-सीएम विंडो पर शिकायत की जांच कर रहे पंचायती राज विभाग के एसडीई ने भेजी सात पन्नों की रिपोर्ट
-जांच में अधूरा मिला रिकॉर्ड, कागजात पर सरपंच की अकेली मुहर, हस्ताक्षर न होने के बावजूद ग्राम सचिव ने की पेमेंट
डबवाली (लहू की लौ) तत्कालीन सरकार के समय गांव लोहगढ़ के विकास के लिए आया पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। वर्तमान सरपंच के बेटे ने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवाई तो अधिकारियों ने रिकॉर्ड खंगाला। चौंकाने वाला सच सामने आया है कि मस्ट्रोल पर मजदूरों तथा मिस्त्रियों के नाम तक दर्ज नहीं। खाली मस्ट्रोल के आधार पर लाखों रुपए की अदायगी कर दी गई। यहीं नहीं स्टॉक रजिस्टर खाली पड़ा है। यहां तक कि एचआरडीएफ के नियमों को तोड़ते हुए गली निर्माण कार्यों में मिट्टी डाल दी गई। रिकॉर्ड पर सरपंच की मुहर लगी है, बिना हस्ताक्षर के ग्राम सचिव ने पेमेंट की अदायगी कर दी। कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार करने वाले पंचायत सचिव को भाजपा राज में तरक्की मिल गई। संबंधित सचिव जिला सिरसा के एक ब्लाक में बतौर पंचायत अधिकारी के तौर पर कार्य कर रहा है।
इस बीच पंचायती राज विभाग डबवाली के एसडीई मुंशी राम जाखड़ ने पत्र के साथ-साथ सात पन्नों की रिपोर्ट सामने लाकर बवाल खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट में एसडीई ने साफ लिखा है कि रिकॉर्ड अधूरा है। बिना जेई तथा एसडीई की वेरिफिकेशन के पेमेंट हुई। ऐसे में संबंधित ग्राम सचिव को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए। पंचायती राज विभाग के एसडीई ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि अधूरा रिकॉर्ड लेने पर पंचायत अधिकारी तथा बीडीपीओ भी दोषी हैं। दरअसल, गांव लोहगढ़ के मौजूदा सरपंच कीरत सिंह के बेटे गुरमीत सिंह ने 30 सितंबर 2016 को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सिरसा को शिकायत करके पूर्व सरपंच के समय गांव में हुए विकास कार्यों में घपला होने का शक जताया था। लेकिन शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई। गुरमीत सिंह ने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवा दी। सरकार ने दिसंबर 2016 में उपायुक्त को मामले की जांच करवाने के लिए लिखा। बीडीपीओ ने कार्यों की असेंसमेंट करने के लिए पंचायती राज विभाग को लिख दिया। काफी देर तक मामला पत्रों में उलझा रहा। 17 जनवरी 2017 को पंचायती राज विभाग के एसडीई मुंशी राम ने उपरोक्त रिपोर्ट दे दी। रिपोर्ट में एसडीई ने बड़ा सवाल उठाया है कि बिना जेई की रिपोर्ट के एक ग्राम सचिव को कैसे पता कि कितने पैसे की अदायगी करनी है? जबकि मस्ट्रोल खाली पड़ा है। रिपोर्ट के बाद संबंधित ग्राम सचिव के खिलाफ सरकार फैसला लेगी।
शमशान भूमि का पैसा हड़प करने का आरोप
शिकायतकर्ता गुरमीत सिंह के अनुसार पूर्व सरपंच के समय बस स्टेंड-राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रोड़ के लिए 13 लाख 53 हजार रुपए की राशि मिली थी। इसके अतिरिक्त करीब 16 लाख रुपए अन्य गलियों के लिए सरकार ने जारी किए थे। इसके अतिरित शमशान भूमि में चारदीवारी व अन्य कार्य के लिए करीब 8 लाख रुपए आए थे। पूर्व सरपंच ने 5 लाख 40 हजार रुपए खर्च करके शमशान भूमि की चारदीवारी निकाल दी। शेष राशि खुद हड़प गया।
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