डबवाली (लहू की लौ) मानसून की पहली बरसात राहत के साथ आफत लेकर आई। गुरूवार सुबह सवेरे आई रिमझिम बूंदों से मौसम खुशनुमा हो उठा। लोगों ने गर्मी से राहत पाई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी न होने से यह बरसात आफत भी बन गई। जगह-जगह पानी का ठहराव हो गया। पंजाब के किसानों ने एकबारगी फिर हरियाणा के पानी को उनके खेतों में छोडऩे पर जनस्वास्थ्य विभाग को खबरदार किया।
यहां ठहरा पानी
बरसात लगभग घंटा भर चली। लेकिन जीटी रोड़, बस स्टैण्ड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, सब्जी मण्डी क्षेत्र, मेन बाजार, कलोनी रोड़, चौटाला रोड़, न्यू बस स्टैण्ड रोड़, कबीर चौक, नई अनाज मण्डी रोड़, लहर बाजार, पब्लिक क्लब क्षेत्र, जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय क्षेत्र बरसाती पानी से जलमग्न हो गया। देर शाम तक भी इस पानी की निकासी नहीं हो पाई।
मानसून की पहली दस्तक के साथ ही शहर में जमा हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने पंजाब क्षेत्र में पड़ते अपने डिस्पोजल को चलाया। यह पानी पंजाब के किसानों के खेतों में अक्सर जनस्वास्थ्य विभाग छोड़ता है। आज भी विभाग ने कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया। लेकिन पंजाब के किसान विभाग की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनके खेतों में पानी छोड़ा गया तो वे मामले को पुलिस के पास ले जाएंगे। पिछले वर्ष भी पंजाब के किसान लामबंद होकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ पुलिस में पहुंच गए थे।
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे तक किसानों तथा जनस्वास्थ्य विभाग के बीच पानी निकासी को लेकर कशमकश चलती रही। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। आखिर जनस्वास्थ्य विभाग ने रामबाग के पास पड़ी भूमि पर एक एकड़ में 12 फुट गहरा खड्डा खोदकर पानी की निकासी की।जनस्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि इस बार मानसून 31 जुलाई को आएगा। इसलिए विभाग ने शहर में बने सीवरेज के 5300 मेन होल की सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। लेकिन अनुमान के विपरीत मानसून पहले आ जाने से विभाग की योजना पर पानी फिर गया। सीवरेज हौज की सफाई के दौरान जो गाद निकाली गई थी, वह फिर से बरसात आने से पानी के साथ ही सीवरेज हौज में चली गई।
बरसाती पानी से निबटने के लिए विभाग ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से 215 स्क्रिनिंग चैम्बर, 50 लाख रूपए की लागत से 20 बोर का निर्माण शहर के विभिन्न कोनों में करना था। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए स्वीकृति हेतू सरकार के पास भेजा गया था।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने स्वीकार किया कि बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उपरोक्त योजना सरकार के पास भेजी गई थी। लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह योजना भी चल रही है कि पंजाब के डिस्पोजल पर भार कम करने के लिए नई अनाज मण्डी रोड़ क्षेत्र को चौटाला रोड़ पर बने डिस्पोजल से जोड़ दिया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल रामबाग के पास बनाए गए बड़े खड्डे ही बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विकल्प हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें