डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका में वित्तीय संकट के चलते पिछले दो माह का वेतन कर्मचारियों को न मिलने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
नगरपालिका के सफाई कर्मचारी सत्यवान और चत्तर सिंह ने बताया कि उन्हें मई माह का वेतन कड़े संघर्ष के बाद गुरूवार और शुक्रवार को मिला है। जबकि जून और जुलाई माह का वेतन अभी तक नगरपालिका की ओर पेंडिंग पड़ा है। इन कर्मचारियों के अनुसार वे ब्याज पर माल खरीदकर अपना तथा अपने परिवारों का पेट पाल रहे हैं। वेतन समय पर न मिलने से उन्हें केवल खाद्य पदार्थों की उधार चुकाने में मुश्किल आ रही है, बल्कि इसके साथ ही बच्चों की फीसें भरने में भी उन्हें भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
इन कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी बैंक लोन की किश्तें भी समय पर अदा नहीं की जाती। जिसके चलते उन पर बैंक का ब्याज अलग से पड़ रहा है। जबकि इन किश्तों को उन्हें वेतन देते समय काट लिया जाता है। चत्तर सिंह के अनुसार उसकी 11 माह की किश्तें अभी तक अदा नहीं की गई हैं। इन कर्मचारियों के अनुसार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का नगरपालिका को आदेश है कि वे हर माह की पांच से दस तारीख तक उनका वेतन अदा करे। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा।
इस संबंध में जब नगरपालिका के लेखाकार देसराज चालिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पालिका की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। वह भी इसी के चलते अपना तबादला रानियां करवा गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल माह से सरकार की अनुदान राशि भी वेतन के लिए नगरपालिका को नहीं मिली है। मई माह का वेतन भी कर्मचारियों को पालिका के आय के स्त्रोत से ही दिया गया है। जिसमें हाऊस टैक्स, नगरपालिका दुकानों का किराया, ड्राईविंग लाईसेंस और स्टॉम्प डियूटी से प्राप्त आय शामिल है। उनके अनुसार नगरपालिका के पास आय के स्त्रोत तो पहले ही छीने जा चुके हैं, जिसमें सीवरेज और वाटर तथा चुंगी कर शामिल हैं।
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि नगरपालिका पर इस समय पालिका के कर्मचारियों का दो माह का वेतन तो बकाया है ही, इसके साथ ही तीस लाख रूपए की देनदारियां भी हैं।
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