डबवाली (लहू की लौ) डबवाली नगर मैडीकल नशे की खुश्क बंदरगाह बन कर रह गया है। पंजाब के बठिंडा और फरीदकोट जिले के बड़ी संख्या में युवक नशा करने के लिए हर रोज डबवाली आ रहे हैं। नशा करके वापिस चले जाते हैं और कुछ नशेड़ी अपनी तलब को मिटाने के लिए लोगों के घरों में घुसने से बाज नहीं आते।
मंगलवार दोपहर बाद करीब 3 बजे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रेलवे स्टेशन के पास बने माल गोदाम में स्थित चौकीदार बुध राम के घर में एक युवक घुस गया। उस समय चौकीदार की पत्नी सो रही थी। अचानक पैरों की आहट सुन कर उसकी आंख खुल गई और उसने देखा कि उसकी चारपाई के नजदीक एक युवक खड़ा है जो नशे की हालत में है। उसने हौसला दिखाते हुए घर में पड़े डंडे को उठाया और युवक की धुनाई कर दी और शोर मचा कर आसपास के लोगों को इक्_ा कर लिया। मौका पर जमा हुए लोगों ने भी नशेड़ी पर अपने हाथ साफ किये।
युवक ने अपनी पहचान संदीप (22) पुत्र गुरमीत सिंह निवासी भुच्चो मंडी के रूप में करवाते हुए बताया कि वह पिछले पांच माह से मैडीकल नशा करने के लिए डबवाली आ रहा है। वह 45 रूपये की नशे में प्रयुक्त होने वाली शीशी और 30 रूपये में कैरीसोमा की गोलियां खरीदता है। उसने यह भी बताया कि वह नशे की हालत में गोदाम को फैक्टरी समझ कर घुस गया था। उसने पैन्ट बदलनी थी। आइंदा डबवाली में ना घुसने की शपथ ली, तब जाकर लोगों ने उसे छोड़ा। संदीप ने बताया कि वह 10वीं पास, शादीशुदा है। उसके एक बेटा है। लेकिन नशे की लत ने उसे बर्बाद कर दिया है। वह कोई काम नहीं करता बल्कि उसके माता-पिता उसे खर्चे के लिए 200 रूपये और नशा मुक्ति केन्द्र वाले उसे नशेडिय़ों को लाने की एवज में 5000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से कमीशन भी देते हैं। लेकिन वह सारी राशि नशे में ही गंवा देता है।
मंगलवार दोपहर बाद करीब 3 बजे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रेलवे स्टेशन के पास बने माल गोदाम में स्थित चौकीदार बुध राम के घर में एक युवक घुस गया। उस समय चौकीदार की पत्नी सो रही थी। अचानक पैरों की आहट सुन कर उसकी आंख खुल गई और उसने देखा कि उसकी चारपाई के नजदीक एक युवक खड़ा है जो नशे की हालत में है। उसने हौसला दिखाते हुए घर में पड़े डंडे को उठाया और युवक की धुनाई कर दी और शोर मचा कर आसपास के लोगों को इक्_ा कर लिया। मौका पर जमा हुए लोगों ने भी नशेड़ी पर अपने हाथ साफ किये।
युवक ने अपनी पहचान संदीप (22) पुत्र गुरमीत सिंह निवासी भुच्चो मंडी के रूप में करवाते हुए बताया कि वह पिछले पांच माह से मैडीकल नशा करने के लिए डबवाली आ रहा है। वह 45 रूपये की नशे में प्रयुक्त होने वाली शीशी और 30 रूपये में कैरीसोमा की गोलियां खरीदता है। उसने यह भी बताया कि वह नशे की हालत में गोदाम को फैक्टरी समझ कर घुस गया था। उसने पैन्ट बदलनी थी। आइंदा डबवाली में ना घुसने की शपथ ली, तब जाकर लोगों ने उसे छोड़ा। संदीप ने बताया कि वह 10वीं पास, शादीशुदा है। उसके एक बेटा है। लेकिन नशे की लत ने उसे बर्बाद कर दिया है। वह कोई काम नहीं करता बल्कि उसके माता-पिता उसे खर्चे के लिए 200 रूपये और नशा मुक्ति केन्द्र वाले उसे नशेडिय़ों को लाने की एवज में 5000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से कमीशन भी देते हैं। लेकिन वह सारी राशि नशे में ही गंवा देता है।
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