
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान बेअंत कौर ने बताया कि हरियाणा की आशा वर्कर कोरोना महामारी से लडऩे में फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर कार्य कर रही हैं और बार-बार मांग पत्र भेजने पर भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मांग पत्र में लिखा है कि आशा वर्कर लगातार लोगों के संपर्क में रहती हंै। इसलिए बिना किसी सिस्टम के बीच तमाम आशा वर्करों का महीने में एक बार कोविड-19 टेस्ट जरूर कराया जाए। संक्रमित आशाओं को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आइसोलेशन कैंप में रखा जाए या अलग से आइसोलेशन कैंप बनाए जाए। आठ एक्टिविटीज पर राज्य सरकार से मिलने वाली 50 प्रतिशत इनसेंटिव दोबारा लागू किया जाए। आशाओं को अच्छी क्वालिटी के सैनिटाइजर आदि मिलने में भी समस्याएं आ रही हैं। आशा वर्करों को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर एवं कंटेटमेंट जोन में काम करने वाली आशा वर्कर को सभी उपकरण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी आशाओं को चार हजार रूपये जोखिम भत्ता दिया जाए एवं आशा फैसिलिटेर पहले से मिल रही प्रोत्साहन राशि में किसी तरह की कोई कटौती न की जाए।
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