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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

11 सितंबर 2009

सगे भाईयों ने अलग-अलग मनाया पिता का श्रद्धांजलि समारोह

डबवाली (लहू की लौ) बदलते समय के साथ-साथ यहां इंसान आसमान को छू चुका है और इंसान के जीवन की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। वहीं इंसानी रिश्ते और सामाजिक ताना-बाना भी तार-तार हो रहा है। कभी बेटे बाप के लिए और बाप बेटों के लिए जान देता था। लेकिन अब यह रिश्ता भी बिखरने लगा है। ऐसा ही कुछ डबवाली के इन्दिरा नगर में इस सप्ताह घटित हुआ। जब दो सगे भाईयों ने अपने पिता की मृत्यु के बाद रखे गये पाठ का भोग डालने की रस्म अलग-अलग की। वह भी एक दूसरे के आमने-सामने। जानकार सूत्रों के अनुसार इन्दिरा नगर में रहने वाले रमेश और ज्योति के पिता तीर्थ राम की इस माह अचानक मौत हो गई थी। पिता के पार्थिव शरीर का संस्कार कर दिया गया। लेकिन ज्योति ने अपने बड़े भाई रमेश को संस्कार के बाद होने वाले धार्मिक रीति-रिवाजों में नहीं बुलाया। जिसके चलते रमेश ने लोक-लाज के चलते अपने स्तर पर अपने पिता की स्मृति में अलग से पाठ रख लिया। एक ही तिथि और एक ही समय आमने-सामने टैंट लगाकर दोनों भाईयों ने अपने पिता का श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया। ज्ञातव्य रहे यह पहला मौका है जब दो सगे भाईयों ने अपने-अपने घरों में वह भी एक-दूसरे के आमने-सामने अपने पिता का श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया। लेकिन भाईयों में विवाद का कारण क्या था, यह तो अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया। लेकिन यह सोचना जरूरी हो गया कि ऐसे मौकों पर ही सामाजिक ताने-बाने में एकता टूटने लगे तो उस समाज का क्या होगा।

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