डबवाली (लहू की लौ) पन्नीवाला मोटा स्थित चौ. देवीलाल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर डीएस मोर का तबादला किए जाने का विवाद सुलझने की बजाय गहराता जा रहा है। इसे लेकर कॉलेज के छात्र पूरी तरह से उनके खिलाफ लामबंद हो गए हैं। कल तक जहां छात्र व स्टाफ सदस्य उनके तबादले को लेकर एकजुट दिखाई दे रहे थे, वहीं ग्राम पंचायत व ग्रामीण भी उनके खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं। छात्रों ने डीपी के खिलाफ अपना रोष प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रखा। छात्र शनिवार को कॉलेज अवकाश के दौरान भी एकत्र हो गए और मुख्य द्वार के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए डायरेक्टर डीएस मोर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी भड़ास जारी रखी। छात्र अपनी उसी मांग को लेकर अडिग थे कि जब तक डीपी का तबादला नहीं हो जाता वे कक्षाओं में नहीं बैठेंगे और न ही किसी अधिकारी से मिलने जाएंगे। वहीं किसी हिंसक घटना के मद्देनजर ओढ़ां, कालांवाली, सिरसा से पुलिस बल मौके पर तैनात रहा जबकि शुक्रवार रात्रि को भी कॉलेज के पास पुलिस का पहरा रहा।
शनिवार को छात्रों ने छात्र एकता जिंदाबाद, डीपी मोर नो मोर आदि स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर अपनी नारेबाजी जारी रखी। इसी दौरान डीपी अपनी गाड़ी द्वारा सिरसा के लिए रवाना हो गए तथा अधिकांश छात्र काफी समय तक धरना प्रदर्शन करने के उपरांत कैंपस में चले गए। इसी दौरान 2 बजे अचानक डायरेक्टर छात्रों के बीच आ गए और उनसे बातचीत करनी चाही लेकिन छात्र उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं हुए तथा पुलिस के कहने पर कुछ छात्र उनकी बात सुनने को सहमत हुए। उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर उनकी कोई समस्याएं हैं तो उन्हें बताएं और राजनीति छोड़कर कक्षाओं में लौट जाएं। जिस पर छात्रों ने एक स्वर में कहा कि जब तक वे नहीं बदले जाते वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। वहीं इसी दौरान छात्रों व डायरेक्टर के बीच नौबत हाथापाई तक जा पहुंची परंतु पुलिस ने बीच बचाव कर दिया। भड़के डीपी मोर ने छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के पीछे कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं जो कि वे नहीं चलने देंगे। इस दौरान माहौल गर्म देखकर पुलिस ने डीपी को उनकी कोठी की तरफ भेज दिया। ओढ़ां थाना प्रभारी भारतेंद्र ढिल्लों ने बताया कि स्थिति उनके नियंत्रण में है जिसके लिए कॉलेज में पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
पिछले तीन दिन से चल रहे इस मामले में स्टाफ के करीब 5 दर्जन सदस्य शुक्रवार देर शाम जिला उपायुक्त से मिले जहां उन्होंने पूरे मामले को जानते हुए कॉलेज स्टाफ को हिदायत दी कि वे सोमवार को कक्षाएं शुरू करवाएं तथा छात्रों व डीपी के बीच बातचीत का जरिया बनें। उन्होंने माना कि कॉलेज में कुछ अनुचित तो है जिसके चलते छात्र, स्टाफ व पन्नीवाला मोटा के ग्रामीण डीपी के खिलाफ इस कदर भड़के हैं। डीसी ने स्टाफ को आश्वस्त किया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए वे उच्चाधिकारियों से बातचीत करके एक कमेटी का गठन सोमवार तक कर देंगे। वहीं कॉलेज के स्टाफ सदस्यों ने पत्रकारों को बताया कि डीपी के खिलाफ दो प्राध्यापिकाओं ने कुछ समय पूर्व उत्पीडऩ की शिकायत जिला उपायुक्त व एडवोकेट साधना मित्तल को लिखित शिकायत सौंपी थी परंतु उन्होंने इस विषय में कोई कार्यवाही नहीं की। स्टाफ सदस्यों ने डायरेक्टर पर अनेक गंभीर आरोप जड़ते हुए बताया कि आदेश के मुताबिक डायरेक्टर प्रिंसिपल को एक सप्ताह में चार घंटे टीचिंग क्लास लगाने के आदेश हैं, परंतु डीपी ने आज तक कभी कोई क्लास नहीं लगाई तथा कॉलेज में सुरक्षा के नाम पर जगह-जगह क्लोज सर्किट कैमरे लगाकर सरकारी राशी का दुरुपयोग कर रखा है।
डायरेक्टर को बदला जाए -ग्रामीण
चार दिन से चल रहे इस विवाद ने जहां छात्रों की शिक्षा बाधित होकर रह गई है वहीं हर रोज पुलिस को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस विवाद में पन्नीवाला मोटा के ग्रामीणों ने भी छात्रों का समर्थन किया व ग्राम सरपंच प्रतिनिधि दाताराम, पूर्व सरपंच श्रवण डुडी आदि प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और छात्रों को साथ देने की बात कही। वहीं ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल जिसमें प्रदीप बैनिवाल, राजा कस्वां, गौशाला कमेटी के प्रधान आदराम, राजा नेहरा, सुरजीत कस्वां और देवीलाल गोदारा आदि जिला उपायुक्त से मिले जहां उपायुक्त ने उन्हें शीघ्र ही कमेटी बनाकर जांच का आश्वासन दिया परंतु शिष्टमंडल सदस्यों की मांग थी कि डायरेक्टर का तबादला किया जाए। उक्त सदस्यों ने पत्रकारों को बताया कि वे हर तरह से छात्रों के साथ हैं तथा उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से कर सकते हैं तथा किसी भी प्रकार से कानून की उल्लंघना न करें। उन्होंने बताया कि अगर एक व्यक्ति के कारण संस्थान का माहौल बिगड़ता है तो सरकार को इस विषय में उचित कदम उठाकर डीपी को बदल देना चाहिए।
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