दोनों ने खाई थी साथ मरने की सौगंध, फोन करने के बावजूद नहीं पहुंचा प्रेमी
डबवाली (लहू की लौ) आशिक के फोन न उठाने पर गुस्से में आई प्रेमिका गाड़ी के आगे आकर अपनी दोनों टांगें कटवा बैठी। दोनों में करीब बीस बरस से प्रेम चल रहा था। गंभीर हालत में उसे बठिंडा के एक अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।
बुधवार को बठिंडा से कंटेनर लोड़ किए मालगाड़ी डबवाली के लिए आ रही थी। जिसे संत राम चला था। जबकि गाड़ी पर एएलपी के तौर पर पंकज कुमार तथा गार्ड के रूप में सीता राम नियुक्त थे। सुबह करीब 7.30 बजे जस्सी बागवाली के निकट खेतों की ओर से आई एक महिला अचानक पटरी पर लेट गई। यह देखकर संत राम ने अचानक ब्रेक लगा दी। लेकिन रूकते-रूकते गाड़ी उसकी टांगों को काट गई। गाड़ी करीब आधा घण्टा वहीं रूकी रही। तीनों ने बड़ी मुश्किल से महिला को बाहर निकाला। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए डबवाली के रेलवे स्टेशन पर ले आए। यहां से डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन उसके परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए बठिंडा ले गए।
सरकारी अस्पताल में घायल महिला ने अपनी पहचान 35 वर्षीय अमरजीत कौर निवासी जस्सी बागवाली के रूप में करवाते हुए बताया कि वह पंजाब के गांव नगला की रहने वाली है। उसकी शादी 1989 में जस्सी बागवाली (जिला बठिंडा) निवासी धन्ना राम के साथ हुई थी। उसके दो बेटे जसविंद्र सिंह तथा हरविंद्र हैं। करीब बीस साल पहले उसका गांव जस्सी बागवाली के गुलाब सिंह नामक व्यक्ति से प्रेम हो गया। गुलाब भी शादीशुदा है। उनके प्रेम प्रसंगों के बारे में दोनों परिवारों को पता है। जिसके चलते दोनों के घरों में क्लेश रहने लगा।
महिला के अनुसार वे दोनों अलग-अलग नहीं रहना चाहते थे। इसी के चलते गुलाब ने उसे डबवाली में किराए पर कमरा लेकर दे दिया। यहां वह दो साल रही। डेढ़ माह पूर्व ही वह गांव जस्सी बागवाली लौटी थी। लेकिन गुलाब के घर में क्लेश फिर भी कम नहीं हुआ। चार दिन पूर्व गुलाब ने उसकी सौगंध खाते हुए साथ-साथ मरने का वचन किया था। साथ-साथ मरने के लिए दोनों ने बुधवार सुबह का समय रखा। वह सुबह 6.30 बजे गुलाब के खेत में पहुंच गई। लेकिन गुलाब नहीं आया। उसने कई दफा उसका फोन मिलाया। लेकिन उसने अपना मोबाइल नहीं उठाया। आखिर में मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। प्रेमी की इस बेवफाई के कारण वह मरने के लिए रेल पटरी पर लेट गई।
मालगाड़ी के एएलपी पंकज कुमार ने बताया कि गाड़ी को देखकर महिला तेजी से खेतों से निकलकर पटरी पर लेट गई। उन्होंने गाड़ी के ब्रेक लगा दिए। लेकिन फिर भी गाड़ी के कुछ डिब्बे उसकी टांगों से गुजर गए।
जीआरपी बठिंडा के प्रभारी एसआई कर्म सिंह ने बताया कि उपरोक्त मामले की जानकारी उन्हें मिली है। घायल अमरजीत कौर बठिंडा के एक अस्पताल में उपचाराधीन है। उसके ब्यानों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
मुझे अंधे प्रेम की सजा मिली
मेरी शादी पंद्रह साल की उम्र में कर दी गई थी। दो बेटों की मां होने के बावजूद उसने गुलाब से मुहब्बत की। उसने बीस साल तक उसकी हर बात मानी। उसकी बात का पलट कर जवाब तक नहीं दिया। रामां मण्डी में मनमीत ब्यूटी पार्लर चलाया। गुलाब की खातिर वह भी छोड़ दिया। उसके प्यार पर अपना परिवार तक कुर्बान कर दिया। उसके कहने पर मरने के लिए राजी हुई। लेकिन कसम देकर वह नहीं आया। मेरे अंधे प्यार की सजा मुझे मेरे परिवार से बिछुड़कर तथा दोनों टांगें कटवाकर मिली है। -अमरजीत कौर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें