डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को उपमंडलाधीश सतीश कुमार ने अपने कार्यालय में उपमंडल अधिकारियों की क्लास ली। उन्हें अपने काम के बारे में ए टू जेड तक सीखने की नसीहत देते हुये सात दिन की मोहलत दी। आदेशों की अवहेलना करने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड करने की चेतावनी दी। साथ में लापरवाह अधिकारियों को अपना बोरिया-बिस्तर गोल रखने की सलाह दी।
दोपहर 12 बजे उपमंडल के विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी उपमंडलाधीश कार्यालय में एकत्रित हुये। बैठक को संबोधित करते हुये उपमंडलाधीश ने कहा कि बगैर सरकारी कार्यालयों में सफाई किये हम स्वच्छता का ढिंढोरा पीटते फिरें, यह बड़े दुर्भाग्य की बात है। सात दिन के भीतर प्रत्येक कार्यालय चमक जाना चाहिये, वरना कार्यालय का मुखिया जिम्मेवार होगा। उपमंडलाधीश ने कहा कि कार्यालय में समय पर आयें और जायें। उपायुक्त औचक्क निरीक्षण करते हैं, अगर कोई गैर हाजिर पाया गया तो उसकी खैर नहीं होगी।
मोबाइल लोकेशन से पता लगायेगा प्रशासन
उपमंडलाधीश ने संबंधित अधिकारियों से चतुर्थश्रेणी कर्मी से लेकर ए श्रेणी में आने वाले अधिकारियों का ब्यौरा उनके मोबाइल नंबरों सहित मांगा। उपमंडलाधीश ने कहा कि मोबाइल नंबरों के आधार पर चतुर्थश्रेणी कर्मियों की लोकेशन जानी जायेगी। अगर कोई कर्मचारी डयूटी से किसी अन्य जगह पर मिला, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। उन्होंने आदेश दिये कि अधिकारी समयबद्धता का पालन करते हुये लोगों के कार्य निपटायें। काम लेकर बैठे रहने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अगर इस संबंध में शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
एएफएसओ नहीं दे पाया जवाब
बैठक में उपमंडलाधीश ने एएफएसओ से सवाल किया कि उपमंडल डबवाली में कितने डिपो हैं? कितने लोगों के राशन कार्ड बने हैं? जिसका जवाब वे नहीं दे पाये। उन्होंने रोजगार कार्यालय से आये अधिकारी से बेरोजगारी भत्ता के लिये आये फार्मों के बारे में पूछा, वे भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये। उन्होंने रोजगार कार्यालय अधिकारी को निर्देश दिये कि वे बेरोजगारी भत्ते के लिये आये फार्मों की फिजिकल वेरिफिकेशन करें। किसी फर्जी बेरोजगार को भत्ता न मिले। ऐसे ही सवाल उपमंडलाधीश ने मार्किटिंग बोर्ड के जेई से पूछे। उपमंडलाधीश ने पूछा कितनी सड़कें हैं? उनकी लंबाई कितनी है? लेकिन जेई नहीं बता पाये। जिस पर उपमंडलाधीश ने सभी विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को अपने काम को ए टू जेड तक समझने के लिये कहा।
रोड़वेज अधिकारी को लगाई फटकार
उपमंडलाधीश ने रोड़वेज अधिकारी को फटकार लगाते हुये कहा कि वे कई दफा बस अड्डा के बाहर रोड़ पर निजी या सरकारी बसों को खड़ा न होने के लिये कह चुके हैं। लेकिन अभी तक समस्या जस की तस है। एसडीएम ने रोड़वेज अधिकारी से पूछा आप मुझे बतायें कि आप कौन सी भाषा समझोगे, हिंदी में तो मैं आपको बता चुका हूं। बसें न रूकने के लिये कर्मचारी लगायें, अगर वह नहीं काम करता तो उसे सस्पेंड किया जायेगा। आपसे नहीं संभलता तो आप अपना बोरिया-बिस्तर गोल करके रखें।
मनरेगा में है धांधली
उपमंडलाधीश ने कहा कि मनरेगा संबंधी मेरे पास ऐसे कई मामले हैं, जिनमें मृत व्यक्ति को ही कार्य करता हुआ दिखाया गया है। मनरेगा में धांधली संबंधी कई शिकायतें हैं। उन्होंने बीडीपीओ को इस संबंध में व्यक्तिगत रूचि लेकर काम करने की सलाह दी।
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