-नगरपरिषद में प्रतिदिन 20 से 22 प्रमाण पत्र इश्यू होते थे
-ऑपरेटर की तीन माह की सेलरी भी रुकी हुई है
डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद में एक माह से ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंकड़ों प्रमाण पत्र लटके पड़े हैं। कारण है कंप्यूटर ऑपरेटर न होना।
दरअसल, कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं 31 दिसंबर 2016 को पूरी हो गई हैं। उसे आगे काम करने की मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने बंद हो गए। बताया जाता है कि प्रतिदिन करीब 20 से 22 प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण होता था। तीसरे-चौथे दिन प्रमाण पत्र जारी हो जाता था। लेकिन अब एक भी नहीं बनता। ऐसे में लोग वार्ड पार्षदों को घेरने लगे हैं। पार्षद रविंद्र बिंदु के अनुसार सरकार डबवाली से सौतेला व्यवहार कर रही है। तकनीकी शाखा खाली होने के कारण पहले ही विकास कार्य ठप पड़े हैं। अब ठेके पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी न मिलने से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे।
गौरतलब है कि नगरपरिषद में स्टाफ की कमी की वजह से 24 जनवरी को हाऊस ने मनोहर सरकार के खिलाफ असहयोग प्रस्ताव पारित करते हुए फरवरी के पहले हफ्ते में आंदोलन की चेतावनी दी हुई है।
तीन माह की सेलरी भी रुकी
कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी मिलनी दूर, तीन माह का वेतन तक नहीं मिला है। वह वेतन पाने के लिए चक्कर लगा रहा है। पिछले दिनों नगरपरिषद बैठक में जब उसने अपना वेतन मांगा तो अकाउंटेंट केसरी सिंह का आरोप था कि वह एक भाजपा नेता से फोन करवाकर उसे धमकाता है। ऐसे में वह वेतन का भुगतान नहीं कर सकता। जब पार्षदों ने पूछा पहले हटे ऑपरेटर को भुगतान कैसे हो गया तो अकाउंटेंट को जवाब नहीं आया।
सरकार को लिखा
कंप्यूटर ऑपरेटर की समयावधि बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा हुआ है।
-वेदपाल सिंह,
कार्यकारी सचिव, डबवाली
-ऑपरेटर की तीन माह की सेलरी भी रुकी हुई है
डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद में एक माह से ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंकड़ों प्रमाण पत्र लटके पड़े हैं। कारण है कंप्यूटर ऑपरेटर न होना।
दरअसल, कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं 31 दिसंबर 2016 को पूरी हो गई हैं। उसे आगे काम करने की मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने बंद हो गए। बताया जाता है कि प्रतिदिन करीब 20 से 22 प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण होता था। तीसरे-चौथे दिन प्रमाण पत्र जारी हो जाता था। लेकिन अब एक भी नहीं बनता। ऐसे में लोग वार्ड पार्षदों को घेरने लगे हैं। पार्षद रविंद्र बिंदु के अनुसार सरकार डबवाली से सौतेला व्यवहार कर रही है। तकनीकी शाखा खाली होने के कारण पहले ही विकास कार्य ठप पड़े हैं। अब ठेके पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी न मिलने से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे।
गौरतलब है कि नगरपरिषद में स्टाफ की कमी की वजह से 24 जनवरी को हाऊस ने मनोहर सरकार के खिलाफ असहयोग प्रस्ताव पारित करते हुए फरवरी के पहले हफ्ते में आंदोलन की चेतावनी दी हुई है।
तीन माह की सेलरी भी रुकी
कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी मिलनी दूर, तीन माह का वेतन तक नहीं मिला है। वह वेतन पाने के लिए चक्कर लगा रहा है। पिछले दिनों नगरपरिषद बैठक में जब उसने अपना वेतन मांगा तो अकाउंटेंट केसरी सिंह का आरोप था कि वह एक भाजपा नेता से फोन करवाकर उसे धमकाता है। ऐसे में वह वेतन का भुगतान नहीं कर सकता। जब पार्षदों ने पूछा पहले हटे ऑपरेटर को भुगतान कैसे हो गया तो अकाउंटेंट को जवाब नहीं आया।
सरकार को लिखा
कंप्यूटर ऑपरेटर की समयावधि बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा हुआ है।
-वेदपाल सिंह,
कार्यकारी सचिव, डबवाली
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