सीसीटीवी फुटेज तथा जली अवस्था में राजस्थान नहर की पटरी पर मिला कैंटर
डबवाली (लहू की लौ) सडक़ हादसा या ब्लाईंड मर्डर। गांव शेरगढ़ निवासी 35 वर्षीय प्रमोद गोदारा की मौत का मामला सनसनीखेज हो गया है। पुलिस ने गांव सुकेराखेड़ा के समीप राजस्थान नहर की पटरी से जली अवस्था में एक कैंटर बरामद किया है। जिसे प्रमोद गोदारा की मौत से जोड़ा जा रहा है। पुलिस ने जांच के लिए एफएसएल को मौके पर बुलाया है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिली हैं। जिससे गोदारा की मौत हादसा न होकर हत्याकांड नजर आ रही है।
सिरसा से जरूरी कार्य निपटा कर वीरवार शाम करीब तीन बजे प्रमोद गोदारा बाइक पर डबवाली से घरेलू सामान लेकर गांव लौट रहा था। चौटाला रोड़ पर जैन मंदिर तथा एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) के मध्य पीछे से आ रहे एक कैंटर ने टक्कर मार दी। राहगीरों ने उसे उपचार के लिए डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि सिरसा सिविल हस्पताल लेजाते समय गांव साहूवाला-पंजुआना के समीप उसकी मौत हो गई। स्वजन तथा ग्रामीण इसे सडक़ हादसा मान रहे थे। प्रमोद के पिता सुशील कुमार के बयानों पर पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शुक्रवार को शव उसके वारिसों को सौंप दिया था।
इस दौरान सीसीटीवी फुटेज सामने आई। जिसके बाद पता चला कि मामला संदिग्ध है। गांव सुकेराखेड़ा के समीप राजस्थान नहर की पटरी पर जली अवस्था में कैंटर मिला तो संदेह गहरा गया। पता चला कि बरामद हुए कैंटर ने बाइक को टक्कर मारी थी। प्रमोद के चाचा प्रहलाद ने भतीजे की मौत को हत्या बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद है।
प्रमोद का इंतजार कर रहा था कैंटर चालक
शहर डबवाली में चौटाला रोड़ पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सामने आई है। जिससे पता चलता है कि कैंटर वहां खड़ा प्रमोद का इंतजार कर रहा था। चालक कैंटर से बाहर नहीं आया। जैसे ही प्रमोद बाइक लेकर चौटाला रोड़ की ओर गया तो चालक ने कैंटर को उसके पीछे लगा लिया। बाद में टक्कर मारकर फरार हो गया। ग्रामीणों के अनुसार करीब एक घंटा तक कैंटर गांव सकताखेड़ा से लोहगढ़ रोड़ पर रुका रहा। उस समय फाटक बंद था। चालक कैंटर को लावारिस खड़ा करके इधर-उधर जाता रहा। फिर सुकेराखेड़ा गांव के समीप पहुंच गया
शेरगढ़ गांव के ग्रामीणों तथा स्वजनों ने बताया कि प्रमोद की मौत षडयंत्र के तहत हत्या है। जिसे बड़ी चतुराई से अंजाम दिया गया है। वर्ष 2019-20 में भी प्रमोद पर गोली चली थी। जिसका सुराग पुलिस नहीं ढूंढ़ पाई।
ग्रामीणों के अनुसार सकताखेड़ा के आगे लोहगढ़ है, यहां नहरें बहती हैं। समझा जा रहा है कि वाहन को नहर में फेंकने की योजना थी। वहां पुलिस का नाका होने की सूचना पाकर चालक कैंटर को सुकेराखेड़ा की ओर ले गया। पता नहीं क्या हुआ कि चालक ने वापिस मोडक़र कैंटर को पटरी पर खड़ा कर दिया। कैंटर जली हुई अवस्था में मिला।
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