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Lahoo Ki Lau
31 जनवरी 2017
12वीं की छात्रा से दुष्कर्म का आरोपी शिक्षक सस्पेंड
एफआईआर होने के दो दिन बाद शिक्षा विभाग की कार्रवाई
डबवाली (लहू की लौ) 12वीं की छात्रा से दुष्कर्म करने वाले जेबीटी गुरजंट सिंह पर केस दर्ज होने के दो दिन बाद शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। इधर सोमवार को महिला थाना पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे चौदह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
महिला थाना पुलिस ने 12वीं कक्षा की छात्रा के ब्यान पर गांव लोहगढ़ के सरकारी स्कूल में जेबीटी गुरजंट सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। पुलिस को दर्ज करवाए ब्यान में छात्रा ने बताया कि 23 जनवरी को उसके पेट में दर्द था। वह छुट्टी लेकर घर वापिस जा रही थी। टीचर गुरजंट ने कार को धीमे करते हुए उसके पीछे लगा लिया। कुछ दूरी पर जाकर उसे कार में बैठने के लिए कहा। जैसे ही वह बैठी तो कार को लॉक करके डबवाली ले गया। एक होटल में बने कमरे में लेजाकर उससे जबरदस्ती करते हुए गलत काम किया। जेबीटी ने 20 सितंबर 2016 को लोहगढ़ में सरकारी स्कूल ज्वाइन किया था। खुद को एमए इंग्लिश बताता था। स्टाफ की कमी होने के कारण प्रिंसीपल अमीर सिंह ने एक माह पहले उसे 12वीं को इंग्लिश पढ़ाने के लिए लगाया गया था। मामला सामने आने के बाद शनिवार सुबह स्कूल में पंचायत बुलाई गई थी। इस दौरान ग्रामीणों ने शिक्षक को पीटते हुए पुलिस के हवाले कर दिया था।
पहले विद्यालय मुखिया पानी जांचेंगे, फिर बच्चों को मिलेगा
पेयजल टंकियों के ढक्कन पर ताला लगाने के आदेश
डबवाली (लहू की लौ) जिला के गांव शेखूपुरिया के सरकारी स्कूल में पानी पीने से लड़कियों की हालत बिगडऩे के मामले में शिक्षा विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया है। सभी विद्यालयों के मुखियों को पानी की ंटंकी के ढक्कन को ताला लगाकर रखने के आदेश जारी किए हैं। प्रतिदिन पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच संबंधित स्कूल मुखिया करेंगे। बीईओ को स्कूलों का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने के लिए कहा है। अगर कहीं लापरवाही मिलती है तो संबंधित मुखिया के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेशों में कहा है कि मिड-डे मील के तहत आए राशन को भी समुचित ढंग से साफ-सुथरा रखा जाए। मिड-डे मील विभाग द्वारा जारी मेन्यू अनुसार बढिय़ा ढंग से बनाया जाए। बच्चों को मिड-डे मील परोसने से पहले स्टाफ खुद भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता जांचे। जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ को स्कूलों का औचक्क निरीक्षण करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि सोमवार को गांव शेखूपुरिया के सरकारी स्कूल की पानी की टंकी में जहरीला पदार्थ मिले होने का मामला सामने आया था। पानी पीने से काफी बच्चे बेहोश होकर गिर पड़े थे। जिन्हें उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेजाया गया था। सूचना पाकर एडीसी अजय तोमर मौका पर पहुंचे थे।
बसंत मेला में विरासत नहीं, कैशलेस के बारे में मिलेगी जानकारी
बैंक अधिकारी लोगों को सिखाएंगे एप डाऊनलोडिंग करने के साथ-साथ ट्रांजक्शन करना
डबवाली (लहू की लौ) प्रदेश में पहली बार सरकार अपने स्तर पर बसंत मेले लगाएगी। इसी कड़ी में 7 फरवरी को डबवाली के गांव गोरीवाला स्थित स्वामी विवेकानंद सीनियर सैकेंडरी स्कूल में उपमंडल स्तरीय मेला भरेगा। मकसद लोगों को विरासत से जोडऩा नहीं, बल्कि आधुनिक जमाने में सबसे अहम् कैशलेस प्रणाली की जानकारी देना है। एक निजी बैंक मेले को स्पोंसर कर रहा है।
सोमवार को एसडीएम डॉ. संगीता तेत्रवाल ने तहसील कार्यालय में उपमंडल स्तरीय अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ बैठक करके मेले की योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि मेले में एक-दो गीत होंगे। इसके अलावा सभी सरकारी विभाग संबंधित योजनाओं के बारे में प्रदर्शनी लगाएंगे। मंच पर बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारी लोगों को कैशलेस के बारे में जागरुक करते हुए मोबाइल एप डाऊनलोड करने तथा उसके जरिए बिल भरने के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इसके साथ ही मौका पर आधार कार्ड, राशन कार्ड, पेयजल बिलों के बारे में शिकायत सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। करीब पंद्रह सौ लोग आने का टारगेट रखा गया है। प्रदर्शनी में पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले महकमें को सम्मानित किया जाएगा। एसडीएम ने मौका पर उपस्थित रेडक्रॉस के सचिव को मेले में खूनदान कैंप लगाने के निर्देश दिए।
कुछ समय बाद बदला स्थान
प्रशासन ने मेले के लिए गांव चौटाला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तय किया था। बैठक में अधिकारियों को यहीं स्थान बताया गया था। लेकिन बाद में मेला चौटाला से गोरीवाला शिफ्ट कर दिया गया।
नोटिस जारी कर जवाब तलब
बैठक में पुलिस, खेल विभाग का प्रतिनिधि न पहुंचने पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्टेनो को लापरवाह विभागों को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब तलब करने के निर्देश जारी किए।
एक माह से नहीं ऑपरेटर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लोग खा रहे धक्के
-नगरपरिषद में प्रतिदिन 20 से 22 प्रमाण पत्र इश्यू होते थे
-ऑपरेटर की तीन माह की सेलरी भी रुकी हुई है
डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद में एक माह से ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंकड़ों प्रमाण पत्र लटके पड़े हैं। कारण है कंप्यूटर ऑपरेटर न होना।
दरअसल, कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं 31 दिसंबर 2016 को पूरी हो गई हैं। उसे आगे काम करने की मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने बंद हो गए। बताया जाता है कि प्रतिदिन करीब 20 से 22 प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण होता था। तीसरे-चौथे दिन प्रमाण पत्र जारी हो जाता था। लेकिन अब एक भी नहीं बनता। ऐसे में लोग वार्ड पार्षदों को घेरने लगे हैं। पार्षद रविंद्र बिंदु के अनुसार सरकार डबवाली से सौतेला व्यवहार कर रही है। तकनीकी शाखा खाली होने के कारण पहले ही विकास कार्य ठप पड़े हैं। अब ठेके पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी न मिलने से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे।
गौरतलब है कि नगरपरिषद में स्टाफ की कमी की वजह से 24 जनवरी को हाऊस ने मनोहर सरकार के खिलाफ असहयोग प्रस्ताव पारित करते हुए फरवरी के पहले हफ्ते में आंदोलन की चेतावनी दी हुई है।
तीन माह की सेलरी भी रुकी
कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी मिलनी दूर, तीन माह का वेतन तक नहीं मिला है। वह वेतन पाने के लिए चक्कर लगा रहा है। पिछले दिनों नगरपरिषद बैठक में जब उसने अपना वेतन मांगा तो अकाउंटेंट केसरी सिंह का आरोप था कि वह एक भाजपा नेता से फोन करवाकर उसे धमकाता है। ऐसे में वह वेतन का भुगतान नहीं कर सकता। जब पार्षदों ने पूछा पहले हटे ऑपरेटर को भुगतान कैसे हो गया तो अकाउंटेंट को जवाब नहीं आया।
सरकार को लिखा
कंप्यूटर ऑपरेटर की समयावधि बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा हुआ है।
-वेदपाल सिंह,
कार्यकारी सचिव, डबवाली
-ऑपरेटर की तीन माह की सेलरी भी रुकी हुई है
डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद में एक माह से ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंकड़ों प्रमाण पत्र लटके पड़े हैं। कारण है कंप्यूटर ऑपरेटर न होना।
दरअसल, कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं 31 दिसंबर 2016 को पूरी हो गई हैं। उसे आगे काम करने की मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने बंद हो गए। बताया जाता है कि प्रतिदिन करीब 20 से 22 प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण होता था। तीसरे-चौथे दिन प्रमाण पत्र जारी हो जाता था। लेकिन अब एक भी नहीं बनता। ऐसे में लोग वार्ड पार्षदों को घेरने लगे हैं। पार्षद रविंद्र बिंदु के अनुसार सरकार डबवाली से सौतेला व्यवहार कर रही है। तकनीकी शाखा खाली होने के कारण पहले ही विकास कार्य ठप पड़े हैं। अब ठेके पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी न मिलने से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे।
गौरतलब है कि नगरपरिषद में स्टाफ की कमी की वजह से 24 जनवरी को हाऊस ने मनोहर सरकार के खिलाफ असहयोग प्रस्ताव पारित करते हुए फरवरी के पहले हफ्ते में आंदोलन की चेतावनी दी हुई है।
तीन माह की सेलरी भी रुकी
कंप्यूटर ऑपरेटर को आगामी कार्य के लिए मंजूरी मिलनी दूर, तीन माह का वेतन तक नहीं मिला है। वह वेतन पाने के लिए चक्कर लगा रहा है। पिछले दिनों नगरपरिषद बैठक में जब उसने अपना वेतन मांगा तो अकाउंटेंट केसरी सिंह का आरोप था कि वह एक भाजपा नेता से फोन करवाकर उसे धमकाता है। ऐसे में वह वेतन का भुगतान नहीं कर सकता। जब पार्षदों ने पूछा पहले हटे ऑपरेटर को भुगतान कैसे हो गया तो अकाउंटेंट को जवाब नहीं आया।
सरकार को लिखा
कंप्यूटर ऑपरेटर की समयावधि बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा हुआ है।
-वेदपाल सिंह,
कार्यकारी सचिव, डबवाली
चौटाला डबल मर्डर मामला
रिमांड के बाद आज अदालत में पेश किए जाएंगे आरोपी
डबवाली (लहू की लौ)चौटाला डबल मर्डर मामले में पकड़े गए चारों आरोपियों को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
11 जनवरी 2017 को इनेलो नेता पीके गोदारा के किन्नू प्लांट पर हुई वारदात के साजिशकर्ता महेंद्र उर्फ गंगाजल, कालू उर्फ मुखराम तथा सुखविंद्र उर्फ मिंडा को पांच दिन के रिमांड के बाद पुलिस मंगलवार को अदालत में पेश करेगी। रिमांड अवधि के दौरान साजिशकर्ताओं ने अपने साथियों की पहचान करवाने के साथ-साथ दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले पंजाब के पांच गैंगस्टर की पहचान करवाई है। पुलिस को महेंद्र तथा कालू से नजायज असला बरामद हुआ है। जबकि सिरसा जेल में मर्डर की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले करीवाला निवासी सुखदीप सिंह को तीन दिन के रिमांड के बाद पुलिस अदालत में पेश करेगी। दूसरी ओर पुलिस कुख्यात छोटू भाट की तालाश में उसके संदिग्ध ठिकानों पर छापामारी कर रही है। पुलिस ने छोटू भाट का 2 फरवरी के लिए अदालत से अरेस्ट वारंट जारी करवा रखा है। पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण के अनुसार चारों आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
जाट आंदोलन
सरकारी कार्यालय के चौकीदार को पता हो पुलिस थाना, चौकी के नंबर
-एसडीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक करके दिए आदेश-गांव में हिंसा होने पर प्रतिनिधि के खिलाफ होगी कार्रवाई
डबवाली (लहू की लौ) आप घर चले जाते हो, पीछे कार्यालय में चौकीदार अकेला रह जाता है। कई बार ऐसी परिस्थिति आती है, जब कोई सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने पहुंच जाता है। डर के मारे चौकीदार भाग जाता है। उसे समझ नहीं आता, वह क्या करे। उस समय चौकीदार के पास संबंधित पुलिस थाना या चौकी के नंबर नहीं होते। इसलिए आपका फर्ज है, चौकीदार के पास पुलिस अधिकारियों के नंबर हो।
जाट आंदोलन के चलते ऐसे निर्देश एसडीएम डॉ. संगीता तेत्रवाल ने बैठक के दौरान अधिकारियों, नंबरदारों, पटवारियों तथा कानूनगो को दिए। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि जाट आंदोलन के दौरान अगर किसी गांव में हिंसा होती है तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित नंबरदार, पटवारी तथा कानूनगो की होगी। समय रहते सूचना न देने की स्थिति में प्रशासन कार्रवाई अमल में लाएगा।
उन्होंने कहा कि गांव में कोई झगड़ा होता है तो उसे मौजिज लोगों की सहायता से गांव में ही निपटाने का प्रयास करें। गांव में किसी तरह की अफवाह न फैलने दें। पूरी तरह से नजर रखें। बिना अनुमति किसी को धरना, प्रदर्शन न करने दें। अगर कोई नियमों के खिलाफ चलता है तो प्रशासन को बताएं। एसडीएम ने अदालत द्वारा जारी की गई गाईडलाईंस के बारे में बताते हुए कहा कि ग्रामीणों को साफ समझाएं की अगर कोई सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाता है तो पूरा मुआवजा संबंधित से वसूल किया जाएगा।
30 जनवरी 2017
पूजा इंसां ने की पोलियो अभियान की शुरुआत
डबवाली (लहू की लौ) चौटाला रोड़ पर स्थित सामान्य अस्पताल में रविवार को पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत पूजा इंसा ने एसएमओ डॉ. एमके भादू के साथ बच्चे को पोलियो की ड्राप्स पिलाकर की। बाद में मानद प्रतिरक्षण अधिकारी के तौर पर अन्य बूथों पर पहुंचकर पूजा इंसा ने लोगों को प्रेरित किया। पहले दिन 20353 बच्चों को दवा पिलाई गई। एसएमओ एमके भादू ने बताया कि अभियान 31 जनवरी तक चलेगा। जिसके लिए 105 बूथ बनाए गए हैं तथा आठ मोबाइल टीमों के गठन के साथ 28964 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के लिए शिक्षकों, आंगनवाड़ी व आशा वर्करों तथा ब्लॉक की ग्राम पंचायतों के पंचों से भी सहयोग लिया गया है।
नगरपरिषद कर्मचारियों, पार्षदों को दो माह का वेतन नहीं मिला
डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद के पास कर्मचारियों, पार्षदों को देने के लिए वेतन नहीं है। एमसी फंड में करीब ढाई लाख रुपए शेष हैं। जबकि दो माह का वेतन देने 52 लाख रुपए चाहिए। सफाई कर्मचारियों ने शहर की सफाई बंद करने की चेतावनी दी है। कर्मचारी दो माह के वेतन के साथ-साथ चार साल बाद एलटीसी (एक माह की अतिरिक्त तनख्वाह) मांग रहे हैं। ऐसे में नगरपरिषद को वेतन के अलावा अतिरिक्त 26 लाख रुपए की जरूरत है। सवाल उठता है कि नगरपरिषद करीब पौने एक करोड़ रुपए कहां से लाएगी?
नगरपरिषद में 62 सफाई कर्मचारी, एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर, एक सीनेटरी इंस्पेक्टर, आठ क्लर्क, एक सेवादार सहित 21 पार्षद हैं। जिन्हें दिसंबर 2016 का वेतन नहीं मिला है। 31 जनवरी 2017 को दो माह का वेतन पेंडिंग हो जाएगा। वर्तमान समय में नगरपरिषद के पास 2 लाख 63 हजार 512 रुपए शेष हैं। स्टांप डयूटी, नक्शों की फीस के अतिरिक्त साढ़े चार सौ दुकानों का किराया, बिजली निगम से पैसा आने के बावजूद भी नगरपरिषद एक माह का वेतन देने में असमर्थ है। वेतन के लिए सफाई कर्मचारियों के बढ़ते दवाब के बीच हाऊस ने शहर के विकास कार्यों के लिए मिले करीब पंद्रह करोड़ रुपए में से ग्रांट वेतन के तौर पर खर्च करने की योजना बनाई है। जिसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त एक अन्य विकल्प प्रॉपर्टी टैक्स है। हाऊस सदस्यों का कहना है कि साल 2013 से सरकारी विभागों की ओर प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। ऐसे में उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे। उम्मीद है कि सरकारी तथा व्यवसायिक दायरे से करीब डेढ़ करोड़ रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स आएगा। जिससे दो माह के वेतन समेत एलटीसी का भुगतान संभव है। लेकिन प्रक्रिया लंबी होने के चलते वेतन लटक सकता है।
यहां से इतनी आमदनी
पार्षद विनोद बांसल के अनुसार स्टांप डयूटी से प्रति माह दो लाख रुपए, नक्शा फीस के तौर पर करीब दो से चार लाख रुपए, पांच पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली निगम से प्रति वर्ष 10 से 12 लाख रुपए मिलते हैं। नगरपरिषद की करीब साढ़े चार सौ दुकानें हैं, नोटबंदी के समय पूरा किराया वसूल हो चुका है। इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी टैक्स से उम्मीद है। करीब डेढ़ करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। चूंकि साल 2013 से सरकारी विभागों की ओर प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। अगर टैक्स मिलता है, तो वेतन आसानी से दिया जा सकेगा।
दो माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। नगरसुधार मंडल मर्ज होने से काफी पैसा नगरपरिषद को मिला है। जाट आरक्षण का मामला शांत होने के बाद इस पैसे को प्रयोग करने की अनुमति मांगी जाएगी। अनुमति मिलने के बाद वेतन दे दिया जाएगा।
-वेदपाल सिंह, कार्यकारी सचिव, नगरपरिषद, डबवाली
यहां से इतनी आमदनी
पार्षद विनोद बांसल के अनुसार स्टांप डयूटी से प्रति माह दो लाख रुपए, नक्शा फीस के तौर पर करीब दो से चार लाख रुपए, पांच पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली निगम से प्रति वर्ष 10 से 12 लाख रुपए मिलते हैं। नगरपरिषद की करीब साढ़े चार सौ दुकानें हैं, नोटबंदी के समय पूरा किराया वसूल हो चुका है। इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी टैक्स से उम्मीद है। करीब डेढ़ करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। चूंकि साल 2013 से सरकारी विभागों की ओर प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। अगर टैक्स मिलता है, तो वेतन आसानी से दिया जा सकेगा।
विकास राशि को वेतन पर खर्च करने की कोशिश
पार्षद विनोद बांसल के अनुसार नगरपरिषद के पास विभिन्न योजनाओं के तहत करीब पंद्रह करोड़ रुपए की राशि पड़ी है। स्टाफ की कमी की वजह से आमदनी नहीं है तो उपरोक्त राशि को वेतन पर खर्च करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी जाएगी।
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