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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

27 जुलाई 2010

382 बाढ़ पीडि़त परिवार पहुंचे नथौर

रानियां (लहू की लौ) बाढ़ प्रभावित गांव बणी के जो परिवार आसपास के गांवों के स्कूलों व इधर उधर रह रहे थे उन सभी 382 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा नथौर गांव में बनाए गए शिविर में शिफट कर दिया है। इस शिविर में 300 से भी अधिक वाटर प्रफू तिरपाल टैंट लगाए गए है। जिसमें यह परिवार सुविधा पूर्वक रह रहे हैं। शिविर में जुटाई गई सभी सुविधाओं का आज उपायुक्त सीजी रजिंनी कांथन ने स्वय जाकर जायजा लिया और शिविर मे ंरह रहे परिवारों से बातचीत की और उनका हाल जाना। उन्होंने अधिकारियों को भी और अधिक सुविधाएं मुहेया करवाने के निर्देश दिए । इस शिविर में 382 परिवारों के हजार से अधिक व्यक्ति रह रहे हैं। इन सभी को जिला प्रशासन व स्वंय सेवी संस्थाओं के सहयोग से सभी प्रकार की खाद्य सामग्री जुटाई जा रही है। खाद्य सामग्री के लिए एक अलग टैंट लगाया गया है जिसमें 60 से भी अधिक बोरी आटा, चीनी, दाल, चाय पती बिस्कुट पैकेट मोमबती आदि रखे गए हैं। इस सारे समान का वितरण करने के लिए शिविर में रहे परिवारों की ही 11 सदस्यीय कमेटी द्वारा किया जा रहा है। इस कमेटी के सदस्य हैं सतबीर ङ्क्षसह, सतपाल, जसवंत ङ्क्षसह, प्रताप, राजाराम, सीताराम, लखबीर ङ्क्षसह जो शिविर में रह रहे परिवारों को उनके सदस्यों अनुसार राशन वितरित कर रहैं। जिला उपायुक्त रजिनी कांथन ने शिविर का दौरा करते हुए बताया कि इस शिविर में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से शिविर में रैफरल टार्सपोर्ट सिस्टम की एम्बूलैस को रखा गया है जिसमे एक प्रशिक्षित चिकित्सक,, फार्मासिस्ट व स्टाफ नर्स व अन्य मेडिकल स्टाफ को रखा गया है, जहां पर सभी प्रकार की दवाईयां है स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित जरूरी उपकरण भी रखे गए हैं इसी प्रकार से शिविर में रह रहे परिवारों के पशुओं की बीमारियों से देखभाल के लिए पशु चिकित्सक की डयूटी लगाई गई, जो इन्ही टैंटों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि खाना आदि पकाने के लिए इन परिवारों के लिए मिट्टी का तेल व लकड़ी आदि की व्यवस्था की गई है। पशुओं के चारे की व्यवस्था भी की गई है। कांथन ने आगे  बताया कि शिविर में रह रहे लोगों के लिए बिजली की सुविधा जरनेटर का भी प्रबंध किया गया है। इसी प्रकार से बिजली कें अलावा मोमबती और टार्च आदि भी दिए गए हैं। शिविर में रह रहे मंगतराम नामक व्यक्ति से उपायुक्त ने बातचीत की और उनके लिए प्रदान की गई सभी सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। जिस पर मंगतराम ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा सभी सुविधाएं दी जा रही है। मंगतराम ने उपायुक्त के सामने मच्छरदानी उपलबध करवाने की मांग रखी जिस पर उपायुक्त  रजिंनी कांथन ने तुरन्त जिला राजस्व अधिकारी और बाढ़़ बचाव कार्यों के लिए नियुक्त जिला नोडल अधिकारी को सभी परिवारों को मच्छरदानी उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। उनहोंने बताया कि इस शिविर में दो नोडल अधिकारियों को भी यहां नियुक्त किया गया है जिनमें एक कंवर ङ्क्षसह मंडी सुपरवाईजर, अमर ङ्क्षसह जो निरंतर कैंप मे परिवारों के संपर्क मे रहते है तथा जरूरत अनुसार इन परिवारों को सुविधा मुहैया करवाते हैं। इसके साथ-साथ डबवाली के तहसीलदार राजेन्द्र कुमार को सैक्टर इंर्चाज भी लगाया है जो समय-समय पर इस शिविर का दौरा कर लोगों को मिल रहे है और उनका हाल चाल जान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से सभी परिवारों को 20-20 किलोग्राम आटा व राशन के पैकेट एक एक राशन का पैकेट दिया गया है। इस राशन के पैकेट  में चीनी, चाय पती, मोमबती व अन्य प्रकार की दाल, सुखे दूध का पैकेट रखा गया है इसी प्रकार से शिविर में अभी तक 60 क्विंटल से अधिक आटा पहुंचाया जा चुका है। शिविर में रह रहे सतबीर ङ्क्षसह, लखबीर ङ्क्षसह, सतपाल व राजा ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन द्वारा सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रहे है उन्हें शिविर में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नही है सिफ कठिनाई है तो उनके गांव बणी में पानी सूखने की कठिनाई। इस बारे उपायुक्त ने लोगों को आश्वासन दिया कि कृषि विभाग द्वारा बोर लगाए जा रहे है इन बोरों को माध्यम से पानी डिस्चार्ज हो सकेगा। इसके साथ-साथ उन्होंने किसानों से यह भी कहा है कि अपने-अपने टयूबबैलों के बोर खोलें ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी जमीन में जा सके।

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