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Lahoo Ki Lau

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29 नवंबर 2014

पिज्जा के लिये बना चोर नहीं बख्शा भगवान का घर

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली, सिरसा तथा हिसार में बेखौफ होकर चोरियों को अंजाम देने वाले डबवाली निवासी नमन् उर्फ काकू की उम्र महज सत्रह साल है। पंद्रह साल की उम्र में पहली दफा 90 हजार रूपये की चोरी करने वाला यह लिटिल मास्टर अब शहर के दुर्गा मंदिर से लाखों रूपये की ज्वेलरी चोरी करने के मामले में पुलिस ने पकड़ा है। सीआईए के समक्ष उसने ऐसे खुलासे किये, जिसे सुनकर पुलिस के होश उड़ गये।
पिज्जा खाने, शॉपिंग पर उड़ाई राशि : काकू ने पुलिस को बताया कि वह 9वीं कक्षा का छात्र था। जब उसके परिजनों ने उसे न्यू बस स्टेंड रोड़ पर स्थित कपड़े की दुकान पर लगाया। उसने अपने तीन साथियों सहित दुकान से 90 हजार रूपये चोरी किये। एक साथी की दगाबाजी से वह पकड़ा गया। परिजनों ने उसे सुधार के लिये सिरसा में रह रहे उसके मामा के पास भेज दिया। लेकिन वह वापिस आ गया। घर से जेब खर्च न मिलने पर वह छोटी-छोटी चोरी करके अपने शौंक पूरे करने लगा। 3 फरवरी 2014 को पहली दफा दुर्गा मंदिर में गल्ले से एक हजार रूपये की नकदी चुराई। 8 अप्रैल 2014 को शनि मंदिर में 10 हजार रूपये की चोरी की। 31 मई 2014 को दुर्गा मंदिर में ही अपनी तीसरी चोरी को अंजाम देते हुये 35 हजार 961 रूपये, 1500 रूपये के हार तथा डीवीआर चुरा लिया। चोरियों के बाद वह अपने साथियों को लेकर बठिंडा में मॉल घूमने के लिये गया। वहां पिज्जा खाने पर राशि उड़ाई। 2 जून 2014 को पुलिस ने उसे पकड़ लिया। युनाईल कोर्ट सिरसा में पेश करने पर अदालत ने उसे बाल सुधार गृह हिसार भेज दिया। 1 अक्तूबर 2014 को अदालत ने उसे साढ़े तीन माह तक सरकारी अस्पताल की बैड शीट बिछाने की सजा सुनाई। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
परिजनों ने घर से निकाला
काकू के अनुसार जेल से छूटते ही वह अपने घर पहुंचा। परिजनों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। उसी दिन उसने मीना बाजार के नजदीक एक दुकान में सेंधमारी की। बीड़ी-सिगरेट तथा नकदी चुराने के बाद वह सालासर चला गया। दर्शन करने के बाद सिरसा पहुंच गया। टाऊन पार्क में सोते समय एक जेबकतरे ने उसकी जेब काटने की कोशिश की। उसने पकड़कर उसे धुन दिया। जेबकतरे ने अपनी पहचान हैप्पी निवासी सिरसा के रूप में करवाते हुये उसे गैंग में शामिल होने के लिये कहा। थ्री व्हीलर चालक होने पर हैप्पी पर कोई शक नहीं करता था। रात को उन्होंने सिरसा में एक मेडिकल शॉप में चोरी को अंजाम दिया। शॉप में जो नशा मिला उसे हैप्पी खा गया। जबकि उसे 150 रूपये मिले। उन दोनों ने मिलकर सिरसा में कई चोरियां की। हैप्पी ने हिसार निवासी रविंद्र उर्फ रवि से उसकी मुलाकात करवाई। रवि ने उसे हिसार में 700 रूपये में किराये पर एक कमरा दिलाया। वे दोनों हिसार के जेबकतरों को पीटकर पैसा कमाने लगे। रात को हिसार में कई कोठियों में घुसकर बर्तन चुराये।
पुलिस व्यस्त थी, मैंने अपना काम किया : पुलिस के समक्ष काकू ने कहा कि प्रदेश की पूरी पुलिस संत रामपाल में व्यस्त थी। उसे दुर्गा मंदिर में चोरी करने का यही ठीक अवसर लगा। 16 नवंबर की रात को उसने दुर्गा मंदिर के पीछे लगे रोशनदान से मंदिर में प्रवेश किया। ज्वेलरी चुराने के बाद उसे एक गट्टे में भरकर बस अड्डा में पहुंच गया। 17 नवंबर को सुबह 5 बजे दिल्ली के लिये जाने वाली पहली बस में सवार होकर हिसार स्थित अपने कमरे में पहुंच गया।
जेबकतरे के इलाज पर खर्च करना था पैसा : पुलिस पूछताछ के दौरान लिटिल मास्टर ने यह भी कहा कि उसेक साथ हिसार का जेबकतरा चीकू भी रहता है। जिसका पैर गल रहा है। वह तथा रवि मिलकर उपचार करवा रहे हैं। ज्वेलरी बेचकर मिलने वाली रकम से पहला काम उन्होंने चीकू का इलाज करवाना था। शेष बचे पैसे से वेल्डिंग का काम शुरू करना था।

नमन् को छह-छह माह की कैद
शनि मंदिर तथा दुर्गा मंदिर में चोरी के पुराने मामलों में नमन् को यूनाईल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया। बोर्ड की जस्टिस पूजा गोयल ने दोनों मामलों में नमन को छह-छह माह कैद की सजा सुनाई। जबकि चोरी के नये मामले में 14 दिनों के लिये उसे बाल सुधार गृह हिसार भेजने के आदेश दिये। गौरतलब है कि 1 अक्तूबर को अदालत ने परिविक्षा पर रिहा करते हुये नमन् को अस्पताल में रोगियों की सेवा करने के लिये कहा था। लेकिन उसने अदालत के आदेशों को नजरअंदाज किया। जिसके बाद सख्त हुई अदालत ने शुक्रवार को उसे छह-छह माह कैद की सजा सुनाई।

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