूर्व कोई जानकारी नहीं थी। जब ये लोग ऋषिकेश से भागे तो उसे पता चला। इस संबंध में जब उसने अपने घर में बातचीत की तो आरती की बहनों ने बताया कि उसके पास एक लड़का आता-जाता था। शर्मा के अनुसार उसने अपनी बेटी की इच्छा के मुताबिक उसकी शादी पवन से करवा दी।
इधर पवन के दादा रेशम अरोड़ा निवासी डबवाली ने बताया कि उसने अपने पोते की इच्छा को रखते हुए उसकी शादी आरती से करवा दी।

05 मार्च 2011

सीबीआई जांच की मांग


गुरदेव कौर हत्या मामले ने तूल पकड़ा, गांव में पुलिस फोर्स तैनात
डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा में 11 फरवरी को 73 साल की वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या का मामला तूल पकड़ गया है। हत्या के आरोप में पकड़े गए युवक के परिजनों ने युवक को मामले में झूठा फंसाए जाने का आरोप पुलिस पर लगाया है। वहीं मामले की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग भी उठने लगी है। उधर आरोपी परिवार के बहिष्कार करने की अफवाह के चलते गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
11 फरवरी को गांव सांवतखेड़ा में गुरदेव कौर (73) की हत्या कर दी गई थी। उसका शव सरसों के खेत में आपत्तिजनक हालत में मिला था। वृद्धा की हत्या के आरोप में पुलिस ने गांव के ही गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का को काबू किया था। लेकिन गुरूवार शाम को आरोपी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने की अफवाह ने बवाल खड़ा कर दिया। इस अफवाह ने पुलिस के भी हाथ-पांव फूला दिए। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए शुक्रवार सुबह ही भारी संख्या में पुलिस दलबल गांव में पहुंच गया।
एक दलित परिवार के सामाजिक बहिष्कार की अफवाह की सूचना पाकर इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां पीडि़त परिवार के घर पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए करनैल सिंह औढ़ां ने कहा कि देश के संविधान में किसी भी जाति विशेष का बहिष्कार करने का किसी को अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता के तहत कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्धा की हत्या का अपराधी पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन किसी बेकसूर को पकडऩा न्याय संगत नहीं है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की।
इधर हत्या के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का के पिता बंता सिंह, माता तेज कौर, भाई जगसीर सिंह, पत्नी हरजिन्द्र कौर तथा बहन कर्मजीत कौर ने गुरदीप को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने रंजिश के चलते झूठा फंसाया है। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच किए गुरदीप उर्फ बोला को प्रताडि़त किया और फंसाया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरदीप सिंह ने कभी भी वृद्धा के परिवार में नौकरी नहीं की। जबकि पुलिस गुरदीप को मृतका के परिवार का नौकर बता रही है।
गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने निक्का के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं है। पुलिस ने अपनी जांच के बाद ही वृद्धा की हत्या का आरोपी निक्का को पाया। उसने यह भी कहा कि उसकी निक्का से कोई पुरानी रंजिश नहीं है। सरपंच ने निक्का के परिवार के बहिष्कार को झूठी अफवाह करार देते हुए कहा कि इस संबंध में कहीं भी मुनादी नहीं हुई है और न ही पंचायत ने इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव पारित किया है।
मृतक वृद्धा के भाई जय सिंह ने कहा कि उनके घर पर गुरूवार को किसी तरह की कोई महापंचायत नहीं हुई। बल्कि बहिष्कार का शगूफा शरारती तत्वों की कपोल कल्पना है। किसी ने भी गांव में किसी परिवार का कोई बहिष्कार नहीं किया। हत्या के आरोप में पकड़े गए गुरदीप उर्फ निक्का के परिवार से उनकी कोई रंजिश नहीं है और न ही उनके परिवार का कोई व्यक्ति उनके पास नौकरी करता रहा है। उसकी बहन गुरदेव कौर की हत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और हत्यारा पकड़ा जाना चाहिए। इसके लिए सरकार सीबीआई की जांच करवाए।
एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि एतिहात के तौर पर गांव सांवतखेड़ा में फोर्स तैनात की गई है। ताकि असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर गांव का माहौल न बिगाड़ें।

ससुरालियों के लालच ने ली कर्मजीत की जान


डबवाली (लहू की लौ)  जमीन के लालच में पति, देवर और सास ने मिलकर एक विवाहिता की जान ले ली। पुलिस ने मृतका के भाई की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
गांव घुकांवाली के जगसीर सिंह (35) पुत्र बारू सिंह ने बताया कि वर्ष 2000 में उसकी छोटी बहन कर्मजीत कौर की शादी गांव लोहगढ़ में जगपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के साथ हुई थी। शादी में हैसियत से बढ़कर उन्होंने अपनी बहन को दान-दहेज दिया था। इस दौरान कर्मजीत कौर के बेटा हुआ। जिसका नाम अर्शदीप है। अब उसकी आयु करीब 9 साल है। गुरूवार शाम को गांव लोहगढ़ के बलविंद्र सिंह पटवारी ने उसे सूचना दी कि कर्मजीत कौर की मौत हो गई है। उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में रखा गया है। इसकी सूचना पाकर वह मौका पर पहुंचा। उसने देखा कि उसकी बहन के गले पर निशान हैं और मुंह से खून की लार बह रही है। उसकी बहन को मरने के लिए मजबूर किया गया है या फिर उसे मारा गया है। उसके अनुसार उसकी तीन अन्य बहनें भी हैं। वीरां और रानी उससे बड़ी हैं जबकि कर्मजीत कौर उससे छोटी थी और जसप्रीत कौर भी उससे छोटी है। उनके पास कुल 26 किल्ले जमीन है। 7 माह पूर्व उसके पिता बारू सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद जमीन को 6 हिस्सों में बांट दिया गया। उसकी चारों बहनों ने अपने हिस्से की जमीन उसे देना तय कर लिया। तीन माह पूर्व उन्होंने अपनी जमीन उसके नाम करवा दी।
कर्मजीत कौर का पति जगपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह, देवर बग्गा सिंह तथा सास हरबन्स कौर को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और वह लोग उससे ज्यादा मारपीट करने लगे। वे चाहते थे कि कर्मजीत कौर के हिस्से आने वाली करीब 4 एकड़ जमीन जगसीर सिंह के नाम न करके  उनके नाम कर दी जाये। इसको लेकर उसकी बहन कर्मजीत कौर के ससुराली उसे परेशान करते थे। 10 दिन पूर्व उसकी बहन का फोन उसके पास आया और वह कहने लगी कि जमीन उनके नाम न करवाये जाने पर उसके ससुराली उसे मारने की धमकी दे रहे हैं और परेशान कर रहे हैं। बहन का फोन आने वह गांव के ही बलदेव सिंह, गुरसेवक सिंह, मनजीत सिंह के साथ लोहगढ़ गया और उन्हें समझाया, साथ में दो लाख रूपये देकर उन्हें कहा कि इसके बाद वे उसकी बहन को तंग व परेशान न करें।
सरकारी अस्पताल डबवाली के डॉक्टर एमके भादू ने बताया कि अस्पताल में वीरवार रात को लगभग 8.30 बजे कर्मजीत कौर को मृत अवस्था में लाया गया था। उसके गले पर रस्सी का निशान था। शुक्रवार को चौटाला पुलिस चौकी की कार्यवाही के बाद उन्होंने अपने साथी डॉ. बलेश बांसल के  साथ शव का पोस्टमार्टम करना था। लेकिन लड़की पक्ष के लोग पोस्टमार्टम सिरसा में करवाना चाहते थे। इसलिए लाश को पोस्टमार्टम के लिए सिरसा रैफर कर दिया गया।  थाना सदर पुलिस प्रभारी उपनिरीक्षक रतन सिंह ने बताया कि जगसीर सिंह निवासी घुकांवाली के ब्यान पर उसकी बहन कर्मजीत कौर को मरने के लिए मजबूर करने के आरोप में गांव लोहगढ़ के जगपाल सिंह, बग्घा सिंह तथा हरबन्स कौर के खिलाफ धारा 306/34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके लाश का पोस्टमार्टम सिरसा के सिविल अस्पताल से करवाने के बाद बिसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला मधुबन भेज दिया गया है। मामले की जांच चौटाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह कर रहे हैं।

फिल्मों में प्रवेश करने के लिए मॉडलिंग इजी-वे


डबवाली (लहू की लौ) मॉडलिंग फिल्मों में प्रवेश करने का इजी वे है। लेकिन मेहनत और लगन के बिना मॉडलिंग भी आसान नहीं। यह कहना है प्रसिद्ध पंजाबी फिल्म हश्र के विलन विक्टर जॉन का।
वे गुरूवार को मण्डी किलियांवाली के नीलकंठ मैरिज पैलेस में एक पंजाबी एलबम की शूटिंग के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2001 में उन्होंने पंजाबी गीत रस भीनी-भीनी बहा जोगिया.. से मॉडलिंग की दुनियां में प्रवेश किया था। उसके बाद उनके मॉडलिंग में शूट किए गए गीत नैण नैला नाल मिला लीं, बाजी मार गया बठिंडा वाला गबरू काफी हिट हुए। उन्होंने बताया कि मॉडलिंग में युवाओं के लिए आपार संभावनाएं हैं। लेकिन भारतीय समाज मॉडलिंग को पश्चिमी कल्चर की संज्ञा देता है, जबकि ऐसा नहीं है। उनके अनुसार एक मॉडल भारतीय संस्कृति में रहकर भी बुलंदियों को छू सकता है।
प्रसिद्ध पंजाबी फिल्म मिट्टी तथा हश्र में भूमिका निभा चुके विक्टर जॉन जल्द आ रही पंजाबी फिल्म मित्रां दा ना चलदा में मुख्य किरदार की भूमिका में रूपहले पर्दे पर नजर आएंगे।

विलन की भूमिका में पुलिस वाला


डबवाली (लहू की लौ) फिल्म इंडस्ट्री में बॉम्बे नागपुर शर्मा के नाम से मशहूर कलाकार बीएन शर्मा ने कहा कि अब पंजाबी फिल्मों का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। जिसके चलते हिन्दी फिल्मों के कलाकार भी अब पंजाबी फिल्मों में भाग लेने लगे हैं। यहीं नहीं पंजाबी फिल्में अच्छा कारोबार करने लगी हैं। 30-40 लाख रूपए में बनकर तैयार होने वाली पंजाबी फिल्म में जान फूंकने के लिए अब 5-6 करोड़ रूपए खर्च किए जाने लगे हैं।
वे गुरूवार को मण्डी किलियांवाली स्थित नीलकंठ पैलेस में एक एलबम की शूटिंग के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले पंजाबी फिल्में जट्ट और जमीन के इर्द-गिर्द घूमती थी। इसलिए फिल्मों के नाम भी जट्ट दी मुच्छ, जट्ट दी गंडासी या जट्ट दी जमीन के इर्द-गिर्द घूमते थे। लेकिन अब इसमें परिवर्तन आया है। पंजाबी फिल्मों ने इससे बाहर आकर अपने स्तर को सुधारा है।
उन्होंने कहा कि समाज की मांग के अनुसार ही फिल्में तैयार होती है। कभी जमाना था कि फिल्म में महिला अदाकार की बाजू पकडऩे पर बवाल खड़ा हो जाता था। इसे सैक्स सिंबल कहा जाता था। अब जबकि महिला अदाकार का बाजू पकडऩे पर कोई हो-हल्ला नहीं होता। बल्कि समाज इस प्रकार के दृश्यों की मांग कर रहा है।
उसे फिल्मों में विलन की भूमिका पसंद है। उसके भाग्य में विलन की भूमिका ही लिखी हुई है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि अक्सर उसकी 85 वर्षीय माता सुभद्रा भी उससे यही प्रश्न करती है कि पुत जदो तूं छोटा सी ओदों भी छित्तर खांदा सी, ते हुण तूं फिल्म दे शुरू तो ले के खत्म होण तक छित्तर खाई जांदा रहदां, ते छित्तर पैणे कदों हटनगे।
बीएन शर्मा ने बताया कि देश के कई राज्यों ने कलाकारों को एक प्लेटफार्म तैयार करके दिया है। लेकिन पंजाब अभी इसमें पिछड़ा हुआ है। उनके अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की ओर से पंजाब में फिल्म सिटी के निर्माण की घोषणा से कुछ आस बंधी है। उन्होंने यह भी बताया कि वे हरभजन मान की जल्द आने वाली फिल्म यारा ओ दिलदारा के साथ-साथ जी ने मेरा दिल लुटेया में जीपी ग्रेवाल के साथ नजर आएंगे।
1985 में पंजाबी फिल्म बैसाखी में विलन की भूमिका से अपने कैरियर का आगाज करने वाले बीएन शर्मा अब तक हिन्दी तथा पंजाबी की सैंकड़ों फिल्मों में विलन के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्म गदर-एक प्रेम कथा, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो, प्रायश्चित, लेडी डकैत, आज का बंदोबस्त में अपनी अदाकारी दिखाकर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। अदाकार होने के साथ-साथ बीएन शर्मा पंजाब पुलिस के सैक्टर-9 चण्डीगढ़ में स्थित पुलिस हैडक्र्वाटर में बतौर सुपरिडेण्ट तैनात हैं।

अबूबशहर के मनरेगा मजदूर बिफरे


डबवाली (लहू की लौ) नियमित रूप से काम न मिलने और किए गए काम के बदले वेतन न मिलने पर गुस्साए गांव अबूबशहर के मनरेगा मजदूरों ने उपमण्डलाधीश कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
गुरूवार दोपहर को गांव अबूबशहर के मनरेगा मजदूर अचानक उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के कार्यालय के समक्ष पहुंचे और कार्यालय के आगे धरना देकर बैठ गए। इस दौरान मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा सरकार के विरूद्ध जोरदार नारेबाजी करके भड़ास निकाली। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व सुंदर लाल, आत्मा राम, बिन्द्र, विजय, कुलदीप, गजानंद, सोमा रानी, पुष्पा देवी, रजनी, प्रेमो देवी, कलावती, नसीब कौर, परमेश्वरी, जसपाल कौर, निहाल सिंह आदि कर रहे थे।
इन लोगों ने बताया कि छह माह पूर्व उन्होंने गांव में बने वाटर वक्र्स तथा उसकी डिग्गी की सफाई की थी। लेकिन काम के बदले आज तक उन्हें मजदूरी नहीं मिली है। इसके बाद जनवरी माह में काम मिलने पर कुछ मजदूरों ने जोहड़ की खुदाई की। चार-पांच दिन कार्य करने के बाद उन्हें हटा दिया गया। इस कार्य की मजदूरी भी उन्हें आज तक नहीं मिली है। इस मौके पर मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम से कार्रवाई किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद मनरेगा मजदूर शांत हुए।
बाद में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि मनरेगा मजदूरों के साथ न्याय होगा। मामले की जांच करने के आदेश बीडीपीओ डबवाली राम सिंह को दे दिए गए हैं। मनरेगा मजदूरों की मांगों के संबंध में वे उपायुक्त सिरसा युद्धवीर सिंह ख्यालिया से भी बात करेंगे।
बीडीपीओ राम सिंह से जब इस संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पैसे की कोई कमी नहीं है। पैसे मनरेगा मजदूरों के खाते में जमा होते हैं। कुछ मजदूरों ने बैंक में अपने खाते नहीं खुलवाएं हैं। बिना खाता वे किसी मजदूर को पैसे नहीं दे सकते। यहां तक कार्य का सवाल है, पंचायत जो भी डिमांड करती है, उसके अनुसार पैसा उसे उपलब्ध करवा दिया जाता है। फिर भी वे मामले की जांच करेंगे।

वृद्धा का हत्यारा जेल भेजा


डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा में वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार निक्का उर्फ बोला को एक दिन के पुलिस रिमांड के बाद मंगलवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये।
रिमांड के दौरान हत्या आरोपी निक्का ने पुलिस को बताया कि मृतका गुरदेव कौर के भाई जय सिंह स्वामी के पास दिहाड़ी करता था। वह काली का उपासक है। जब भी किसी महिला को देखता है उसे कुछ हो जाता है।  11 फरवरी को खेत से चारा लेने के लिए जा रहा था और उसके आगे जा रही गुरदेव कौर को देख कर उसे कुछ हुआ और उसने धक्का देकर गुरदेव कौर को गिरा दिया।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि बेहोश गुरदेव कौर को निक्का घसीट कर सरसों के खेत में ले गया। उसका इरादा नेक नहीं था। लेकिन रोड़ पर यातायात को देख कर वह भयभीत हो गया। अंगूठे से गला दबा कर गुरदेव कौर की हत्या कर दी और फरार हो गया। पुलिस के अनुसार हत्यारोपी निक्का इससे पहले भी गांव की औरतों से छेड़छाड़ कर चुका है, लेकिन मामला इज्जत का होने के कारण मामलों को गांव में ही निपटा दिया गया। जस्सू ने बताया कि इसका सुराग भी नाटकीय ढंग से लगा जब बार-बार पुलिस दबिश पाकर आरोपी मृतका के भतीजे छिन्द्र सिंह के पास पहुंचा और उससे कहने लगा कि उसने गुरदेव कौर की हत्या करके भूल की है। उसकी इस गलती को किसी प्रकार माफ करवाया जाये और वह अपना अपराध स्वीकार करने को तैयार है। इस पर पुलिस ने निक्का को दबोच लिया और पूछताछ करने के बाद पुलिस के समक्ष उसने अपना आरोप भी स्वीकार कर लिया।
इधर आरोपी निक्का ने इस संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि दो वर्ष उसकी शादी संगरिया की हरजिन्द्र कौर (20) के साथ हुई। वह पिछले डेढ़ वर्ष से काली माता की उपासना कर रहा है। जब उसमें माता की शक्ति महसूस होती है तो अपनी सुध-बुध खो देता है और उसके पास जो भी आता है उसे धक्का देकर गिरा देता है। ऐसा ही उसने गुरदेव कौर के साथ किया। लेकिन उसका नीयत लूटपाट या बलात्कार की नहीं थी। उसने यह तो स्वीकार किया कि गांव की महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगा था, जो झूठा था।

गैस बैल्डिंग टैंकी फटने से लोगों में दहशत


डबवाली (लहू की लौ) वार्ड नं. 3 की गली पुन्नू लाल वाली में मंगलवार शाम को गैस बैल्डिंग टैंकी फटने से लोगों में दहशत फैल गई और टैंकी के टुकड़े आसपास के घरों में जा गिरे।
गली वासी भगवान दास (40), प्रशोत्तम दास (37) पुत्रान रघुवीर सिंह ने बताया कि उनके घर के साथ ही सुदर्शन मित्तल ने अलमारियां बनाने की फैक्टरी लगा रखी है। इस फैक्टरी में शाम को धमाका हुआ और बैल्डिंग टैंकी फट गई। टैंकी का मलबा उनके घर पर आकर गिरा। संयोग से घर में कोई नहीं था, इसलिए हादसा टल गया। अन्य गली वासी सुशील कुमार (57), सुनीता गर्ग (47), सीमा रानी (38), सरिता गर्ग (35), रजनी गोयल (30) ने बताया कि धमाका इतने जोर का था कि उन्हें लगा कि किसी मकान की छत गिर गई है।
फैक्टरी में काम करने वाले मिस्त्री सुदर्शन कुमार (32) पुत्र जवाहर लाल निवासी गोरखपुर ने बताया कि अलमारी को बैल्डिंग करने का काम चल रहा था और अचानक धमाका के साथ टैंकी फट गई। मिस्त्री के अनुसार वह लोग टंकी से 8 फुट दूर थे नहीं तो उन्हें भी चोट लग सकती थी। मै. गिरधारी लाल सुदर्शन कुमार फर्म के मालिक सुदर्शन मित्तल के बेटे ऋषि मित्तल ने भी स्वीकार किया कि उनकी फैक्टरी में टंकी फटी है लेकिन मिस्त्री का परिवार भी वहीं रहता है, यह कोई बड़ी घटना नहीं है। अचानक बैल्डिंग के दौरान ऐसा हुआ।

पब्लिक हेल्थ कार्यालय में तोडफ़ोड़


डबवाली (लहू की लौ) घरों में गंदे पेयजल की आपूर्ति की शिकायत जनस्वास्थ्य विभाग और उपमंडल अधिकारी (ना.) को कई बार किए जाने के बावजूद भी इसका समाधान न निकलने पर आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय का घेराव कर डाला। मटका तोड़ प्रदर्शन किया। फिर भी जब अधिकारियों ने उनकी आवाज को नहीं सुना। लोग कार्यालय में जबर्दस्ती घुस गए। मौका पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग करके प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ा।
वार्ड नं. 5 के लोग पिछले काफी समय से घरों में गंदे पेयजल की आपूर्ति होने और सीवरेज के पानी की निकासी न होने की शिकायत लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर एसडीएम तक को मिल चुके हैं। लेकिन जब उनकी बात को न सुना गया तो उनका संयम टूट गया। मंगलवार को वार्ड नं. 5 के बच्चे, महिलाएं, पुरूष और वृद्ध गंदे पेयजल की आपूर्ति का समाधान न किए जाने को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर आ धमके। इन लोगों ने पहले हरियाणा सरकार तथा जनस्वास्थ्य विभाग के विरूद्ध नारेबाजी की, महिलाओं ने मटके फोड़कर अपना आक्रोश जताया। धरना देकर बैठे इन लोगों की जब सुनवाई विभाग और प्रशासन के अधिकारियों ने नहीं की, तो उनका धैर्य जवाब दे गया और गुस्सा आसमान को छूने लगा। लोग जबर्दस्ती कार्यालय में घुस गए और कुछ लोगों ने इस दौरान कार्यालय में तोडफ़ोड़ भी की। इसकी सूचना पाकर एएसआई साधु राम के नेतृत्व में पुलिस दल मौका पर पहुंचा। हल्का बल प्रयोग करते हुए पुलिस ने लोगों को वहां से खदेड़ा।
वार्ड नं. 5 के पूर्व पार्षद दाना राम, डॉ. संतोष अरोड़ा, बनारसी दास, वेदप्रकाश, अशोक कुमार, बूटा राम, दर्शना देवी, दयालो देवी, शिमला रानी, लक्ष्मी, सरोज, बिन्द्र महंत, चांदनी महंत, पायल महंत, निशा, बबली, बालक प्रीति, कोमल, राहुल, तनु, सिमरन, कोमल रानी, शक्ति, अजय, मोती ने बताया कि उनके घरों में पिछले छह माह से गंदे पेयजल की आपूर्ति हो रही है। इस संबंध में वे लोग कई बार जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारयों से मिलकर शिकायत कर चुके हैं, इसके बाद इस मामले को लेकर उपमंडलाधीश को भी मिल चुके हैं। एक सप्ताह से तो हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि सीवरेज युक्त काला और गंदा पेयजल उनके घरों में सप्लाई हो रहा है। वार्ड के लोग बुरी तरह से बीमारी का शिकार हो रहे हैं। लेकिन विभाग के कान पर इसके बावजूद भी जूं तक नहीं रेंगी। बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो आज उन्हें इक्ट्ठे होकर जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय पर आकर प्रदर्शन की मार्फत अपना रोष प्रकट करने लगा।
मौका पर उपस्थित विभाग के जेई सतपाल ने बताया कि उन्हें लगातार गंदे पेयजल आपूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं। सोमवार को डिस्पोजल से गंदा पानी निकालने का प्रयास किया तो पंजाब के किसानों ने पानी की निकासी नहीं होने दी। जिसके चलते डिस्पोजल का पानी वापिस शहर में आने लगा। यहां कहीं पेयजल पाईप लीक करती थी, उसमें मिक्स होकर घरों तक पहुंचने लगा। उन्होंने पंजाब के किसानों की इस हरकत से उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को अवगत करवा दिया है।
मौका पर पहुंचे थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत जस्सू ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लिखित शिकायत मिलने पर डिस्पोजल के पानी में बाधा बनने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
नगर में गंदे पेयजल की आपूर्ति पर उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि शहर में गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायतें निरंतर मिल रही हैं। तहसीलदार राजेन्द्र कुमार को शहर का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ में जनस्वास्थ्य विभाग को भी नगर में स्वच्छ पानी की आपूर्ति करने को कहा गया है।

संदिग्ध परिस्थितियों में किसान की मौत


डबवाली (लहू की लौ) पंजाब की तहसील मलोट के गांव बुर्ज सिंधवा के एक किसान की मंगलवार शाम को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई।
गांव बुर्ज सिंधवा का किसान गुरभजन सिंह (56) अपनी पांच एकड़ जमीन के लिए बीटी कॉटन का बीज खरीदने के लिए शुक्रवार शाम को गुजरात रवाना हुआ था। उसके बाद वापिस घर नहीं लौटा। मंगलवार शाम करीब 5 बजे किसान डबवाली की नई अनाज मण्डी रोड़ पर स्थित पीरखाना के पास बेहोश पड़ा मिला। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य कुलवंत सिंह उसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। यहां कुछ समय बाद किसान ने दम तोड़ दिया।
गुरभजन सिंह के बेटे जगमीत सिंह (22) निवासी गांव बुर्ज सिंधवा ने बताया कि उसका पिता हार्ट का रोगी था। गुजरात में बीज के साथ-साथ वह हार्ट की दवा लेने के लिए गया था। लेकिन घर वापिस नहीं लौटा। मंगलवार रात करीब 8.30 बजे उसके भाई पवनदीप के पास फोन आया कि डबवाली के सरकारी अस्पताल में एक मृत व्यक्ति की जेब से उसका नंबर मिला है। वे फोरी तौर पर डबवाली पहुंचे। यहां उन्हें उपरोक्त जानकारी मिली। संभव है कि उसके पिता गुरभजन सिंह की मौत हार्ट फेल होने के कारण हुई। जगमीत के अनुसार उसके पिता के पास 10-15 हजार रूपए की नकदी तथा कपड़ों का बैग भी था। जिसका कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है।
मामले की जांच कर रहे गोल बाजार पुलिस चौकी के एएसआई सुभाष चन्द्र ने बताया कि जगमीत के ब्यान पर पुलिस ने फिलहाल इतफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। गुरभजन सिंह के शव का बुधवार को डबवाली के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया। वहीं विसरे को जांच के लिए मधुबन स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है।
डबवाली के सरकारी अस्पताल में तैनात डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि जब गुरभजन सिंह के शव को लाया गया था, उस समय उसमें कुछ सांसें शेष थी। कुछ देर बाद ही गुरभजन सिंह ने दम तोड़ दिया।
गुरभजन सिंह के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद डॉ. एमके भादू ने बताया कि प्रथम दृष्टि से मौत का कारण हार्ट फेल होना हो सकता है। चूंकि मृतक के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं है। फिर भी विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है।
कैसे हुई किसान की मौत?
1. क्या किसान गुरभजन सिंह गुजरात गया था?
2. अगर वह गुजरात गया था तो वहां से खरीदा गया कॉटन बीज व उसका सामान कहां है?
3. अपने गांव जाने की अपेक्षा गुरभजन सिंह डबवाली के पीरखाना के पास कैसे पहुंचा?
4. जब उसे अस्पताल लाया गया, उस समय उसकी जेब से 400 रूपए मिले, बाकी के पैसे कहां गए?