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युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

23 जुलाई 2010

फरार हुआ कैदी गिरफ्तार

डबवाली। जिला की बडागुढ़ पुलिस ने पैरोल छुट्टी बीत जाने के बाद फरार हुए कैदी को पुन: गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये कैदी जग्गी उर्फ करतार सिंह पुत्र गुरदीप सिंह गांव रघुआना का निवासी है। आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बडागुढ़ा के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक रामकिशन ने बताया कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह निवासी रघुआना के विरुद्ध 20 मई 1996 को सदर डबवाली थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी को सन 2005 में 15 साल की कैद की सजा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अवतार सिंह 18 मई 2010 को सिरसा जेल से 6 सप्ताह की पैरोल छुट्टी पर गांव रघुआना में आया तथा उसको 30 जून 2010 को सिरसा जेल वापिस जाना था।  परंतु वह जेल न जाकर फरार हो गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि जेल अधीक्षक सिरसा ने इस संबंध में अवतार सिंह के खिलाफ जेल न पहुंचने के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर अवतार सिंह के विरुद्ध थाना बडागुढ़ा में अभियोग दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। बडागुढ़ा थाना प्रभारी ने बताया कि अभियोग दर्ज करने के बाद अवतार सिंह की लगातार तलाश की जा रही थी तथा उसके छुपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी।
उन्होंने बताया कि कल उन्हें सूचना मिली कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह गांव झोरडऱोही में विवाहित अपनी बेटी सुरजीत कौर के घर आया हुआ है। सूचना को पाकर उन्होंने पुलिस पार्टी के साथ गांव झोरडऱोही में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश कर पुन: जेल भेजा जाएगा।

1 टिप्पणी:

Umra Quaidi ने कहा…

लेखन के लिये “उम्र कैदी” की ओर से शुभकामनाएँ।

जीवन तो इंसान ही नहीं, बल्कि सभी जीव जीते हैं, लेकिन इस समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, मनमानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था के चलते कुछ लोगों के लिये मानव जीवन ही अभिशाप बन जाता है। अपना घर जेल से भी बुरी जगह बन जाता है। जिसके चलते अनेक लोग मजबूर होकर अपराधी भी बन जाते है। मैंने ऐसे लोगों को अपराधी बनते देखा है। मैंने अपराधी नहीं बनने का मार्ग चुना। मेरा निर्णय कितना सही या गलत था, ये तो पाठकों को तय करना है, लेकिन जो कुछ मैं पिछले तीन दशक से आज तक झेलता रहा हूँ, सह रहा हूँ और सहते रहने को विवश हूँ। उसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह आप अर्थात समाज को तय करना है!

मैं यह जरूर जनता हूँ कि जब तक मुझ जैसे परिस्थितियों में फंसे समस्याग्रस्त लोगों को समाज के लोग अपने हाल पर छोडकर आगे बढते जायेंगे, समाज के हालात लगातार बिगडते ही जायेंगे। बल्कि हालात बिगडते जाने का यह भी एक बडा कारण है।

भगवान ना करे, लेकिन कल को आप या आपका कोई भी इस प्रकार के षडयन्त्र का कभी भी शिकार हो सकता है!

अत: यदि आपके पास केवल कुछ मिनट का समय हो तो कृपया मुझ "उम्र-कैदी" का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आपके अनुभवों/विचारों से मुझे कोई दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष आपके या अन्य किसी के काम आ जाये! लेकिन मुझे दया या रहम या दिखावटी सहानुभूति की जरूरत नहीं है।

थोड़े से ज्ञान के आधार पर, यह ब्लॉग मैं खुद लिख रहा हूँ, इसे और अच्छा बनाने के लिए तथा अधिकतम पाठकों तक पहुँचाने के लिए तकनीकी जानकारी प्रदान करने वालों का आभारी रहूँगा।

http://umraquaidi.blogspot.com/

उक्त ब्लॉग पर आपकी एक सार्थक व मार्गदर्शक टिप्पणी की उम्मीद के साथ-आपका शुभचिन्तक
“उम्र कैदी”