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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

01 दिसंबर 2010

माशूका की जलती चिता में कूद गया आशिक

सिरसा। प्यार की कोई उम्र नहीं होती। जात -पात भी नहीं देखता प्रेमी और जब प्यार परवान नहीं चढ़ता तो दिल टूट जाता है। ऐसे में प्रेमी कुछ भी कर गुजरते हैं। ऐसा ही एक मामला रोड़ी में सामने आया है। यहां एक प्रेमी युगल ने आत्मदाह कर दिया। आत्मदाह करने वाला प्रेमी युगल नाबालिग है। हालांकि दोनों ही पक्षों ने इस सिलसिल में पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन गांव में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रोड़ी निवासी तेजराम की 14 वर्षीय पुत्री वीरपाल कौर उर्फ लाली रोड़ी में ही 8वीं कक्षा की छात्रा थी। लाली का मलसिंहवाला (पंजाब) निवासी बिट्टू से विगत दो वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक विगत 27 नवम्बर को लाली के भाई को दोनों के प्रेम-प्रसंग का पता चल गया। लाली को परिजनों ने समझाया लेकिन उसके सिर से बिट्टू के इश्क का भूत नहीं उतरा। परिजनों ने इस पर लाली को पीट भी डाला था। प्यार परवान न चढ़ते देखकर  लाली ने स्वयं पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। लाली द्वारा उठाए गए इस कदम से परिजन सक्ते में आ गए। झुलसी अवस्था में लाली को सिरसा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। तीन दिनों तक लाली मौत से जूझती रही। सोमवार शाम उसकी मौत हो गई। परिजनों ने लोकलाज के चलते पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। बिना पोस्टमार्टम के परिजन शव अपने  साथ ले गए और आनन-फानन मं अंतिम संस्कार कर देना चाहा। इसी बीच लाली की मौत की  खबर उसके प्रेमी बिट्टू को लग गई।  बिट्टू भी शमशान घाट जा पहुंचा। वहां लाली के शव को आग की लपटों में देख बिट्टू ने आपा खो दिया। बिट्टू ने भी लाली की चिता में छलांग लगा दी। बुरी तरह झुलसे बिट्टू का मौके पर ही दम टूट गया। बिट्टू और लाली की इस प्रेम कथा के दुखद अंत से परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी सक्ते में हैं।
दूसरी ओर पुलिस पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ रही है। रोड़ी थाना के कार्यकारी प्रभारी उपनिरीक्षक बचन सिंह का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी तो मिली है लेकिन किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं आई। ऐसे में वे कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है।

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