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Lahoo Ki Lau

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20 जुलाई 2011

क्या ये अधिकारी अंधे हैं!

बस अड्डा या तालाब : सात साल पहले अधिकारियों की नाक तले भर दिए गए थे चैम्बर
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को शहर में घंटा भर हुई मूसलाधार बारिश से बस अड्डा तालाब में तबदील हो गया। जिससे सवारियों को बस पकडऩे में मुश्किल का सामना करना पड़ा। लेकिन अड्डे की ऐसी दुर्दशा के पीछे सीवरेज कोई समस्या नहीं। समस्या है तो अधिकारियों की लापरवाही। सात साल पूर्व बरती गई लापरवाही से अड्डा के चैम्बर बंद हो गए। जिसका दंश आज तक बस रोड़वेज कर्मचारी तथा बस यात्री भुगत रहे हैं।
मामूली बरसात से शहर के चौटाला रोड़ पर स्थित हरियाणा रोड़वेज का बस अड्डा पानी से भर जाता है। यह आज से नहीं, एक सप्ताह से नहीं, दो माह से नहीं, छह माह या फिर साल भर से नहीं, ऐसा तो सात साल से चला आ रहा है। हर बार रोड़वेज के अधिकारी सीवरेज चॉक होने का बहाना बनाकर बच निकलते हैं। लेकिन दिन-प्रतिदिन गंभीर होती समस्या को निपटाने के लिए कोई ध्यान नहीं देता। चूंकि इससे पूर्व में बरती गई रोड़वेज अधिकारियों की लापरवाही उजागर होती है। बस अड्डा से पानी निकालने के लिए दो चैम्बर हैं। सात वर्ष पहले बस अड्डा के फर्श को सीसी किया गया था। अधिकारियों की नाक तले ठेकेदार ने इन चैम्बरों को सीमेंट और क्रंकीट से भर दिया। उसी समय से हर वर्ष बरसात के मौसम में बस अड्डा तालाब में तबदील हो जाता है।
बस की इंतजार में अड्डा में बैठे दलीप सिंह, गुरजीत सिंह तथा सुखजिंद्र कौर ने बताया कि उन्होंने ऐलनाबाद की बस पकडऩी थी। उनके सामने ही बस ऐलनाबाद की ओर रवाना हो गई। वे बस के बिल्कुल करीब थे। लेकिन पानी जमा होने के कारण उनकी बस छूट गई। पौने घंटे से वे लोग बस की इंतजार में बैठे हैं।
रोड़वेज के टीएम महावीर सिंह ने उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक गंभीर मुद्दा है। बस अड्डा में पानी जमा होने से सवारियों के साथ-साथ बस अड्डा के कर्मचारियों को भारी दिक्कत आ रही है। अड्डा को पानी से मुक्त करने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है। लेकिन स्थिति यह है कि पंप की सहायता से भी अड्डा से पानी नहीं निकाला जा सकता।

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