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08 जून 2020

पंजाब-राजस्थान की गेहूं न आने से गड़बड़ाया खरीद का गणित

पिछले वर्ष से 13.16 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद कम हुई
डबवाली(लहू की लौ)गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो गई है। इस बार सरकारी खरीद एजेंसियों ने 21 लाख 17 हजार 373 क्विंटल गेहूं खरीद किया है। जोकि पिछले वर्ष के मुकाबले 13 लाख 16 हजार 69 क्विंटल कम है। वर्ष 2019-20 में कुल 34 लाख 33 हजार 442 क्विंटल गेहूं की आवक हुई थी। इसकी वजह पंजाब तथा राजस्थान की गेहूं को हरियाणा में दाखिल न होना बताया जा रहा है। पिछले वर्ष के आंकड़ों से तुलना करें तो स्थिति साफ हो जाती है। पंजाब से सटे डबवाली, देसूजोधा तथा चट्ठा खरीद केंद्र पर पिछले वर्ष 12 लाख 02 हजार 860 क्विंटल गेहूं पहुंची थी। इस वर्ष उपरोक्त केंद्रों पर 6.35 लाख क्विंटल गेहूं पहुंची है। सबसे ज्यादा असर डबवाली मंडी में दिखने को मिला है। यहां पिछले वर्ष के मुकाबले करीब आधी गेहूं ही पहुंची है। पंजाब के बाद हम रुख करते हैं राजस्थान से सटी मंडियों का। डबवाली के गांव कालुआना, लोहगढ़ तथा चौटाला में बनी मंडियों मेंं इस बार करीब 4.20 लाख क्विंटल गेहूं पहुंची है। जबकि वर्ष 2019-20 में लगभग 10.89 लाख क्विंटल गेहूं पहुंची थी।

वर्ष 2020-21 में सीमावर्ती मंडिय़ों में खरीद
केंद्र खरीद
कालुआना 61379
लोहगढ़ 113219
चौटाला 245449
डबवाली 530016
देसूजोधा 69030
चट्ठा 36680

वर्ष 2019-20 में सीमावर्ती मंडियों में खरीद
केंद्र खरीद
कालुआना 150638
लोहगढ़ 187406
चौटाला 751631
डबवाली         1061667
देसूजोधा 106880
चट्ठा 34313

आंकड़ों से महज कम खरीद का पता चलता है। हकीकत यह है कि हरियाणा सरकार ने पंजाब-राजस्थान की गेहूं खरीद न करके व्यापारी तथा किसान के बीच पीढिय़ों से चले आ रहे रिश्ते का अंत कर दिया है। इससे डबवाली में करीब 2.50 अरब रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार के मनमानेे रवैये के कारण किसान, मजदूर तथा आढ़ती तीनों वर्ग प्रभावित हुए हेैं। जिसका गंभीर असर भविष्य में देखने को मिलेगाा।
-गुरदीप कामरा, प्रधान, कच्चा आढ़ती एसोसिएशन डबवाली


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