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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

26 दिसंबर 2010

पत्नी, दो बेटियों को भाखड़ा में फेंका

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सहित दो बेटियों को भाखड़ा नहर में धकेल दिया। जबकि एक बच्ची जीवित बाहर निकाल ली गई और उसकी पत्नी तथा एक बेटी पानी में बह गई।
शनिवार सुबह 9 बजे भाखड़ा नहर मौजगढ़ पर तैनात कैनाल गार्ड अमित कुमार ने देखा कि नहर में डबवाली-रानिया रोड़ पर स्थित मौजगढ़ हैड बुर्जी नं. 401500 साईड  से एक बालिका बहती हुई आ रही है। वह तुरन्त नहर में कूद गया उसे बाहर निकाल लाया। अमित कुमार (26) पुत्र हरबन्स लाल दीवानखेड़ा ने बताया कि जब बच्ची को बाहर निकाला गया तो बच्ची रो रही थी तथा सर्दी से कांप रही थी। उसने बच्ची के लिए आग जलाई और उसे आग सेंका कर सर्दी से राहत दिलाई और घटना की सूचना गांव वालों को दी। उसके अनुसार बच्ची इतनी घबराई हुई थी कि वह रोने के सिवाय कुछ भी नहीं बोल रही थी।
भाखड़ा नहर से बच्ची मिलने की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे ग्रामीणों को देख कर बच्ची में हौसला और उसने पूछने पर अपना नाम शबनप्रीत बताते हुए आपबीती बताई। शबनप्रीत (7) ने बताया कि उसके डैडी ने उसे, उसकी मां तथा उसकी बहन को नहर में फेंक दिया था। इस बच्ची को गांव वालों ने गांव की दाई भजनों पत्नी कौर सिंह के हवाले कर दिया ताकि इसको किसी प्रकार की परेशानी न हो और अपने बारे में सही ढंग से बता सके।
मौका पर पहुंचे थाना सदर प्रभारी एसआई रतन लाल ने भी शबनप्रीत से पूछताछ की जिसमें लड़की ने यहीं कहा कि उसके डैडी ने उसे, उसकी मां तथा बहन को नहर में फेंक दिया था। थाना प्रभारी ने बताया कि नहर में धकेली गई बच्ची की माता तथा बहन को निकालने के लिए गोताखोरों का प्रबंध किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार यह नहर लगभग 25 फुट गहरी है। इतनी गहराई में जाने के बाद संभव है कि नहर में धकेली गई महिला और उसकी बेटी का बचना मुश्किल है।
गांव दोदा जिला मुक्तसर के शेरा सिंह उर्फ काला (27) पुत्र टहल सिंह ने बताया कि वह गांव से पिछले अढ़ाई माह पूर्व ही गांव मौजगढ़ के एकाप्त फार्म हाऊस पर नौकरी के लिए आया है। खेत मजदूरी के साथ-साथ वहां रसोईए का काम भी करता है और पास ही ढाणी में वह अपने परिवार के साथ रह रहा है। उसकी पत्नी कुलदीप कौर (25) जब कभी बीमार होती तो वह गांव के आरएमपी डॉक्टर से उसे दवा दिला देता। लेकिन शुक्रवार रात को वह उल्टियां करने लगी तो शनिवार सुबह वह उसे लेकर गांव के डॉक्टर के पास पैदल ही आ रहा था कि रास्ते में मौजगढ़ हैड के पास आकर उसकी पत्नी ने कहा कि वह नहर में गिर कर मरेगी। चंूंकि वह उसे किसी अच्छे डॉक्टर को नहीं दिखाता। साथ में उसने यह भी कहा कि उसने चूहे मारने वाली गोलियां रात को निगल ली हैं और इससे तो वह मरी नहीं अब नहर में कूद कर जान देगी।
शेरा के अनुसार उसने उसे मनाने का प्रयास किया। वे नहर की पटरी-पटरी पर चलते गये। इसी दौरान उन्होंने नहर की पटरी के पास बैठ कर आग भी सेंकी। उसे लगा कि शायद वह इस दौरान अपनी पत्नी को मना लेगा। उसने उसे बताया कि उसकी मात्र 3000 रूपये प्रतिमाह पगार है और उनका खाता गांव के डॉक्टर के पास चल रहा है तो वह उसी से ही दवा ले ले। लेकिन बार-बार उसके कहने पर वह तो आज नहर में कूद कर मरेगी ही। इस पर वह तैश में आ गया और उसने उसे अपनी दो बेटियों सहित नहर में धक्का दे दिया। उसने यह भी बताया कि देर रात को काम से घर वापिस लौटने के कारण उसकी पत्नी उसके चरित्र पर संदेह करती थी और उससे इस बात को लेकर झगड़ती रहती थी।

25 दिसंबर 2010

खाद्य वस्तुओं पर टैक्स समाप्त करे सरकार-गर्ग

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रदेशाध्यक्ष तथा कॉन्फेड के चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने कहा कि 1 अप्रैल 2010 को करों का सरलीकरण करते हुए सरकार ने जीएसटी नाम से कर लगाने की योजना बनाई है। जिसका व्यापारियों को कर अदा करने में सुविधा रहेगी। उन्हें अलग-अलग से कर अदा नहीं करने पड़ेंगे।
वे शुक्रवार को मण्डल के शाखा अध्यक्ष इन्द्र जैन के निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को जीएसटी लागू करने से पूर्व सोच-विचार कर खाद्य वस्तुओं को कर मुक्त तथा आम प्रयोग वाली वस्तुओं पर न्यूनतम टैक्स घोषित कर देना चाहिए, ताकि आम व्यक्ति को राहत मिल सके। गर्ग ने कहा कि सरकार उद्योग नीति 2005 का सरलीकरण करने जा रही है। नीति के लागू होते ही सिंगल विंडो सिस्टम शुरू हो जाएगा। उद्योग स्थापित करने के लिए जरूरी एनओसी लेने के लिए पहले व्यापारी को विभिन्न विभागों के धक्के खाने पड़ते थे। लेकिन अब एक ही विंडो पर उसे किसी भी विभाग की एनओसी मिल सकेगी। नई उद्योग नीति जनवरी 2010 में लागू होने की उम्मीद है। नीति लागू होते ही शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्राम स्तर पर भी उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अपने निजी फायदे के लिए व्यापारी को दबाने वाले किसी भी सरकारी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, सरकार की मदद से उसे खुड्डे लाईन लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार बनाने में प्रदेश के व्यापारियों ने अहम रोल अदा किया है। व्यापारियों की बदौलत ही हुड्डा दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। चौटाला सरकार में प्रदेश के किसान, व्यापारी तथा आम व्यक्ति पर जुल्म ढहाए जाते थे। प्रदेश में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं था। इसके चलते ही प्रदेश के कई व्यापारी पलायन करने को मजबूर हुए। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने सही मायने में प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना की है। जिसके कारण व्यापारियों को उनका हक मिला।
व्यापारी नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का दम भरने वाले चौटाला ने आज तक एक भी कार्य किसानों के हित में नहीं किया। अलबत्ता वे आज हरियाणा की सबसे अहम योजना भूमि अधिग्रहण की आलोचना कर रहे हैं। जिसमें किसान को लाखों रूपए मुआवजा तथा वर्षों तक रॉयल्टी देने का प्रावधान है। हालांकि चौटाला के राज्यकाल में किसान को उसकी जमीन के अधिग्रहण के बदले दो-अढ़ाई लाख रूपए से ज्यादा राशि नहीं दी जाती थी।
इस अवसर पर व्यापारी नेता हीरा लाल शर्मा, इन्द्र जैन, प्रकाश चन्द बांसल, बख्तावर मल दर्दी, जगसीर सिंह मिठड़ी, प्रवीण सिंगला, दविन्द्र मित्तल, प्रेम सिंह सेठी, पवन गर्ग, जगदीप सूर्या, केके कामरा, सुरेंद्र सिंगला, मनीष जैन, आशू जैन आदि उपस्थित थे।

खत्म हुई लव स्टोरी

घर से भागे प्रेमी जोड़े ने जहर निगला, मौत
डबवाली (लहू की लौ) रामा मंडी से भागे पे्रमी जोड़े ने जहर निगल कर मंडी किलियांवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में अपनी जान दे दी। पंजाब और हरियाणा पुलिस ने घटना की तो पुष्टि की लेकिन अपनी परिसीमा में न होने की बात कह कर कार्यवाही से पल्ला झाड़ लिया।
बुधवार को रामा मंडी का एक प्रेमी जोड़ा भाग कर डबवाली में आ गया और रात को पे्रमी ने अपने जीजा को फोन करके बताया कि उन्होंने अपनी जो कार्यवाही डालनी थी वह डाल दी। अब वह उन्हें डबवाली के बठिंडा चौक से आकर ले जाये। प्रेमी का जीजा जब बठिंडा चौक डबवाली में पहुंचा तो उसने देखा कि उसका साला और साथ आयी लड़की उल्टियां कर रहे हैं। इसका कारण पूछने पर उसके साले ने बताया कि उन्होंने तो जहर निगल लिया है। वह तुरन्त उन्हें मंडी किलियांवाली स्थित राज अस्पताल में उपचार के लिए ले गये। लेकिन रात को करीब पौने 11 बजे प्रेमी जोड़े ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना किलियांवाली पुलिस चौकी को अस्पताल के डॉक्टर ने दी।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल ने बताया कि उन्हें घटना की जैसे ही जानकारी मिली तो उसने मौका पर हवलदार गमदूर सिंह को भेजा। लेकिन दोनों गंभीर हालत में होने के कारण ब्यान देने के काबिल नहीं थे। इस मौके पर उन्हें बादल कलोनी, मंडी किलियांवाली निवासी सुरेन्द्र सिंह मिला। जिसने हवलदार को बताया कि गंभीर हालत में पड़ा हुआ युवक उसका जगजीत सिंह (15) पुत्र मेजर सिंह निवासी तिगड़ी है जो कि रामा मंडी की गैस एजेंसी पर नौकरी करता है। बुधवार को उसका साला एक लड़की को रामा मंडी से ही भगा कर डबवाली ले आया और उसे फोन पर इन लोगों ने बठिंडा चौक डबवाली आने के लिए कहा। वह वहां पहुंचा तो इन्होंने बताया कि उन दोनों में प्रेम चलता था लेकिन वह इक्_े नहीं हो सकते थे। जिसके चलते उन्होंने जहर निगल लिया है। वह इन्हें राज अस्पताल मंडी किलियांवाली में उपचार के लिए ले आया। उसने यह भी बताया कि उसके साले के साथ जो लड़की है उसका नाम सरोज (14) पुत्री हंसराज निवासी रामा मंडी है।
इसी दौरान मौका पर रामा मंडी का हंसराज भी पहुंच गया। जिसने बताया कि उसकी बेटी सरोज 8वीं कक्षा की छात्रा है। बुधवार सुबह वह स्कूल जाने का कह कर घर से गई थी। उसके बाद शाम को उन्होंने तालाश भी की लेकिन उन्हें पता नहीं चला। लेकिन उन्हें रात को जैसे ही फोन मिला कि उसकी बेटी अस्पताल में दाखिल है तो वह यहां चला आया। चौकी प्रभारी ने बताया कि जांच के बाद उन्होंने पाया कि रकबा हरियाणा की डबवाली पुलिस या रामा मंडी पुलिस की कार्यवाही है तो उन्होंने तुरन्त इसकी सूचना रामा मंडी पुलिस को दी।
मौका पर पहुंचे थाना रामा मंडी के एएसआई जगदीप सिंह ने बताया कि कार्यवाही क्षेत्र उनका नहीं बनता। किलियांवाली पुलिस या मंडी डबवाली पुलिस इस पर अपनी कार्यवाही कर सकती है। वैसे दोनों पक्षों में समझौता हो गया है और वह किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करवाना चाहते।
थाना शहर डबवाली पुलिस के प्रभारी इंस्पेक्टर जसवन्त जस्सू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सूचना हमारे पास आई थी लेकिन घटनास्थल रामा मंडी का है इसलिए कार्यवाही का दायित्व रामा मंडी पुलिस का है।
राज अस्पताल के डॉक्टर मुकेश गोयल ने बताया कि बुधवार रात को लगभग 9 बले उनके पास सरोज तथा जगजीत को उपचार के लिए लाया गया था। इन दोनों ने सल्फास निगली हुई थी। उन्होंने उपचार का भरसक प्रयास किया लेकिन इन दोनों ने जहर के असर के चलते रात्रि पौने 11 बजे दम तोड़ दिया। वीरवार दोपहर बाद शवों को उनके अभिभावकों को रामा मंडी पुलिस के एएसआई जगदीप सिंह की उपस्थिति में सौंप दिया।

माईनर से युवती का शव मिला


डबवाली (लहू की लौ) थाना सदर पुलिस को डबवाली माईनर में लखुआना रोड़ पर गोबिंदगढ़ गांव के पास एक युवती की लाश मिली है।
मामले को देख रहे थाना सदन के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस को गांव मसीतां के सरपंच शिवराज सिंह ने सूचना दी कि उनके गांव के पास गोबिंदगढ़ रकबा में लखुआना रोड़ पर डबवाली माईनर में युवती की लाश बह रही है। वह मौका पर पहुंचे और उन्होंने लाश को माईनर से निकलवाया। उनके अनुसार अज्ञात लड़की की आयु 20-22 वर्ष आंकी जा रही है। युवती ने नीली सलवार और नीला ही अण्डरवियर तथा सफेद रंग की पजामी पहनी हुई है। जबकि गले में सफेद रंग की ब्रा है। कान में झुमके डाले हुए हैं, एक कान का झुमका टूटा हुआ है, पैरों में नीले और सफेद रंग के स्पोट्र्स शू पहने हुए हैं और साथ में नीली जुराबें भी। उन्होंने बताया कि फिलहाल शव पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है। पुलिस का मानना है कि लाश एक-आध दिन पुरानी हो सकती है। मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा।
लाश को पहचान के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में डैड हाऊस में रखा गया है। उनके अनुसार लगता है कि पीछे से यह लाश बहकर आई है।
शक पैदा करने वाले प्रश्न?
लड़की के शरीर पर कम कपड़े हैं। अगर लड़की ने आत्महत्या की होती, तो उसके शरीर पर कपड़े पूरे होते? पहने कपड़ों के रंग से लगता है कि युवती छात्रा या किसी भी संस्था की सदस्य हो सकती है।

स्कूल वैन पलटी, 9 बच्चे घायल

डबवाली (लहू की लौ) वीरवार सुबह 8.30 बजे गांव डबवाली के पास नैशनल हाईवे-10 पर एक स्कूल की बस पलट जाने से चालक सहित 10 बच्चों के चोटें आयीं। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया गया।
ईस्टवुड इंटरनैशल स्कूल डूमवाली (बठिंडा) की एक बस गांव किंगरे, मलिकपुरा, मसीतां, मटदादू, मौजगढ़ से करीब 38 स्कूली बच्चों को लेकर सुबह स्कूल की ओर आ रही थी लेकिन जैसे ही गांव डबवाली से दो बच्चों को चढ़ा कर चली तो डबवाली साईड से आये एक ट्रक-ट्राला की साईड लगने से अचानक पलट गई और उसमें सवार बच्चों में से 10 बच्चों को चोटें आयीं। जिन्हें ग्रामीणों ने डबवाली के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया।
गांव डबवाली के पूर्व पंच रेशम सिंह, गुरूद्वारा में बनी दुकान में वर्कशाप का काम करने वाले मक्खन सिंह, मलकीत सिंह और अन्य प्रत्यक्षदर्शी लाला ङ्क्षसह ने बताया कि बस बच्चों से भरी हुई थी और सामने से आ रहे ट्राला से बचती हुई जैसे ही सड़क की साईड में गई और अचानक पीछे से ट्राला की भी साईड लग गई तथा पलट गई। बस पलटते ही बच्चों में कोहराम मच गया। इस दृश्य को देख कर उन सहित गांव के लोग वहां जमा हो गये और उन्होंने बच्चों को बस से निकाला।
घायल स्कूल बस चालक जसमेल सिंह (22) पुत्र खेता राम मलिकपुरा ने बताया कि वह हर रोज की तरह वीरवार सुबह छह गांवों के बच्चों को लेकर स्कूल की ओर आ रहा था। वह जैसे ही गांव डबवाली में बच्चों को बस में चढ़ा कर चला तो उसने देखा कि एक तेजगति से ट्रक आगे जा रही ट्रेक्टर-ट्राली को ओवरटेक करता उसकी ओर आ रहा है। उसने ट्रक को साईड देते हुए बस को सड़क के किनारे लगा लिया। इसी दौरान बस सड़क से कुछ नीचे उतर गई और पीछे से ट्रक की साईड लगते ही पलट गई। उसने बताया कि उसने अपनी इस वैन नं. 1 का तत्काल शीशा तोड़ा और बाहर निकल कर हादसे की सूचना स्कूल कार्यालय में दी। इधर गांव डबवाली के लोगों की मदद से बच्चों को बस से बाहर निकाला। उसने बताया कि बस में लगभग 40 बच्चे सवार थे।
घायल बच्चों में +2 की रेणू (17) पुत्री राजेन्द्र कुमार मौजगढ़, रमनदीप कौर (17) पुत्री गुरदीप सिंह मौजगढ़, गुरजीत कौर (17) पुत्री जगसीर सिंह मसीतां, कमलजीत कौर (17) पुत्री गुरजन्ट सिंह मौजगढ़, 7वीं कक्षा की सिमरनजोत (12) पुत्री कुलदीप सिंह मौजगढ़, द्वितीय कक्षा का अभितेश (8) पुत्र सतविन्द्र सिंह मटदादू, तृतीय कक्षा की लवलीन (10) पुत्री स्वर्ण सिंह मटदादू, प्रथम कक्षा की गुरजोत सिंह (7) पुत्र जगतार सिंह किंगरा, 8वीं कक्षा का विजयनूर (14) पुत्र कुलदीप सिंह मौजगढ़ के नाम शमिल हैं। इनमें से रेणू और सिमरनजोत के अधिक चोटें हैं।
ईस्टवुड इंटरनैशनल स्कूल प्रबंधक समिति के सचिव संजम बादल ने इस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते ही यह घटना घटित हुई। उनके अनुसार पिछले तीन माह से नैशनल हाईवे-10 को चौड़ा करने के नाम पर अढ़ाई-अढ़ाई फुट तक खोद कर रख रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि घायल  बच्चों के बेहतर उपचार के लिए उन्हें सरकारी अस्पताल से प्राईवेट अस्पताल में ले जाकर एक्सरे बगैरा करवाये गये हैं। अब सभी बच्चे ठीक हैं।

'परम पिता परमेश्वर तूने किस भांति संसार रचा....Ó

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड की 15वीं पुण्यातिथि पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके कांड में शहीद होने वाले बच्चों, महिलाओं एवं पुरूषों को श्रद्धांजलि दी गई।
चिल्ड्रन मैमोरियल डीएवी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में हवन यज्ञ करके और भजन गाकर स्कूल स्टॉफ के साथ-साथ बच्चों ने पंद्रह साल पूर्व बिछुड़ी आत्माओं को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। विद्यालय के विद्यार्थी भानू प्रिया, गौतम, अभिषेक, लोकेश, कर्ण, सार्थक, जयंत, सिरत, लोकन्द्र, आकाशदीप, सुखतेज, आकाश शर्मा, सिरत, जीनिया, रीना, कशिश, नैनिता ने 'परम पिता परमेश्वर तूने किस भांति संसार रचा....Ó, 'जिसको तेरी ज्योति का प्रकाश मिल गया...Ó, 'इतनी शक्ति हमें दे न दाता...Ó आदि भजनों से श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या सरिता गोयल, भारत मित्र छाबड़ा, अध्यापक केशव राज भाटी, बीएल सागर, जसवंत सिंह, सतिन्द्र पाल, सुभाष गर्ग, संदीप कुमार, चन्द्रकांता, अंजना, शकुंतला चुघ, सीमा, सोनिया, भाग्यलक्ष्मी, भारती, नीलम, रेणू, मंजू, मधु गंभीर, सर्वजीत कौर आदि उपस्थित थे।
इधर अग्निकांड में शहीद हुए सरस्वती विद्या मंदिर प्रबंधक समिति के सदस्य अशोक वढ़ेरा की स्मृति में सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में हवन यज्ञ आयोजित किया गया। इस अवसर पर विजय वढ़ेरा पत्रकार, रणवीर सिंह प्रिंसीपल आदि उपस्थित थे।

बिछुड़ों को नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड स्मारक स्थल पर गुरूवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अग्निकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया। श्रद्धांजलि समारोह में अग्निकांड पीडि़तों ने अपनी व्यथा भी प्रशासन और सरकार के समक्ष व्यक्त की।
अग्निकांड स्मारक पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई। सुबह हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। तत्पश्चात् श्री गुरूग्रंथ साहिब के रखे गए अखंड पाठ तथा श्री रामायण पाठ का भोग डाला गया। धर्मसभा में सांसद अशोक तंवर, स्वामी सूर्यदेव, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल सहित प्रशासन तथा सरकार के नुमाईंदों ने भी अग्निकांड में काल का ग्रास बने लोगों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
धर्म सभा के बाद मंच संचालन कर रहे आचार्य रमेश सचदेवा ने अग्निकांड पीडि़तों की ओर से मांगे प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने कहा कि अग्निकांड पीडि़त मुआवजा की राशि पर कोई बात न करके केवल अपनी समस्याओं के समाधान की बात कर रहे हैं। उनके अनुसार जिन अग्निकांड में घायल लोगों को इलाज की जरूरत है, उनका इलाज करवाया जाए। मुआवजा राशि से उनका इलाज असंभव है। उन्होंने स्मारक स्थल के रखरखाव पर भी ध्यान देने का अनुरोध प्रशासन से किया और साथ में कहा कि जिन लोगों को अभी भी नौकरियों की जरूरत है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां दी जाएं। भविष्य में इस प्रकार की ट्रेजडी फिर कभी न घटित हो, इस दिन को अग्नि सुरक्षा जागरूकता दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाना चाहिए।
सांसद की जुबान फिसली
इस मौके पर सांसद अशोक तंवर ने कहा कि इस त्रासदी के बाद पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए कितना भी कुछ किया जाए, वह कम है। लेकिन कम से कम पीडि़त परिवारों और व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान तो होना ही चाहिए। उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की मांग के संदर्भ में प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीडि़तों की मांगे पूरी होनी चाहिए और इसके लिए जो फाईल तैयार की जाए, उसे तुरंत सरकार के पास भेजा जाना चाहिए। कहीं वह इसी प्रकार दबकर न रह जाएं, जिस प्रकार से पीडि़तों की समस्याएं पंद्रह सालों से दबी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि वे अग्निकांड पीडि़तों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक तौर पर प्रयास करेंगे। लेकिन उस समय लोग स्तब्ध रह गए जब उन्होंने कहा कि डबवाली का सिविल अस्पताल 60 बिस्तर का बन गया है या फिर घोषणा ही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सभी सुविधाएं पीडि़तों को मिलें, इसके लिए वे मुख्यमंत्री के समक्ष  25 दिसंबर को सिरसा आगमन के दौरान उठाएंगे।
आश्वासन का लॉलीपाप
इस दौरान सांसद को अग्निकांड पीडि़तों का एक शिष्टमंडल पीडि़तों की अधिवक्ता अंजू अरोड़ा, अग्निकांड फायर विक्टम एसोसिएशन के अध्यक्ष हरपाल सिंह, आचार्य रमेश सचदेवा,  गुरतेज सिंह, विनोद बांसल के नेतृत्व में मिला। सांसद को साल 1995 में सरकार द्वारा किए गए वायदे याद करवाए और कहा कि पीडि़तों को जिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, उस संदर्भ में सर्वेक्षण करवाया जाए और  उनकी जरूरतों के अनुसार उन्हें सुविधाएं दी जाएं। इस मौके पर सांसद ने शिष्टमंडल को आश्वासन देते हुए कहा कि वे जनवरी माह में अपोलो अस्पताल, दिल्ली के डॉक्टरों को डबवाली बुलाकर अग्निकांड में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए राय लेंगे और उनसे इलाज करवाएंगे। इस मौके पर यह सवाल भी उठा कि घायलों में दस ऐसे बच्चे हैं, जिन पर कांड का प्रभाव आयु भर रहेगा और उनको दोबारा समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए नौकरी दी जानी जरूरी हैं। शिष्टमंडल ने सांसद के समक्ष एमबीएड कर चुकी अग्निकांड में बुरी तरह से झुलसी सुमन को प्रस्तुत किया और बताया कि वह विकलांगता के कारण अध्यापक की सरकारी नौकरी नहीं पा सकी। अग्निकांड पीडि़तों को सरकारी नौकरी देने के संदर्भ में उठे सवाल पर सांसद ने सरकार से इस बारे में विचार-विमर्श करने की भी बात कही।
इस मौके पर मलकीत सिंह खोसा, कुलदीप गदराना, नवरतन बांसल, टेकचंद छाबड़ा, जगसीर सिंह मिठड़ी, पवन गर्ग, लवली मैहता, गुरजीत सिंह, लाभ सिंह एडवोकेट, हेमराज जिन्दल, सुरिन्द्र छिन्दा, प्रकाश चन्द बांसल, सतपाल सत्ता, पालविन्द्र शास्त्री, शमशेर सिंह, मथरा दास चलाना, ओमप्रकाश बांसल आदि उपस्थित थे।

15 वर्ष बाद भी हरे हैं नेहा के जख्म

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के पंद्रह साल बाद भी इस कांड के शिकार हुए कई बच्चों के जख्म अभी भी वैसे के वैसे हैं। जैसे पंद्रह साल पूर्व थे। युवा अवस्था में भी प्रभावित बच्चे ही नजर आ रहे हैं। फिलहाल तो मां-बाप इनकी संभाल कर रहा है। लेकिन भविष्य में उनकी संभाल कौन करेगा। विशेषकर उन परिस्थितियों में जब वह लड़की है।
अग्निकांड में आई डीएवी की चौथी कक्षा की नेहा पंद्रह साल बाद भी जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उसकी हालत उसका दर्द ब्यां कर रही है। पंद्रह साल पूर्व हुए अग्निकांड के बाद नेहा का परिवार चण्डीगढ़ चला गया था। डबवाली कोर्ट परिसर में अपने पिता संजय मिढ़ा के साथ मुआवजा राशि लेने आई नेहा की हालत देखकर कोर्ट परिसर में खड़े सैंकड़ों लोगों की आंखे नम हो गई। अग्निकांड में स्वयं झुलसे संजय मिढ़ा (45) ने बताया कि अग्निकांड से पूर्व उसका डबवाली में ट्रेक्टरों का अच्छा कारोबार था। लेकिन वह और उसकी बेटी नेहा मिढ़ा इस अग्निकांड का शिकार हुई। तभी से उनके पांव नहीं लगे और उन्हें यहां चण्डीगढ़ शिफ्ट होना पड़ा। उनके अनुसार उनकी बेटी नेहा उस समय डीएवी में चौथी कक्षा की छात्रा थी और आठ वर्ष की थी। इन दिनों उसकी आयु 23 वर्ष है।
मिढ़ा के अनुसार 23 दिसंबर 1995 की घटना को पंद्रह साल बीत चुके हैं। लेकिन नेहा के जख्मों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उसकी हालत इतनी नाजुक है कि वह न तो उठ-बैठ सकती है और न ही आगे पढऩे के लायक रही है। वह कमजोर इतनी हो चुकी है कि डॉक्टर ने उसकी प्लास्टिक सर्जरी करने से भी इंकार कर दिया है। आयु 23 वर्ष होने के बावजूद भी उसका शारीरिक विकास रूक जाने से वह छोटी बच्ची ही लग रही है। उन्हें चिंता है तो केवल यहीं कि इस समय तो वे उसे संभाल रहे हैं। लेकिन उनके बाद नेहा की परवरिश कौन करेगा।
अग्निकांड त्रासदी का शिकार इस नन्हीं बच्ची की जिन्दगी कैसे बीतेगी और इसको संसार में जीने का अधिकार दे रखने के लिए सरकार इसके लिए क्या करेगी, यह प्रश्न अब भी स्वयं नेहा के जहन में हिलोरे खा रहा है।

.....नहीं रूकते 'सागरÓ के आंसू

डबवाली (लहू की लौ) 23 दिसंबर को डबवाली के इतिहास का काला दिन कहा जाता है। कहा भी क्यूं ना जाए। 23 दिसंबर 1995 को हुए अग्निकांड ने सैंकड़ों परिवारों को उजाड़कर रख दिया। अग्निकांड में झुलसे लोगों की पहचान तक नहीं हुई। उस दिन सगे-संबंधियों ने अंदाजे भर से शव को अपने सीने से लगाया और मुखाग्नि दी। इतने साल बीतने के बावजूद भी वह दिन किसी को नहीं भूलता। हर साल दिसंबर माह की शुरूआत जख्म कुरेदती है। दिसंबर 23 को प्रत्येक शहर वासी की आंख भर आती है। इस दिन शहर का प्रत्येक व्यक्ति नम आंखों से अग्निकांड स्मारक पर पहुंचकर अग्निकांड में झुलसे लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
दिसंबर 22, 2010। समय 12 बजकर 06 मिनट। अग्निकांड स्मारक स्थल के एक कोने में बैठ इधर-उधर देखता एक व्यक्ति। जैसे किसी को ढूंढ रहा हो। बार-बार आंखे पौंछ रहा। लेकिन उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। संवाददाता की नजर इस व्यक्ति पर पड़ी। भरी आंखों से इस व्यक्ति ने संवाददाता को अपनी पहचान विद्या सागर (50) निवासी एकता नगरी, डबवाली के रूप में करवाई और अपनी दर्द भरी कहानी से भी अवगत करवाया।
विद्या सागर ने बताया कि उसके दो बच्चे नेहा गुप्ता (7) और जतिन (5) डीएवी में पढ़ते थे। 23 दिसंबर 1995 को डीएवी के सातवें वार्षिक समारोह में उन्होंने हिस्सा लिया था। समारोह के लिए दोनों बच्चों में बढ़ा उत्साह था। उन्होंने नई ड्रेसज भी सिलवाई थी। उसकी पत्नी किरण गुप्ता सवा साल के बेटे दीपक को गोद में उठाए समारोह में बच्चों की परफोरमेंस देखने के लिए चली गई।
23 दिसंबर 1995 को वह मेन बाजार में स्थित अपनी खल-बिनौले की दुकान में व्यस्त था। दोपहर बाद करीब 1 बजे उसने समारोह से किरण को लाने के लिए स्कूटर स्टार्ट किया ही था। अचानक दुकान पर ग्राहक आ गया और वह उसी में व्यस्त हो गया। 2 बजे के करीब उसे सूचना मिली कि समारोह में आग लग गई है। सैंकड़ों बच्चे, दर्शक झुलस गए हैं। यह सुनकर वह समारोह स्थल पर पहुंचा। शवों के बीच उसे सवा साल के बेटे दीपक तथा धर्मपत्नी किरण का शव मिला। दीपक अपनी मां किरण से लिपटा हुआ था। बिखरे शवों में से उसके दूसरे बेटे जतिन का शव भी मिल गया। लेकिन उसकी बेटी नेहा का शव नहीं मिला। 24 दिसंबर को उसने पुन: तालाश शुरू की। लेकिन शव बुरी तरह से जले हुए थे। जिन्हें पहचान पाना नामुमकिन था। कलेजे पर पत्थर रखकर उसने कद के अंदाजे से नेहा को पहचाना और अन्य शवों के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उसे नहीं मालूम वह शव उसकी नेहा का था या किसी ओर का।
विद्या सागर के अनुसार हर साल दिसंबर माह शुरू होते ही 23 दिसंबर 1995 की हृदय को पिघला देनेे वाली घटना दोबारा जेहन में उतर आती है। आंखों में दर्द लिए हर साल दिसंबर 23 को अग्निकांड स्मारक पर आता है। करीब पंद्रह साल पहले घर से सज्ज-संवरकर निकले अपने पारिवारिक सदस्यों को ये आंखे न जाने क्यूं स्मारक में आकर ढूंढने लग जाती हैं। नेहा, जतिन, दीपक और किरण के साथ बिताया जिन्दगी का एक-एक पल खुद-ब-खुद सामने आने लगता है।
विद्या सागर ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े अग्निकांड को हुए करीब पंद्रह साल हो चुके हैं। लेकिन आज तक देश की सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। सरकार को ऐसे प्रबंध करने चाहिए ताकि डबवाली अग्निकांड की पुनर्रावृत्ति न हो। उन्हें इस बात का दु:ख है कि 23 दिसंबर 1995 के बाद फौरी तौर पर सरकार ने डबवाली के लोगों तथा अग्निकांड पीडि़तों को इस गम से उबारने के लिए कुछ घोषणाएं की थी। लेकिन पंद्रह साल बाद भी वे महज घोषणाएं हैं।

24 दिसंबर 2010

कानों में गूंजती है बच्चों की किलकारियां

डबवाली (लहू की लौ) बचपन में हिन्दोंस्तान-पाकिस्तान बंटवारे का दंश सहन करके डबवाली में आए। जवानी में मेहनत करके अपने आपको स्थापित किया। लेकिन बुढ़ापे में जब आराम का समय आया तो 23 दिसंबर 1995 ने उनके सपनों को उजाड़ दिया। पल भर में परिवार के सदस्य सदा के लिए जुदा हो गए। इस सदमें ने ऐसी टीस दी कि ताउम्र नहीं भुलाई जा सकती।
डबवाली की रामनगर कलोनी के निवासी बिशन कुमार मिढ़ा (72) तथा उनकी धर्मपत्नी कृष्णा मिढ़ा (70) ने बताया कि उनकी पुत्रवधू डिम्पल और बेबी तथा साथ में पौत्रियां रीतू, गुड्डू और पौत्र नन्नू पंद्रह साल पहले डीएवी स्कूल के सालाना समारोह में भाग लेने के लिए गए थे। लेकिन वहां पंडाल में लगी आग ने युवा पुत्रवधुओं सहित पौत्र-पौत्रियों को उनसे छीन लिया। घर के जिस आंगन में बच्चों की किलकारियां गूंजती थी, पुत्रवधुओं का स्नेह घर में चार चांद लगा रहा था, वह आंगन कुछ पलो में सुनसान हो गया। भगवान का क्रूर खेल यही समाप्त नहीं हुआ। बल्कि पुत्रवधू डिम्पल और पौत्री गुड्डू की मौत के बाद जो सदमा उसके बेटे भूपिन्द्र सिंह को लगा, उसने उसके बेटे को भी छीन लिया।
बिशन कुमार मिढ़ा के अनुसार साल 1948 में वे लोग पाकिस्तान में अपना कपड़े का बढिय़ा कारोबार लूटा-पुटा कर भारत आए थे। डबवाली में आकर उन्होंने सख्त मेहनत की। जिसका फल उन्हें अच्छे कारोबार के रूप में मिला। क्षेत्र में उनका नाम था। लेकिन 1995 की विभित्सय घटना ने उन्हें बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया। जिसके चलते वे लोग अपनी दुकान छोड़कर घर पर बैठने को मजबूर हो गए।
आंखों में आंसू, चेहरे पर उदासी लिए हुए बिशन मिढ़ा ने बताया कि सदमें ने उन्हें जवानी में ही बुढ़ापा दे दिया। अब तो उनकी हालत यह है कि घर से दो कदम बाहर भी नहीं रख सकते। इन हालतों में उन्हें सरकार या डीएवी से कोई उम्मीद नहीं है। तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने पीडि़त परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने का वायदा किया था, वह वायदा भी अब काफूर है। उन्होंने कहा कि मुआवजा किसी की जिन्दगी वापिस नहीं लौटा सकता। लेकिन जो गम पंद्रह साल पूर्व उन्हें मिला, वह अब भी उन्हें पहले जैसा दर्द दे रहा है। उठते-बैठते, सोते-जागते उनके कानों में केवल रीतू, गुड्डू और नन्नू की किलकारियां गूंजती हैं।

दर्द भरी कहानी है शैरी की

मां का साया उठने के बाद, पिता ने भी दुत्कारा, सरकारी मदद की जरूरत
डबवाली (लहू की लौ) दो साल की उम्र में मां ममता की ममतामयी छाया सिर से उठ गई। महज पांच साल की उम्र में पिता ने दुत्कार दिया। दादा-दादी, अपाहिज बुआ और चाचा ने परवरिश करके 17 साल का कर दिया। चार जनें मिलकर महज कुल 2500 रूपए महीना की पेंशन से अपने इस दुलारे को इंजीनियर बनाना चाहते हैं।
यह कोई हिन्दी फिल्म की कहानी नहीं। बल्कि यह दर्दभरी कहानी शैरी नामक युवक की है। जिसने 23 दिसंबर 1995 को डबवाली में घटित हुए अग्निकांड में अपनी माता को गंवा दिया। पिता के हाथ उसकी परवरिश आई, लेकिन पिता ने नई शादी के बाद बेटे को भूला दिया। जिसका सहारा बने वृद्धा अवस्था में उसके दादा-दादी तथा अपाहिज बुआ और चाचा।
शैरी शहर की रामनगर कलोनी में अपने दादा बिहारी लाल मिढ़ा (76), कृष्णा देवी (72), अपाहिज बुआ सरोज रानी (42), चाचा अशोक कुमार (35) के साथ रह रहा है। शैरी (17) ने बताया कि वह इस समय डीएवी स्कूल डबवाली में 12वीं कक्षा के नॉन मेडीकल ग्रुप का छात्र है। उसका सपना है कि वह इंजीनियर बनकर देश की सेवा के साथ-साथ अपने वृद्ध दादा-दादी और अपाहिज बुआ तथा चाचा का सहारा बन सके। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए उसे पढ़ाई में मदद की जरूरत है। यहीं नहीं बल्कि इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की भी जरूरत है।
शैरी के दादा बिहारी लाल मिढ़ा (76) ने बताया कि 1948 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उन्हें अपना अच्छा चलता कपड़े का व्यवसाय पाकिस्तान से गंवाकर भारत के नगर डबवाली में आना पड़ा। यहां उन्होंने मेहनत की और शहर में नाम तथा यश पाया। अच्छा कारोबार था लेकिन डबवाली अग्निकांड ने उन्हें बुरी तरह से बिखेर दिया। उसकी आलीशान कोठी महज 8 लाख में बिक गई और नगर के मुख्य बाजार में स्थित कपड़े की बढिय़ा चलती दुकान महज 11 लाख में बेचनी पड़ी। जैसे-तैसे कर्ज तो चुका दिया। लेकिन अब उनके पास सहारे के लिए कुछ नहीं बचा। अग्निकांड में उसकी पुत्रवधू ममता मिढ़ा, जोकि डीएवी डबवाली में होनहार म्यूजिक अध्यापिका थी, 23 दिसंबर 1995 को वह मंच पर बच्चों का कार्यक्रम करवा रही थी, इस समारोह में लगी आग ने उसे उनसे छीन लिया। अब उन्हें तथा उनकी धर्मपत्नी को 500-500, अपाहिज बेटे अशोक तथा बेटी सरोज को 750-750 रूपये पेंशन मिलती है। इसी से ही वे गुजारा चलाते आ रहे हैं। उनकी इच्छा अपने पौत्र शैरी की इच्छा के अनुरूप उसे इंजीनियर बनाने की है। लेकिन आर्थिक हालतों के गुजरते वे उसे इंजीनियर कैसे बनाएं, यह समस्या उनके सामने है।
मिढ़ा ने कहा कि बुढ़ापे से जूझ रहे अग्निकांड पीडि़तों को सरकार मुआवजे के अतिरिक्त इतनी मासिक पेंशन दे कि उनका बुढ़ापा आसानी से गुजर सके। उनके आश्रय में पल रहे बच्चों को भी वे सहारा दे सकें। जिक्र योग है कि बिहारी लाल मिढ़ा की हालत इन दिनों काफी नाजुक है। वे मुश्किल से ही चल-फिर सकते हैं। हृदय और मधुमेह की समस्या ने उसकी आंखों की रोशनी भी छीन ली है। उसे सहारे की जरूरत है, जो सरकार आर्थिक सहायता करके ही कर सकती है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि 23 दिसंबर 1995 को डीएवी स्कूल के सालाना समारोह में धधकी आग से वहां मौजूद 1300 दर्शकों में से 442 लोग शहीद हुए। जबकि 150 से भी ज्यादा घायल हुए। लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें अग्निकांड ने इतना भयंकर सदमा दिया है, कि वो अब तक भी इस सदमें से नहीं उठ पाए हैं। उनकी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्थिति बुरी तरह डांवाडोल है।

पंद्रह सालों से राजनीति का शिकार बनाए जा रहे अग्निकांड पीडि़त

डबवाली (लहू की लौ) पंद्रह साल से अग्निकांड पीडि़तों को राजनीतिक अपनी राजनीति का ही शिकार बनाते आ रहे हैं। वोटों में पीडि़तों को सुविधाएं देने के नाम पर वोट तक बटोरते रहे हैं। लेकिन उन्हें पंद्रह सालों में कड़े संघर्ष के बाद केवल मुआवजा ही मिल पाया है। वह भी अभी अधूरा है। जबकि आश्वासनों के नाम पर कई लालीपॉप थमाए जा चुके हैं।
अग्निकांड के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने डबवाली आकर शहीदों की स्मृति में मेडीकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी और इसके साथ ही डबवाली के प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामान्य अस्पताल का दर्जा देकर 100 बिस्तर का अस्पताल देने के साथ-साथ इसमें बर्न यूनिट भी बनाने का वायदा किया था। लेकिन अभी तक यह अस्पताल 60 बिस्तरों तक ही सीमित है, वह भी कागजों में। बर्न यूनिट तो बनाने का नाम तक नहीं है।
सरकारों ने अग्निकांड पीडि़तों के नाम पर सहानुभूति बटोरने के लिए डबवाली में स्टेडियम बनाने की घोषणा की और स्टेडियम बना भी दिया। लेकिन इसे अग्निकांड में शहीद हुए बच्चों की स्मृति में केवल नाम दिया गया है। जबकि राजनीतिक फायदे के बाद इसका नाम चौ. दलबीर सिंह स्टेडियम रखा गया। हालांकि राजीव गांधी की स्मृति में कम्युनिटी हाल बनाया गया। लेकिन बाद में इसे भी यह कहकर प्रचारित किया गया कि इसे डबवाली अग्निकांड में आए बच्चों की स्मृति में बनाया गया है। अधिकांश अग्निकांड पीडि़तों का मानना है कि केवल भवन बनाने से उनके पेट की भूख शांत नहीं हो सकती। जिनको नौकरियों की जरूरत है, उन्हें नौकरी देकर और जिनको इलाज की जरूरत है, उन्हें इलाज देकर ही उनकी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
अग्निकांड में अपने पति रविन्द्र कौशल को खो चुकी सरोज कौशल का कहना है कि उसके दो बेटे और एक बेटी है। मेहनत-मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से उसने उन्हें पाला-पोसा है। अग्निकांड के बाद सरकार ने मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन सरकारी नौकरी तो दूर सरकार ने उसकी कोई सहायता भी नहीं की।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा के अनुसार पिछले पंद्रह सालों से डबवाली अग्निकांड को लेकर सरकारों की भूमिका नकारात्मक ही रही है। जबकि सरकार को चाहिए कि वह इस दिन को पूरे देश में अग्नि सुरक्षा दिवस के रूप में मनाए और अग्नि से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है, इस संबंध में जन जागरण अभियान चलाए।
उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे पीडि़त परिवार हैं, जिनकी परिवारिक स्थिति काफी नाजुक हो चुकी है। कुछ की हालत तो रि-मैरिज के बावजूद भी पेचिदा हो चुकी है। उनको समाज की मुख्यधारा में लाने तथा उन्हें पुर्नस्थापित करने के लिए सद्भावना कमेटी का गठन किया जाए। जो उनके जख्मों पर मरहम लगाए। उनके अनुसार कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनको आज नौकरी की जरूरत है। सरकार उन्हें उनकी योग्यता अनुसार नौकरी दे। बॉबी और सुमन जैसे ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके लिए उनके पूरे जीवन भर के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए और जो बच्चे इस कांड के कारण अपनी पढ़ाई को आगे जारी नहीं रख सके, उन्हें भी गुजारा करने के लिए व्यापक आर्थिक सहायता की जरूरत है, जो उन्हें दी जानी चाहिए।
इधर कई अग्निकांड पीडि़तों ने तो हर साल की ब्यानबाजी के बाद अब अपना दुखड़ा भी सुनाना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि वे पिछले पंद्रह बरसों से सरकारों को अपनी दु:ख भरी कहानी सुनाते आ रहे हैं। जब उनकी सुनवाई ही नहीं होनी, तो बेहतर है कि मन मसोस कर भीतर ही भीतर अपने दु:ख को पी लिया जाए।
सरकार ने अग्निकांड में शहीद हुए बच्चों की स्मृति में नाम में तो डबवाली नगर में अस्पताल, कम्युनिटी हाल और स्टेडियम बनाया है। लेकिन वास्तव में अग्निपीडि़तों के अनुसार उन्हें भूल-भुलैया में ही रखा गया है।

ज्यों के त्योंअग्निकांड के कारण

डबवाली (लहू की लौ) विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड जिन कारणों को लेकर घटित हुआ, वह कारण आज भी ज्यों के त्यों कायम है। इससे न तो प्रशासन ने और न ही सरकार ने कोई सबक लिया है।
डबवाली अग्निकांड फायर विक्टम एसोसिएशन के पूर्व प्रवक्ता रामप्रकाश सेठी ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी यह ट्रेजडी डबवाली में घटित हुई, तो उस समय केवल डबवाली का प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रदेश, देश और विश्व की सरकारें हिल गई थीं। उस समय अग्निकांड के लिए जिम्मेवार कमियों को दूर करने के प्रयास किए जाने पर जोर दिया जाना शुरू हो गया था। लेकिन इस घटना को बीते पंद्रह वर्षों के बाद भी सरकार की सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
आज भी विद्यालयों में अग्निश्मक यंत्र नहीं है, प्रशासन की अनुमति के बिना पण्डाल बन रहे हैं और उनमें निर्धारित संख्या में गेट नहीं रखे जाते, यहां तक की समारोह पंडालों के पास भी आग जलाकर भोजन आदि की व्यवस्था की जाती है। हरियाणा में उस समय यह भी आदेश जारी किए गए थे, कि जब भी कहीं सार्वजनिक स्थल पर कोई विवाह समारोह, जागरण आदि हो तो उसकी स्वीकृत्ति नगरपालिका से ली जाए, ताकि वहां पर फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की जा सकें। यह सब भी नदारद है।
इससे भी बढ़कर अगर कहीं कोई कमी रह गई है, तो वह डबवाली नगर में आज भी देखी जा सकती है। नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को चलाने के लिए चालक ही नहीं है। यदि चालक नहीं होगा, तो फायर ब्रिगेड किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कैसे पहुंच पाएगी। जानकार सूत्रों के अनुसार फायर ब्रिगेड पर तीन चालकों की जरूरत है और सात फायरमैन लेकिन न तो चालक हैं और न ही पूरे फायरमैन।
इस संदर्भ में उपमण्डलाधीश तथा डबवाली नगरपालिका के कार्यकारी प्रशासक डॉ. मुनीश नागपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वे प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त थे। हालांकि इस संबंध में साक्षात्कार लिया जा चुका है और शीघ्र ही इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।

अग्निकांड पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी

डबवाली (लहू की लौ) करीब पंद्रह साल पूर्व डबवाली में घटित अग्निकांड की दुखद छाया अभी भी नगर का पीछा नहीं छोड़ रही है। पीडि़तों में इस कांड का दर्द भले ही छुप गया है। लेकिन भीतर ही भीतर मधुमेह की तरह उन्हें खा रहा है। पीडि़तों को सरकारों से बड़ी आशाएं थी। लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। अगर कहीं से कुछ मिला, तो वह न्याय अदालत से ही मिला। जिससे पीडि़तों के जख्म कुछ शांत हुए, लेकिन अभी भी जख्मों पर मरहम लगाने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।
23 दिसंबर 1995 को 1 बजकर 47 मिनट पर डबवाली के डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह में अचानक आग लगने से 442 दर्शक काल का ग्रास बन गए। जिसमें 136  महिलाएं, 258 बच्चे शामिल थे। जबकि 150 से भी अधिक घायल हुए। विश्व में अब तक का यह सबसे बड़ा अग्निकांड है। जिसमें इतनी भारी संख्या में जीवित लोग झुलस कर शहीद हो गए और घायल हुए। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चला और कुछ घायल हो ऐसे भी हैं, जिनका आज भी इलाज चल रहा है।
अग्निकांड पीडि़त एसोसिएशन डबवाली के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि साल 1996 में न्याय पाने के लिए एसोसिएशन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। अदालत ने एसोसिएशन की याचिका पर साल 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके उन्हें संबंधित पक्षों पर मुआवजा निर्धारित करने का अधिकार दिया। मार्च 2009 को आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दी। नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने मुआवजा के संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को 45 प्रतिशत और डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत मुआवजा राशि पीडि़तों को अदा करने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को 45 प्रतिशत मुआवजा के रूप में 21 करोड़, 26 लाख, 11 हजार 828 रूपए और 30 लाख रूपए ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए। जबकि डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत के रूप में 30 करोड़ रूपए की राशि अदा करने के लिए कहा।
आदेश के बावजूद भी करना पड़ा संघर्ष
अग्निकांड पीडि़तों को अदालत द्वारा मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी करने के बावजूद भी जब सरकार ने इसके विरूद्ध अपील करने की ठानी तो इसकी भनक पाकर इनेलो से डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला को अग्निकांड पीडि़तों को साथ लेकर संघर्ष करना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने तो अपने हाथ पीछे खींच लिए। लेकिन डीएवी मुआवजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
डीएवी को भरना पड़ा 10 करोड़
सुप्रीम कोर्ट में मुआवजा से राहत पाने के लिए गए डीएवी संस्थान को उच्चतम न्यायालय ने 10 करोड़ रूपए की राशि पीडि़तों को देने के आदेश दिए और इसके बाद सुनवाई करने की बात कही। इससे मजबूर होकर 15 मार्च 2010 को डीएवी संस्थान ने 10 करोड़ रूपए की राशि अदालत में जमा करवाई। अब 5 जनवरी 2011 को इस याचिका पर सुनवाई होनी है। पीडि़तों को अदालत से न्याय की आशा है, जिसके चलते पीडि़तों को उम्मीद बंधी है कि उच्चतम न्यायालय केवल पीडि़तों के पक्ष में ही निर्णय नहीं करेगी, बल्कि उन्हें जो मुआवजा कम मिला है, उसे भी बढ़ाकर देगी।
अग्निकांड पीडि़तों को उच्च न्यायालय ने मुआवजा राशि अदा करने के आदेश देकर उनके जख्मों पर मरहम तो लगाई है। लेकिन जख्मों की टीस अभी भी पीडि़तों के बदन और मन पर कायम है। जिसको समय के साथ-साथ उनके रिहबेलीटेशन के लिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। जिसमें बेरोजगारों के लिए रोजगार, पीडि़तों के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा और जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें आर्थिक सहायता।

21 दिसंबर 2010

बोले काण्डा, बड़ा दिन विकास की नई दिशा तय करेगा

कालांवाली (नरेश सिंगला)   हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्य मंत्री गोपाल कांडा ने कहा है कि 25 दिसम्बर का दिन सिरसा के विकास की नई दिशा तय करेगा और इलाके के विकास में एक नए अध्याय की शुरूआत करेगा।  इस दिन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा यहां आयोजित बढ़ते कदम रैली में करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं की घोषणा एवं अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन कर जिलावासियों को नव वर्ष का तोहफा देंगे।
कांडा गांव सुखचैन में ग्रामीणों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है और दूसरा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है, जो एक दूसरे के पूरक हैं। मौजूदा राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित भाव देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अनेक ठोस फैसले भी लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान व मजदूर की खुशहाली से ही प्रदेश की समृद्धि का रास्ता खुलता है। ग्रामीण सभा को सम्बोधित करते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वे जनसेवा के उद्देश्य से राजनीति में आए हैं और बिना किसी भेदभाव के अपने क्षेत्र व जिला के लोगों की निस्वार्थ सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनआंकाक्षाओं पर खरा उतरने और इस इलाके के लोगों की समस्याओं का स्थाई समाधान कर उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करवाने की भरपूर कोशिश करेंगे।
उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि उनके दरवाजे हमेशा आम आदमी के लिए खुले हैं। कांडा ने कालांवाली, भादड़ा, झोरडऱोही तथा रोड़ी में भी ग्रामीण सभाओं को सम्बोधित किया और लोगों की समस्याएं सुनी। आज के दौरे के दौरान खेल राज्य मंत्री ने कई गांवों में स्कूली कमरों का उद्घाटन भी किया। उन्होंने गांव झोरडऱोही में सर्वशिक्षा अभियान के तहत राजकीय उच्च विद्यालय में 2 लाख 51 हजार रुपए की लागत से बनने वाले एक कमरे व एक बरामदे की आधारशिला रखी। कालांवाली में जिम खोलने की स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक गांव में कांडा का ग्रामीणों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया और 25 दिसम्बर की रैली में भारी तादाद में पहुंचने का भरोसा भी दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाज सेवी गोबिन्द कांडा,दलजीत सिंह तिलोकेवाला, कृष्ण सैनी, सूरत सैनी, भूपेश गोयल, प्रेम शर्मा, भागीरथ गुप्ता, कुलदीप सिंह गदराना, तरसेम गोयल, गोबिन्द गोयल आदि उपस्थित थे।

अपनी डयूटी समझें कार्यकर्ता-जैन

डबवाली (लहू की लौ) इण्डियन नेशनल लोकदल जिला सिरसा के कार्यकर्ताओं की बैठक सोमवार को यहां के इनेलो कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिला अध्यक्ष पदम जैन ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए पदम जैन ने कार्यकर्ताओं को आपसी द्वेष भावना भूलकर पार्टी हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को जो भी जिम्मेवारी सौंपी गई है, उसे वह ईमानदारी से निभाए। पार्टी कार्यकर्ता सप्ताह में दो घंटे पनवाडी, आढ़ती, चाय विक्रेता, बारबर की दुकान पर बिताए और वहां एकत्रित लोगों को हरियाणा सरकार की तुगलकी नीतियों से परिचित करवाए। पार्टी का प्रत्येक पदाधिकारी अपने बूथ को मजबूत करे। बूथ मजबूत होगा, तो पार्टी का कैडर मजबूत होगा। जिला अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अगर कोई कार्यकर्ता कैडर में सही तरीके से कार्य नहीं करता, तो उसकी शिकायत पार्टी पदाधिकारियों को करें, ताकि उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
जैन ने कहा कि लगातार छह साल से प्रदेश में राज कर रही कांग्रेस सरकार ने जिला सिरसा में विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई। लूट-खसूट करके अपने घर भरने वाली कांग्रेस जिला सिरसा में बढ़ते कदम रैली करने जा रही है। रैली को भ्रष्टाचार में बढ़ते कदम नाम दिया जाना चाहिए था। चूंकि कांग्रेस नेताओं ने कदम केवल अपने और अपने रिश्तेदारों के ही बढ़ाएं हैं। बैठक को बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ हरियाणा के सदस्य राम सिंह चहल, केएल लूथरा, धर्मपाल बालासर, सूरजभान खनगवाल, एडवोकेट प्रदीप मैहता, धर्मवीर नैन, जसवीर सिंह जस्सा, कृष्णा फौगाट, चरणजीत रोड़ी एमएलए कालांवाली, कृष्ण कम्बोज एमएलए रानियां, जगरूप सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर रणवीर सिंह राणा, राधेराम गोदारा, डॉ. गिरधारी लाल, विनोद अरोड़ा, नरेन्द्र सिंह बराड़, संदीप सिंह सन्नी गंगा, सर्वजीत सिंह मसीतां, दर्शन मोंगा, रूकमा सिहाग, गुरप्रीत सिंह कुलार, गिरधारी लाल बिस्सू, लखविंद्र सिंह लक्खा, गुरजीत सिंह, भजन लाल नम्बरदार अबूबशहर, कृष्ण गुम्बर, सुरेश कुक्कू, कश्मीर करीवाला, गुलजिन्द्र सिंह सोना, हरी सिंह, सीता देवी, पुष्पा दैड़ान, बलदेव गर्ग, कुलदीप सिंह जम्मू, सुखविंद्र कुलार, नसीब गार्गी, नीलकांत मैहता लवली, सुरिन्द्र छिन्दा, सुभाष मित्तल, रणजीत सिंह अलीकां, गुरचरण सिंह, सुखजिन्द्र सिंह काला जापानी, जोगिन्द्र सिंह डाल, विक्की चोरा, देवीलाल लूगरिया, दर्शन सोनी, गुरविन्द्र सिंह भोला, गुरपाल सिंह पाली, रवि कुक्कड़, आत्मा राम चौटाला, पवन कुमार सुकेराखेड़ा, राजा पेन्टर, जगसीर सिंह मांगेआना, दलबीर सिंह हैबूआना, टेकचंद छाबड़ा, महेन्द्र डुडी, प्रहलाद राय, अश्विनी शर्मा, जग्गा सिंह बराड़ आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर मंच का संचालन दीपक बागड़ी उपाध्यक्ष श्रमिक प्रकोष्ठ इनेलो जिला सिरसा ने किया।

रेहड़ी मालिक पर उबला रिफाईंड तेल डाल दिया

डबवाली (लहू की लौ) एक अंडा व पकौड़ा रेहड़ी मालिक पर उबलता हुआ रिफाईंड तेल डाल कर एक युवक ने उसे बुरी तरह से झुलसा दिया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया। घायल पृथ्वी चन्द (36) पुत्र शिवचरण निवासी भाटी कलोनी, किलियांवाली ने बताया कि वह डबवाली के एफसीआई गोदाम के पास शाम को अंडा और ब्रेड पकौड़ा की रेहड़ी लगाता है। रविवार शाम को वह एफसीआई गोदाम के पास रेहड़ी लगाये हुए था। कड़ाही में डाले हुए रिफाईंड में ग्राहक के लिए ब्रेड तल रहा था। इसी दौरान वहां पर शराब के ठेके पर काम करने वाला विक्की नामक युवक आया और उसने दो ट्रे अंडा तथा बने हुए पकौड़ फेंक  दिये। यहीं नहीं बल्कि आरोपी युवक ने छालनी की सहायता से कड़ाही को उसकी ओर उड़ेल दिया। जिससे उसकी एक टांग बुरी तरह झुलस गई। उसने बताया कि विक्की शराब के नश्ेा में धुत्त था और उसे कह रहा था कि वह शराब पीने वालों को यहां गिलास न दे। जबकि वह तो गिलास रखता ही नहीं।
तथ्य तो यह है कि यह मामला राजकीय रेलवे पुलिस और थाना शहर पुलिस के बीच में उलझ कर रह गया है। थाना शहर पुलिस घटनास्थल को जीआरपी के अन्तर्गत बताती है जबकि जीआरपी इसे थाना शहर पुलिस का क्षेत्र बताती है। परिणामस्वरूप घायल न्याय के लिए दोनों पुलिसों के बीच पिस रहा है। जीआरपी डबवाली के कार्यकारी प्रभारी हवलदार रणवीर सिंह ने बताया कि वह मौका पर गये थे। लेकिन घटनास्थल थाना शहर के अन्तर्गत आने के कारण उनकी कार्यवाही में नहीं आता। इधर थाना शहर के एएसआई गोपाल राम ने कहा कि उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। घटनास्थल जीआरपी का क्षेत्र बनता है।

रेल तले आकर कटा

डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी तले आने से एक युवक की मौत हो गई। मरने वाला युवक कौन है, इसका पता नहीं चल पाया। फिहाल युवक के शव को बठिंडा के सरकारी अस्पताल के डैड रूम में पहचान के लिए रखा गया है।
रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह गश्त पर था। किलोमीटर 38/12-13 के निकट किलियांवाली (पंजाब) क्षेत्र में उसे रेल लाईन में एक शव पड़ा हुई दिखाई दिया। उसने इसकी जानकारी तुरंत डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन को दी। हालांकि युवक किस गाड़ी तले आया इसका पता नहीं चल पाया।
काफी दूर तक घसीटा
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के अध्यक्ष आरके नीना तथा एम्बूलैंस चालक कुलवंत सिंह पथराला ने बताया कि रेलगाड़ी ने युवक को काफी दूर तक घसीटा। बाद में अवारा कुत्ते शव को रेलवे लाईन से घसीटकर काफी दूर ले गए। उन्होंने मौका पर पहुंचकर कुत्तों को हटाया और शव को कब्जे में लिया।
बठिंडा जीआरपी पहुंची
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा जीआरपी के हैंड कांस्टेबल परमजीत सिंह ने बताया कि मृतक युवक की पहचान नहीं हो पाई है। युवक की आयु 24-25 साल है। उसने लाईट ब्लू रंग का लॉअर, पीले रंग की नीली धारी वाली टी-शर्ट, जामनी कलर की लाल धारीदार शर्ट तथा ग्रे रंग की जॉकेट पहनी हुई है।  युवक की दाईं बाजू पर अंग्रेजी में जीएसडी खुदा हुआ है। दाईं बाजू के हाथ की एक अंगुली में छल्ला भी पहना हुआ है। पुलिस ने स्टेशन मास्टर महेश सरीन के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई है। युवक के शव को पहचान के लिए 72 घण्टे के लिए बठिंडा के सरकारी अस्पताल के डैड रूम में रखा गया है।

कांग्रेस का होगा नपा अध्यक्ष-काण्डा

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा हरियाणा राज्य गृहमंत्री गोपाल कांडा के अनुज गोबिन्द कांडा ने कहा कि डबवाली नगरपालिका का अध्यक्ष कांग्रेस का ही बनेगा। लेकिन इस पद पर किसका चयन होगा यह अभी निश्चित नहीं है।
वे शनिवार को नगरपालिका की पूर्व अध्यक्षा सिम्पा जैन के निवास स्थान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह 25 दिसम्बर को सिरसा में होने जा रही मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा की बढ़ते कदम रैली के लिए कांग्रेस जनों को न्यौता देने के लिए आये थे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पालिका का अध्यक्ष कांग्रेस का हो इसके लिए वह अपनी पूरी भूमिका निभायेंगे और जो पार्षद रूठे हुए हैं उन्हें मनायेंगे। उनकी शिकायतों को दूर करते हुए उन्हें जो मान सम्मान मिलना चाहिए वह मान सम्मान भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में कांगे्रस कार्यकर्ताओं की भरमार है लेकिन नेताओं ने पार्टी में ही अपने आदमी बना रखे हैं। जिसके चलते आम वर्कर का नुक्सान हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नेता चाहे बड़ा है या छोटा वह अपना काम निकाल ही लेता है। लेकिन अगर कहीं नुक्सान होता है वर्कर का होता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह नेताओं के चंगुल में फंसने की अपेक्षा पार्टी के लिए काम करें और पार्टी के ही बनकर रहें। यदि कार्यकर्ताओं में एकता रहेगी तो नेता भी उनके काम भाग कर करेंगे।
डबवाली के विकास के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विकास के काम तो हो रहे हैं, कहीं मैटीरियल की कमी के कारण ऐसा हो रहा है। लेकिन कांग्रेस में कमी है तो केवल यहीं है कि उनमें कोई भी कार्यकर्ताओं को जगाने वाला नहीं है।
उनके अनुसार 25 दिसम्बर की रैली केवल जिला की रैली नहीं होगी बल्कि यह प्रदेश स्तर की रैली होगी जिसमें डबवाली की कॉलेज भवन बनाने, ओवरब्रिज के निर्माण तथा कलोनियों को मंजूरी दिलवाने की मांग भी रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि हुड्डा की खेल नीति और जमीन अधिग्रहण नीति श्रेष्ठ होने के कारण उनकी देश विदेश में प्रशंसा हो रही है। जिसके चलते सिरसा जिला के लोग भी हुड्डा को सुनना पसन्द करते हैं।
इस मौके पर राजेन्द्र जैन तथा उसकी धर्मपत्नी सिम्पा जैन ने गोबिन्द कांडा को दोशाला देकर सम्मानित किया। गोपाल मित्तल और नवरतन बांसल ने भगवान कृष्ण की बाल-गोपाल मूर्ति देकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रेम कुमार सिरसा, कुलदीप गदराना, जग्ग सिंह बराड़, संजय हिटलर, मलकीत सिंह गंगा, छोटू सहारण, गुरजन्ट सिंह बराड़, जसवन्त सिंह बराड़, वेदपाल नेहरा, पार्षद बिन्दिया महंत, हरनेक सिंह, पूर्व पार्षद इन्द्रजीत सिंह, आरके वर्मा, सुखविन्द्र सूर्या, संतोष अरोड़ा, भीम सिहाग, महिन्द्रपाल सुथार, चौटाला के पूर्व सरपंच कृष्ण लाल बिश्नोई उपस्थित थे।

खस्ता हाल है कालांवाली की मुख्य सड़कें

कालांवाली (नरेश सिंगला) मण्डी कालांवाली में मुख्य सड़क मार्गों की हालत खस्ता होने के कारण सैंकड़ों पैदल व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
डबवाली व ओढ़ां से आकर मण्डी कालांवाली में प्रवेश करने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए टूटी-फूटी सड़क हमेशा तैयार रहती है। इस सड़क की दयनीय स्थिति को देखते हुए वाहन चालक धीमी गति से वाहन चलाने में ही अपनी भलाई समझते हैं। यहीं नहीं अधिकारियों व नेताओं के वाहन भी प्रतिदिन यहां से होकर गुजरते हैं लेकिन शायद इस सड़क मार्ग को दुरूस्त करना जरूरी नहीं समझा गया। मण्डी कालांवाली में पंजाब बस स्टैंड वाला सड़क मार्ग कहने को ही सड़क मार्ग है और यह मार्ग वर्षों से अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। काफी समय पूर्व जब ये सड़क मार्ग बनाया गया था उसके कुछ माह बाद ही इस मार्ग की हालत पहले जैसे हो गई थी और अब यहां सड़क की बजाय यहां सिर्फ  पत्थर ही दिखाई देते हैं। सड़क नीची होने के कारण बरसात के दिनों में यहां पानी भर जाता है जो कि कई दिन तक खड़ा रहता है। इसी प्रकार रोड़ी रोड़ भी अपनी अत्यंत जर्जर हालत के कारण वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
मण्डी का मुख्य सड़क मार्ग होने के कारण यहां पर वाहन चालकों को परेशानियों से जूझते आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा रेलवे फाटक रोड़, देसू रोड़ व सहारा क्लब के पास वाली रोड़ का बीचों बीच से टूटा होना भी अक्सर दुर्घटनाओं को निमन्त्रण देता रहता है। मण्डी वासियों की मांग है कि इन टूटे हुए सड़क मार्गों की रिपेयर करवाकर मण्डी वासियों की परेशानियों को विराम दिया जाए।

गुण्डागर्दी : रेहड़ी पलटाई, पुलिस वाले को जड़ा थप्पड़

डबवाली (लहू की लौ) एक महिला द्वारा रेहड़ी से मूंगफली उठाने पर शुक्रवार रात को पंजाब बस अड्डा के सामने बवाल खड़ा हो गया। महिला के तामीरदारों ने नंगी किरपानों, कापों तथा डंडों से एक रेहड़ी चालक पर धावा बोल दिया। सूचना पाकर मौका पर आए पंजाब पुलिस के कर्मचारियों को थप्पड़ तक जड़ दिया।
पंजाब बस अड्डा के सामने बजरंग नाम का एक व्यक्ति मूंगफली, गज्जक बेचता है। शुक्रवार शाम को उसके पास एक महिला आई और मूंगफली उठा ली। महिला और बजरंग में कहासुनी हो गई। महिला ने इसे अपनी बेईज्जती समझा और उपरोक्त मामले की जानकारी अड्डा के पास ही खड़े अपने किसी परिचित को दी। रोजमर्रा की तरह बजरंग अपनी दुकान बंद कर चलता बना। कुछ देर बाद महिला सात-आठ व्यक्तियों के साथ दोबारा वहां आ धमकी और आस-पास के दुकानदारों से बजरंग का पता पूछा। लेकिन दुकानदारों ने बजरंग के बारे में पता होने से अनभिज्ञता जताई।
बजरंग का पता न मिलने से तिलमिलाए ये लोग बस अड्डा के सामने मूंगफली की रेहड़ी लगाने वाले राजेन्द्र कुमार (40) निवासी डबवाली के पास पहुंचे। उससे बजरंग का पता पूछा। लेकिन राजेन्द्र ने भी पता मालूम न होने की बात कही। राजेन्द्र के अनुसार गुस्से से लाल हुए इन लोगों ने उस पर नंगी तलवारों, कापो तथा डंडों से हमला कर दिया। वह तो बाल-बाल बच गया। लेकिन उसकी रेहड़ी पलट दी। जिससे उसका करीब बारह हजार रूपए का नुक्सान हुआ।
इधर बस अड्डा पर खड़े पंजाब पुलिस के सुखमन्दर नामक हवलदार ने इसकी सूचना पुलिस चौकी में दी। भनक पाकर आरोपी उससे भी जा भिड़े। उसका मोबाइल छीन लिया और थप्पड़ जड़ दिया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे किलियांवाली पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल तथा एक अन्य हवलदार लक्खा से भी इन लोगों ने बदसलूकी की।

अग्निकांड पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी

डबवाली (लहू की लौ) करीब पंद्रह साल पूर्व डबवाली में घटित अग्निकांड की दुखद छाया अभी भी नगर का पीछा नहीं छोड़ रही है। पीडि़तों में इस कांड का दर्द भले ही छुप गया है। लेकिन भीतर ही भीतर मधुमेह की तरह उन्हें खा रहा है। पीडि़तों को सरकारों से बड़ी आशाएं थी। लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। अगर कहीं से कुछ मिला, तो वह न्याय अदालत से ही मिला। जिससे पीडि़तों के जख्म कुछ शांत हुए, लेकिन अभी भी जख्मों पर मरहम लगाने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।
23 दिसंबर 1995 को 1 बजकर 47 मिनट पर डबवाली के डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह में अचानक आग लगने से 442 दर्शक काल का ग्रास बन गए। जिसमें 136  महिलाएं, 258 बच्चे शामिल थे। जबकि 150 से भी अधिक घायल हुए। विश्व में अब तक का यह सबसे बड़ा अग्निकांड है। जिसमें इतनी भारी संख्या में जीवित लोग झुलस कर शहीद हो गए और घायल हुए। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चला और कुछ घायल हो ऐसे भी हैं, जिनका आज भी इलाज चल रहा है।
अग्निकांड पीडि़त एसोसिएशन डबवाली के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि साल 1996 में न्याय पाने के लिए एसोसिएशन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। अदालत ने एसोसिएशन की याचिका पर साल 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके उन्हें संबंधित पक्षों पर मुआवजा निर्धारित करने का अधिकार दिया। मार्च 2009 को आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दी। नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने मुआवजा के संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को 45 प्रतिशत और डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत मुआवजा राशि पीडि़तों को अदा करने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को 45 प्रतिशत मुआवजा के रूप में 21 करोड़, 26 लाख, 11 हजार 828 रूपए और 30 लाख रूपए ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए। जबकि डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत के रूप में 30 करोड़ रूपए की राशि अदा करने के लिए कहा।
आदेश के बावजूद भी करना पड़ा संघर्ष
अग्निकांड पीडि़तों को अदालत द्वारा मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी करने के बावजूद भी जब सरकार ने इसके विरूद्ध अपील करने की ठानी तो इसकी भनक पाकर इनेलो से डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला को अग्निकांड पीडि़तों को साथ लेकर संघर्ष करना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने तो अपने हाथ पीछे खींच लिए। लेकिन डीएवी मुआवजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
डीएवी को भरना पड़ा 10 करोड़
सुप्रीम कोर्ट में मुआवजा से राहत पाने के लिए गए डीएवी संस्थान को उच्चतम न्यायालय ने 10 करोड़ रूपए की राशि पीडि़तों को देने के आदेश दिए और इसके बाद सुनवाई करने की बात कही। इससे मजबूर होकर 15 मार्च 2010 को डीएवी संस्थान ने 10 करोड़ रूपए की राशि अदालत में जमा करवाई। अब 5 जनवरी 2011 को इस याचिका पर सुनवाई होनी है। पीडि़तों को अदालत से न्याय की आशा है, जिसके चलते पीडि़तों को उम्मीद बंधी है कि उच्चतम न्यायालय केवल पीडि़तों के पक्ष में ही निर्णय नहीं करेगी, बल्कि उन्हें जो मुआवजा कम मिला है, उसे भी बढ़ाकर देगी।
अग्निकांड पीडि़तों को उच्च न्यायालय ने मुआवजा राशि अदा करने के आदेश देकर उनके जख्मों पर मरहम तो लगाई है। लेकिन जख्मों की टीस अभी भी पीडि़तों के बदन और मन पर कायम है। जिसको समय के साथ-साथ उनके रिहबेलीटेशन के लिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। जिसमें बेरोजगारों के लिए रोजगार, पीडि़तों के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा और जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें आर्थिक सहायता।

विशेष बच्चे सर्वजीत ने बनाई सबसे सुन्दर पेंटिंग

डबवाली (लहू की लौ) सैंट जोसफ हाई स्कूल डबवाली के प्रबंधक फादर रोसेरियो ने कहा कि समाज में हम सभी किसी न किसी कमी के चलते विकलांग हैं। विकलांगता को दूर करने के लिए दो ही रास्ते हैं एक डाक्टर का और दूसरा विकलांग बच्चों को प्यार और सेवा करके।
वे विश्व विकलांग दिवस के संबंध में प्रैजिनटेशन सिस्टर्ज संस्था शाखा डबवाली द्वारा विकलांगों की आयोजित एक दिवसीय प्रतियोगिताओं के समापन पर उपस्थित विकलांग बच्चों तथा उनके अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मां के लिए बच्चे में कभी भी कोई कमी नहीं होती, क्योकि बच्चे और मां के बीच प्यार होता है, जो कमी की अनदेखी कर देता है। यदि हम सभी को प्यार करेंगे तो कमियां नहीं रहेंगी। समाज से विकलांगता भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मदर टरेसा ने ईसा मसीह से सभी से प्यार करने की शिक्षा ली और संसार की सेवा की। इसी प्रकार हमें भी मदर टरेसा से शिक्षा लेते हुए एक दूसरे से प्यार करना चाहिए।
इस मौके पर मुख्यातिथि तथा सरकारी अस्पताल डबवाली में तैनात डॉ. अमरदीप जस्सी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकलांग बच्चों को भले ही किस्मत ने धोखा देकर विकलांग बना दिया। लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने खेलों का प्रदर्शन किया है, उससे उन्होंने यह दिखा दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। वातावरण, अभिभावकों या बीमारियों के चलते विकलांग होने के बावजूद भी यदि व्यक्ति दृढ निश्चयी है, तो विकलांगता उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने बताया कि न देखने वाली और न सुनने वाली महिला हैलन ने इस बात को साबित कर दिया कि वह इस प्रकार की विकलांगता होते हुए भी बहुत कुछ कर सकती है।
उन्होंने कहा कि शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग होना ही विकलांगता नहीं, बल्कि उसकी राय में जो नास्तिक हैं और काम करना नहीं चाहते, ऐसे लोग ही वास्तव में विकलांग हैं। हमें जीने का नजरिया बदलना होगा, हमेशा खुश रहकर काम करना होगा। जो हिम्मत से काम करते हैं और भगवान का नाम लेकर अपने मार्ग पर चलते हैं, विकलांगता उनके आड़े नहीं आ सकती।
प्रैजिनटेशन सिस्टर्ज की स्थानीय प्रभारी निशा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान तेईस विशेष बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि मटर गेम्स में गुरप्रीत कौर प्रथम, आकाश द्वितीय, बलविंद्र तृतीय रहा। जबकि कैंडल गेम में आकाश ने बाजी मारी। गुरप्रीत, बलविंद्र, किरण, ममता, वीरपाल और मेघा ने भी विजय पाई। पेंटिंग प्रतियोगिता में सर्वजीत कौर प्रथम रही। जबकि अजय और गुरप्रीत द्वितीय, भूषण और किरणजीत कौर ने तृतीय स्थान पाया। इस मौके पर विशेष बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। संस्था की सिस्टर सलमा और रोजी भी उपस्थित थी। जबकि मंच का संचालन रविंद्र कौर ने बखूबी निभाया।

'ऐट पीएमÓ पर भावुक हुए केवी

डबवाली (लहू की लौ) बढ़ते कदम रैली में अधिक से अधिक भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेसी नेता जनता के सामने तेवर बदलकर आ रहे हैं। कोई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नेता के नाम पर फूट डालने की बात करता है, तो कोई बेचारा अपना दर्द जनता के समक्ष रखकर लोगों के जज्बात कांग्रेस के साथ जोडऩे का प्रयास करता है। शनिवार को डबवाली में जनता को रिझाने के लिए कांग्रेसी नेता मक्खियों की तरह भिनभिनाते रहे। तरह-तरह के प्रलोभन और आश्वासन देते रहे। लोगों का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस की ही आलोचना करनी शुरू कर दी। गोबिंद कांडा ने वर्करों की सहानुभूति के लिए नेताओं को रौंदा, तो शाम की ऐट पीएम पर डॉ. केवी सिंह ने अपने दर्द लोगों को सुनाए, सुनाते-सुनाते इतने भावुक हो गए कि उन्होंने अपने आकाओं पर यह आरोप जड़ दिया कि वह यहां भी कहीं विकास करवाते हैं, तो उन्हें पुरस्कार के रूप में हल्का से बनवास दे दिया जाता है। लेकिन इस बार वह किसी भी कीमत पर बनवाास पर नहीं जाएंगे। भले ही उन्हें हल्का बदलने के लिए कहा जा रहा है। वे डबवाली में ही अपने भाग्य को अजमाएंगे। डबवाली उनका अपना घर है।
शनिवार को ऐट पीएम का समय था। वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल के निवास स्थान पर डॉ. केवी सिंह की सभा चल रही थी। लोगों को 25 दिसंबर की बढ़ते कदम रैली में शामिल होने का न्यौता दिया जा रहा था। न्यौता देते-देते केवी सिंह एकदम भावुक हो उठे और बोल पड़े कि ओएसडी रहते समय करीब साढ़े तीन साल तक उन्होंने रानियां हल्के में विकास की गंगा बहाई।  करीब 16 स्कूल अपग्रेड करवाए। यहीं नहीं गलियां व सड़कें पक्की करवाई। चूंकि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने उन्हें वहां से टिकट देने का आश्वासन दिया था। जब हुड्डा को सीआईडी रिपोर्ट मिली कि डबवाली और ऐलनाबाद से चौटाला परिवार का सदस्य चुनाव मैदान में उतर रहा है, तो उन्हें वहां से डबवाली भेज दिया गया। डबवाली में उन्होंने 10 माह के भीतर कांग्रेस को डबवाली नगरपालिका की सत्ता, फिर लोकसभा चुनाव में विजय दिलाई। यहीं नहीं बल्कि कई करोड़ रूपए खर्च करके क्षेत्र की गलियां, सड़कें बनवाई। लेकिन अब उस पर हल्का बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बार उसने ठान ली है, कि वह अपना हल्का नहीं बदलेंगे। डबवाली में रहेंगे, डबवाली के लोगों के काम करवाएंगे, डबवाली के लोगों के लिए लड़ेंगे और स्वयं भी डबवाली में ही अपना भाग्य अजमाएंगे।
उन्होंने लोगों को भी उलाहना दिया कि कांग्रेस ने तो उन्हें डबवाली से टिकट दी लेकिन अगर लोग मेरा साथ देते और मुझे जीता देते, आज डबवाली का नक्शा ओर होता। जीते हुए व्यक्ति को सरकार में जितना सम्मान मिलता है, हारे हुए को उतना सम्मान नहीं मिलता। यही वजह है कि आज उनके काम करवाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। अन्यथा चुटकी में उनके काम हो जाते।

तारे आसमां से धरती पे किसने उतारे..

डबवाली (लहू की लौ) बाल वाटिका मॉडल स्कूल मंडी किलियांवाली का वार्षिक अभिभावक एवं पारितोषिक वितरण समारोह रविवार को डबवाली के भगवान श्रीकृष्णा कॉलेज ऑफ एजूकेशन में स्थित मदन मैमोरियल हाल में सम्पन्न हुआ। जिसमें विद्यालय के एलकेजी से लेकर द्वितीय कक्षा तक के 198 बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि रणवीर सिंह राणा जिला प्रधान महासचिव इंडियन नैशनल लोकदल ने मां सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित करके की। द्वितीय कक्षा के दिव्यांश ने हम तकदीर हैं कल के हिन्दुस्तान की कविता सुनाई। यूकेजी के दिव्यांश ने चाचा नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला। एलकेजी के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने फिल्मी गीत मैं इधर चला, मैं उधर चला, न जाने मैं किधर चला पर नृत्य किया। जबकि द्वितीय कक्षा के विद्यार्थियों ने मइया यशोदा तेरा कन्हैया गाकर माहौल भक्तिमय बना दिया।
यहां यूकेजी के विद्यार्थियों ने तारे आसमां से धरती पे किसने उतारे...., प्रथम कक्षा के विद्यार्थियों ने जूबी डूबी... पर डांस करके दर्शकों की वाहवाही लूटी वहीं द्वितीय कक्षा की रेणुका ने घर को जन्नत सा बना देती हैं बेटियां, पर कविता सुना कर सभी को भाव विभोर कर दिया। वाटिका की प्रिंसीपल वन्दना मैहता ने स्कूल की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी और आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। जबकि मंच संचालन अध्यापिका राज वधवा ने किया।
मुख्य अतिथि रणवीर सिंह राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रहे हैं। समाज के लिए यह अच्छा संकेत है। इससे देश के विकास को नई दिशा मिलेगी।
इस मौके पर सुभाष गुप्ता एडवोकेट, वेदप्रकाश जिन्दल, अरूण जिन्दल, नीरज जिन्दल, एसके दुआ, प्रिंसीपल बाल मंदिर स्कूल किलियांवाली एमएस देवगुन, भगवान श्रीकृष्ण कॉलेज ऑफ एजूकेशन की प्रिंसीपल पूनम गुप्ता, रिटायर्ड बैंक अधिकारी राजकुमार गर्ग, रविन्द्र गर्ग मैनेजर हरियाणा ग्रामीण बैंक रोहतक, आढ़तिया सुरेन्द्र बांसल, विजय गुप्ता एडवोकेट, अनिल गोयल एडवोकेट उपस्थित थे।

18 दिसंबर 2010

बाल-बाल बचे डीएसपी

डबवाली (लहू की लौ) जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर वीरवार शाम को एक ट्रक डीएसपी डबवाली की गाड़ी से टकरा गया। गाड़ी मामूली नुक्सान हुआ लेकिन चालक इसमें सवार डीएसपी बाल-बाल बच गये।
जीटी रोड़ रेलवे फाटक वीरवार शाम को बन्द था। लगभग आधा घंटे के बाद जैसे ही फाटक खुला तो दोनों साईडों के वाहनों को एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लग गई। इसी दौरान बाजार साईड से सायरन बजाती हुई डीएसपी बाबू लाल की गाड़ी भी इस जाम की लपेट में आ गई। इसी दौरान फाटक क्रॉस करता एक ट्रक इस गाड़ी से जा टकराया।
डीएसपी गाड़ी के चालक बघेल सिंह ने बताया कि उसने साईड से आ रहे ट्रक को रूकने का इशारा किया, ट्रक रूक भी गया। लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी क्रॉस करने लगी तो ट्रक चालक ने अचानक ट्रक चला दिया जो गाड़ी में आ लगा। जिससे वे बाल-बाल बच गये। उसने कहा कि ट्रक चालक ने शराब पी रखी थी।
ट्रक चालक सुखजिन्द्र सिंह निवासी सुखदेव सिंह निवासी मलेरकोटला ने बताया कि उसके ट्रक में मूंगफली भरी हुई है। लेकिन व्यापारियों ने उन्हें सुरक्षित मूंगफली पहुंचाने की खुशी में शराब पिलाई। लेकिन वह इस गाड़ी को जल्दबाजी में निकाल कर किलियांवाली बैरियर पर ले जा रहे थे कि फाटक के पास यह हादसा हो गया। सूचना पाकर मौका पर थाना शहर प्रभारी बलवन्त जस्सू अपने दल बल के साथ पहुंच गये।

जन्म प्रमाण पत्र के बदले मांगी रिश्वत

डबवाली (लहू की लौ) गांव अलीकां के युवक ने डबवाली के सामान्य अस्पताल के हैल्थ सुपरवाईजर पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में सुविधा शुल्क का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत एएमओ डबवाली को की है।
गांव अलीकां के शुकरपाल सिंह पुत्र दलौर सिंह ने बताया कि उसने अपने बड़े भाई  गुरपाल सिंह, भांजे गुरमेल सिंह पुत्र जगसीर का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना था। इसके लिए उसने सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी करके फाईलों को डबवाली सामान्य अस्पताल के हैल्थ सुपरवाईजर दर्शन सेठी को प्रमाण पत्र बनाने के लिए दे दी। लेकिन सेठी पहले तो चक्कर लगवाता रहा। लेकिन बाद में बुधवार को 500 रूपये प्रति जन्म प्रमाण पऋ की मांग करने लगा और कहने लगा कि इसमें सभी प्रकार की फीस आ जायेगी।  इस संबंध में शुक्रवार को शिकायतकर्ता ने डबवाली सामान्य अस्पताल के एसएमओ विनोद महिपाल को शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। इस सन्दर्भ में दर्शन सेठी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 5 दिन पहले उनके पास शुकरपाल सिंह दो फाईलें लेकर आया था। लेकिन व्यस्तता के चलते उसका काम समय पर नहीं हो सका। उसने मात्र 35 रूपये प्रति फाईल सरकारी फीस ही मांगी थी न कि 500 रूपये प्रति फाईल।
एसएमओ विनोद महिपाल ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर 7 दिन के भीतर हैल्थ सुपरवाईजर दर्शन सेठी से जवाब मांगा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेठी की उनके पास मौखिक रूप से पहले भी काफी शिकायतें आयी हैं लेकिन इसे समझाने पर भी इसमें कोई सुधार नहीं हुआ।

लुटेरों को पकडऩे के लिए स्कैच तैयार करेगी पुलिस

डबवाली (लहू की लौ) पेट्रोल पम्प लुटेरों को पकडऩे के लिए पुलिस ने चार टीमें गठित करके संदिग्ध स्थानों पर छापमारी शुरू कर दी है और कुछ युवकों से संदेह के आधार पर पूछताछ भी की जा रही है।
पुलिस को लुटेरों द्वारा प्रयुक्त की गई स्विफ्ट कार का एचआर25ई/2971 नम्बर मिला।  पुलिस ने इस नम्बर के आधार पर जांच शुरू कर दी। प्रारम्भ में पुलिस को लगा कि बाजी जीत जायेंगे और जल्द ही पुलिस के हाथ लुटेरों की गर्दन तक होंगे। लेकिन पुलिस को उस समय निराशा हाथ लगी जब नम्बर के बारे में उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय डबवाली से जांच पड़ताल की गई तो यह नम्बर फै क पाया गया।
पुलिस ने जांच का ढंग बदलते हुए अब ऐसी वारदातों को अंजाम देने वाले युवाओं की सूची बनानी शुरू कर दी है और इस सन्दर्भ में पंजाब तथा राजस्थान की पुलिस से भी सम्पर्क साधा जा रहा है। लुटेरों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच आंकी जा रही है।
थाना शहर प्रभारी इंंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि लुटेरों की तालाश में चार टीमें गठित की गई हैं। जिनका नेतृत्व सीआईए सिरसा प्रभारी इंस्पेक्टर किशोरी लाल, सीआईए डबवाली प्रभारी एसआई हवा सिंह, थाना शहर के एसआई मंदरूप सिंह तथा एक टीम का नेतृत्व वह स्वयं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लुटेरों द्वारा प्रयुक्त गाड़ी का नम्बर फैक पाये जाने पर अब लुटेरों के स्कैच तैयार करवाये जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि लुटेरों को शीघ्र ही काबू कर लिया जायेगा।

पिस्तौल की नोक पर पेट्रोल पम्प लूटा

डबवाली (लहू की लौ) चौटाला रोड़ पर गांव शेरगढ़ में स्थित एसआर पेट्रोल पम्प से तीन अज्ञात कार सवार पिस्तौल की नोक पर पम्प के करिंदे से 70 हजार रूपये की नकदी लूट कर फरार हो गये।
मित्तल पेट्रो सर्विस शेरगढ़ पर शुक्रवार सुबह पौने चार पम्प पर करिंदे सतिन्द्र और मोहन लाल कार्यरत थे। इसी दौरान वहां पर स्विफ्ट गाड़ी आकर रूकी जिसमें तीन लोग सवार थे। उन्होंने 300 रूपये देकर करिंदे मोहन को गाड़ी में पेट्रोल डालने के लिए कहा। मोहन लाल पेट्रोल डालने लगा जबकि सतिन्द्र 300 रूपये की राशि लेकर पम्प के कार्यालय में चला गया। कार से इसी समय तीन व्यक्ति उतरे जिसमें से एक ने मोहन की कनपटी पर बन्दूक लगा दी। जबकि दो अन्य कार्यालय में चले गये। उनमें से एक ने सतिन्द्र की ओर पिस्तौल तान कर कहा कि उसके पास जितनी भी नकदी है वह उनके हवाले कर दे, वरना वह उसे गोली से उड़ा देंगे। सतिन्द्र ने गल्ले को खोल दिया और पिस्तौल धारक के साथी ने गल्ले में पड़ी नकदी निकाल ली और कार में बैठ कर फरार हो गये। पेट्रोल पम्प के करिंदे सतिन्द्र (32) पुत्र जगदीश निवासी मैनासर (चुरू), मोहन लाल (23) पुत्र सेवा राम निवासी नांगल की ढाणी (सीकर) ने बताया कि रात को पम्प पर उनकी डयूटी थी और शुक्रवार सुबह पौने चार बजे चौटाला गांव की ओर से एक स्विफ्ट गाड़ी पम्प पर आई और वारदात को अंजाम देकर चौटाला साईड की ओर निकल गई। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना मोबाइल से पम्प मालिक अमित मित्तल को दी।
अमित मित्तल ने बताया कि उसने इसकी सूचना तुरन्त थाना शहर डबवाली पुलिस को दी और स्वयं मौका पर पहुंचा। सूचना पाकर थाना शहर प्रभारी बलवन्त जस्सू अपने दल बल के साथ पहुंचे और घटना का निरीक्षण करने के बाद दोनों कर्मचारियों के ब्यान दर्ज किये।
थाना शहर प्रभारी बलवन्त जस्सू ने बताया कि पेट्रोल पम्प मालिक अमित मित्तल के ब्यान पर तीन अज्ञात कार सवार लुटेरों के खिलाफ दफा 392/34 आईपीसी तथा आर्मज एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके लुटेरों की तालाश सरगर्मी से शुरू कर दी है।

'जिसको तेरी बुद्धि से प्रकाश मिल गया, धरा मिल गई आकाश मिल गयाÓ

डबवाली (लहू की लौ) आर्य समाज द्वारा करवाए जा रहे वाॢषक उत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय सामवेदीय यज्ञ महोत्सव की पारिवारिक श्रृंखला का शुभारम्भ प्रात: जगदीश राय पेंटर व जगरूप राय के निवास पर हवन यज्ञ से हुआ। ''जिसको तेरी बुद्धि से प्रकाश मिल गया, धरा मिल गई आकाश मिल गयाÓÓ भजन से वातावरण भक्तिमय हो गया।
द्रोणस्थली आर्य कन्या गुरूकुल की ब्रह्मचारिणीयों श्रद्धा, शान्ति, श्रीदेवी एवं मनीषा ने परमात्मा का गुणगान किया। राजवीर शास्त्री दिल्लीवाले ने अपने चिरपरिचित अन्दाज में यज्ञ महिमा का गुणगान करते हुए ''होता है सारे विश्व का कल्याण यज्ञ से, जल्दी प्रसन्न होते हैं भगवान यज्ञ सेÓÓ गाया तो उपस्थित श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गए। आर्य जगत की प्रकाण्ड विदुषी डॉ. अन्नपूर्णा ने अपने वचनों के माध्यम से श्रोताओं को अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखने के लिए प्रेरित किया।
मंच का संचालन प्रचार मन्त्री डॉ. अशोक आर्य ने किया। इस अवसर पर डॉ. एनडी वधवा, मास्टर नत्थू राम अग्रवाल, हरि ग्रोवर, विकास, रामधन, सावित्री देवी, सुदेश आर्य उपस्थित थे।

अपने हक के लिए एसडीएम कार्यालय के आगे लगाया तम्बू

डबवाली (लहू की लौ) पिछले सात सालों से नीलामी पर खरीदी गई जमीन पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के बाद शुक्रवार को भक्त शाम लाल पुत्र दीनदयाल उपमंडल अधिकारी (ना.) कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने के लिए मजबूर हुआ है।
आप बीती सुनाते हुए भक्त शाम लाल ने बताया कि उसने हरियाणा सरकार से सात साल पूर्व नीलामी पर गांव डबवाली में सात कैनाल सत्तरह मरले भूमि खरीदी थी। लेकिन उसे खरीदी गई जमीन का रकबा नहीं दिया गया और उसने अपनी जमीन पूरी करवाने के लिए कई बार निशानदेही करवाई और हर बार उसे यह कहकर टरकाया जाता रहा कि उसकी जमीन जीटी रोड़ में आ चुकी है। शाम लाल के अनुसार सड़क महकमा के लोग कहते हैं कि यह जमीन जीटी रोड़ में नहीं आई है।
शिकायतकर्ता के अनुसार वे इस संबंध में उपायुक्त सिरसा तथा चेयरमैन कष्ट निवारण समिति सिरसा को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगा चुका है। लेकिन इसके बावजूद आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई और न ही उसकी जमीन पूरी करवाई गई है। इस संदर्भ में उसने आज उपमण्डल अधिकारी (ना.) की अनुपस्थिति में अपनी शिकायत उपमण्डल अधिकारी (ना.) के सुपरिडेण्ट दविन्द्र गिल को देकर न्याय की गुहार लगाई है। शाम लाल ने इस संवाददाता को बताया कि वह तब तक यहां से नहीं उठेगा जब तक उसे इंसाफ नहीं मिल जाता।
इस संदर्भ में तहसीलदार राजेन्द्र कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त जमीन की दो बार निशादेही करवाई जा चुकी है। एक बार उनसे पूर्व तहसीलदार अमरजीत सिंह ने और एक बार वे स्वयं निशानदेही कर चुके हैं। उनके अनुसार भक्त शाम लाल उनसे यह लिखवाना चाह रहा है कि उसकी जमीन जीटी रोड़ में आ गई है।

क्रिसमिस-डे पर सांता कलॉज ने बांटी टॉफियां

डबवाली (लहू की लौ) सेंट जोसफ हाई स्कूल में शुक्रवार को केक काटकर क्रिसमिस-डे मनाया गया। इस मौके पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विद्यालय के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सांता क्लोज प्रेम का संदेश देने विद्यालय प्रांगण में उतरे। उन्होंने नन्हें-मुन्नों को टॉफियां बांटी।
शब्द गायन प्रतियोगिता तीन वर्गों में आयोजित की गई। प्रथम वर्ग में 6वीं बी प्रथम, 5वीं ए द्वितीय, 6वीं ए तृतीय रही। दूसरे वर्ग में 7वीं बी + 8वीं बी प्रथम, 7वीं एक द्वितीय तथा 8वीं ए+8वीं सी तृतीय रही। तीसरे वर्ग में 9वीं ए, 9वीं बी ने क्रमश: पहला और दूसरा स्थान पाया।
आकर्षक परिधान पहने नन्हे-मुन्नों में खेल मुकाबले भी करवाए गए। गुब्बारा फोडऩे में एलकेजी का गुरकीरत सिंह प्रथम, यूकेजी का आकाश द्वितीय रहा। पत्थर इक्ट्ठा करके डिब्बा भरने में पहली क्लास के पवनदीप ने बाजी मारी। जबकि दूसरा का गुरप्यास द्वितीय रहा। पूंछ नोचना प्रतियोगिता में दूसरी का असीम प्रथम, तीसरी का बलकार दूसरे स्थान पर रहा। कॉक एण्ड हेन कम्पीटीशन लड़कों में 6वीं का गुरिन्द्र प्रथम, हरजोत द्वितीय, लड़कियों में 5वीं की चेष्ठा ने पहला, चौथी की तानिया ने दूसरा स्थान अर्जित किया। मटका तोडऩे में 7वीं ए का राहुल प्रथम, 7वीं बी का नवप्रीत द्वितीय रहा। इसी प्रकार तम्बोला में 6वीं से पुनीत, 7वीं से आजादवीर और 6वीं से प्रियंका बिश्नोई प्रथम रहे। प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका फादर नोमन, सिस्टर सलमा तथा ब्रदर डेविड ने निभाई।
इससे पूर्व कार्यक्रम की मुख्यातिथि सिस्टर निशा अध्यक्षा दीपांजलि ट्रस्ट, प्रिंसीपल फादर पाशो गोनजालविस ने संयुक्त रूप से केक काटा। इस मौके पर फादर मैनेजर रोजारिया भी उपस्थित थे।

मोनिका को सर्वोत्तम माता पुरस्कार

डबवाली (लहू की लौ) बाल विकास परियोजना अधिकारी डबवाली कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित ब्लाक स्तरीय सर्वोत्तम माता प्रतियोगिता में गांव खुईयांमलकाना की मोनिका पत्नी फतेह चंद ने बाजी मारते हुए सर्वोत्तम माता का पुरस्कार जीता।
यह जानकारी देते हुए सुपरवाईजर सतिन्द्र कौर ने बताया कि इस प्रतियोगिता से पूर्व आंगनवाड़ी वर्करों की एक बैठक सीडीपीओ दर्शना सिंह ने ली। इस मौके पर दर्शना सिंह ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से 400 रूपए वर्दी के लिए और एक हजार रूपए आवश्यक सामान खरीदने के लिए तथा एक हजार रूपए आपातकाल खर्चे के लिए दिए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गैस कनेक्शन के लिए आवश्यक राशि बीआरजीएफ स्कीम के तहत एडीसी सिरसा ने जमा करवा दी है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें जल्द ही प्रेशर कुकर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
दर्शना सिंह के अनुसार अपने बच्चे के लिए सभी माताएं अच्छी होती हैं। लेकिन जो माता सही ढंग से अपने बच्चे की परवरिश करती है और छह माह तक उसे अपना दूध पीलाती है और पोषण संबंधी हर प्रकार की देखरेख करती है, वह माता सर्वोत्तम होती है। इस मौके पर कार्यकर्ताओं को उन्होंने लाडली, देवी रूपक, जननी सुरक्षा व अन्य बाल विकास सामकेतिक योजनाओं की जानकारी दी।
इस मौके पर उपस्थित महिलाओं से उन्होंने कहा कि वे अपने घरेलू कामकाज के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा के लिए गांव स्तर पर और इसके बाद ब्लाक स्तर पर आयोजित की जाने वाली खेलों में बढ़चढ़कर भाग लें। उनके अनुसार ग्रामीण महिलाओं को खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलता है। जिसका उन्हें भरपूर लाभ उठाना चाहिए।
इस मौके पर ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता में डबवाली ब्लाक के 6 सर्कलों से चयनित 18 सर्वोत्तम माताओं ने भाग लिया। जिसमें से ब्लाक स्तर पर डबवाली वन सर्कल से मोनिका पत्नी फतेह चन्द खुईयांमलकाना को सर्वोत्तम माता का पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त दूसरे स्थान पर गंगा सर्कल से सरोज रानी पत्नी सुरेन्द्र भारूखेड़ा रही। जबकि तीसरा स्थान अबूबशहर सर्कल की राज रानी पत्नी सोनू लोहगढ़ ने पाया।
इस मौके पर चयनित ब्लाक स्तरीय सर्वोत्तम माता को सीडीपीओ दर्शना सिंह ने एक हजार रूपए का नकद पुरस्कार दिया। जबकि अन्य दो चयनित माताओं को क्रमश: 750 और 500 रूपए का पुरस्कार दिया।

17 दिसंबर 2010

होया की ये नच्च दी, दी तेरी बांह फड लई...

डबवाली (लहू की लौ) गांव आसाखेड़ा के राजकीय मिडिल स्कूल में खण्ड स्तरीय ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता से पूर्व गुरूवार को बीडीपीओ कार्यालय डबवाली द्वारा सांसद तथा मुख्यातिथि अशोक तंवर के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में खूब ठुमके लगे तथा द्विआर्थी गीतों पर बच्चों से नृत्य करवाया गया।
गांव आसाखेड़ा में गुरूवार को बीडीपीओ कार्यालय द्वारा खण्ड स्तरीय तीन दिवसीय ग्रामीण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इससे पूर्व इस प्रतियोगिता के मुख्यातिथि तथा सिरसा के सांसद अशोक तंवर के सम्मान में गाने-बजाने का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। अभी सांसद आए नहीं थे, लेकिन शिक्षा के इस मंदिर में बैठे दूसरी, तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों, अध्यापिकाओं, ग्रामीणों को बांधकर रखने के लिए गाने-बजाने के कार्यक्रम में ऐसे द्विआर्थी रखे गए, जिनको सुनकर ग्रामीणों के सिर तो झुके ही साथ में अध्यापकों को भी शर्मसार होना पड़ा। इस मौके पर परोसे गए गीतों में होया की ये नच्च दी, दी तेरी बांह फड लई....., पट्टा ते हाथ मार के कहना गल सुन जा मुटियारे...., तेरा क्या होगा जानब ए आली......, छल्ला-छल्ला...., तेरा-तेरा सरूर..... शामिल थे।
इस संदर्भ में स्कूल के मुख्याध्यापक रमेश कुमार बांसल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस प्रकार के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। बल्कि यह कार्यक्रम बीडीपीओ कार्यालय द्वारा अचानक ही प्रस्तुत किया गया। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इस प्रकार के गाने शिक्षा के मंदिर में नहीं बजाए जाने चाहिए थे। इसका प्रभाव बच्चों की कच्ची मानसिकता पर बुरा पड़ेगा। उसे भी गीत सुनकर इतनी शर्म आई कि उसे अपना सिर छुपाने के लिए इस कार्यक्रम को छोड़कर कार्यालय में आना पड़ा।
सांसद अशोक तंवर से पत्रकारों ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह घटना उसके आने से पूर्व हुई है, इस प्रकार के गीत स्कूल के मंच पर प्रस्तुत नहीं किए जाने चाहिए थे। इस बारे में कार्यक्रम के आयोजकों से पूछताछ की जाएगी।
उपरोक्त मामले के संबंध में बीडीपीओ राम सिंह ने कहा कि स्कूल में बजाए गए उपरोक्त गीत जायज हैं। इस प्रकार के गीत मनोरंजन के लिए गाए ही जाने चाहिए।

18 महिलाएं सर्वोत्तम माताएं चुनी गई

डबवाली (लहू की लौ) सीडीपीओ कार्यालय में ब्लाक डबवाली के छह सर्कलों, 44 गांवों और 144 आंनगवाडिय़ों में से 200 प्रतिभागियों ने सर्वोत्त माता प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता सर्कल वाईज थी। जिसकी अध्यक्षता सीडीपीओ दर्शना सिंह ने की। इस मौके पर डॉ. सुखवन्त सिंह भी उपस्थित थे।
इस प्रतियोगिता में 22 से 42 वर्ष तक की माताओं ने हिस्सा लिया। सर्वोत्तम माता प्रतियोगिता में चयन इंटरव्यू के आधार पर किया गया। इस मौके पर सर्कल डबवाली-1 से मोनिका पत्नी फतेहचन्द खुइयांमलकाना प्रथम, हरविन्द्र पत्नी यादविन्द्र गांव डबवाली द्वितीय, वीरपाल कौर पत्नी मौजू मसीतां तृतीय रही। डबवाली द्वितीय सर्कल से जसवीर पत्नी राजेन्द्र पन्नीवाला रूलदू प्रथम, वीरपाल पत्नी बलवीर सिंह देसूजोधा द्वितीय, राजवीर पत्नी प्रकाश जोगेवाला तृतीय रही।
इसी प्रकार गोरीवाला सर्कल से रजनी पत्नी बन्ता राम गोरीवाला प्रथम, सरोज बाला पत्नी विजय कुमार मौजगढ़ द्वितीय, अंग्रेज पत्नी प्रेम कुमार लखुआना तृतीय, अबूबशहर सर्कल से विमलेश पत्नी रमेश राजपुरा माजरा प्रथम, राज रानी पत्नी सोनू लोहगढ़ द्वितीय, रीना पत्नी बिट्टू अबूबशहर तृतीय, गंगा सर्कल से मनप्रीत पत्नी महिन्द्र पाल गंगा प्रथम, सरोज रानी पत्नी सुरेन्द्र भारूखेड़ा द्वितीय, सर्वजीत पत्नी सुखपाल चौटाला तृतीय रही। सर्कल बिज्जूवाली से कविता पत्नी राजेश कालूआना प्रथम, कृष्णा पत्नी सुरेन्द्र रिसालियाखेड़ा द्वितीय, सुनीता पत्नी ओमप्रकाश दारेवाला तृतीय रही।
यह जानकारी देते हुए सुपरवाईजर सतिन्द्र कौर ने बताया कि इन चयनित माताओं में से सर्वोत्तम माता को 500, द्वितीय रहने वाली माता को 300 और तीसरे स्थान पर रहने वाली माता को 200 रूपया बतौर पुरस्कार दिया गया। अब इनमें से खण्ड स्तर पर माता का चयन किया जायेगा। इस प्रतियोगिता में महिलाएं अपने बच्चों के साथ इंटरव्यू के लिए आई।

पशु चोर गिरोह का सरगना चोरी की पिकअप के साथ गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) सीआईए डबवाली पुलिस ने 23 दिन पूर्व जलालाबाद पंजाब के दशमेश नगर क्षेत्र से चोरी हुई टाटा पिकअप गाड़ी को बरामद कर लिया है। पुलिस ने चोरीशुदा गाडी के साथ आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के विरूद्ध थाना शहर डबवाली में अभियोग दर्ज कर दिया गया है।
मामले की जानकारी देते हुए सीआईए डबवाली के उपनिरीक्षक अमरनाथ ने बताया कि उनके नेतृत्व में मलोट रोड़ डबवाली में पुलिस ने नाकेबंदी की हुई थी। इसी दौरान आरोपी चैकिंग के दौरान चोरीशुदा टाटा पिकअप गाडी के साथ पकड़ा गया। उन्होने बताया कि गिरफ्तार किए आरोपी की पहचान सुक्खा उर्फ सुखचैन पुत्र रूलदू सिंह निवासी साहबचंद जिला मुक्तसर के रूप में हुई है।
उपनिरीक्षक अमरनाथ ने बताया कि सदर डबवाली पुलिस को सुक्खा की पशु चोरी के एक मामले में भी तलाश थी। उन्होने बताया कि सदर डबवाली पुलिस ने पशु चोरी के मामले में कुछ रोज पूर्व गांव जोतांवाली से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।  गिरफ्तार किये गये आरोपियों ने पुछताछ के दौरान चोरी की वारदात में सुक्खा की संलिप्तता बतलाई थी। उपनिरीक्षक अमरनाथ ने बताया कि सुक्खा से पूछताछ के दौरान चोरी की अन्य वारदातों के सुलझने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होने बताया कि चोरीशुदा पिकअप गाड़ी जलालाबाद के दशमेश नगर निवासी जगदीश कुमार पुत्र शाम लाल की थी। जिसे वहां से 22 नवंबर की रात को आरोपी ने चोरी किया था। सीआईए ने गुरूवार को आरोपी सुक्खा को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड ले लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार पकड़ा गया सुक्खा अन्तर्राज्यीय पशु चोर गिरोह का सरगना है। पुलिस से शातिर चोर मानकर चल रही है। पुलिस पूछताछ में चोरियों की कई अहम कडिय़ां खुलने की संभावना है।

डबवाली हलके में भय पैदा करती थी चौटाला सरकार की राजनीति-तंवर

डबवाली (लहू की लौ) सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि पिछली चौटाला सरकार ने इस हलके का विकास न करके भय पैदा करने की राजनीति की थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का हक दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज ही देश व प्रदेश को नई दिशा दिखा सकता है। अब हलका डबवाली को विकास के मामले में पीछे नहीं रहने दिया जाएगा।
वे गुरूवार को हल्का डबवाली के सकताखेड़ा, लोहगढ़, जोतांवाली, आसाखेड़ा, भारुखेड़ा, जण्डवाला बिश्नोईयां, गंगा, कालूआना, गोदिकां व मोडी के गांवों में लोगों को 25 दिसम्बर को सिरसा में रैली में भारी तादाद में पहुचने का आह्वान करते हुए संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर डा. सिंह ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में जितना विकास जिला सिरसा का किया गया है, उतना विकास पहले कभी नहीं हुआ। यदि हम इनेलो सरकार के समय के तथा चौधरी भूपिन्द्र सिंह के समय में किए गये विकास कार्यों की तुलना करें तो गत 6 वर्ष में पहले से दो गुणा धनराशि खर्च की गई है। चौ. ओमप्रकाश चौटाला किसान हितैषी न होकर किसान विरोधी है। गांव लोहगढ़ व जोतांवाली में जब सेम की समस्या से किसान खेतीहर मजदूर बन रहा था तो लोगों ने चौधरी ओम प्रकाश चौटाला से सेम की समस्या हल करने की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने एक भी नहीं सुनी। हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने के बाद भूपिन्द्र सिंह हुड्डा ने किसान हितेषी होने का परिचय देते हुए यहां के किसानों को सेम की समस्या से निजात दिलाई।
इस अवसर पर डबवाली ग्रामीण प्रधान दरबारा सिंह, ब्लॉक औढ़ा के प्रधान जगसीर सिंह मिठड़ी, डा. सुरेन्द्र पाल जस्सी, मलकीत सिंह खालसा, विनोद पूर्व सरपंच गोदिकां, युवा उप प्रधान हलका डबवाली विजय सहारण, जसकरण सिंह भाटी, भालईन्द्र सिंह, कीरत सिंह सरपंच, प्रेम सरपंच, रामकुमार सरपंच, संदीप भारुखेड़ा, भीमसैन, राजेन्द्र सिंह गंगा, गुरादित्ता सरपंच, रामकुमार बिश्रोई, कशमीरा सरपंच, जगदेव सरपंच, साहबराम गोदिकां, लालचंद मुन्नावाली, राजीव सिहाग सहित अनेक कांग्रेस कार्यकत्र्ता मौजूद थे।

होते हैं दीदार दाता, ओ मेरे करतार दाता

डबवाली (लहू की लौ) आर्य समाज के तत्वाधान में आयोजित वाॢषक उत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय सामवेदीय यज्ञ महोत्सव की सरिता में पारिवारिक कार्यक्रम गुरूवार को धर्मवीर के निवास पर वैदिक हवन यज्ञ के साथ प्रारम्भ हुआ। बाद में द्रोणस्थली आर्ष कन्या गुरूकुल की कन्याओं द्वारा ''होते हैं दीदार दाता, ओ मेरे करतार दाताÓÓ प्रस्तुत मधुर भजन ने समां बांध दिया। दिल्ली से विशेष तौर पर डबवाली पहुंचे राजवीर शास्त्री ने भी अपनी मधुर वाणी से ''पाएगा भगवान के दर्शन पाएगा, मन अपने को निर्मल करकेÓÓ द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। आर्य जगत की विदूषी सुश्री डॉ. अन्नपूर्णा ने अपने आशीष वचनों के माध्यम से श्रोताओं को बुराई को छोडऩे तथा अच्छाई को धारण करने के लिए प्रेरित किया तथा भारतवर्ष के प्राचीनतम ग्रंथ वेदों के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महॢष देव दयानंद ने वेदों का प्रचार-प्रसार किया तथा हवन यज्ञ करने पर बल दिया।
इस अवसर पर सूत्रधार का दायित्व प्रचार मन्त्री डॉ. अशोक आर्य ने निभाया। इस मौके पर प्रधान एसके दुआ, कोषाध्यक्ष भारत मित्र छाबड़ा, महामन्त्री सुदेश आर्य, प्रदीप सुखीजा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों सहित काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थी।

नहीं है ब्लड बैंक, रक्त के लिए दूसरों का मुंह ताक रहे मरीज

डबवाली। युवा रक्तदान सोसाईटी (रजि.) द्वारा 1995 को हुए भीषण अग्निकाण्ड के शहीदों के स्मृति में 23 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्री अग्रवाल धर्मशाला में 81वां विशाल रक्तदान शिविर लगाया जा रहा है। संस्था के संस्थापक सुरेन्द्र सिंगला ने बताया कि संस्था की एक आवश्यक बैठक 18 दिसम्बर को रात्रि 7 बजे श्री वैष्णों माता मन्दिर में अध्यक्ष राकेश गर्ग भीटीवाला की अध्यक्षता में रखी गई है। जिसमें शिविर की सफलता के लिए गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। सिंगला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा 20 वर्ष पूर्व यहां स्वीकृत किए गए ब्लड बैंक को आज तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रारम्भ नहीं किया गया। जबकि 1 दिसम्बर, 2005 से प्रारम्भ किए गए ब्लड स्टोरेज सैंटर द्वारा आज तक 2785 यूनिट रक्त जरूरतमंद मरीजों के लिए दिया गया है। सिंगला ने बताया कि यहां सम्पूर्ण ब्लड बैंक न होने के कारण कैंसर, थैलासीमिया, डेंगू से पीडि़त मरीजों को आपातकालीन परिस्थितियों में रक्त लेने के लिए सिरसा एवं बठिण्डा जाना पड़ता है। उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्पूर्ण ब्लड बैंक प्रारम्भ करने की कार्यवाही को जानबूझ कर ठप्प कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही इस लापरवाही की जानकारी मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को 25 दिसम्बर को सिरसा आगमन पर दी जाएगी।

राजकीय महाविद्यालय में मनेगा राष्ट्रीय मतदाता दिवस

डबवाली (लहू की लौ) मतदाता पहचान पत्र की अहम भूमिका को मद्देनजर रखते हुए मतदाताओं को जागरुक करने के उद्देश्य से आगामी 25 जनवरी 2011 को 11 बजे स्थानीय राजकीय महाविद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा।
यह जानकारी आज डबवाली के उपमंडल अधिकारी नागरिक डा. मुनीश नागपाल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाने बारे उपमंडल स्तर के अधिकारियों की बैठक में दी। इस बैठक में उक्त दिवस को मनाए जाने बारे संबंधित अधिकारियों को रुपरेखा तैयार करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि शहरों, कस्बों और विशेष तौर पर गांव स्तर पर मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र के बारे में जागरुक करे कि मतदाता पहचान पत्र की जीवन में अहम भूमिका होती है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर संबंधित मतदाता केद्र पर बूथ लैवल अधिकरियों द्वारा मतदान केंद्रों में मुख्याध्यापक/ गांव के सरपंच/पंच/ब्लाक सदस्य/नंबरदार/स्वतंत्रता सेनानी इत्यादि की उपस्थिति में मतदाता सूची वर्ष 2011 से संबंधित तैयार किए गए फोटोयुक्त पहचान पत्र 25 जनवरी 2011 को वितरित कर दिए जाएंगे।
इस अवसर पर तहसीलदार डबवाली, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, महाविद्यालय के प्राचार्य, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रतिनिधि, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य, /औढ़ा कार्यालय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केवल कृष्ण आहूजा नहीं रहे

डबवाली (लहू की लौ) सब्जी मंडी में स्थित हरियाणा साईकिल स्टोर के मालिक केवल कृष्ण आहूजा का वीरवार सुबह 9 बजे अचानक 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर का दाह संस्कार शुक्रवार सुबह 9 बजे डबवाली के रामबाग में किया जायेगा। आहूजा का एक बेटा आरके आहूजा भारतीय स्टेट बैंक की सिरसा शाखा में मैनेजर के पद पर कार्यरत है जबकि दूसरा प्रेम रत्न आहूजा ओबीसी बैंक लखनऊ में शाखा प्रबंधक है।

बिज्जूवाली में ग्राम सभा की बैठक आयोजित

बिज्जूवाली (हेमराज बिरट) गांव बिज्जूवाली के पंचायत घर में ग्राम सभा की बैठक का आयोजन किया गया।
इस बारे में जानकारी देते हुए सरपंच राजाराम बिरट ने बताया कि ग्राम सभा की बैठक पंच वर्षीय कार्य योजना के तहत लोगों की समस्याएं जैसे राजकीय उच्च विद्यालय के तीन कमरे जो खस्ता हालत में हैं और वह किसी कार्य में भी नहीं आते उनको तुड़वाना, स्कूल का स्टैज बड़ा करवाना, स्कूल के अन्दर एक खेल अध्यापक की नियुक्ति, मुन्नांवाली माईनर 18132-आर व राजपुरा माईनर 41726-आर जो की खस्ता हालत में हैं उनका निर्माण करवाना, पुरानी आंगनबाड़ी में दो कमरे व पीने के पानी के लिए प्रबंध व शौचालय बनवाना, गांव की फिरनी को दुबारा बनवाना, हरिजन चौपाल की चारदीवारी, बीसी चौपाल का निर्माण, पूरे गांव की निशानदेही, पीले कार्ड बनवाना, गांव की सफाई, वाटर वक्र्स से लेकर गऊशाला व स्कूल तक पीने के पानी की पाईप लाईन का प्रबंध करवाना, गांव में खिलाडिय़ों के लिए खेलने के लिए मैदान व खेलने के सामान का प्रबंध करना, गांव में जो बिजली की तारें ढीलीं हैं, उनको सही करवाना व गांव का स्कूल जोकि 10वीं तक हैं, उसको 12वीं तक अपग्रेड़ करवाना ताकि गांव के छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना ना करना पड़े सहित गांव के लोगों की सांझी समस्याओं व सांझे कार्यों को पंच वर्षीय कार्य योजना तहत करवाने की ग्राम सभा की बैठक में मांग रखी गई।
इस मौके पर पंच चमेली देवी, शारदा देवी, सिलोचना देवी, पंच राजकुमार, ओमप्रकाश, वेदप्रकाश, देवपाल सोनी, धर्मपाल कैथ, रामप्रताप, पटवारी हरपाल सिंह, पंचायत सचिव नारायण सिंह, एएनएम वीना कुमारी, आंगनबाड़ी वर्कर आशा रानी व स्कूल स्टाफ रमेश कुमार, लखीराम, प्रेम कुमार व गांववासी दिनेश धींगड़ा, नंदी मैहता, रमेश मैहता, सतीश कुमार, जगदीश, रणवीर माकड़ सहित गांव के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

16 दिसंबर 2010

बेटे के गम में नहर में कूदा

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में एक युवक ने बुधवार को नहर में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवक मजदूरी करता था। पिछले तीन सालों से मानसिक रूप से परेशान चला आ रहा था। करीब छह घंटे बाद युवक के शव को नहर से बाहर निकाला गया।
खेत का कह कर गया था
गांव मौजगढ़ निवासी सुरेन्द्र कुमार (28) बुधवार सुबह करीब 9 बजे घर से खेत में काम करने के लिए गया था। कुछ समय बाद उसका पिता नानक चन्द (55) तथा भाई संदीप (23) खेत के लिए रवाना हुए। वहां जाकर उन्हें मालूम हुआ कि सुरेन्द्र खेत में पहुंचा ही नहीं। काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं चला। बाप-बेटा सुरेन्द्र को ढूंढते हुए गांव से गुजरने वाली भाखड़ा नहर की पटरी पर पहुंचे, वहां उन्हें सुरेन्द्र की चप्पल दिखाई दी। सूचना पाकर गांव के सरपंच ओमप्रकाश के नेतृत्व में काफी ग्रामीण मौका पर जमा हो गए। ग्रामीणों के सहयोग से सुरेन्द्र को नहर में तलाशा गया। करीब छह घंटे बाद उसका शव नहर से बरामद हो गया।
मृतक सुरेन्द्र के पिता नानक चन्द ने बताया कि उन्होंने गांव के किसान हरविंद्र सिंह की जमीन फसल के एक चौथाई भाग पर ठेके पर ली हुई है। उसके साथ सुरेन्द्र भी खेत में कार्य करता था।
बेटे की मौत का था गम
दर्शना देवी (52) पत्नी नानक चन्द निवासी मौजगढ़ ने बताया कि उसके बेटे सुरेन्द्र की शादी करीब चार साल पूर्व मिठड़ी बुधगिर (जिला मुक्तसर) की जसविन्द्र पाल कौर से हुई थी। जसविंद्र ने एक चांद से बेटे को जन्म दिया। लेकिन तीन-चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत ने सुरेन्द्र को झकझोर कर रख दिया। वह अपना दिमागी संतुलन खो बैठा। पिछले तीन साल से उसका इलाज राजस्थान के श्रीगंगानगर में चल रहा था।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर पुलिस के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस ने मृतक सुरेन्द्र के पिता नानक चन्द के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव उसके वारिसों को सौंप दिया।

वैदिक मंत्रों के साथ वार्षिक उत्सव शुरू

डबवाली (लहू की लौ) आर्य समाज द्वारा आयोजित वाॢषक उत्सव का शुभारम्भ बुधवार को सामवेद के वैदिक मन्त्रों के मध्य हुआ। उत्सव का प्रथम चरण एवं प्रथम पारिवारिक कार्यक्रम प्रात:कालीन वेला में पीएनबी के प्रबन्धक कुलदीप बांसल व उनके अनुज राजिन्द्र बांसल के निवास पर वैदिक हवन यज्ञ के साथ प्रारम्भ हुआ। जिसमें द्रोणस्थली आर्ष कन्या गुरूकुल की प्राचार्या सुश्री डॉ. अन्नपूर्णा व गुरूकुल की कन्याओं द्वारा सामवेद की ऋचाओं से हवन यज्ञ सम्पन्न करवाया गया।
भजनोपदेशक राजवीर शास्त्री ने ऐसा बना दो प्रभु जीवन मेरा, हर पल हो सुमिरन तेरा...., ओइम नाम का प्याला... भजनों से वातावरण को भक्तिरस से परिपूर्ण कर दिया। सुश्री डॉ. अन्नपूर्णा ने अपने प्रवचनों के माध्यम से बताया कि परमपिता परमात्मा का निज नाम ओ३म् है तथा इसी की उपासना करने योग्य है। अधर्म के मार्ग पर चलकर हम सुख और शान्ति की कामना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हवन यज्ञ संसार का सबसे श्रेष्ठ कर्म है।
इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान एसके दुआ, कोषाध्यक्ष भारत मित्र छाबड़ा, प्रचार मन्त्री डॉ. अशोक आर्य, शशिकान्त शर्मा, बहादर ङ्क्षसह कूका, प्रदीप सुखीजा, सतीश अग्रवाल, महामन्त्री सुदेश आर्य सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केवी सिंह निकले गांव-गांव

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की जनता से जो वायदे किए थे उससे भी बढ़कर कार्य किए हैं। 25 दिसम्बर को सिरसा में होने वाली बढ़ते कदम रैली इस बात का प्रमाण होगी की चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा जनहितेषी कार्य करने में अव्वल रहे हैं।
यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डा. के.वी. सिंह ने मांगेआना, हैबूआना, पन्नीवाला रुलदू, पाना, पिपली, जगमालवाली, चोरमार, टप्पी, मिठड़ी, मलिकपुरा, खुईयां मलकाना, दिवानखेड़ा, सांवतखेड़ा व नीलांवाली का दौरा करके लोगों को रैली के लिए निमन्त्रण देते हुए कही। उन्होंने कहा कि 25 फरवरी 2007 को सिरसा में हुई नवयुग रैली में की गई घोषणाओं को पूरा करके मुख्यमंत्री ने यह दिखा दिया है कि वह अन्य लोगों की तरह झूठे नींव पत्थर न रखकर काम में विश्वास करते हैं।
डा. सिंह ने कहा कि किसान की सबसे ज्यादा जरुरत नहरी पानी व बिजली होती है। बिजली के मामले में तो काफी सुधार हुआ है, लेकिन नहरी पानी के मामले में काफी सुधार होने बाकी हैं।
उनके साथ इस दौरे में डबवाली ग्रामीण प्रधान दरबारा सिंह, ब्लॉक औढ़ा के प्रधान जगसीर सिंह मिठड़ी, डा. सुरेन्द्र पाल जस्सी, मलकीत सिंह खालसा, विनोद पूर्व सरपंच गोदिकां, युवा उप प्रधान हलका डबवाली विजय सहारण, जसकरण सिंह भाटी, मनवीर सिंह मान, अमरजीत सिंह हवलदार, भगत सिंह पूर्व सरपंच मांगेआना, जिला परिषद सदस्य गुरमेल सिंह देसूजोधा, परमजीत माखा, मास्टर राजेन्द्र सिंह, शीतल नम्बरदार, जगसीर सिंह सरपंच जगमालवाली, काका सिंह सरपंच मिठड़ी, राजेन्द्र पूर्व सरपंच दीवानखेड़ा, सुखदेव सरपंच, रणजीत सरपंच, मुखपाल सरपंच, पवन सरपंच, मिठ्ठू सिंह पूर्व सरपंच, बलदेव सिंह नम्बरदार सहित अनेक ग्रामीण कांग्रेस कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।

15 दिसंबर 2010

62 साल की सुखदेव कौर दौड़ी सबसे तेज

डबवाली (लहू की लौ) गांव च_ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में आयोजित आंगनबाड़ी खेलकूद प्रतियोगिता में 22 महिलाओं और 42 लड़कियों ने भाग लिया। जिसमें जसप्रीत कौर (15) ने सर्वश्रेष्ठ एथलीट का पुरस्कार जीता। यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रभारी मुख्य अध्यापक पालविन्द्र शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में आंगनबाड़ी वर्कर इन्द्रजीत कौर तथा गांव की सरपंच गुरचरण सिंह ने खेलकूद प्रतियोगिता में सहयोग दिया। उनके अनुसार इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय रही विजेता खिलाडिय़ों को औढां में इसी सप्ताह आयोजित होने वाली ब्लॉक लेवल प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा। उनके अनुसार सीनियर वर्ग महिला 30 वर्ष से ऊपर की मटका दौड़ में सुखदेव कौर (62) प्रथम, महिन्द्र कौर (51) द्वितीय, सर्वजीत कौर (44) तृतीय रही। जबकि इसी वर्ग की आलू-चम्मच दौड़ में कुलविन्द्र कौर (32) प्रथम, गुरजीत कौर (31) द्वितीय तथा अजमेर कौर (72) तृतीय रही। उनके अनुसार 18 वर्ष से कम लड़कियों की दौड़ में 7वीं कक्षा की लवप्रीत कौर प्रथम, 8वीं की रीना रानी द्वितीय, छटी की मनप्रीत कौर तृतीय रही। साईकिल दौड़ में 8वीं की जसप्रीत कौर प्रथम, हरप्रीत कौर द्वितीय, छटी की लवप्रीत कौर तृतीय रही। जबकि आलू-चम्मच दौड़ में 8वीं की हरप्रीत कौर प्रथम, जसप्रीत कौर द्वितीय, 7वीं की राजवीर कौर तृतीय रही। पुरूषों की सीनियर वर्ग 400 मीटर दौड़ में माटी सिंह (55) प्रथम, हरचरण सिंह (42) द्वितीय, करनैल सिंह (44) तृतीय रहे।

जेलें भरेंगे कर्मचारी

डबवाली (लहू की लौ) सर्वकर्मचारी संघ के आह्वान पर जेल भरो आंदोलन की तैयारी के लिए एक राज्य स्तरीय जत्था मंगलवार को डबवाली पहुंचा। जत्थे का नेतृत्व प्रांतीय कोषाध्यक्ष सीएन भारती कर रहे थे। जिला सिरसा सर्वकर्मचारी संघ के प्रधान सोहन सिंह रंधावा एवं रमेश मजौका भी उनके साथ थे।
इस जत्थे ने आज 19 दिसम्बर के जेल भरो कार्यक्रम को लेकर विभिन्न कार्यालयों में गेट मीटिंग की और कर्मचारियों को रोहतक पहुंचने का आह्वान किया। इस मौके पर सीएन भारती ने सम्बोधन में कहा कि सर्वकर्मचारी संघ निरन्तर जनता हित व कर्मचारी हित के मुद्दों को लेकर अपनी आवाज उठाता रहता है। वर्तमान  दौर में भी हम हरियाणा सरकार को निजिकरण रोकने, वेतन विसंगतियां दूर करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने आदि मुद्दों पर बातचीज करने का कहता रहा है। परन्तु सरकार बातचीत करके मुद्दों/भागों पर सहमति जता कर भी लागू नहीं कर रही है। दूसरी ओर पीपीपी मॉडल लागू करके अपने चेहते ठेकेदारों को सारे सरकारी विभाग कौडिय़ों के भाव बेचने की योजना बना रही है। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-70 के अध्यक्ष प्रदीप पारिक ने बताया कि जेल भरो आंदोलन को सफल बनाने के लिए खण्ड कार्यालय मंडी डबवाली में अध्यापकों की डयूटियां लगा दी गई हैं। इस सन्दर्भ में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली के प्रांगण में आयोजित बैठक में अध्यापक समस्याओं पर भी विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर जिला सहसचिव गुरमीत सिंह, जिला उपप्रधान कुलदीप कौर, पंजाबी अध्यापक कुलदीप सिंह, रमेश कुमार, बलौर सिंह, नानक चन्द, एसएस गुरविन्द्र सिंह, सरदूल ङ्क्षसह उपस्थित थे।

14 दिसंबर 2010

मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

डबवाली (लहू की लौ) जल सप्लाई एण्ड सेनीटेशन मस्ट्रोल इम्पलाइज यूनियन के गांव बादल जाकर मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने की योजना को पंजाब पुलिस ने नाकाम बना दिया। जिसके चलते यूनियन को लम्बी में ही यह पुतला फूंकना पड़ा।
मस्ट्रोल कर्मचारियों का आमरन अनशन सोमवार को 8वें दिन में प्रवेश कर गया है। 13 दिसम्बर को यूनियन ने लम्बी में ऐतिहासिक रैली करने की घोषणा के साथ-साथ गांव बादल में पहुंच कर मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल का पुतला फूंकने का निर्णय लिया था। जिसके चलते पंजाब पुलिस ने बादल गांव को जाने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी करके इस क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया था। 13 दिसम्बर को अपनी घोषणा के अनुरूप यूनियन ने मस्ट्रोल कर्मचारियों की रैली लम्बी में की। रैली के बाद कर्मचारी बादल की ओर कूच करते हुए, पुलिस के दो नाकों को तोड़ते हुए अभी कुछ दूरी पर ही गये थे कि पंजाब पुलिस के जवानों ने उन्हें घेर लिया और आगे जाने से लम्बी में ही खेल स्टेडियम के पास रोक लिया। बादल पहुंचने में असफल रहने पर मस्ट्रोल कर्मचारियों ने प्रकाश सिंह बादल के पुतले को स्टेडियम के पास भारी पुलिस बल के सामने फूंक दिया। इस मौके पर कर्मचारियों ने बादल सरकार के खिलाफ रोष भरी नारेबाजी की। इसके बाद इन कर्मचारियों ने खेल स्टेडियम में ही अपना जमावड़ा लगा लिया।
इस मौके पर सम्बोधित करते हुए जल सप्लाई एण्ड सेनीटेशन मस्ट्रोल इम्पलाईज यूनियन पंजाब के प्रधान सुखनन्दन सिंह मैहनिया ने कहा कि उनका आज का कार्यक्रम केवल टे्रलर था। अगर 24 दिसम्बर तक भी पंजाब सरकार नहीं जागी तो इस आंदोलन को और तेज करते हुए 25 दिसम्बर को मस्ट्रोल कर्मचारियों अपने परिवारों के साथ बादल की ओर कूच करेंगे और वहां पर हर हालत में मुख्यमंत्री बादल का पूतला फूकेंगे। उन्होंने कहा कि मांग न माने जाने तक आमरन अनशन भी जारी रहेगा। इस मौके पर उन्होंने अपने साथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार उनके साथ भेदभाव बरत रही है। तीन साल पहले एडहॉक पर चल रहे 14 हजार अध्यापकोंं को पंजाब सरकार ने नियमित कर दिया। जबकि पिछले 20 वर्षों से मस्ट्रोल कर्मचारियों के रूप में संताप जेल रहे 3511 कर्मचारियों को आज तक सरकार ने नियमित नहीं किया और न ही उनकी सुध ली है।
इस मौके पर यूनियन नेताओं में से मुकेश कुमार संयुक्त सचिव, मोती लाल चेयरमैन, चन्द सिंह मलेरकोटला, पवन कुमार पम्मा, हरजीत सिंह मोगा, चरणजीत सिंह मोगा, बिट्टू मलोट, गुरजन्ट सिंह होलांवाली, राजकुमार फिरोजपुर, स्वर्ण सिंह पठानकोट, तेजवन्त सिंह फरीदकोट, जुगराज सिंह फरीदकोट, राकेश कुमार जैतीपुर, शमपाल सिंह, रूप सिंह कराईवाला, विजय कुमार, दर्शन सिंह, हरदीप सिंह बाबा, सूबा सिंह मलेछा, भजन सिंह मरखाई, सुखबीर बोगेवाला, करनैल सिंह, महिन्द्र सिंह, मुख्तियार सिंह, रामगोपाल, राकेश बातिश, जसविन्द्र सिंह, लाल चन्द, साधु सिंह, दर्शन सिंह, जितेन्द्र कुमार, लक्खा सिंह, गुरदर्शन सिंह पटियाला, सुरेन्द्र शर्मा, सर्वजीत, राकेश कुमार आदि ने सम्बोधित किया।
सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौकत बनाये रखने के लिए मौका पर एसएसपी मुक्तसर इन्द्रमोहन सिंह, एसपी (एच) आशुतोष कौशल, एसडीएम मलोट प्रवीन थिंद, थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली अपने दल बल के साथ उपस्थित थे।

गरीबी, भूखमरी, अनपढ़ता और भ्रष्टाचार भारत के दुश्मन-मनप्रीत सिंह बादल

डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि भारत का दुश्मन न तो पाकिस्तान है और न ही चीन। अगर कोई दुश्मन है तो वह है गरीबी, भूखमरी, अनपढ़ता और भ्रष्टाचार।
वह रविवार देर रात को सम्पन्न हुए ईस्टवुड इंटरनैशनल स्कूल डूमवाली के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह के अवसर पर उपस्थित लोगों, विद्यालय अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब मिल कर गरीबी, भूखमरी, अनपढ़ता और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में युवाओं की नौकरी में जाने की प्राथमिकता बदल गई है। पहले युवक देश की रक्षा के लिए फौज में भर्ती होना गौरव समझते थे। लेकिन आज उनका लक्ष्य पैसा कमाना और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में सर्विस पाकर अपने सपनों को पूरा करना है। 
उन्होंने कहा कि उन्होंने कपूरथला के सैनिक स्कूल के कमांडेंट से बातचीत की तो उन्हें बताया गया कि पंजाब का युवक अब फौज में भर्ती होने से कतरा रहा है। जिसके चलते सैनिक स्कूल में पंजाब से बहुत कम बच्चे शिक्षा पाने के लिए आते हैं। उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से सवाल किया कि क्या हमारा उद्देश्य पैसा कमाना रह गया है। यदि हमारे युवक बॉर्डर पर पहुंच कर देश की रक्षा नहीं करेंगे तो क्या हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकेंगे। उन्होंने स्वयं ही इसका उत्तर दिया और कहा कि पैसा कमाओ लेकिन कुछ समय भारत माता की सेवा में भी लगाओ। ताकि रिश्वत, अनपढ़ता और वतन दुश्मनों के खिलाफ लड़ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमारी वर्तमान प्रवृत्ति न बदली तो हमें मदर टेरेसा जैसे समाज सेवक और भगत सिंह जैसे देश भक्त कहां से मिलेंगे। 
उन्होंने स्कूल प्रबंधक समिति से अनुरोध किया कि विद्यालय प्रति वर्ष कम से कम 10 बच्चे नैशनल डिफेंस अकैडमी के लिए तैयार करे। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक समिति की ओर से शिक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों में मेधावी रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व विद्यालय के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बच्चों ने वेस्टर्न डांस दिखाया। वहीं माई फेयर लेडी, कबालिया नृत्य, चंद जदों रोटी लगदा है, ओम, बंदे में था दम आदि प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं पंजाबी भांगडा ने लोगों को नचा डाला।
स्कूल प्रबंधक समिति के चेयरमैन बलराज सिंह ढिल्लों तथा सचिव संजम बादल ने मुख्य अतिथि मनप्रीत सिंह बादल का स्वागत किया। विद्यालय की प्रिंसीपल सुषमा एंथनी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में कर्नल रशनील चहल, कर्नल जगदीप धालीवाल उपस्थित हुए।