डबवाली (लहू की लौ) छह साल पुराने एक लड़ाई-झगड़े के केस में वकीलों की सूझबूझ और गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप के बाद करवाए गए राजीनामे को अदालत ने स्वीकृति प्रदान करके गांव जगमालवाली में दो गुटों के बीच चली आ रही द्वेष भावना को समाप्त करवा दिया।
गांव जगमालवाली के रणजीत सिंह पुत्र सुखदेव सिंह की शिकायत पर जुलाई 2005 को कालांवाली पुलिस ने इसी गांव के गुरमेल सिंह के खिलाफ दफा 323/324/325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह 9 जुलाई को शाम 7.30 बजे घर पर था। गुरमेल सिंह ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके उसे चोटें मारी। रंजिश की वजह यह थी कि गुरमेल सिंह ने रणजीत सिंह की साली गुरमीत कौर पत्नी अमरपाल सिंह को गलत फोन किए थे। इस संबंध में रामां में पंचायत हुई थी।
इधर गुरमेल सिंह पुत्र गंगा सिंह निवासी जगमालवाली ने रणजीत सिंह निवासी जगमालवाली और राजा सिंह पुत्र मिट्ठू सिंह निवासी रामां मण्डी तहसील तलवंडी साबो के खिलाफ डबवाली अदालत में इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई थी। जिसमें अदालत ने दफा 323 और 506 आईपीसी के तहत दोनों को तलब किया था।
मंगलवार को अदालत ने स्टेट बनाम गुरमेल सिंह केस में गुरमेल सिंह को दोषी करार दिया था। जबकि गुरमेल सिंह बनाम रणजीत सिंह बगैरा में रणजीत सिंह बगैरा को दोषी करार दिया था। बुधवार को इन्हें सजा सुनाई जानी थी। लेकिन वकील कुलदीप सिंह सिधू और वाईके शर्मा के प्रयासों और गांव जगमालवाली के गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप से दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया। दोनों पक्षों ने अपने राजीनामा में लिखा कि दोनों ही पक्ष खेत पड़ौसी व घर के पड़ौसी हैं और एक ही गांव के रहने वाले हैं। पंचायती व बिरादरी ने आपस में राजीनामा करवा दिया है। दोनों पक्षों में मनमुटाव व रंजिश दूर हो गई है। यह राजीनामा दोनों ही पक्षों के हित में है। अदालत ने दोनों पक्षों की याचिका पर विचार करने के बाद राजीनामा पर मुहर लगा दी और छह वर्षों से चले आ रही आपसी कटुता को मित्रता में बदल दिया।
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