सफेदपोश डूबो रहे हैं विकास की नैया
डबवाली। शहर में करीब तीस लाख रूपए की लागत से शुरू हुए विकास कार्यों पर स्थानीय शहरी निकाय मंत्री हरियाणा गोपाल काण्डा के एक पत्र ने ब्रेक लगा दिया है। मंत्री को शिकायत मिली थी कि कार्य से पूर्व होने वाली प्रक्रिया में प्रशासन ने गड़बड़ी की है। दूसरी ओर डबवाली प्रशासन ने किसी प्रकार की गड़बड़ी करने से पल्ला झाड़ते हुए कार्य शुरू करने से पूर्व प्रक्रिया पूर्ण करने का दावा किया है।
शहर में विकास कार्यों के लिए नगरपालिका डबवाली में लाखों रूपए की ग्रांट पड़ी हुई है। जून 2011 तक इसे खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समयावधि समाप्त होने के साथ ही ग्रांट का लैप्स हो जाना तय है। इसको ध्यान में रखते हुए करीब पंद्रह दिन पूर्व उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए करीब तीस लाख रूपए की लागत से शहर में विभिन्न विकास कार्य करवाने की योजना को अमलीजामा पहनाया। जिसमें शहर में नई गलियों के निर्माण, रिपेयर तथा निचले क्षेत्रों में मिट्टी डालना तय किया गया। इस कार्य के लिए नपा से लाईसेंस प्राप्त आठ ठेकेदारों को निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए बराबर-बराबर ठेका दिया गया। साथ में यह भी प्रावधान किया गया कि ठेके की अपेक्षा नपा अपने स्तर पर निर्माण कराएगी। ठेकेदारों ने चुस्ती दिखाते हुए संबंधित जगहों पर निर्माण सामग्री गिरानी शुरू कर दी। लेकिन बराबर का हक मिलने के बावजूद कुछ ठेकेदार काम वितरण से असंतुष्ट थे।
माना जा रहा है कि ठेकेदारों में से किसी एक ने गुपचुप तरीके से स्थानीय शहरी निकाय मंत्री गोपाल काण्डा को शिकायत रिसका दी। गोपाल काण्डा ने शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 मई को काम बंद करने तथा प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने के आदेश जारी कर दिए। 25 मई को आदेश संबंधी कॉपी मिलते ही डबवाली प्रशासन ने काम रूकवा दिया।
पारदर्शिता के लिए किया ऐसा
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री गोपाल काण्डा को शिकायत मिली थी कि डबवाली नपा में करीब तीस लाख रूपए की लागत से कराए जा रहे कार्यों संबंधी बरती गई प्रक्रिया ठीक नहीं है। ये कार्य बिना टैण्डर के कराए जा रहे हैं। मंत्री के आदेश पर विभाग ने उपरोक्त कार्य रोके जाने के निर्देश जारी किए। निर्माण कार्य कराने से पूर्व अपनाई गई प्रक्रिया बताने के भी आदेश दिए गए हैं। बिना टैण्डर के उपरोक्त कार्यों को हरगिज नहीं किया जा सकता। कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ही ऐसा किया गया है।
-देवकांत शर्मा, पीएस, मंत्रालय स्थानीय शहरी निकाय, चण्डीगढ़
कार्य पूर्ण प्रक्रिया से हुए थे शुरू
उपायुक्त सिरसा से प्राप्त शक्तियों के आधार पर प्रक्रिया पूर्ण करके कार्य शुरू किए गए थे। स्थानीय शहरी निकाय चण्डीगढ़ से मिले पत्र में प्रक्रिया संबंधी पूछा गया है। उपायुक्त सिरसा को प्रक्रिया से अवगत करा दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम डबवाली
यहां होना था काम
1. गली हरमेल पेंटर वाली
2.राजीव नगर में गली पटवारी वाली
3. राजीव नगर में गली दलीप जेई वाली
4. मस्जिद के पास वाली गली
5. वार्ड 5 में नागपाल वाली गली
6. ए-वन धर्मकांटा के सामने गली नं. 1
7. कलोनी रोड़ पर बजरंग दास वाली गली
8. मलोट रोड़ से गलियों को मिलने वाला भाग
9. जवाहर नगर में
कहां डलनी थी मिट्टी
1. उत्तम नगर में
2. जम्भेश्वर नगर
इन गलियों की होनी थी रिपेयर
1. वार्ड नं. 9,10,11 की गलियां।
2. डॉ. राजकपूर वाली गली।
3. बिन्दिया महंत वाली गली।
4. सुरेंद्र सिंह ठेकेदार वाली गली।
सफेदपोश डूबो रहे हैं विकास की नैया
डबवाली (लहू की लौ) कुछ दिन पूर्व शहर में शुरू हुए विकास कार्यों पर एक मंत्री के पत्र ने विराम लगा दिया। विराम क्यूं लगा, इसका क्या कारण रहा यह जानने के लिए इस संवाददाता ने पड़ताल की। पड़ताल में रिजल्ट आया कि सत्ता पक्ष के सफेदपोशों की आपसी राजनीतिक दुश्मनी शहर के लोगों के हितों पर भारी पड़ रही है। इन लोगों के गुर्गों के रूप में मलाईखोर ठेकेदार शहर में फिट हैं। जो एक नेता के ऑफिस की खुफिया रिपोर्ट यहां-वहां करते रहते हैं। रिपोर्ट के बदले नेता के आशीर्वाद के तौर पर शहर में विकास कार्य का ठेका लेकर जमकर मलाई चाट रहे हैं।
नगरपालिका डबवाली की ओर से पिछले दिनों तीस लाख रूपए की लागत से शुरू करवाए गए विकास कार्यों पर ब्रेक लगना इसी का नतीजा रहा। नपा से निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए आठ ठेकेदार लाईसेंसशुदा हैं। ये सभी सत्ताधारी कांग्रेस से संबंधित हैं। सत्ता पक्ष से जुड़े होने के बावजूद इन लोगों ने अपने नेताओं का बंटवारा किया हुआ है। इनमें से चार अपने आपको डॉ. केवी सिंह, दो गोपाल काण्डा तथा दो कुमारी सैलजा को अपना नेता मानते हैं। ये आपस में काम के बंटवारे को लेकर झगड़ते रहते हैं।
तीस लाख की लागत से करवाए जा रहे विकास कार्यों का ठेका डॉ. केवी सिंह के समर्थक कहे जाने वाले कांग्रेसियों को मिल गया था। लेकिन गोपाल काण्डा और सैलजा गुट को यह रास नहीं आया। बताते हैं कि इनमें से एक ठेकेदार की घरवाली ने गोपाल काण्डा से इसकी यह कहते हुए शिकायत कर दी कि ठेका की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया है। इसी को आधार बनाते हुए गोपाल काण्डा के आदेश पर उनके पर्सनल सेक्रेटरी देवकांत शर्मा ने डीसी सिरसा को एक पत्र लिखकर नपा के कार्यों में ठेका देते समय प्रक्रिया न अपनाने की वजह बताते हुए शुरू किए गए कार्यों को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए कहा।
डबवाली। शहर में करीब तीस लाख रूपए की लागत से शुरू हुए विकास कार्यों पर स्थानीय शहरी निकाय मंत्री हरियाणा गोपाल काण्डा के एक पत्र ने ब्रेक लगा दिया है। मंत्री को शिकायत मिली थी कि कार्य से पूर्व होने वाली प्रक्रिया में प्रशासन ने गड़बड़ी की है। दूसरी ओर डबवाली प्रशासन ने किसी प्रकार की गड़बड़ी करने से पल्ला झाड़ते हुए कार्य शुरू करने से पूर्व प्रक्रिया पूर्ण करने का दावा किया है।
शहर में विकास कार्यों के लिए नगरपालिका डबवाली में लाखों रूपए की ग्रांट पड़ी हुई है। जून 2011 तक इसे खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समयावधि समाप्त होने के साथ ही ग्रांट का लैप्स हो जाना तय है। इसको ध्यान में रखते हुए करीब पंद्रह दिन पूर्व उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए करीब तीस लाख रूपए की लागत से शहर में विभिन्न विकास कार्य करवाने की योजना को अमलीजामा पहनाया। जिसमें शहर में नई गलियों के निर्माण, रिपेयर तथा निचले क्षेत्रों में मिट्टी डालना तय किया गया। इस कार्य के लिए नपा से लाईसेंस प्राप्त आठ ठेकेदारों को निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए बराबर-बराबर ठेका दिया गया। साथ में यह भी प्रावधान किया गया कि ठेके की अपेक्षा नपा अपने स्तर पर निर्माण कराएगी। ठेकेदारों ने चुस्ती दिखाते हुए संबंधित जगहों पर निर्माण सामग्री गिरानी शुरू कर दी। लेकिन बराबर का हक मिलने के बावजूद कुछ ठेकेदार काम वितरण से असंतुष्ट थे।
माना जा रहा है कि ठेकेदारों में से किसी एक ने गुपचुप तरीके से स्थानीय शहरी निकाय मंत्री गोपाल काण्डा को शिकायत रिसका दी। गोपाल काण्डा ने शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 मई को काम बंद करने तथा प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने के आदेश जारी कर दिए। 25 मई को आदेश संबंधी कॉपी मिलते ही डबवाली प्रशासन ने काम रूकवा दिया।
पारदर्शिता के लिए किया ऐसा
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री गोपाल काण्डा को शिकायत मिली थी कि डबवाली नपा में करीब तीस लाख रूपए की लागत से कराए जा रहे कार्यों संबंधी बरती गई प्रक्रिया ठीक नहीं है। ये कार्य बिना टैण्डर के कराए जा रहे हैं। मंत्री के आदेश पर विभाग ने उपरोक्त कार्य रोके जाने के निर्देश जारी किए। निर्माण कार्य कराने से पूर्व अपनाई गई प्रक्रिया बताने के भी आदेश दिए गए हैं। बिना टैण्डर के उपरोक्त कार्यों को हरगिज नहीं किया जा सकता। कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ही ऐसा किया गया है।
-देवकांत शर्मा, पीएस, मंत्रालय स्थानीय शहरी निकाय, चण्डीगढ़
कार्य पूर्ण प्रक्रिया से हुए थे शुरू
उपायुक्त सिरसा से प्राप्त शक्तियों के आधार पर प्रक्रिया पूर्ण करके कार्य शुरू किए गए थे। स्थानीय शहरी निकाय चण्डीगढ़ से मिले पत्र में प्रक्रिया संबंधी पूछा गया है। उपायुक्त सिरसा को प्रक्रिया से अवगत करा दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम डबवाली
यहां होना था काम
1. गली हरमेल पेंटर वाली
2.राजीव नगर में गली पटवारी वाली
3. राजीव नगर में गली दलीप जेई वाली
4. मस्जिद के पास वाली गली
5. वार्ड 5 में नागपाल वाली गली
6. ए-वन धर्मकांटा के सामने गली नं. 1
7. कलोनी रोड़ पर बजरंग दास वाली गली
8. मलोट रोड़ से गलियों को मिलने वाला भाग
9. जवाहर नगर में
कहां डलनी थी मिट्टी
1. उत्तम नगर में
2. जम्भेश्वर नगर
इन गलियों की होनी थी रिपेयर
1. वार्ड नं. 9,10,11 की गलियां।
2. डॉ. राजकपूर वाली गली।
3. बिन्दिया महंत वाली गली।
4. सुरेंद्र सिंह ठेकेदार वाली गली।
सफेदपोश डूबो रहे हैं विकास की नैया
डबवाली (लहू की लौ) कुछ दिन पूर्व शहर में शुरू हुए विकास कार्यों पर एक मंत्री के पत्र ने विराम लगा दिया। विराम क्यूं लगा, इसका क्या कारण रहा यह जानने के लिए इस संवाददाता ने पड़ताल की। पड़ताल में रिजल्ट आया कि सत्ता पक्ष के सफेदपोशों की आपसी राजनीतिक दुश्मनी शहर के लोगों के हितों पर भारी पड़ रही है। इन लोगों के गुर्गों के रूप में मलाईखोर ठेकेदार शहर में फिट हैं। जो एक नेता के ऑफिस की खुफिया रिपोर्ट यहां-वहां करते रहते हैं। रिपोर्ट के बदले नेता के आशीर्वाद के तौर पर शहर में विकास कार्य का ठेका लेकर जमकर मलाई चाट रहे हैं।
नगरपालिका डबवाली की ओर से पिछले दिनों तीस लाख रूपए की लागत से शुरू करवाए गए विकास कार्यों पर ब्रेक लगना इसी का नतीजा रहा। नपा से निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए आठ ठेकेदार लाईसेंसशुदा हैं। ये सभी सत्ताधारी कांग्रेस से संबंधित हैं। सत्ता पक्ष से जुड़े होने के बावजूद इन लोगों ने अपने नेताओं का बंटवारा किया हुआ है। इनमें से चार अपने आपको डॉ. केवी सिंह, दो गोपाल काण्डा तथा दो कुमारी सैलजा को अपना नेता मानते हैं। ये आपस में काम के बंटवारे को लेकर झगड़ते रहते हैं।
तीस लाख की लागत से करवाए जा रहे विकास कार्यों का ठेका डॉ. केवी सिंह के समर्थक कहे जाने वाले कांग्रेसियों को मिल गया था। लेकिन गोपाल काण्डा और सैलजा गुट को यह रास नहीं आया। बताते हैं कि इनमें से एक ठेकेदार की घरवाली ने गोपाल काण्डा से इसकी यह कहते हुए शिकायत कर दी कि ठेका की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया है। इसी को आधार बनाते हुए गोपाल काण्डा के आदेश पर उनके पर्सनल सेक्रेटरी देवकांत शर्मा ने डीसी सिरसा को एक पत्र लिखकर नपा के कार्यों में ठेका देते समय प्रक्रिया न अपनाने की वजह बताते हुए शुरू किए गए कार्यों को तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए कहा।
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